Nali ni Sriharan Biography in Hindi: नलिनी श्रीहरन एक भारतीय महिला है, जो लगभग 30 सालों से राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रही थी। लेकिन 11 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी के हत्या के आरोप में पाए गए अन्य छह दोषियों सहित नलिनी श्रीहरन को भी रिहा कर दिया। हालांकि नलिनी श्रीहरन ने रिहाई के लिए कई बार याचिका दायर की थी और हर बार उनकी याचिकाओं को खारिज किया गया।
आज के इस लेख में हम नलिनी श्रीहरन के प्रारंभिक जीवन से लेकर इनकी शिक्षा और उनके परिवार के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही राजीव गांधी की हत्या कांड में इनकी भूमिका के बारे में भी जानेंगे। तो इस लेख को आप अंत तक जरूर पढ़ें।
नलिनी श्रीहरन का जीवन परिचय (Nalini Sriharan Biography in Hindi)
नाम | नलिनी श्रीहरन |
जन्म | 1967, तमिलनाडु |
माता – पिता का नाम | पी संकरनारायण (पिता), पद्मावती (माता) |
पति का नाम | वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन |
बच्चे | हरिथ्रा श्रीहरन (बेटी) |
शिक्षा | स्नातक, एमसीए, डिप्लोमा |
नलिनी श्रीहरन का प्रारंभिक जीवन
नलिनी श्रीहरन का जन्म 1967 ईस्वी में तमिलनाडु के एक सुशिक्षित मलयालम परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम पी संकरनारायण था, जो पेशे से एक पुलिस निरीक्षक थे। 92 वर्ष की आयु में 2016 में उनके पिता की मृत्यु हो गई। इनकी माता का नाम पद्मावती था।
बताया जाता है कि इनकी माता का नाम महात्मा गांधी ने रखा था। इनकी माता पद्मावती चेन्नई के एक अस्पताल में नर्स के रूप में काम किया करती थी। नलिनी अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं। इनके दो छोटे भाई और बहन हैं। इनके भाई का नाम पीएस भाग्यनाथन एवं बहन का नाम कल्याणी है।
राजीव गांधी की हत्या में पुलिस ने 1991 में उनकी मां और भाई को भी गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन बाद में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में इन्हें बरी कर दिया था।
नलिनी श्रीहरन की शिक्षा
नलिनी श्रीहरन ने अपनी कॉलेज तक की पढ़ाई चेन्नई के एथिराज कॉलेज से की थी। इस कॉलेज से इन्होंने अंग्रेजी भाषा में स्नातक की डिग्री हासिल किया। उसके बाद यहीं के एक निजी कंपनी में स्टेनोग्राफर के तौर पर काम करने लगी।
राजीव गांधी हत्या कांड में शामिल होने के आरोप में जब इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था तब जेल में बंद रहने के दौरान साल 2009 में नलिनी श्रीहरन ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय इग्नू से मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन डिग्री प्राप्त की थी। बताया जाता है कि उस समय एमसीए का एग्जाम देने वाले कैदियों में यह टॉपर रही थी। उसके बाद इन्होंने सिलाई में भी डिप्लोमा किया।
नलिनी श्रीहरन का विवाह
नलिनी श्रीहरन की शादी वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन से हुई, जो श्रीलंका के नागरिक हैं और राजीव गांधी की हत्या कांड में अन्य दोषियों में यह भी शामिल थे। शादी के पश्चात नलिनी को एक बेटी हुई थी, जिसका नाम मोगारा रखा गया।
हालांकि जब नलिनी श्रीहरन 2 महीने की गर्भवती थी, उसी समय पुलिस ने राजीव गांधी हत्याकांड के साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था और जेल में डाल दिया था। जिसके बाद उन्होंने जेल में ही 21 जनवरी 1993 को अपनी बेटी को जन्म दिया था।
उन्होंने अपनी बेटी का नाम बाद में बदल दिया और हरिथ्रा श्रीहरन कर दिया। लगभग 6 साल तक इनकी बेटी नलिनी श्रीहरन के साथ ही जेल में रही थी। जिसके बाद इनकी नानी उसे श्रीलंका ले गई और फिर बाद में वह लंदन चली गई, जहां पर एक चिकित्सक के रूप में अपना करियर बनाया। आज उनकी बेटी एक चिकित्सक के रूप में काम करती है।
राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी श्रीहरन की भूमिका
फरवरी 1991 में नलिनी श्रीलंकाई राष्ट्रीय और LTTE कार्यकर्ता मुरुगन के संपर्क में आई थी। उसके बाद वह इस आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रभावित हुई थी। 21 मई 1991 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली में भाग लेने के लिए गए थे।
जहां पर लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (LTTE) की एक महिला राजीव गांधी को माला पहनाने के बहाने उनके संपर्क में आई। उसके बाद उनके चरणों को छूने के लिए झुकी, जिसके बाद अपने ढीले-ढाले चमकीले नारंगी सलवार कमीज के अंदर पहन कर आई विस्फोटक से विस्फोट कर दिया, जिसमें राजीव गांधी की मौत हो गई।
उस महिला का नाम धनु था। इस विस्फोट में फोटोग्राफर हरी बाबू सहित कई अन्य 16 लोगों की मौत हुई थी। उस घटना की जो तस्वीरें खींची गई थी, उन्हीं से सुराग का पीछा करते-करते पुलिस ने राजीव गांधी के हत्याकांड में नलिनी श्रीहरन को भी दोषी पाया।
नलिनी श्रीहरन को उम्र कैद की सजा
आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां अधिनियम (टाडा) ट्रायल कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड के मामले में 26 लोगों के ऊपर कार्यवाही करते हुए सजा सुनाई। लेकिन साल 1999 में यह अधिनियम को खत्म कर दिया गया।
जिसके बाद 7 लोगों को ही दोष सिद्ध कर पाया गया बाकी अन्य लोगों के खिलाफ सबूत इकट्ठे नहीं हो पाया, जिसके कारण उन्हें रिहा कर दिया गया। इन दोषियों में से चार को मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसमें नलिनी श्रीहरन का भी नाम शामिल था और अन्य तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
लेकिन नलिनी श्रीहरन उस समय 2 महीने की गर्भवती थी, जिसके कारण खुद सोनिया गांधी ने साल 2000 में नलिनी श्रीहरन के सुनाई गई सजा पर हस्तक्षेप करते हुए कोर्ट को नलिनी को मौत की सजा ना देते हुए उम्रकैद की सजा देने की याचिका दायर की। जिसके बाद नलिनी श्रीहरन की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया। साल 2014 में अन्य तीन दोषियों की भी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया।
एस नलिनी श्रीहरन की आत्मकथा
राजीव गांधी हत्याकांड में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार हुई नलिनी श्रीहरन उम्र कैद की सजा काटते हुए जेल में साल 2016 में 500 पृष्ठों की एक आत्मकथा का विमोचन की थी।
इस पुस्तक का शीर्षक राजीव कोलाई: मरिकापट्टा उनमैगलुम, प्रियंका नलिनी संथिपुम है, जिसे मूल रूप से नलिनी श्रीहरन ने तमिल भाषा में लिखा है। बात करें इसके अंग्रेजी अनुवाद की तो राजीव हत्या: द हिडन ट्रुथ्स एंड द मीटिंग बिटवीन प्रियंका एंड नलिनी है।
इस आत्मकथा में नलिनी श्रीहरन ने अपने बचपन, मुरूगन के साथ उनके प्रेम संबंध एवं जिन परिस्थितियों में उनके ऊपर राजीव गांधी के हत्या का आरोप लगाया गया वह एवं किस तरीके से गिरफ्तारी से भागने के लिए वह 5 दिन तक दौड़ते रही और फिर हिरासत में लेने के बाद उनको कौन-कौन सी यातनाएं झेलनी पड़ी, साथ ही जेल में उनके बेटी का जन्म, जेल का जीवन और साल 2008 में प्रियंका गांधी के साथ उनकी मुलाकात जैसी कई तमाम विषयों को उन्होंने अपनी आत्मकथा में शामिल किया है।
नलिनी श्रीहरन के बारे में रोचक तथ्य
- राजीव गांधी की हत्या के आरोप में नलिनी श्रीहरन को मौत की सजा सुनाई गई थी। लेकिन उस समय वह 2 महीने की गर्भवती थी, जिसके कारण खुद सोनिया गांधी ने उनकी सजा को माफ करवाते हुए कहा था कि आखिर नलिनी की गलती की सजा उस मासूम बच्चे को क्यों दी जाए, जो इस दुनिया में आया ही नहीं है।
- राजीव गांधी के हत्या के बाद नलिनी श्रीहरन अपने पति मरूगन के साथ 5 दिनों तक पुलिस के नजरों से भाग रही थी। लेकिन, बाद में 14 जून 1991 को विशेष जांच दल ने इन्हें इनके पति के साथ चेन्नई के सैदापेट बस स्टैंड पर गिरफ्तार कर लिया।
- उम्र कैद की सजा काटने के दौरान नलिनी श्रीहरन को तीन बार पैरोल मिला था। पहला पैरोली उन्हें साल 2004 में मिला था जब उनके भाई की शादी हो रही थी। उस समय उन्हें केवल कुछ घंटे के लिए ही आपातकालीन पैरोल दिया गया था और फिर साल 2016 में इन्हें दूसरा आपातकालीन पैरोल मिला था, जिस समय उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। साल 2019 जुलाई में इन्हें 51 दिनों का सबसे लंबा पैरोल मिला था, जिस समय उनकी बेटी की शादी हो रही थी।
- नलिनी श्रीहरन राजीव गांधी की हत्या पर खेद व्यक्त किया है लेकिन वह यह भी आरोप लगाती है कि इनकी हत्या की साजिश का जो असली अपराधी हैं, वह अभी भी खुलेआम घूम रहा है।
- नलिनी हमेशा से ही एक मेधावी छात्र रही थी। वह अपने पोस्ट ग्रेजुएशन में बहुत अच्छे प्रतिशत से पास हुई थी। यहां तक कि पूरे तमिलनाडु के सभी कैदियों में टॉपर आई थी।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में आपने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काटने वाली नलिनी श्रीहरन के जीवन (Nalini Sriharan Biography in Hindi) के बारे में जाना। जिसमें हमने उनके प्रारंभिक जीवन से लेकर उनकी शिक्षा, उनके परिवार, उनका विवाह एवं राजीव गांधी के हत्या में उनकी भूमिका एवं उनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य को बताया।
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