क्रिया विशेषण (Kriya Visheshan Kise Kahate Hain): हिंदी व्याकरण में जितने भी भाग है, उन सभी को जानना बहुत ही जरूरी होता है। आज हम यहां पर हिंदी व्याकरण के मुख्य भाग क्रिया विशेषण के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले है।
हम यहां पर क्रिया विशेषण को निम्न स्टेप्स में समझेंगे:
- क्रिया विशेषण किसे कहते हैं?
- क्रिया विशेषण के भेद (Kriya Visheshan ke Bhed)
- क्रिया विशेषण के उदाहरण (Kriya Visheshan ke Udaharan)
क्रिया विशेषण किसे कहते हैं?
क्रिया विशेषण की परिभाषा: ऐसे शब्द जिनके माध्यम से क्रियाओं की विशेषता का बोध होता है, उन शब्दों को क्रिया विशेषण कहा जाता है।
साधारण शब्दों में बात की जाए तो जिन शब्दों के माध्यम से क्रिया की विशेषता का पता चलता है। उन शब्दों को क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे: घोड़ा तेज भागता है।
उदाहरण के रूप में दिए गए इस वाक्य में भागना क्रिया है और तेज भागना क्रिया की विशेषता बता रहा है कि घोड़ा कितना तेज भागता है। अतः यह उदाहरण क्रिया विशेषण के अंतर्गत आएगा। क्योंकि इसमें तेज शब्द का प्रयोग किया विशेषण के रूप में किया गया है।
क्रिया विशेषण के कुछ मुख्य उदाहरण
- राधिका धीरे-धीरे चलती है।
- कछुआ धीरे दौड़ता है।
- चिता सबसे तेज भागता है।
- राम पढ़ने में सबसे आगे हैं।
- श्याम सबसे तेज लिखता है।
प्रयुक्त उदाहरण में क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दों का प्रयोग हुआ है। अतः इन शब्दों को क्रिया विशेषण के अंतर्गत रखा जाएगा।
क्रिया विशेषण के भेद
क्रिया विशेषण के प्रकार निम्न है:
- अर्थ के आधार पर
- प्रयोग के आधार पर
- रूप के आधार पर
अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण के प्रकार
अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण को मुख्य चार भागों में विभाजित किया गया है।
- कालवाचक क्रियाविशेषण
- रीतिवाचक क्रियाविशेषण
- स्थानवाचक क्रियाविशेषण
- परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
कालवाचक क्रियाविशेषण
ऐसे क्रिया विशेषण शब्द जिनके माध्यम से क्रिया होने के समय के बारे में जानकारी मिलती हो, उन शब्दों को कालवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसेः-
- राम रात को मेरे घर आया था।
- कल भयंकर बरसात हुई थी।
- कल लॉक डाउन हो सकता है।
- मैं आज शाम को क्रिकेट खेलूंगा।
- राधा दोपहर में स्कूल से लौटती है।
- मैं सुबह जल्दी उठता हूं।
ऊपर उदाहरण में स्पष्ट रुप से देख सकते हैं कि क्रिया शब्द का प्रयोग हुआ है और इन्हीं शब्दों के माध्यम से समय का बोध मुख्य रूप से हो रहा है। अतः यह सभी उदाहरण कालवाचक क्रिया विशेषण के अंतर्गत आएंगे।
रीतिवाचक क्रियाविशेषण
ऐसे क्रिया विशेषण शब्द जिनमें किसी भी क्रिया के होने की विधि और तरीके दोनों का बोध होता है, उन शब्दों को रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे:-
- राधा बहुत ध्यान से चलती है।
- मोहन फटाफट खाना खाता है।
- राधिका गलत खेलती है।
- राकेश हमेशा झूठ बोलता है।
- महेश ध्यानपूर्वक पढ़ाई करता है।
ऊपर उदाहरण में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि ध्यान से, फटाफट, गलत, झूठ, ध्यानपूर्वक, इत्यादि शब्दों का प्रयोग क्रिया विशेषण के रूप में हुआ है और इन शब्दों के माध्यम से क्रियाओं की विशेषता बताई जा रही है। अतः यह सभी उदाहरण रीतिवाचक क्रिया विशेषण के अंतर्गत आएंगे।
स्थानवाचक क्रियाविशेषण
ऐसे शब्द जिनके माध्यम से हमें क्रियाओं के स्थान का बोध होता है, उन शब्दों को स्थान वाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे:
- तुम ऊपर जाकर बैठ जाओ।
- मैं पास वाले इस स्टेडियम में खेलता हूं।
- हम घर की छत पर सोते हैं।
- बंदर पेड़ पर बैठा है।
- राधिका मेरे से कुछ दूरी पर बैठी है।
जैसे कि ऊपर उदाहरण में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि ऊपर, स्टेडियम, छत, पेड़, दूरी इत्यादि शब्दों का प्रयोग हुआ है। इन शब्दों के माध्यम से क्रियाओं के स्थान का पता चलता है। इन शब्दों के माध्यम से पता चल जाता है कि क्रिया कहां पर हो रही है। अतः यह सभी उदाहरण विधान वाचक क्रिया विशेषण के अंतर्गत आएंगे।
परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
ऐसे क्रिया विशेषण शब्द जिनके माध्यम से क्रिया के परिणाम, संख्या और मात्रा का पता चलता हो, उन शब्दों को परिणाम वाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे:-
- तुम बहुत ज्यादा खाओ।
- मैं बहुत ज्यादा दौड़ता हूं।
- राधा बहुत अधिक खाती है।
- रोजाना आपको पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।
ऊपर उदाहरण में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि ज्यादा, अधिक और पर्याप्त शब्द का प्रयोग क्रिया की परिणाम व मात्रा बताने के लिए किया गया है। अतः यह उदाहरण परिणाम वाचक क्रिया विशेषण के अंतर्गत आएंगे।
प्रयोग के आधार पर क्रिया विशेषण के प्रकार
प्रयोग के आधार पर क्रिया विशेषण को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया गया है, जो निम्न है:
- साधारण क्रिया विशेषण
- सयोंजक क्रिया विशेषण
- अनुबद्ध क्रिया विशेषण
साधारण क्रिया विशेषण
ऐसे शब्द जिनका प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र रूप से होता है, उन शब्दों को साधारण क्रिया विशेषण शब्द कहा जाता है। जैसे:-
- अरे! भगवान यह क्या हो गया।
- अरे! रोहित तुम कब आ गए।
- हाय! भगवान ऐसा क्यों किया।
- अरे! वह लड़का किधर जा रहा है।
- राधिका तुम जल्दी आओ।
ऊपर उदाहरण में कुछ स्वतंत्र शब्दों का प्रयोग हुआ है और इसी वजह से इन सभी उदाहरण को साधारण क्रिया विशेषण के अंतर्गत रखा जाएगा।
सयोंजक क्रिया विशेषण
ऐसे शब्द जिनके माध्यम से क्रिया विशेषण का संबंध किसी उपवाक्य से होता हो, उन शब्दों को संयोजक क्रिया विशेषण कहा जाता है। जैसे:-
- आज जहां पर राधा तुम खड़ी हो, वहां पर पहले हमारा घर हुआ करता था।
- यहां पर प्रेम चल रहा है, वहां पर पूजा दौड़ रही है।
- तुम व्हां जाओगे, मैं वहां नहीं आ सकता।
- तुम जो गाड़ी चला रहे हो, वह पहले मेरी थी।
ऊपर उदाहरण में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि क्रिया विशेषण का संबंध किसी अन्य उपवाक्य से हो रहा है। अतः इस उदहरण को संयोजक क्रिया विशेषण के अंतर्गत रखा जाएगा।
अनुबद्ध क्रियाविशेषण
ऐसे शब्द जिनका प्रयोग निश्चय के लिए कहीं पर भी किया जाता हो, उन शब्दों को अनुबंध क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे:-
- आपके आने की प्रतीक्षा है।
- वह काम गलत ही हुआ है।
- आपके वहां जाने की प्रतीक्षा है।
- राधा के आने की देर है।
ऊपर उदाहरण में लिखने के लिए कुछ शब्दों का प्रयोग हुआ है। अतः इन शब्दों को अनुबंध क्रिया विशेषण के अंतर्गत रखा जाएगा।
रूप के आधार पर क्रिया विशेषण के प्रकार
रूप के आधार पर क्रिया विशेषण को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया गया है, जो निम्न है:
- मूल क्रिया विशेषण
- स्थानीय क्रिया विशेषण
- योगिक क्रिया विशेषण
मूल क्रियाविशेषण
ऐसे शब्द जो दूसरे शब्दों में प्रत्यय लगे बिना बन जाते हैं, उन शब्दों को मूल क्रिया विशेषण कहते हैं।
साधारण शब्दों में बात की जाए तो ऐसे शब्द जो दूसरे शब्दों के मेल से नहीं बनते हो, उन शब्दों को मूल क्रियाविशेषण कहा जाता है। जैसे:- दूर, पास, ऊपर, नीचे, आज, सदा, अचानक, नहीं, ठीक इत्यादि।
स्थानीय क्रियाविशेषण
ऐसे शब्द जिनके माध्यम से शब्द भेद होता हो। जो बिना अपने रूप को बदलें किसी विशेष स्थान पर आ जाते हैं, उन्हें स्थानीय किया विशेषण कहते हैं। जैसे:-
- वह अपना हाथ पड़ेगा।
- मैं दौड़कर चलता हूं।
- राधा दौड़ कर चलती है।
प्रयुक्त उदाहरण में आप देख सकते हैं कि हाथ और चलते शब्द का प्रयोग शब्दों के रूप में बदलाव किए बिना विशेष स्थान पर किया जा रहा है। अतः यह स्थानीय क्रिया विशेषण के अंतर्गत आएगा।
योगिक क्रियाविशेषण
ऐसे शब्द जो किसी दूसरे शब्द में प्रत्यय और पद इत्यादि आदि लगाने से बनते हैं, उनको योगिक क्रिया विशेषण कहा जाता है।
संज्ञा से यौगिक क्रिया विशेषण
जैसे: सवेरे, दिन भर, दिल से, क्रमशः, सायं, आजन्म , इत्यादि।
सर्वनाम से यौगिक क्रिया विशेषण
जैसे: इतना, इतना, कब, वहां, यहां, अब, जिससे, उससे इत्यादि।
विशेषण से क्रिया विशेषण
जैसे: धीमे, चुपके, पहले, दूसरे, बहुधा इत्यादि।
क्रिया से क्रिया विशेषण
जैसे: सोते, बैठते, उठते, जागते, रहते, खाते, पीते, करते इत्यादि।
हमने क्या सीखा?
हमने यहां पर क्रिया विशेषण किसे कहते हैं (Kriya Visheshan Kise Kahate Hain), क्रिया विशेषण की परिभाषा (Kriya Visheshan ki Paribhasha), क्रिया विशेषण के प्रकार (Kriya Visheshan ke Prakar) आदि के बारे में विस्तार से पढ़ा है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह अच्छे से समझ आ गये होंगे, इन्हें आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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