Mehandipur Balaji Ka Rahasya – राजस्थान की राजधानी जयपुर से 109 किलोमीटर दूर मेहंदीपुर नाम की एक जगह है जो दौसा जिले में पड़ती है। यह हिंदू धर्म मानने वाले लोगों के लिए एक बहुत ही मायावी और प्रतिष्ठित जगह है। यह मंदिर बालाजी का है जिन्हें हम भगवान हनुमान के नाम से भी जानते है। यह मंदिर भूत पिसाच से छुटकारा दिलवाने के लिए प्रचलित है।
यहां पर लोग अपनी अलग-अलग परेशानी लेकर आते है। यह मंदिर अपने विचित्र घटनाओं के लिए पूरे भारत में प्रचलित है। हर रोज इस मंदिर में हजारों की तादाद में लोग दर्शन करने आते है। अगर आप मेहंदीपुर बालाजी का रहस्य जानना चाहते हैं तो आज के लेख में हम इस मंदिर से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।

हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को बहुत अहमियत दी जाती है। हनुमान भगवान की पूजा मुख्य रूप से भूत पिशाच से छुटकारा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। राजस्थान के मेहंदीपुर में दो पहाड़ियों के बीच स्थित यह मेहंदीपुर का मंदिर अपने भव्य बालाजी की मूर्ति जिसमें भगवान हनुमान के तेज को भूत पिशाच के प्रकोप से ग्रसित व्यक्ति बर्दाश्त नहीं कर पाता और अपनी सभी परेशानियों से यहां से मुक्त होकर जाते है।
इसके अलावा मंदिर में पिसाच राज की मूर्ति की पूजा होती है। गौरतलब है कि इस मंदिर के प्रसाद को आज तक किसी भी व्यक्ति ने नहीं देखा है। आप केवल उस प्रसाद को मंदिर में जाकर ही देख पाएंगे आखिर ऐसा क्यों है? और इस तरह की कुछ अन्य रोचक जानकारियों को आज इस लेख में सरल शब्दों में बताने का प्रयास किया गया है।
मेहंदीपुर बालाजी का रहस्य | Mehandipur Balaji Ka Rahasya
मेहंदीपुर बालाजी का मन्दिर कैसा है?
मेहंदीपुर बालाजी का एक बहुत बड़े भव्य मंदिर के लिए भारतवर्ष में प्रचलित है जहां दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान बालाजी की पूजा करने आते है। मेहंदीपुर का बालाजी मंदिर दो पहाड़ों के बीच स्थित है, जहां लोगों को श्रृंखला बनाकर जाना होता है। पहाड़ों के बीच घाटी में स्थित यह मंदिर हर दिन बहुत सारे लोगों को भूत पिशाच के प्रकोप से तड़पता हुआ देखता है और उन्हें उनकी परेशानी से मुक्त भी करता है।
ऐसा माना जाता है कि मेहंदीपुर का बालाजी मंदिर लगभग 1000 साल पुराना है। यहां के पंडितों के पूर्वज गणेश जी महाराज को बालाजी सपने में दर्शन देते हैं और आसपास हो रहे भूत पिशाच की परेशानी से मुक्ति दिलाने के लिए एक मंदिर की स्थापना करने का निर्देश देते है। तब से लेकर आज तक मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर बहुत सारे श्रद्धालुओं की परेशानी का इलाज कर रहा है।
पास में ही गणेश जी महाराज की समाधि भी बनाई गई है। इस मंदिर में भगवान हनुमान की एक भव्य मूर्ति है जिसके दर्शन के बाद एक लड्डू दिया जाता है जिसे मूर्ति के पास खड़े होकर खाना होता है। जिसके सर पर भूत पिशाच का साया होता है वह व्यक्ति अजीब अजीब हरकत करने लगता है और उसी वक्त उसे मंदिर के पीछे स्थिति पिसाच राज की मंदिर में ले जाया जाता है।
पिशाच राज की मंदिर में आपको बहुत सारे भूत पिशाच से पीड़ित लोग चीखते चिल्लाते मिलेंगे। कोई भी उन्हें भौतिक रूप से नहीं छूता मगर उस मंदिर में पांव रखने से ही वो बहुत तड़पने लगते है। कुछ देर इस तरह की परेशानी को झेलने के बाद वह शांत होते है और उसके बाद उन्हें पानी पिला कर थोड़ी पूजा अर्चना के बाद वापस भेज दिया जाता है। इस मंदिर में भगवान हनुमान इस आज राज और भैरव बाबा की पूजा की जाती है।
मेहंदीपुर बालाजी का रहस्य
वर्तमान समय में भारत की सबसे रहस्यमई मंदिरों में से एक मेहंदीपुर का बालाजी का मंदिर है, जहां हर रोज भूत पिशाच की घटना देखने को मिलती है।
- मेहंदीपुर बालाजी के मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति में बाई तरफ एक छेद है जहां से निरंतर जल प्रवाह बहती रहती है। लोगों का मानना है कि यह भगवान हनुमान का पसीना है, लोग इसे कलश में लेकर जाते हैं ताकि उनके घर भूत पिशाच का वास ना हो सके।
- मंदिर में भैरव बाबा और पिशाच राज की पूजा भी की जाती है।
- मंदिर में हर रोज दोपहर 2:00 बजे से अदालत लगती है। जहां सभी पीड़ितों को भगवान बालाजी के पास आरती के समक्ष खड़ा किया जाता है और प्रसाद दिया जाता है जिसके बाद भूत पिशाच के प्रकोप से ग्रसित व्यक्ति अजीब अजीब हरकत करने लगता है।
- मंदिर के पीछे हिस्से में पिसाच राज का मंदिर है जिन्हे भूत प्रेतों का राजा कहा जाता है, वहां भूत प्रेत की परेशानी से ग्रसित व्यक्ति का इलाज होता है।
- उसके बाद व्यक्ति को भैरव बाबा की पूजा के लिए ले जाया जाता है।
- इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य है कि वहां आप किसी भी प्रकार के प्रसाद को मंदिर से बाहर लेकर नहीं जा सकते।
- मंदिर के इलाके में आप किसी भी खाद्य सामग्री को किसी से भी खरीद नहीं सकते और ना ही किसी सुगंधित चीज को खरीद सकते हैं।
- मंदिर में दिए जाने वाले प्रसाद को मंदिर में ही खाना होता है मंदिर से बाहर निकलने पर आपको वह प्रसाद पीछे फेंक देना होता है और उसके बाद पीछे पलटकर उस प्रसाद की तरफ नहीं देखना है।
- मंदिर से बाहर जाते वक्त सभी श्रद्धालुओं को चेतावनी दी जाती है कि किसी भी परिस्थिति में मंदिर से बाहर जाते वक्त पीछे मुड़कर ना देखें।
- बालाजी के मंदिर के इलाके में एक बार आने पर आप अपनी श्रृंखला से बाहर हटकर किसी से भी बात नहीं कर सकते ना ही किसी व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
- मेहंदीपुर मंदिर में केवल मंदिर के पंडितों के द्वारा दी गई चीजों को अपने पास रखना है। किसी और की चीजों को या किसी और व्यक्ति को नहीं छूना है।
निष्कर्ष
आज इसी लेख में हमने आपको मेहंदीपुर बालाजी का रहस्य (Mehandipur Balaji Ka Rahasya) बताया। राजस्थान राज्य में स्थित मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर लगातार विज्ञान को चुनौती दे रहा है और किसी भी व्यक्ति को इस मंदिर में मौजूद दिव्य शक्ति के बारे में अंदाजा नहीं है। इस लेख में बताई गई सभी जानकारियों के बारे में आपके क्या विचार हैं उसे कमेंट में बताना ना भूलें।
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