इंसान सिर्फ आग से नहीं जलता, कुछ लोग तो हमारे अंदाज से जल जाते हैं।
आप किसी से प्रेम न करें इसमें कोई परेशानी नहीं है, पर आप किसी से इर्षा न करें।
ईर्ष्या पर समय बर्बाद मत करो। कभी-कभी आप आगे बढ़ते हैं, कभी-कभी आप पीछे रहते हैं।
ईर्ष्या की सबसे अच्छी दवा है आशा।
एक योद्धा दूसरे योद्धा से इर्षा तब करता है, जब वह युद्ध लड़ने से पहले ही सामने आए योद्धा को खुद से ताक़तवर मान लेता है।
ईर्ष्या और जलन असाध्य रोग हैं.
ईर्ष्या मुस्कुराते हुए दुश्मनों के खिलाफ अकेला महसूस करने से ज्यादा नहीं है।
इर्षा जीते हुए व्यक्ति का गुण नहीं अपितु हार माने हुए व्यक्ति का गुण है।
ईर्ष्या … एक मानसिक कैंसर है।
केवल गूंगे ही बातूनों से ईर्ष्या करते हैं.
इर्षा अपने क्रोध को ज़ाहिर करने का सबसे गलत तरीक़ा है, इसके परिणाम काफी नुकसानदेह हो सकते हैं।
ईर्ष्या पर समय बर्बाद मत करो. कभी आप आगे हैं, तो कभी पीछे.
जो व्यक्ति किसी से इर्षा नहीं करता, उस व्यक्ति का अपने मष्तिष्क और अपने मन पर पूरा नियंत्रण है।
प्यार अंधा नहीं होता, बल्कि ईर्ष्या होती है.
आप चंद्रमा हो सकते हैं और फिर भी सितारों से ईर्ष्या कर सकते हैं।
वो तो खामखा इतने जले जा रहें हैं, पर उनको क्या पता हाले दिल, हम भी कितना मरे जा रहे हैं,
इर्षा आपकी स्वच्छ आत्मा और सफ़ेद मन को दूषित कर देता है।
जो ईर्ष्या करता है, वह प्रेम में नहीं है.
ईर्ष्या तुलना का डर है।
इर्षा उस विष के सामान है, जो आपको और आपके आदर्शों को नाश कर देता है।
ईर्षालु व्यक्ति इतना मूर्ख होता है, की वह अपनी परेशानियों का हल खोजने के बजाय दूसरे व्यक्ति को भी उसी मुसीबत मेँ धकेलने का प्रयास करता है।
ईर्ष्या प्रेम की कब्रगाह है.
इर्ष्या और द्वेष उस अग्नि की तरह होते है जिसे जंगल स्वयं उत्पन्न करता है और फिर उसमें जलकर भी ख़ाक हो जाता हैं. ऐसे आत्म विनाश का दोषः दूसरों पर मढ़ना उचित नही होता हैं.
प्रेम से बड़ी न कोई महिमा है, न ही ईर्ष्या से बड़ी कोई सजा.
ईर्ष्या दूसरों के लिए परेशान है, लेकिन खुद को पीड़ा है।
अपने प्रेमी के मित्र से इर्षा करना प्रेम नहीं है।
ईर्ष्या वह ड्रैगन है, जो प्रेम को जीवित रखने के ढोंग में उसे मार डालता है.
कैंसर की तुलना में अधिक आदमी ईर्ष्या से मर जाते हैं।
इर्ष्या कब्र की भांति निर्दय होती हैं, इसमें कोयले अग्नि के कोयले होते हैं.
इर्षा और क्रोध जब एक साथ मिल जाते हैं तो इसका परिणाम कुकर्म होता है।
जिस प्रकार लोहा जंग द्वारा क्षय हो जाता है, उसी प्रकार ईर्ष्या करने वाला अपने जूनून द्वारा नष्ट हो जाता है.
कुत्ते हमारे लिए स्वर्ग की कड़ी हैं. वे बुराई या ईर्ष्या या असंतोष को नहीं जानते.
प्रेमी, धोखा, और ईर्ष्या सभी एक जैसे गंध।
खुद की गलतियाॅ जब हम दुसरों में देखते है तो हमें बड़ी जलन होती है
बर्बादी के लिए कभी भी ईर्ष्या की शक्ति और जलन की शक्ति को कमतर मत समझो. कभी भी कमतर मत समझो.
इर्षा निर्गुणो मेँ भी सर्वथा सबसे खराब निर्गुण है।
ईर्ष्या कब्र के समान क्रूर है : उसके अंगारे जलन के अंगारे हैं.
ईर्ष्या के लिए, हंसी से ज्यादा डरावना नहीं है।
ईश्वर ने मनुष्य की उत्पत्ति समाज की भलाई करने के लिए की है, और इर्षा समाज की सबसे बड़ी बुराई है।
कैंसर की तुलना में ईर्ष्या से अधिक लोग मारे जाते हैं.
किसी भी व्यक्ति में ईर्ष्या सबसे बुरी विशेषता है।
आग तो है ये इश्क़ मगर एहसास होता नहीं जलन का बस दर्द होता है मीठा-मीठा
इर्षा का मार्ग आपको अपनी सफलता के मार्ग से भटका देगा।
ईर्ष्या कुत्ते की भौंक है, जो चोरों को आकृष्ट करती है.
अगर आप अपने प्रतिस्पर्धियों से भी नहीं जलते हैं, तो आप किसी भी लक्ष्य को पा सकते हैं.
इर्षा का एक बीज आपके भीतर निर्गुणों के 100 वृक्ष ऊगा देता है।
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एक सक्षम और आत्मविश्वासी व्यक्ति किसी भी चीज़ से ईर्ष्या करने में असमर्थ होता है. ईर्ष्या निरपवाद रूप से एक विक्षिप्त असुरक्षा की भावना का लक्षण है.
ईर्ष्या कमजोर है क्योंकि यह काटती है लेकिन कभी नहीं खाती है.
हमारी ईर्ष्या हमेशा उन लोगों की खुशी से अधिक समय तक चलती है जिन्हें हम ईर्ष्या देते हैं।
एक बुद्धिमान व्यक्ति किसी से ईर्षा करने की बेवकूफी कभी नहीं करेगा।
प्यार वह शर्त है, जिसमें दूसरे व्यक्ति की खुशी आपके लिए आवश्यक है…ईर्ष्या एक रोग है, प्यार एक स्वस्थ स्थिति है. अपरिपक्व मन अक्सर इनमें से एक को दूसरा समझने की गलती करता है या मानता है कि प्यार जितना बड़ा होगा, ईर्ष्या भी उतनी ही अधिक होगी.
Jealous Quotes in Hindi
ईर्ष्या नफरत का डरावना पक्ष है, और उसके सभी तरीके अंधकारमय और उजाड़ हैं।
अपने घर के अंधकार में दूसरे का प्रकाश असहाय हो उठता है.
ईर्षालु व्यक्ति कभी एक अच्छा समाज सुधारक नहीं बन सकता है।
प्रेम वह मुख्य कुंजी है, जो आनंद, घृणा, ईर्ष्या और सबमें सबसे आसान भय के द्वार खोल देती है.
ईर्ष्या आत्मा की एक लापरवाही है, जो एक निश्चित बिंदु से परे नहीं देख सकती है, और यदि यह पूरी जगह पर कब्जा नहीं करती है, तो खुद को बाहर रखा जाता है।
दूसरों से जलने वाले, तो जल-जल कर मिट जाते हैं आगे वे बढ़ते हैं, जो दूसरों की खुशियों पर खुश हो जाते हैं.
ईर्षालु व्यक्ति ऊपर उठने के लिए हमेशा दूसरों को नीचा दिखाने का प्रयास करता है।
ईर्ष्यालु एक बार नहीं बल्कि उतनी बार मरता है, जितनी बार ईर्ष्या की सराहना होती है.
सावधान रहें कि आपने ईर्ष्या को नहीं बुलाया, न कि किसी और की खुशी तुम्हारी पीड़ा हो, और भगवान का आशीर्वाद आपका अभिशाप बन जाए।
जलने का अर्थ यही है कि ईर्ष्या करने वाला व्यक्ति जिस से ईर्ष्या करता है, उसे वह स्वयं बड़ा मानता है.
ईर्षालु सोच अच्छे दिमाग की दुश्मन होती है, जो उसे गलत कार्य करने के लिए प्रेरित करती है।
मेरे विचार में अपने परिवेश के साथ-साथ खुद को एक सकारात्मक स्थिति में रखना महत्वपूर्ण है – मतलब, ख़ुद को सकारात्मक लोगों के आस-पास रखो. न कि उनके जो नकारात्मक हैं और आपके हर काम के प्रति ईर्ष्या रखते हैं.
जो कुछ आपने प्राप्त किया है उसे न दबाएं, न ही दूसरों को ईर्ष्या दें। जो दूसरों को ईर्ष्या देता है वह मन की शांति प्राप्त नहीं करता है।
दो प्रेम से भरे व्यक्ति मिल कर सम्पूर्ण विश्व का वातावरण स्वर्ग के सामान शांत कर देते हैं, वही दो ईर्षालु व्यक्ति सम्पूर्ण वातावरण को नर्क बना देते हैं।
द्वेष का वेश पहन कर व्यक्ति अपना असली चेहरा भूल जाता है।
बिल्कुल, मैं थोड़ा-बहुत जल सकता हूँ. जलन का अच्छा पहलू ये है कि यह जुनून से आता है. इसका खतरनाक पहलू भी है और यह एक दुर्भावना है, जो तकलीफ़ देती है.
हमेशा हसँते रहिये और ख़ुश रहिये! यह काफी है आपसे जलने वालों को और भी जलाने के लिए!
ईर्ष्या किसी भी व्यक्ति में सबसे खराब गुण है
हमे अपनी सफलता ढूंढ लेने के बाद अपने आप में खुश रहना चाहिए, परन्तु हम यह ढूंढने में लग जाते हैं की मेरी ख़ुशी से कौन खुश है।
मैं लोगों से ईर्ष्या नहीं करता. ईर्ष्या बस समय की बर्बादी है, क्योंकि आप उनसे ईर्ष्या करते हैं और वे अपने जीवन में आगे बढ़ते जाते हैं और एक अद्भुत समय बिताते है, तो फिर क्या मतलब है?
जंग लोहा का और ईर्ष्या खुद का उपभोग करता है।
जो लोग आपसे जलते है उनसे घृणा कभी न करें क्योंकि यही वो लोग हैं, जो यह जानते है कि आप उनसे बेहतर है।
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प्रेमरोगी, धोखा खाये हुए और ईर्ष्यालु सभी की गंध एक समान होती है.
किसी और आदमी की आंखों के माध्यम से खुशी को देखना कितना कड़वा बात है।
सुबह-ओ-शाम तुम्हारे लबों को छूती है मुझे “चाय” से अक्सर जलन होती है…
इस कलियुग में लोग सिर्फ खुद से प्रेम का भाव रखते है, और दूसरे व्यक्ति से केवल इर्षा का भाव।
जहाँ मजबूत संबंध नहीं है, वहाँ कभी ईर्ष्या नहीं है.
नफरत से ईर्ष्या अधिक असहनीय है।
निश्चित रूप से जो नाराजगी युक्त विचारों से मुक्त रहते हैं वही शांति पाते हैं
अगर व्यक्ति सभी के अच्छे गुणों से इर्षा करने की बजाए सबके अच्छे गुणों को अपने अंदर लाने का प्रयास करना शुरू कर देगा तो, वह सम्पूर्ण विश्व का सबसे महान व्यक्ति बन जाएगा।
ईर्ष्या में वह सब मज़ा है, जो आपको लगता है कि उनमें है.
ईर्ष्या दूसरों पर गोली मारती है और खुद घायल होती है।
Jealous Quotes in Hindi
वह लोग जो सदैव दूसरों की कमी बताते हैं, वह ऐसा करके अपनी कमियों का प्रदर्शन कर रहे होते हैं।
मानव स्वभाव ही कुछ ऐसा है, जो बुराई के बारे में सोचना पसंद करता है, जो निंदा को सुनने उत्सुक रहता है और उसे सहर्ष स्वीकार करने रज़ामंद रहता जो एक प्रकार से अच्छाई और भलमनसाहत और अच्छी वर्णित बातों से ईर्ष्या है.
ईर्ष्या से दूर रहो; यह खा जाता है और अच्छे कर्मों को दूर करता है, जैसे अग्नि खाया जाता है और लकड़ी जलता है।
जितने समय तक तुम किसी से जलन करते हो। उतने ही समय मे, तुम भी उसे जला सकते हो॥
जब आप दूसरों की चुगलियां कर रहे होते हैं इसका अर्थ है की आप उस व्यक्ति से किसी न किसी रूप में इर्षा करते हैं।
ईर्ष्या – अपने आप को पीड़ा देना, इस भय से कि दूसरे आपको पीड़ा देंगे.
ईर्ष्यावान व्यक्ति अपने पड़ोसी की मोटापा से दुबला हो जाता है।
करते रहो जिसका जो काम है..! ज़लने वालों को भी मेरा प्रणाम है।।
आप जितना प्रेम से लोगों के साथ रहेंगे उतने प्रेम करने करने वाले लोग आपके जीवन में बने रहेंगे, और आप जितनी इर्षा लोगों से करेंगे उतने ईर्षालु लोग आपके जीवन को घेर लेंगे।
ईर्ष्या में प्रेम से अधिक आत्म-प्रेम होता है.
ईर्ष्या एक मक्खी की तरह है जो सभी शरीर के सुन्दर हिस्सों को पार करती है, और घावों पर रहता है।
एक व्यक्ति के भीतर इर्षा का भाव खुद को शर्मिंदा करने वाला सबसे बड़ा नर्गुण है।
रोमांस में जलन खाने में नमक की तरह है. थोड़ा तो स्वाद बढ़ा सकता है, लेकिन बहुत ज्यादा मज़ा खराब कर सकता है और कुछ परिस्थितियों में, प्राणघातक हो सकता है.
ईर्ष्या में प्यार से ज्यादा आत्म-प्रेम है।
भगवान ने हमें खुशियाँ ही खुशियाँ दी हैं, जलन और परेशानी हमारी अपनी खोज है !
एक व्यक्ति अगर अपनी तुलना सम्पूर्ण जगत से करना बंद कर दे तो उसे किसी व्यक्ति से कभी इर्षा नहीं होगी।
जो आपको मिला है, उसका अधिक मूल्यांकन न करें और न ही दूसरों से ईर्ष्या करें. वह जो दूसरों से ईर्ष्या करता है, उसे मानसिक शांति नहीं मिलती.
ईर्ष्या समय की बर्बादी है।
प्रतिस्पर्धा करना गलत नहीं है प्रतिस्पर्धा के दौरान इर्षा करना गलत है।
ईर्ष्या खुद के बजाय दूसरे व्यक्ति के अनुग्रह को गिनने की कला है.
वह जो ईर्ष्या नहीं है वह प्यार में नहीं है।
कोई व्यक्ति कितना कमज़ोर है यह देखना है तो, यह देखिए की वह कितनी लोगों से इर्षा करता है।
क्रोध, आक्रोश और ईर्ष्या दूसरों का दिल नहीं बदलते – यह केवल आपका दिल बदलते हैं.
ईर्ष्या से किस तरह का प्यार परवान चढ़ता है? आप ईर्ष्या करते हैं क्योंकि आप इस बात से अनजान हैं कि आपको जो कुछ भी चाहिए वह आपके अंदर है.
ईर्ष्या हमें आत्म-शक के भाला से चोट पहुंचाती है।
जिस प्रकार सागर रत्नों की खान है, उसी प्रकार जो शास्त्रों की खान है, उसके गुणों से भी हम संतुष्ट नहीं होते जब हम उससे ईर्ष्या करते हैं.
इर्षा एक व्यक्ति को सच्चाई से दूर कल्पना की दुनिया में ले जाती है।
ईर्ष्या में आप अपने आप में नहीं रह सकते.
जलने वाले जलते है जब आपना नाम सुनते हैं, नाम ही कुछ ऐसा है दुश्मन भी इज्जत करता है.
लोगों को अपनों से इर्षा हो जाती है, क्यूंकि वह अपनी खुशियों की कमी की तुलना उनकी ज्यादा खुशियों से करते है।
मनुष्य संदिग्ध और ईर्ष्यालु प्राणी हैं. जब वे कुछ आदर्श चीज़ देखते हैं, तो वे दोष ढूंढना चाहते हैं.
ईर्ष्या अज्ञान है।
हर इंसान की ज़िन्दगी में जलन का एक ऐसा भी मुकाम आता है, कि अपना घर उसे खण्डर और हर दूसरा मकान उसे ताजमहल नज़र आता है!
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इर्षा एक फैलने वाली बीमारी के सामान है इसलिए इर्षा से भी दूर रहिए और ईर्षालु व्यक्ति से भी दूर रहिए।
ईर्ष्या वह दर्द है, जो व्यक्ति इस आशंका से महसूस करता है कि वह उस व्यक्ति द्वारा उतना नहीं चाहा जाता, जिसे वह पूरी तरह चाहता है.
करुणा जीवित रहने के लिए है, ईर्ष्या मृतकों के लिए है।
इर्षा का कोई रिश्ता नहीं होता इसलिए वह रिश्तेदारों से भी हो जाय करती है।
ईर्ष्या एक बुरी भावना है, जो लोगों से कुछ गंभीर रूप से बहुत अनुचित व्यवहार करवा देती है और जब एक महिला यह अनुभव कर रही होती है, तो यह बदतर होता है.
ईर्ष्या हमेशा प्यार से पैदा होती है, लेकिन हमेशा इसके साथ मरती नहीं है।
Jealous Quotes in Hindi
एक ईर्षालु व्यक्ति का आत्म-सम्मान अपनी ही नज़रों से गिर जाता है।
“ईर्ष्या क्या इंगित करती है? ईर्ष्या भौतिक दुनिया में प्रकट प्रेम है. यदि आप ईर्ष्या कर रहे हैं, तो आपको क़र्ज़ चुकाना है; यदि कोई आपसे ईर्ष्या करता है, तो उसे आपका क़र्ज़ चुकाना है.
जो कोई अन्य को ईर्ष्या देता है वह अपनी श्रेष्ठता को स्वीकार करता है।
देखा दिन खराब बीतता है बिगड़ी शक्ल वालों से खूब जलने की बू आ रही है मेरे बगल वालों से
अपनों की ख़ुशी से अपनी ख़ुशी ढूंढनी चाहिए, क्यूंकि उनकी ख़ुशी से इर्षा करने वाले तो काफी हैं इस दुनिया में।
साधारण महिलायें हमेशा अपने पति से ईर्ष्या करती है. ख़ूबसूरत महिलायें कभी नहीं करती. वे हमेशा दूसरी महिलाओं के पतियों से ईर्ष्या करती हैं.
ईर्ष्या महानतम का समर्थन करती है: हवाएं सबसे ऊंची चोटियों के चारों ओर घूमती हैं।
अपनी खुद की विफलताओं के प्रतिबिंब के अलावा ईर्ष्या क्या है?
ईर्ष्या अपने ही तीरों से खुद को मार देती है।
जो आप से इर्षा करते हैं आप उन्हें नहीं बदल सकते, पर आप उनकी तरफ ध्यान देना छोड़ कर खुद को बदल सकते हैं।
किसी से बेवजह प्रेम कर लीजि,ए पर किसी से वजह होते हुए भी इर्षा न करें।
ईर्ष्या वह पहली भावना है, जो मूर्ख अनुभव करते हैं, जब वे जीनियस को देखते हैं.
इन्सान अपना दुःख तो किसी तरह बर्दाश कर लेता हैं, लेकिन वो दुसरों का सुख कभी भी बर्दाश्त नहीं कर सकता।
एक अक्कलमंद इन्सान वह है, जो दूसरों के गुणों और विशेषताओं को देखता है, उनसे सीखता है! न की दूसरों से… ईर्ष्या करता हैं।
किसी से सिर्फ इसलिए प्रेम मत करना की वह आपके दुश्मन से नफरत करता है क्यूंकि अगर वह उस से संफरत कर सकता है तो, वह आपकी जान का दुश्मन भी बन सकता है।
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।