मीराबाई चानू बायोग्राफी इन हिंदी (Mirabai Chanu Biography in Hindi): टोक्यो में चल रहे ओलम्पिक में मीराबाई चानू ने भारत को पहला मैडल दिलाया है। मीराबाई 49 किलोग्राम वेट ने कुल 202 किलो का वजन उठाकर सिल्वर को अपने नाम किया है। आपको बता दे कि भारत को वेटलिफ्टिंग ओलम्पिक मैडल पूरे 21 वर्षों के बाद मिला है। मीराबाई से पहले यह मैडल सिडनी ओलिंपिक 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी कांस्य पदक मिला था।
मीराबाई को 2016 हर बार डिस-क्वालिफाई कर दिया गया था क्योंकि वह 2016 रियो ओलिंपिक में एक बार भी सही से वेट को नहीं उठा पाई थी। इसलिए ही मीराबाई की यह सफलता हर किसी को मोटीवेट करती है।
मीराबाई चानू का जीवन परिचय | Mirabai Chanu Biography in Hindi
मीराबाई चानू के विषय में संक्षिप्त जानकारी
नाम | मीराबाई चानू |
वास्तविक नाम | साइखोम मीराबाई चानू |
जन्म | 8 अगस्त 1994 |
जन्म स्थान | मणिपुर भारत |
उम्र | 27 वर्ष |
पिता | साइखोम कृति |
माता | साइखोम ओंगबी टोंबी लेइमा |
भाई | साइखोम सनातोंबा |
बहन | साइखोम रंगिता, साइखोम शाया |
पेशा | Weightlifting |
कोच | कुंजारानी देवी |
जाति | ज्ञात नहीं |
शिक्षा | ज्ञात नहीं |
मीराबाई चानू कौन है?
मीराबाई चानू भारत की एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग के खेल में सबसे पहला मेडल अपने नाम किया है। मीराबाई चानू ने इस खेल में गोल्ड मेडल प्राप्त करने का अथाह प्रयास किया, परंतु वह असफल रही। मीराबाई चानू मात्र 8 किलो वजन के कारण सिल्वर मेडल प्राप्त की। मीराबाई चानू ने ओलंपिक खेल में सिल्वर मेडल प्राप्त करके पूरे विश्व में भारत का सर गर्व से ऊंचा किया है।
मीराबाई चानू ने ओलंपिक खेल में 49 किलोग्राम की कैटेगरी में रजत पदक जीतकर भारत का सर गर्व से ऊंचा किया है। ओलंपिक खेल में सिल्वर मेडल लाने वाली मीराबाई चानू के प्रति ना केवल उनके परिवार वाले बल्कि देश के सभी लोग सम्मान जता रहे हैं, इतना ही नहीं मीराबाई चानू को स्वयं प्रधानमंत्री ने फोन किया और उनसे बातें की।
देश के सभी छोटे से छोटे और बड़े से बड़े लोगों ने मीराबाई चानू के प्रति हौसला जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करते हुए कहा कि “हमें ही नहीं बल्कि देश के सभी लोगों को मीराबाई चानू के ऊपर गर्व है मीराबाई चानू ने वह कर दिखाया है जोकि अब तक किसी भी महिला ने नहीं किया था।”
मीराबाई चानू का जन्म कब और कहां हुआ था?
टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग के खेल में सिल्वर मेडल प्राप्त करने वाली मीराबाई चानू एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखती थी। मीराबाई चानू को बचपन से ही वेटलिफ्टिंग का शौक था, जिसके कारण उन्होंने वर्ष 2021 में अपनी प्रतिभा को लोगों के सामने दर्शाया। मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 ईस्वी को हुआ था। मीराबाई चानू वर्तमान समय में 27 वर्ष की हो चुकी हैं। मीराबाई चानू का जन्म स्थान भारत का एक छोटा सा जिला मणिपुर है।
मीराबाई चानू का पारिवारिक संबंध
मीराबाई चानू का पारिवारिक संबंध काफी अच्छा है। मीराबाई चानू के माता-पिता ने सदैव इनकी सहायता की है और उनके लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इन्हें आर्थिक एवं शारीरिक रूप से मजबूत बनाया है। मीराबाई चानू एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखती हैं।
मीराबाई चानू के पिता का नाम साइखोम कृति है, जोकि पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट में एक एम्पलाई है। मीराबाई चानू की माता का नाम साइखोम ओंगबी टोंबी लेइमा है, जोकि एक शॉपकीपर है। इसके अलावा मीराबाई जानू की बहन का नाम साइखोम रंगीता और साइखोम शाया है, इनके भाई का नाम साइखोम सनातोंबा है।
मीराबाई चानू को प्राप्त शिक्षा
मीराबाई चानू कि शिक्षा के विषय में अब तक कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है, मीराबाई चानू ने किस विद्यालय और कहां तक की शिक्षा प्राप्त की है, इसकी भी जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं है। ऐसा कहा जा रहा है, कि मीराबाई चानू ने स्नातक किया है, परन्तु यह कितना सत्य है, इसके विषय में अब तक स्पष्टीकरण नहीं मिला है।
मीराबाई चानू ने अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए वेटलिफ्टिंग शुरू कर दी। मीराबाई चानू ने कुंजारानी देवी के अंतर्गत वेटलिफ्टिंग किया है, अर्थात मीराबाई चानू की वेटलिफ्टिंग कोच कुंजारानी देवी हैं। कुंजारानी देवी भी इंफाल मणिपुर की निवासी हैं, जोकि खुद भी वेटलिफ्टिंग में एक भारतीय खिलाड़ी रह चुकी हैं।
मीराबाई चानू का व्यक्तिगत जीवन
हम बात करें मीराबाई चानू के व्यक्तिगत जीवन की तो मीराबाई चानू अब तक अविवाहित हैं। इसके अलावा मीराबाई चानू के बॉयफ्रेंड है या नहीं इसके बारे में भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। मीराबाई चानू वर्तमान समय में सिंगल है। इनकी उम्र अब तक 27 वर्ष हो चुकी है, परंतु उन्होंने विवाह नहीं किया। मीराबाई चानू ने विवाह इसलिए नहीं किया, ताकि इन्हें लगता था, कि यदि यह विवाह कर लेंगी, तो यह अपने लक्ष्य से भ्रमित हो सकती हैं।
मीराबाई चानू की शारीरिक बनावट
यदि हम बात करें मीराबाई चानू की शारीरिक बनावट की तो इनका शारीरिक बनावट काफी अच्छा है। मीराबाई चानू स्लिम और फिट बॉडी वाली महिला हैं। मीराबाई चानू की ऊंचाई लगभग 5 फीट के आसपास है और इनका वजन लगभग 48 किलोग्राम के आसपास है।
मीराबाई चानू के बालों का कलर गहरा भूरा है और इनकी आंखों का कलर काला है। मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम की कैटेगरी में हिस्सा लिया और ओलंपिक के वेटलिफ्टिंग खेल में सिल्वर मेडल हासिल किया जो कि भारत के लिए गर्व की बात है।
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‘डिड नॉट फिनिश’ से लेकर चैंपियन बनने तक मीरा की कहानी
वर्ष 2016 से मीरा की रियो ओलम्पिक से ओलिंपिक चैंपियन बनने तक की कहानी बहुत जबरदस्त है। जब 2016 में मीरा से भार नहीं उठाया गया था तब मीरा के नाम के आगे ‘डिड नॉट फिनिश’ लिख दिया गया था। यदि कोई प्लेयर मैडल जितने के रेस में पिछड़ जाता है और क्वालिफाई ना करना दोनों ही अलग-अलग बातें है। जब “डिड नॉट फिनिश” का टैग मीरा को लगा तो मीरा अपना मनोबल पूरी तरह से खो चुकी थी।
जब 2016 में ओलम्पिक में मीरा का इवेंट था, उस समय भारत में रात हो रही थी और बहुत ही कम लोगों ने इस नज़ारे को देखा होगा जिसमें मीरा के वेट उठाने वाले हाथ अचानक रूक जाते है। इसी वेट को मीरा पहले कई बार उठा चुकी थी। मीरा के वेट नहीं उठाने पर वह एक सामान्य सी एथलीट रह चुकी थी। मीरा की इस हार ने मीरा को डिप्रैशन में डाल दिया और उन्हें साइकेट्रिस्ट की मदद लेनी पड़ी।
यह हार मीरा के लिए बहुत बड़ी हार थी, इसे मीरा झकझोर हो गई थी। इस हार के बाद ऐसा भी समय आ गया था कि मीरा ने वेटलिफ्टिंग को अलविदा कहने का सोच लिया था। लेकिन मीरा को खुद को प्रूफ करना था, इसलिए मीरा ने ऐसा नहीं किया। बस मीरा की ये ही बात उसे आज इस बड़ी सफलता तक ले आई। आपको बता दे कि मीरा ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में गोल्ड जीता है और अब ओलिंपिक में सिल्वर को अपने नाम कर लिया है।
वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2017 में जीता गोल्ड
वर्ष 2017 में 194 किलोग्राम वेट उठाकर मीरा ने वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड को अपने नाम किया था। जब मीरा ने गोल्ड अपने नाम किया तब मीरा मात्र 22 वर्ष की थी और 22 वर्ष में ऐसा करने वाली पहली भारतीय एथलीट भी बन चुकी थी। मीरा ने इस इवेंट के लिए अपनी सगी बहन की शादी में भी नहीं गई और खाना तक नहीं खाया। जब यह मैडल मीरा के नाम हुआ तब मीरा के आँखों में आंसू थे लेकिन 2016 वाली हार अब भी उसके जहन एक शोला बनी थी।
वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय
वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में मैडल अपने नाम करने वाली मीरा पहली भारतीय वेटलिफ्टर हैं। मीरा ने 49 किलो वेट केटेगरी में 2017 यह उपलब्धि को हासिल किया था। 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 49 किलो वेट कैटेगरी में मीरा ने सिल्वर मैडल अपने नाम किया था। इसके बाद मीरा ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में गोल्ड मैडल भी जीता था।
2019 में चोट के बाद धमाकेदार वापसी
2018 में मीरा को पीठ दर्द से काफी जूझना पड़ा था। लेकिन मीरा ने 2019 के थाईलैंड वर्ल्ड चैंपियनशिप से वापसी कर ली और वहां पर वह चौथे नम्बर पर रही थी। उस समय मीरा ने पहली बार सबसे ज्यादा वजन उठाया था, वो भी 200 किलो से भी ज्यादा।
मीरा का कहना है कि “उसे उस समय भारत सरकार से पूरा सहयोग मिला। मीरा को ईलाज के लिए अमेरिका भेजा गया था और इसके बाद मीरा वापसी की और अपने करियर में सबसे अधिक वेट उठाने में भी सफल हुई।”
बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
अप्रैल 2021 में हुए ताशकंद एशियन वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में मीरा ने स्नैच में 86 kg का वजन उठाने के बाद क्लीन एंड जर्क में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए 119 kg का वेट उठाया था। उस समय वह कुल 205 kg के साथ तीसरे स्थान पर रही। इससे पहले क्लीन एंड जर्क में वर्ल्ड रिकॉर्ड 118 kg का था।
11 साल की उम्र में जीता पहला मेडल
मीरा ने लोकल वेटलिफ्टिंग टूर्नामेंट में वेटलिफ्टिंग में 11 साल में ही पहला गोल्ड अपने नाम कर लिया था। मीरा ने इंटरनेशनल स्तर पर वेटलिफ्टिंग करियर की शुरुआत वर्ल्ड और जूनियर एशियन चैंपियनशिप से की। मीरा अपना आदर्श कुंजरानी देवी को मानती है।
मीराबाई चानू को मिले पुरस्कार और सम्मान
वर्ष 2014 | 15 गोल्ड मेडल 30 सिल्वर मेडल और 19 कस्य पदक जीते |
वर्ष 2014 | 48 किलोग्राम की कैटेगरी में सिल्वर मेडल (ग्लासगो कॉमनवेल्थ |
वर्ष 2016 | गोल्डन मेडल (12वीं साउथ एशियन गेम्स गुवाहाटी में) |
वर्ष 2017 | 48 किलोग्राम की कैटेगरी में गोल्ड मेडल (वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप) |
वर्ष 2018 | 48 किलोग्राम की कैटेगरी में गोल्ड मेडल (कॉमनवेल्थ गेम्स) |
मणिपुर के मुख्यमंत्री के द्वारा 2000000 रुपए की राशि | खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए |
वर्ष 2021 | 50 किलोग्राम की कैटेगरी में सिल्वर मेडल (टोक्यो ओलंपिक खेल में) |
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वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी।
कुंजारानी देवी।
वर्ष 2021 टोक्यो ओलंपिक खेल में सिल्वर मेडल प्राप्त करने पर।
पद्मश्री अवार्ड।
2000000 रुपए की राशि।
हमने यहां पर मीराबाई चानू कौन है (mirabai chanu kaun hai), इनके द्वारा प्राप्त उपलब्धियां और इनके संघर्ष के बारे में विस्तार से जाना है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख “मीरा बाई चानू बायोग्राफी (Mirabai Chanu ka Jivan Parichay)” पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह लेख कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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