Karim Lala Biography in Hindi: आज के इस लेख के माध्यम से हम मुंबई के एक ऐसे अंडरवर्ल्ड के डॉन के बारे में बताने वाले हैं, जिससे दाऊद इब्राहिम जैसा खतरनाक गुनहगार भी डर जाता था। हम आपको करीम लाला के बारे में बतायेंगे जो कि मुंबई अंडरवर्ल्ड का सबसे खतरनाक माना जाने वाला डॉन है।
जिस मुंबई को हम एक बहुत ही सुलझा हुआ शहर मानते हैं, ऐसे में उस समय में करीम लाला के खौफ से पूरी मुंबई डरती थी। यदि आप यह जानने के लिए इच्छुक हैं कि करीम लाला ने मुंबई पर अपना एकाधिकार कैसे बनाया तो कृपया इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
करीम लाला की जीवनी – Karim Lala Biography in Hindi
करीम लाला कौन था?
करीम लाला मुंबई अंडरवर्ल्ड दुनिया का एक ऐसा खतरनाक क्रिमिनल है, जिससे पूरी मुंबई डरती है अर्थात करीम लाला ने पूरी मुंबई में अपना एकाधिकार बनाया हुआ है। करीम लाला को लेकर के शिव सेना नेता संजय राउत ने इंदिरा गांधी को लेकर के यह भी कहा है कि “अंडरवर्ल्ड के माफिया करीम लाला से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मुंबई में आया करती थी, परंतु जब से अंडरवर्ल्ड माफिया का किंग करीम लाला आया है, उसके बाद से उन्होंने यहां आना ही कम कर दिया।”
अंडरवर्ल्ड की दुनिया का यह भी कहना है कि करीम लाला वही आदमी है जिसे ने दाऊद इब्राहिम को पीटा था। आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि जो आदमी दाऊद इब्राहिम जैसे खतरनाक अपराधी को पीट सकता है, वह आदमी कुछ भी कर सकता है।
लोगों का ऐसा कहना है कि मुंबई अंडरवर्ल्ड का पहला डॉन करीम लाला ही है। अभी तक तो हाजी मस्तान को अंडरवर्ल्ड का पहला डॉन माना जाता था लेकिन यह गलत था, मुंबई अंडरवर्ल्ड का पहला डॉन करीम लाला है। मुंबई में वही कमिश्नर होता था जिसे दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी के द्वारा लाया जाता था। मुंबई में कमिश्नर का चयन करने वाली डी कंपनी के मालिक दाऊद इब्राहिम को करीम लाला ने बड़ी ही बेरहमी से लात और दूसरों से बड़ी पिटाई की थी।
करीम लाला का जन्म और उससे जुड़ी कुछ कहानी
करीम लाला का जन्म वर्ष 1911 में अफगानिस्तान में हुआ था। इसका जन्म अफगानिस्तान में होने के कारण यह अफगानिस्तान का ही रहने वाला था। मुंबई अंडरवर्ल्ड के डॉन करीम लाला का असली नाम अब्दुल करीम शेर खान था। अब्दुल करीम शेख खान उर्फ करीम लाला को अफगानिस्तान के पश्तून समुदाय का आखिरी राजा भी कहा जाता है।
लोगों का ऐसा कहना है कि करीम लाला अफगानिस्तान के एक बहुत ही अमीर परिवार से संबंध रखता था। करीम लाला बचपन से ही अमीर था परंतु वह और अमीर होना चाहता था, उसका यह सपना था कि वह बेशुमार दौलत कमा सकें। यही वजह थी कि वर्ष 1932 ईस्वी में लगभग 21 वर्ष की उम्र में करीम लाला भारत आया था।
अब्दुल करीम शेख खान भारत में पेशावर के मार्ग से भारत में प्रवेश किया था। करीम लाला मुंबई आने के बाद वहां पर कारोबार करने के तौर-तरीके सीखा और उसके साथ साथ वह कारोबार भी करता था। करीम लाला ने अपने इस नए कारोबार के पीछे हीरोइन का धंधा अर्थात हीरोइन का व्यापार करने लगा। हीरोइन वही नशीली पदार्थ है जिसे हम ड्रग्स के नाम से जानते हैं। अपने व्यापार के आड़ में होने वाले इस काम में करीम लाला लगभग 10 साल का पक्का खिलाड़ी बन गया और करीम लाला इस व्यापार को बड़ी ही बेकार तरीके से करता था।
करीम लाला की अच्छी आदतें
करीम लाला बहुत ही उदार दिल का आदमी था, वह गरीबों की खूब सेवा करता था। आजकल के नेता तो गरीब लोगों की समस्याओं पर कम ध्यान देते हैं परंतु करीम लाला एक ऐसा आदमी था जो कि लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए दरबार लगाता था और न केवल दरबार लगाता था बल्कि आए लोगों के द्वारा मांगी गई मदद को भी पूरा करता था।
इसी के साथ कई बॉलीवुड के बड़े बड़े स्टार कलाकार लोगों से उसके रिश्ते भी थे। मुंबई में रह करके जिन बॉलीवुड स्टार्स को किसी भी प्रकार की समस्या होती थी तो वह सीधे करीम लाला के पास पहुंचता था। करीम लाला अंडरवर्ल्ड का इतना बड़ा डॉन बन गया था कि उसके संपर्क में दिलीप कुमार, हेलन जैसे प्रसिद्ध फिल्म स्टार रहते थे।
लोगों के द्वारा यह भी कहा जाता है कि सुपरस्टार हेलन की एक बहुत बड़ी समस्या को करीम लाला है, बड़ी आसानी से कर दिया था। सुपरस्टार हेलन की समस्या उनके रुपयों से जुड़ी थी, हेलन का पैसा उसका मित्र ले करके भाग गया था, जिसे करीम लाला ने बहुत जल्द ही पकड़ लिया।
करीम लाला पर आधारित फिल्म
करीम लाला एक बहुत ही शातिर और खतरनाक आदमी था जो कि मुंबई अंडरवर्ल्ड दुनिया का पहला डॉन था। मुंबई अंडरवर्ल्ड की इस दुनिया के डॉन से प्रभावित होकर बॉलीवुड दुनिया में एक फिल्म बनी जो कि करीम लाला पर आधारित है। यह फिल्म करीम लाला से प्रभावित होने के पश्चात बनाई गई थी। इसमें अमिताभ बच्चन जी ने मुख्य रोल निभाया था।
इस फिल्म के अतिरिक्त एक और फिल्म बनी जो कि पूर्ण रूप से करीम लाला पर आधारित थी। इस फिल्म का नाम “वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई” था। लोगों का कहना है यह फिल्म हाजी मस्तान के जीवन पर आधारित है लेकिन ऐसा नहीं है, यह फिल्म करीम लाला के जीवन पर आधारित है।
इस फिल्म के प्रमुख अभिनेता अजय देवगन, अक्षय कुमार, इमरान हाशमी, इमरान खान और रणदीप हुड्डा है। इस फिल्म में प्रमुख अभिनेत्रियां सोनाक्षी सिन्हा, कंगना राणावत, सोनाली बेंद्रे, प्राची देसाई और एकता कपूर है।
करीम शेख खान से करीम लाला बनने तक का सफर
जिस समय मुंबई को बंबई नाम से जाना जाता था, उस समय वहां पर एक ऐसा खूंखार डॉन आया जिसकी गूंज अभी तक सभी लोगों के दिलों में है करीम लाला मुंबई आया था, तब वह जुए खेलता था। उसके बाद वह जुए के अड्डे से बाहर निकलकर हफ्ता वसूली करने लगा, उसके बाद लड़ाई-झगड़े को सुलझाने का काम करने लगा। जैसे-जैसे समय बीतता गया, करीम लाला की नाम की गुंडागर्दी बढ़ती गई, वैसे-वैसे करीम लाला और भी अधिक विकसित होने लगा।
कहने को तो करीम लाला एक बहुत ही खूंखार गुंडा था परंतु वह एक नेक दिल वाला आदमी भी था। करीम लाला पूरी मुंबई पर राज करना चाहता था और उसने यह काफी हद तक किया भी। उसके काले धंधे इतने ज्यादा विकसित हो गए थे कि प्रतिदिन पुलिस वहां आया करते थे, जिसके बाद करीम लाला ने पुलिस को पैसे देकर के अपना दोस्त बना लिया, पुलिस को दोस्त बनाने के बाद करीम लाला अपने काम को बहुत ही बेखौफ ढंग से करने लगा।
जैसा कि हमने आपको बताया कि जब करीम लाला मुंबई आया था तब वह केवल ड्रग्स की तस्करी करता था जो कि बहुत बेहतरीन तरीके से चल रहा था। इसके बाद लगभग 40 दशक के बाद करीम लाला ने हीरे और सोने की तस्करी भी करना प्रारंभ कर दिया और इस धंधे में उसने अपना पैर गाना लिया।
जैसे-जैसे करीम लाला का यह धंधा विकसित होता गया वैसे-वैसे उसने मुंबई में जुएं और शराब के आधुनिक अड्डे खोल दिए। ऐसा करने के बाद उसकी कमाई तुरंत दोगुनी हो गई और अब करीम लाला को उसकी जगह से हटाने वाला कोई नहीं था, इसीलिए करीम लाला को लोग उस समय मुंबई अंडरवर्ल्ड का किंग कहने लगे।
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करीम लाला की मृत्यु
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि करीम लाला ने दाऊद इब्राहिम की बड़ी ही बेरहमी से लात और घूसों से पिटाई की थी। ऐसे में दाऊद इब्राहिम थोड़ा और ताकतवर होने के बाद करीम लाला से बदला लेने के लिए मुंबई अंडरवर्ल्ड की दुनिया में फिर से एक कदम रखा।
उधर हाजी मस्तान को यह लगता था कि करीब लाला को अपने गैंग में शामिल करने पर उसे काफी फायदा होगा, जिसके लिए उसने करीम लाला और उसके साथियों को अपने साथ मिला लिया। इसके बाद दाऊद इब्राहिम और करीम लाला के बीच बहुत ही भारी गैंगवार होने लगा। इस गैंगवार में दोनों गैंग के लगभग 10-12 लोग मारे गए। इसके बाद यह गैंगवार बंद हो गया क्योंकि करीम लाला अब बीमार रहने लगा। वर्ष 2002 में 19 फरवरी को करीम लाला लगभग 90 वर्ष की उम्र में मुंबई में ही स्वर्ग सिधार गया।
निष्कर्ष
आज के इस लेख “अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला की कहानी (Karim Lala Story and Biography Hindi)” के माध्यम से हमने आपको मुंबई अंडरवर्ल्ड की दुनिया के पहले डॉन करीम लाला के बारे में संपूर्ण जानकारी बताई है। इस लेख के माध्यम से हमने आपको बताया कि दाऊद इब्राहिम और करीम लाला में कौन ताकतवर था तो कृपया इस लेख को अवश्य शेयर करें।
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