Mallikarjun Kharge Biography in Hindi: मल्लिकार्जुन खड़गे भारत के राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता है, जो कर्नाटक राज्य के गुलबर्गा से लोकसभा के सदस्य भी हैं। यह 9 बार विधानसभा सदस्य का चुनाव जीत चुके हैं और एक बार भारत सरकार में पूर्व रेल मंत्री भी रह चुके हैं। पहली बार ऐसा हुआ कि भारत के राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए बाहरी इंसान को चुना गया।
17 अक्टूबर 2022 को कांग्रेस के अध्यक्ष के चुनाव के लिए पार्टी के सदस्यों ने मतदान दिया, जिसका नतीजा 19 अक्टूबर 2022 को आया। मलिकार्जुन खड़गे और शशी थरूर आमने-सामने थे। लेकिन अंत: मल्लिकार्जुन खड़गे अध्यक्ष पद प्राप्त करने में सफल हुए।
अपने राजनीतिक सफर में मलिकार्जुन विधायक, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, राज्य सरकार में मंत्री, लोकसभा सांसद, कांग्रेस अध्यक्ष, केंद्रीय रेल मंत्री, राज्यसभा सांसद, श्रम मंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष जैसे विभिन्न पदों पर रह चुके हैं और अब वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन गए हैं।
राजनीति का इतना लंबा और शानदार सफर इतना आसान नहीं था। एक दलित परिवार से होने के बावजूद इन्होंने राजनीति के क्षेत्र में बहुत बड़ा मुकाम हासिल किया। आज के इस लेख में हम इनके प्रारंभिक जीवन से लेकर राजनीति सफर (Mallikarjun Kharge Biography in Hindi) के बारे में जानेंगे। तो चलिए इस लेख में आगे बढ़ते हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे का जीवन परिचय (Mallikarjun Kharge Biography in Hindi)
नाम | मपन्ना मल्लिकार्जुन खड़गे |
पेशा | राजनेता |
जन्म | 21 जुलाई 1942 |
जन्मस्थान | कर्नाटक के बीदर जिले के भालकी तालुका के वरवत्ती गांव |
आंखों का रंग | काला |
बालों का रंग | सफेद काला |
ऊंचाई | 5 इंच 10 फीट |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिंदू बौद्ध |
जाति | दलित |
शिक्षा | बैचलर ऑफ आर्ट्स, एलएलबी |
स्कूल | नूतन विद्यालय शिवपुरी |
कॉलेज | सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज, गुलबर्गा |
प्रसिद्धि | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व वर्तमान अध्यक्ष |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
भाषा का ज्ञान | हिंदी, कन्नड़ |
विधानसभा क्षेत्र | गुरमितकाल |
लोकसभा क्षेत्र | गुलबर्गा |
अध्यक्ष पद प्राप्त किया | 19 अक्टूबर 2022 |
अध्यक्ष पद चुनाव में हराया | शशी थरूर |
मल्लिकार्जुन खड़गे का परिवार
माता | साईबाव्वा खड़गे |
पिता | मपन्ना खड़गे |
पत्नी | राधाबाई खड़गे |
बच्चे | 5 |
बेटी का नाम | प्रियदर्शिनी खड़गे |
बेटा का नाम | प्रियांक, राहुल खड़गे |
मल्लिकार्जुन खड़गे का प्रारंभिक जीवन
मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म आज के दक्षिणी राज्य कर्नाटक के बीदर जिले के भालकी तालुका के वरवत्ती गांव में 21 जुलाई 1942 को हुआ था। मलिकार्जुन दलित परिवार से संबंध रखते हैं। लेकिन आज सबसे बड़ी दलित नेताओं में से एक हैं। उनके पिता का नाम मपन्ना खड़गे और मां का नाम सबव्वा था।
जब मलिकार्जुन 7 वर्ष के थे तब किसी सांप्रदायिक दंगे में इनके माता और परिवार के अन्य सदस्यों की मौत हो गई। इस सांप्रदायिक दंगे के कारण इनके परिवार को घर तक छोड़ने को मजबूर होना पड़ा, जिसके बाद वे अपने पड़ोसी जिले कलबुर्गी जिसे अब गुलबर्गा के नाम से जाना जाता है, वहां पर बसना पड़ा।
मल्लिकार्जुन खड़गे बौद्ध धर्म को मानते हैं और इनका मानना है कि भगवान बुद्ध के उपदेश जीवन में सुख ला सकते हैं। उनका मानना है कि भगवान बुद्ध द्वारा दिखाया गया मार्ग दुनिया को संघर्ष एवं असुरक्षा से बचा सकता है। आज भी बौद्ध धर्म के दर्शन उतना ही प्रासंगिक है।
मल्लिकार्जुन खड़गे की शिक्षा
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुलबर्गा के नूतन विद्यालय शिवपुरी की उसके बाद बैचलर की डिग्री हासिल करने के लिए इन्होंने आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज, गुलबर्गा में दाखिला लिया। उसके बाद उन्होंने गुलबर्गा के सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की।
इन्होंने कुछ सालों तक अपनी कानून का अभ्यास न्यायमूर्ति शिवराज पाटिल के कार्यालय में एक जूनियर के रूप में शुरू किया। आगे इन्होंने कानूनी करियर की शुरुआत में श्रमिक संघों के लिए मुकदमे भी लड़े।
मल्लिकार्जुन खड़गे का विवाह
मल्लिकार्जुन खड़गे का विवाह 13 मई 1968 को राधाबाई से हुआ, जो एक ग्रहणी है। शादी के पश्चात इन्हें 5 बच्चे हुए, जिनमें तीन बेटे और दो बेटियां हैं। इनकी एक बेटी प्रियदर्शनी खड़गे डॉक्टर है। वहीँ इनका एक बेटा प्रियंक खड़गे कर्नाटक विधानसभा का सदस्य है। इनका दूसरा बेटा राहुल खड़गे आईटी सलाहकार है।
मल्लिकार्जुन खड़गे का राजनीतिक सफ़र
साल 1969 में मलिकार्जुन कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने थे और तब से लेकर आज तक इसी पार्टी के सदस्य के रूप में कई राजनीतिक पदों पर कार्य कर चुके हैं। सबसे पहला चुनाव इन्होंने साल 1972 में लड़ा था। उस समय पहली बार वे गुरमितकाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक के चुनाव में खड़े हुए थे। उस क्षेत्र में पहली बार विधायक का चुनाव जीतकर इन्होंने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी।
साल 1976 में मंत्रिपरिषद में मलिकार्जुन खड़गे का नाम शामिल किया गया। उस समय मौजूदा सरकार में वे प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री भी नियुक्त किए गए थे। साल 1978 में मलिकार्जुन एक बार फिर गुरमितकाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक के चुनाव के लिए खड़े हुए इसी कार्यकाल के दौरान साल 1979 में इन्हें कर्नाटक में मौजूद कांग्रेस सरकार के कैबिनेट मंत्री का पद भी दिया गया।
इसी साल इन्हें राज्य मंत्रिमंडल में ग्रामीण विकास मंत्री और पंचायत राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया था। साल 1980 से लेकर 1983 तक मलिकार्जुन खड़गे कर्नाटक के कांग्रेस सरकार में राजस्व एवं कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यत रहे थे। 1983 में एक बार फिर मलिकार्जुन गुरमितकाल विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के लिए खड़े हुए और इसमें जीत हासिल की।
इस साल इन्हें कर्नाटक विधानसभा के सचिव के रूप में भी नियुक्त किया गया था। लगभग 2 साल 1985 तक मलिकार्जुन खड़गे प्रदेश कांग्रेस कमेटी कर्नाटक के महासचिव के रूप में कार्य किए थे। 1985 में दोबारा जब विधानसभा चुनाव चल रहा था, उसमें चौथी बार मलिकार्जुन खड़गे इस चुनाव में खड़े होकर जीत प्राप्त की और गुरमितकाल विधानसभा क्षेत्र के चौथे बार विधायक बने।
इस तरह आगे भी 9 बार लगभग 1989, 1994, 1999 और 2004 में मलिकार्जुन खड़गे गुरमितकाल विधानसभा क्षेत्र के लगातार विधायक रहे ही विधायक के लिए जीत प्राप्त करते रहे थे। साल 2009 में मलिकार्जुन खड़गे कर्नाटक के गुलबर्गा लोकसभा चुनाव क्षेत्र से लोकसभा चुनाव के लिए खड़े हुए और वे लोकसभा के सांसद भी चुने गए।
इसी साल केंद्र मंत्रालय में भी वे शामिल हुए और उन्हें कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया। कैबिनेट मंत्री के रूप में मलिकार्जुन ने श्रम और रोजगार मंत्री के रूप में कार्य किया। फिर 17 जून 2013 को मंत्रिमंडल में कुछ बदलाव किए जाने के कारण मलिकार्जुन खड़गे को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री में रेल मंत्री बना दिया गया।
साल 2014 में लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस हार गई और भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आ गई। लेकिन मलिकार्जुन गुलबर्गा विधानसभा से एक बार फिर से सांसद के लिए जीत प्राप्त कर लिए थे। साल 2018 में मल्लिकार्जुन खड़गे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किए गए। इसी साल उन्हें सीडब्ल्यूसी के सदस्यता भी प्राप्त हुई।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दोबारा कांग्रेस की छवि डूबने लगी और भाजपा का दबदबा बढ़ने लगा, जिसके कारण एक बार फिर मलिकार्जुन गुलबर्गा से लोकसभा का चुनाव हार गए। साल 2020 में जून को राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद फरवरी 2021 को उन्हें कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा के नेता के रूप में नियुक्त किया गया।
मार्च 2021 तक वे वाणिज्य समिति के सदस्य रहे। फरवरी 2021 से लेकर अप्रैल 2021 तक मलिकार्जुन लेखा समिति के सदस्य के रूप में भी काम किए थे। यहां तक कि 16 फरवरी को उन्हें राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी नियुक्त किया गया था। जुलाई 2021 में वे सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य भी रहे थे।
17 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए पार्टी के सदस्यों के द्वारा मतदान किया गया, जिसमें शशि थरूर और मलिकार्जुन आमने-सामने थे। 19 अक्टूबर 2022 को इसका नतीजा आया और मलिकार्जुन कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष चुने गए।
मल्लिकार्जुन खड़गे की कुल संपत्ति
साल 2019 में जब लोकसभा का चुनाव हो रहा था तब मलिकार्जुन खड़गे ने एक हलफनामा प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार उस समय उनकी कुल संपत्ति ₹15,70,22,896 बताई गई। इसके साथ ही हलफनामे में उन्होंने साडे 6.5 लाख नगद होने का भी जिक्र किया। इसके अतिरिक्त 25 हजार रुपए उन्होंने इन्वेस्टमेंट भी किए हैं।
हालांकि उनके पास जो निजी वाहन है, उसके बारे में उन्होंने हलफनामे में कोई आंकड़ा नहीं प्रस्तुत किया ना ही सुरक्षा के लिए उनके पास जो हथियार है, उसके बारे में कोई जिक्र किया। लेकिन साल 2019 के बाद उनकी संपत्ति में काफी ज्यादा इजाफा हुआ और वर्तमान में उनके पास 20 करोड़ से भी ज्यादा संपत्ति मानी जा रही है।
स्पष्टीकरण: यहाँ पर बताई गई सम्पति कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और इंटरनेट पर विभिन्न स्त्रोतों के अनुसार है। हम इसकी सटीकता की पुष्टी नहीं करते हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
- मलिकार्जुन खड़गे राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं, जिनका राजनीतिक सफर काफी ज्यादा सफल रहा है। क्योंकि अब तक के अपने 5 दशक से भी ज्यादा के राजनीतिक कैरियर में केवल एक ही चुनाव हारे हैं।
- मल्लिकार्जुन खड़गे देश के सबसे बड़े दलित राजनेताओं में से एक है।
- मलिकार्जुन खड़गे को तीन बार कर्नाटक राज्य का सीएम बनने का मौका उनके हाथ आया था। लेकिन हर बार राजनीतिक समीकरण के कारण यह मौका उनके हाथों से छीन लिया गया। लेकिन वह बिना रूठे अपने निष्ठा के साथ पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों के प्रति समर्पित रहे।
- मलिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस सदस्य के रूप में शामिल हुए थे और अपना पूरा राजनीतिक सफर कांग्रेस के सदस्य के रूप में अब तक तय करते आ रहे थे। लेकिन शुरुआती दिनों में एक बार ऐसा भी समय आया था जब वे इंदिरा गांधी के खिलाफ हो गए थे और कांग्रेस को छोड़कर कर्नाटक राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवराज उर्स जो उनके राजनीतिक गुरु थे, उनके साथ हो गए थे। हालांकि कांग्रेस के जड़ों से दूर खड़े रहकर इन्हें राजनीति इतना अच्छा नहीं लग रहा था, जिस कारण कुछ ही दिनों में भी दुबारा कांग्रेस में शामिल हो गए।
- मल्लिकार्जुन खड़गे एक अच्छे राजनेता के अतिरिक्त एक अच्छे खिलाड़ी भी थे। कबड्डी और फुटबॉल के खेलों में तो जिला और मंडल स्तर पर इन्होंने पुरस्कार भी हासिल किया है। यहां तक कि हॉकी टूर्नामेंट में तो इन्होंने अपने कॉलेज और विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व भी किया है।
- मलिकार्जुन खड़गे जब मात्र 7 वर्ष के थे तब उनकी मां और उनके परिवार का अन्य सदस्य किसी सांप्रदायिक दंगों का शिकार हो गए थे। यहां तक कि उन्हें इस दंगों के कारण अपने पैतृक गांव को छोड़कर गुलबर्गा में आकर उन्हें बसना पड़ा था।
- मलिकार्जुन खड़गे ने कानून की डिग्री प्राप्त की है। लेकिन बचपन से ही इनका राजनीति की ओर झुकाव था। 1967 तक वे सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज, गुलबर्गा में छात्र संघ के उपाध्यक्ष भी रहे थे।
- कानून की डिग्री हासिल करने के बाद मलिकार्जुन खड़गे ने शिवराज पाटील नाम के न्यायमूर्ति के अधीन कानून का अभ्यास भी किया था और इस दौरान इन्होंने एमएसके मिल्स और अन्य औद्योगिक श्रमिकों के ट्रेड यूनियन के अधिकारों के लिए केस भी लड़ा था।
- 17 अक्टूबर को भारत के राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ। हालांकि पहले से ही इस चुनाव के अध्यक्ष के रूप में सचिन पायलट, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, शशि थरूर, मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम की चर्चा जोरों शोरों से हो रही थी। लेकिन अंत: 19 अक्टूबर 2022 के नतीजे ने मलिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस के पार्टी का अध्यक्ष बना दिया। इस अध्यक्ष के चुनाव में मलिकार्जुन खड़गे को 7000 वोट मिले, वहीं शशि थरूर को भी 1000 से अधिक वोट मिले हैं।
- हालांकि शशि थरूर भले ही इस अध्यक्ष के चुनाव में हार गए लेकिन मलिकार्जुन खड़गे को नए अध्यक्ष के रूप में बधाई देने के लिए उनके घर पर भी उनसे मुलाकात करने गए थे। इसके अतिरिक्त ट्वीट करके भी उन्होंने मलिकार्जुन को बधाई दी।
मल्लिकार्जुन खड़गे की उपलब्धियां
मलिकार्जुन खड़गे ने भारत के राज्य कर्नाटक के गुलबर्गा में बुद्ध विहार का निर्माण भी किया है। सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के फाउंडर और चेयरमैन भी हैं। इसके अतिरिक्त बेंगलुरु के प्रमुख संगीत कार्यक्रम और थिएटर स्थलों में से एक चौदिया मेमोरियल हॉल के संरक्षक भी हैं। यह केंद्र की योजना में नवीनीकरण के लिए सहायता करती हैं। इसके साथ ही केंद्र को अपने कर्ज से उभरने में भी मदद करती हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा ग्रहित पद
- ग्रामीण विकास मंत्री, कर्नाटक सरकार (1978-1980, 1990–1992)
- गृह मंत्रालय, कर्नाटक सरकार (1999-2004)
- कर्नाटक विधान सभा के सदस्य (विधायक) (1972-2008, 2008–2009)
- श्रम और रोजगार मंत्री (29 मई 2009 – 16 जून 2013)
- संसद सदस्य, लोकसभा (31 मई 2009 – 23 मई 2019)
- लोक लेखा समिति के अध्यक्ष (2016-2019)
- रेल मंत्री (17 जून 2013 – 26 मई 2014)
- लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता (4 जून 2014 – 16 जून 2019)
- महाराष्ट्र के लिए एआईसीसी के महासचिव और प्रभारी (22 जून 2018 – 11 सितंबर 2020)
- कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष नेता (19 दिसंबर 1996 – 7 जुलाई 1999, 5 जून 2008 – 28 मई 2009)
- संसद सदस्य, राज्य सभा (12 जून 2020 – वर्तमान)
- राज्यसभा में विपक्ष के नेता (16 फरवरी 2021 – 1 अक्टूबर 2022)
FAQ
मल्लिकार्जुन खड़गे वर्तमान में काफी चर्चा में है। क्योंकि कई साल के बाद कांग्रेस की पार्टी के प्रमुख सोनिया गांधी के निर्णय के द्वारा कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में परिवार के बाहरी सदस्य के लिए चुनाव हुआ और इस चुनाव के नतीजे में मलिकार्जुन कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुने गए।
नहीं, मल्लिका अर्जुन मुख्यमंत्री नहीं रहे हैं। हालांकि अपने राजनीतिक करियर में उन्हें तीन बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला था लेकिन राजनीतिक समीकरण के कारण 3 बार यह मौका उनके हाथों से निकल गया।
कई साल के बाद ऐसा हुआ जब राष्ट्रीय कांग्रेस दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में बाहरी व्यक्ति को चुनने का निर्णय लिया। इसके लिए चुनाव 17 अक्टूबर 2022 को हुए और नतीजे 19 अक्टूबर 2022 को जारी किये गये।
मल्लिकार्जुन खड़गे लगभग 9 बार कर्नाटक के गुरमितकाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपको भारत के राष्ट्रीय कांग्रेस दल के वरिष्ठ नेता एवं सांसद मलिकार्जुन खड़गे जीवन परिचय (Mallikarjun Kharge Biography in Hindi) के बारे में बताया। इस लेख के जरिए आपको मलिकार्जुन खड़गे के जीवन से जुड़ी तमाम जानकारी मिल गई होगी।
हमें उम्मीद है कि आज का यह लेख आपके लिए जानकारी पूर्ण रहा होगा। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक इत्यादि के जरिए अन्य लोगों के साथ जरूर शेयर करें। इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव आपके मन में हो तो आप हमें कमेंट लिखकर बता सकते हैं।
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