नफ़सा नफ़सी का आलम है.. अदाकार तो मिलते है वफ़ादार नही..
ना गोरा रंग हुसैन की अलामत है और ना काला रंग बदसूरती की निशानी, कफन सफेद होकर भी खौफ की अलामत है और काबा काले गुनाह में भी आंखों की ठंडक है.
कह दो अंधेरों से कहीं और घर बना लें मेरे मुल्क में रौशनी का सैलाब आया है।
सरकार कोई भी आए, पर अच्छे दिन नमाज पढ़ने से ही आएंगे !!
मेरी औकात इस काबिल तो नहीं कि मैं जन्नत में हूं या रब दुआ बस इतनी सी है कि मुझे जहन्नम से बचा लेना.
खिड़कियों से झाँकती है रौशनी बत्तियाँ जलती हैं घर घर रात में
बेशक अच्छा वक्त सबर मांगता है.
अनोखे रंगो में लिप्त आज दिवाली की ये रात निराली है गली गली है रौशनी, और हर तरफ बस खुशहाली है।
सरकार कोई भी आए,,,, पर अच्छे दिन नमाज पढ़नेसे ही आएंगे,,,,
जिन घरों में सुबह के वक्त कुरान की तिलावत होती है उनके घर आसमान वालों के लिए यू चमकते हैं जैसे जमीन वालों के लिए सितारे.
रोशन हुई है नगरी सारी लोगों ने खुशियों के गीत गाए हैं, धन्य हो गई है धरा कि भगवान राम वनवास काटकर आए हैं।
कौन है गौसे आज़म ? जिन्होंने अपने धोबी को हुक़्म दिया के क़ब्र में मुन्कर नक़िर सवाल पूछे तो कह देना मैं गौसे आज़म का धोबी हूँ तो बख्शा जाएगा ।
मोमिन वो जिसकी महफिल पाक है, मोमिन वो है जिसकी तन्हाई पाक है.
पटाखों की आवाज से गूंज रहा संसार, दीपक की रोशनी अपनों का प्यार, मुबारक हो आपको दीपावली का त्योहार।
कौन है गौसे आज़म ? जिन्होंने माँ के पेट में ही 11 पारे हिफ्ज़ किए
अल्लाह मुझे तेरा साथ जिंदगी भर नहीं चाहिए बल्कि जब तक तू साथ है तब तक जिंदगी चाहिए.
मत जलाओ पटाखे मत जलाओ अनार, इन सब से होती जाती अपनी धरती बीमार, भुला दो नफरत सारी दिल से बस याद रखो सबसे करना प्यार, बस प्रदूषण मत होने देना तुम चाहे दीए जलाओ हजार।
अफसोस इस बात का नही कि धर्म का धंधा हो रहा है, अफसोस तो इस बात का है कि पढ़ा लिखा भी अंधा हो रहा है..
जो बुरा कहे चुप हो जाओ जो सताए सबर करो, अल्लाह की कसम ऐसी ताकत बनोगे पहाड़ भी रास्ता देगा.
रोशन हो दीपक और सारा जग जगमगाएँ, लिए साथ सीता मैय्या को राम जी हैं आएँ, हर शहर यूँ लगे मानो अयोध्या सजी हो, आओ हर द्वार हर गली हर मोड़ पे हम दीप जलाएं।
इबादत वो है जिसमें जरूरतों का ज़िक्र ना हो सिर्फ उसकी रहमतों.. का शुक्र हो.
लोग मुझे तोड़ते गए और मैं अपने अल्लाह से जुड़ता गया.
क्या बताएं ग़ालिब अपनी नौकरी, ज़िन्दगी का आलम-ए-बेबसी कि अब तो दीवाली भी रूठ कर आगे जा पहुंची
”यकीन कीजिये ”ALLAH” के फैसले हमारी ख्वाहिशों से बेहतर होते है!
जिसको तुम से सच्ची मुहब्बत होगी वो तुमको फज़ुल और नाजाइज़ कामों से रोकेगा
दिवाली की लाइट, करे सबको डिलाइट, पकड़ो मस्ती के फ्लाइट, और धूम मचाओ ऑल नाईट।
अल्लाह से पूछा गया इंसान कब बुरा बनता है, अल्लाह ने फरमाया – जब वो अपने आप को दूसरों से अच्छा समझने लगे.
तुम्हारी आँखें पटाखा, तुम्हारे होंठ राकेट तुम्हारे कान चरखड़ी, तुम्हारी नाक फुलझड़ी तुम्हारा स्टाइल अनार, तुम्हारी शख्सियत बम विश करो जल्दी वरना I am coming with अगरबत्ती
खाना रोज खाता हूं, पानी रोज पीता हूं बाजार रोज जाता हूं, मस्जिद 7 दिन में जाता हूं और कहता हूं जुम्मा मुबारक भाई !!
मेरे गलती की तो उसने पर्दा डाला, मैंने सजदे में याद किया तो उसने थाम लिया.
घर-घर हो खुशहाली, हर कोई मनाये दिवाली, गले मिलकर सबको कहो, हैप्पी दिवाली।
बच ना सका खुदा भी मोहब्बत के तकाजे से.. एक महबूब की खातिर सारा जहान बना डाला !!
मुझे इस तरह अपनी मुहब्बत में मशरूफ कर दे अल्लाह, के तोबा के बगैर मुझे नींद ना आए.
आँखो से आँसूओं की जुदाई कर दो, दिल से ग़मों की विदाई कर दो, अगर दिल ना लगे कहीं तो, आ जाओ और मेरे घर की सफाई कर दो… और याद रहे यह Offer दिवाली तक ही है।
ना किसी से गिला कर ना किसी से शिकवा कर.. 5 वक़्त की नमाज में सिरया के लिए दुआ कर !!
उम्मीद कभी मत छोड़ना, इंशा अल्लाह कल को दिन आज से बेहतर होगा
झिलमिलाते दियो की रौशनी से सजी ये महफ़िल बड़ा सताती है उसके साथ मनाई वो दिवाली मुझे बहुत याद आती है।
सुन Babu आंखों से पर्दे htalo, तेरे Rajkumar का Status आगया.,,
अल्लाह पाक इंसान से फरमाता है, मेरा हो कर तो देख हर किसी को तेरा ना बना दूं तो कहना.
Islamic Status
मेले में गर नज़र न आता रूप किसी मतवाली का फीका फीका रह जाता त्यौहार भी इस दीवाली का
मेरी बराबरी ना कर दोस्त, मेरे Islamic Status का इन्तजार तो तेरी Item भी करती है!
नमाज छोटा सा अमल और फायदा बेशुमार.
हैं खूब हासिल यूँ तो रौनकें मेरी नजरों को भी पर तू नहीं सामने तो जैसे आंखें भी खाली खाली हैं।
“मजदुर को उसका मेहनताना उसके पसीने के सूखने से पहले दे दें।”
अपने पर्दा करने पर फक्र करो क्योंकि दुनिया में किताबें बहुत है लेकिन गिलाफ सिर्फ कुरान ए मजीद पर होता है.
काश की इंतजार के इन नरम लम्हों में आ जाये तू कि तेरे बगैर लगती बड़ी ही सूनी सूनी सी ये दिवाली है।
“जो अल्लाह की रह पर खर्च करने में कंजूसी करता है, वह असल में अपने ही साथ कंजूसी करता है।”
जिन की जरूरत कम होती है वो अल्लाह के ज्यादा नजदीक होते हैं.
जल बुझूँगा भड़क के दम भर में मैं हूँ गोया दिया दिवाली का
गजब की हैं तेरी दुनियां के लोग या अल्लाह जीतनी इज्ज्त दों उत्ना दुःख देते हैं.
कोई इबादत की चाह में रोया, कोई इबादत की राह में रोया, अजब है नमाज ए मुहब्बत का सिलसिला, कोई कजा करके रोया, कोई अदा करके रोया.
दीपावली आए साथ अपने खुशियाँ लाए बिछड़े थे हम जिनके साथ बचपन में फुलझडि़यां उनकी याद लाए।
जों बन्दा अल्लाह की इबादत में खर्च में कंजूसी करता हैं, हकीकत में वों अपनें साथ ही कंजूसी करता हैं.
फितरत का तकाजा है कि इंसान जन्नत भी चाहता है और मरना भी नहीं चाहता है.
बीस बरस से इक तारे पर मन की जोत जगाता हूँ दीवाली की रात को तू भी कोई दिया जलाया कर
जो इंसान खुद से वाकिफ हैं, वह अल्लाह से अच्छी तरह वाकिफ हैं.
या अल्लाह इतना सब्र दे कितनी भी तकलीफ में हूं फिर भी मुस्कुरा सकूं.
राहों में जान घर में चराग़ों से शान है दीपावली से आज ज़मीन आसमान है
Islamic Status
कभी कबार कुछ नेकीयाँ ऐसी भी करनी चाहियें, जिनका अल्लाह के सिवाय कोई गवाह ना हों.
दुआ मांगते रहो क्योंकि मुमकिन और ना मुमकिन तो हमारी सोच है. रब के लिए तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है.
आज की रात दिवाली है दियें रौशन हैं आज की रात ये लगता है मैं सो सकता हूँ
साल तो पहले भी कई साल बदले* दुआ है इस साल उम्मत का हाल बदले
मेरा नसीब गलत हो ही नहीं सकता, जिस ने लिखा है वो 70 माओ से ज्यादा मुहब्बत करने वाला है.
वो दिन भी हाए क्या दिन थे जब अपना भी तअल्लुक़ था दशहरे से दिवाली से बसंतों से बहारों से
वज़ू से शक्ल, क़ुरान से अक्ल, और नमाज़ से नस्ल पाक होती है
जिंदगी खूबसूरत चीजों से नहीं बनती नबी के पीछे चलने से बनती है.
होने दो चराग़ाँ महलों में क्या हम को अगर दीवाली है मज़दूर हैं हम मज़दूर हैं हम मज़दूर की दुनिया काली है
“नसीब वाले ही पाते हे मौत अल्लाह के घर में, वरना हादसे तो लाख होते हे इस दुनिया में।”
कितनी अजीब है नेकियो जुस्तजू नमाज भी जल्दी में पढ़ते हैं – फिर से गुनाह करने के लिए.
जो सुनते हैं कि तिरे शहर में दशहरा है हम अपने घर में दिवाली सजाने लगते हैं
“अगर तुम अपने अंदर से गुरुर की आदत को मिटा देना चाहते हो तो, गरीब इंसान को सलाम कर दया करो।”
पहली औरत थी जिन्होंने खुद निकाह का पैगाम नबी ए पाक को भेजा, यू अल्लाह ने उनके जरिए लड़की को खुद अपना शौहर पसंद करने की आजादी दी.
हर इक मकाँ में जला फिर दिया दिवाली का हर इक तरफ़ को उजाला हुआ दिवाली का सभी के दिल में समाँ भा गया दिवाली का किसी के दिल को मज़ा ख़ुश लगा दीवाली का अजब बहार का है दिन बना दिवाली का
तुम अपने बच्चो को बस नबी की सुन्नत सिखा देना , वो खुद ही जान जायेंगे तहजीब किसको कहते है …!!
ए इब्ने – आदम कभी बिनते हवा की बेइज्जती ना करना, क्योंकि अल्लाह ने खुद कुरान में बिनते हवा के लिए सुराह निसा नाजिल की है.
एक दो ही नहीं छब्बीस दिए एक इक कर के जलाए मैंने
जो भाई इस्लामिक स्टेटस लाईक नहीं कर सकता कृपया मिञ सूची से हट जाए
उम्मीद अल्लाह पाक की जात से रखो खुशी आती होगी बेशक वोही हमारा रब है वो ही हमारा सब है.
एक दिया नाम का आज़ादी के उस ने जलते हुए होंटों से कहा चाहे जिस मुल्क से गेहूँ माँगो हाथ फैलाने की आज़ादी है
आज 100 में है कल चर्चा हज़ारों में होगी नाम लोगों के दिल-ओ-दिमाग़ में है कल फोटो अखबारों में होगी !!
सब्र रख तेरा यही सबर तुझे जन्नत तक ले कर जाएगा.
इक दिया नाम का ख़ुश-हाली के उस के जलते ही ये मालूम हुआ कितनी बद-हाली है
अभी इस्लामिक शान्त हे और दुनियादारी की चादर ओढ़ी है। पर जिस दिन दिमाग सटका ना, इतिहास तो इतिहास। भूगोल भी बदल देंगे।
मुहब्बत रब से हो तो सुकून देती है, ना खौफ जुदाई का ना डर बेवफाई का.
पेट ख़ाली है मिरा जेब मिरी ख़ाली है इक दिया नाम का यक-जेहती के रौशनी उस की जहाँ तक पहुँची क़ौम को लड़ते झगड़ते देखा माँ के आँचल में हैं जितने पैवंद सब को इक साथ उधड़ते देखा
जब मन हुआ इस कातिल दुनिया पे राज करने का तो ना गोली चलेगी ना तलवार , हमारी जूत्ती के निशान देखकर लोग कहेंगे ये “इस्लामिक “का साम्राज्य हैं !!
फर्श वाले दिल तोड़ते हैं अर्श वाला दिल जोड़ता हैं.
दूर से बीवी ने झल्ला के कहा तेल महँगा भी है मिलता भी नहीं क्यूँ दिए इतने जला रक्खे हैं अपने घर में न झरोका न मुंडेर ताक़ सपनों के सजा रक्खे हैं आया ग़ुस्से का इक ऐसा झोंका बुझ गए सारे दिए हाँ मगर एक दिया नाम है जिस का उम्मीद झिलमिलाता ही चला जाता है
अपना AttiTude उस ReVolVer की तरह है जिसे देखते ही लोगों की फट जाती है !! इस्लामिक BOYS
बहुत सुकून मिलता है मुझे तेरे सजदे में ए अल्लाह मेरी दुआ है कि मेरी रूह भी निकले तो तेरे सजदे में निकले.
घुट गया अँधेरे का आज दम अकेले में हर नज़र टहलती है रौशनी के मेले में आज ढूँढने पर भी मिल सकी न तारीकी मौत खो गई शायद ज़िंदगी के रेले में
मैं झुक नहीं सकता मैं Alla Ka अखंड भाग हूँ जला दे जो दुश्मन की रूह तक मैं वही इस्लामिक की औलाद हूँ !!
सब्र रखो और जान लो कुछ तुम से लिया गया उसके बदले कुछ अच्छा ही मिलेगा.
इस तरह से हँसती हैं आज दीप-मालाएँ शोख़ियाँ करें जैसे साथ मिल के बालाएँ हर गली नई दुल्हन हर सड़क हसीना है हर देहात अँगूठी है हर नगर नगीना है पड़ गई है ख़तरे में आज यम की यमराजी मौत के भी माथे पर मौत का पसीना है
इस्लामिक की छोरी हूँ किसी प्रमाण की ज़रूरत ना से शस्त्र शास्त्र से परिपूर्ण हूँ जब चाहे आजमा ले इस्लामिक The Dabang Attitude
रिश्तो की खूबसूरती एक दूसरे को समझने में है, बे – एब इंसान तलाश करोगे तो तन्हा रह जाओगे.
रात के करूँ मैं है आज रात का कंगन इक सुहागनी बन कर छाई जाती है जोगन क़ुमक़ुमे जले घर घर रौशनी है पट पट पर ले के कोई मंगल-घट छा गया है घट घट पर रौशनी करो लेकिन फ़र्ज़ पर न आँच आए हो निगाह सीमा पर और कान आहट पर
अगर तुम मिलजा ओ तुम्हे छोड देगे हम पगली इस्लामिक Attitute है
सब्र एक ऐसी सवारी है जो अपने सवर को गिरने नहीं देती ना किसी के कदमों में ना किसी की नजरों में.
Islamic Status
होशियार उन से भी जो निगाह फेरे हैं पाक ही नहीं तन्हा और भी लुटेरे हैं छोड़ अपनी नापाकी या बदल दे अपनी धुन मौत लेगा या जीवन दो में जिस को चाहे चुन हम हैं कृष्ण की लीला हम हैं वीर भारत के हम नकुल हैं हम सहदेव हम हैं भीम हम अर्जुन द्रोपदी से दुर्घटना दूर कर के छोड़ेंगे ऐ समय के दुर्योधन चूर कर के छोड़ेंगे
इस्लामिक से पंगा नही लेना चाहिए, क्योकी:- जिन तुफानो मेँ लोगो के घर उजड जाते है, उन तुफानो मेँ इस्लामिक अपने कच्छे सुखाते है..!
जिंदगी में खुद को कभी किसी इंसान के आदि मत बनाना, क्योंकि इंसान बहुत खुदगर्ज है जब आपको पसंद करता है तो आपकी बुराई भूल जाता है और जब नफरत करता है तो आपकी अच्छाई भूल जाता है.
क़ब्र हो समाधी हो सब को जगमगाएँगे धूम से शहीदों का सोग हम मनाएँगे तुम से काम लेना है हम को दीप-मालाओ सारे दीप की लौ से दिल की लौ बढ़ाएँगे सब से गर्मियाँ ले कर सीने में छुपाना है दिल को इस दिवाली से अग्नी बम बनाना है
अपणा Swag तो खान दाणी है अर Attitude भी इस्लामिक Ka है
खूबसूरती कपड़ों से नहीं ईल्म – ओ – अदब से होती है.
ज़माना बदल गया,मगर हम इस्लामिक वही हैं. तलवार पुरानी जरुर है, मगर काट वही है. बेशक हमसे ज़्यादा दौलत रखते होगे तुम. मगर आज भी हमारे ठाठ वही हैं ||
अगर तुम्हारी आंखें खूबसूरत है तो तुम दुनिया से मुहब्बत करोगे, लेकिन अगर जुबान खूबसूरत है तो दुनिया तुमसे मुहब्बत करेगी.
हकूमत दूसरों के दम पर तो कोई भी कर ले , जो अपने दम पर छा जाए, वो इस्लामिक हम है
या अल्लाह हमसफर वोहो जिसका साथ मुझे तेरे और करीब कर दे.
बेशक पहनलो हमारे जैसे कपडे और ज़ेवर , पर कहा से लाओगे , इस्लामिक वाले तेवर।
सुकून ढूंढता फिरता था बहारों में मगर यह मुझे मिला कुरान के तीस पारो में.
हम भी उसी रास्ते जाते है… जहाँ हमारा दुश्मन हमारा इंतज़ारकर रहा होता है….. फर्क सिर्फ इतना है शुरुवात वो करते है और_खतम हम करते है.!
वजू से शक्ल कुरान से अकल और नमाज से नस्ल पाक होती है.
“अगर तुम किसी से मुहब्बत करते हो तो, उसका हाथ थामो और कहो, आओ नमाज़ पढ़ते है।”
नहीं आता मांगने तो खाली हाथ फैला दो वो बंद लबों की बोलियां भी सुनता है
शुक्र करो हमारा मज़हब हमें इंसानियत सिखाता है वरना ज़िबह करना हमसे अच्छा कौंन जनता है
कभी-कभी अपनी लाख कोशिशों के बावजूद अल्लाह पाक आपके हालात इसलिए नहीं बदलता क्योंकि वो आपका दिल बदलना चाहता है.
Islamic Status
या अल्लाह इस रमजान को हमारे गुनाहों का माफी का जरिया बना दीजिए.
खूबसूरती एक नैमत है लेकिन सबसे खूबसूरत आपकी जुबान है चाहे तो दिल जीत ले और चाहे तो दिल तोड़ दे.
कल फुर्सत ना मिले तो क्या कर लोगे, इतनी मोहलत ना मिले तो क्या कर लोगे, रोज़ कहते हो कल पढ़ लूंगा नमाज कल अगर सांस ना मिले तो क्या कर लोगे.
नींद में भी गिरते हैं मेरी आंख से आंसू यह सोच कर के अगर रमजान में भी ना बक्शे गए तो फिर कब बक्शे जाएंगे.
अल्लाह मुझे आग के अजब से बचा ले तकलीफ में सब्र से काम लो क्योंकि सोने को आग सेआजमाया जाता है और मोमिन को तकलीफ से
किसी को अपने दरवाजे से खाली हाथ ना लौट आओ वो तुम्हारे पास आया है, इसलिए के ऊपर वाला तुम्हें इस काबिल समझता है.
तेरे सबर की कोई मिसाल नहीं है मुसलमान, लबों पर प्यास की शिद्धत और हाथ में वाजू का पानी.
जब कोई दोस्त तुमको अपना राज बताएं तो यह समझ लेना कि वो अपनी इज्जत तुमको अमानत देता है उसमें कभी खयानत ना करना.
इंसान की इज्जत करो और उससे मुहब्बत करो हर इंसान के अंदर खुदा पाक की कोई ना कोई सिफत मौजूद होती है.
पसंद उसको ना करो जो दुनिया में सबसे ज्यादा खूबसूरत हो बल्कि पसंद उसको करो जो तुम्हारी इज्जत करता हो.
ख्वाहिश जाहिल ओं को गुलाम बना कर रखती है.
किसी ने आप से पूछा इल्म बेहतर है या माल (पैसा) आपने फरमाया इल्म क्योंकि माल (पैसा) की हिफाजत आपको करनी पड़ती है और इल्म आप की हिफाजत करता है.
गुस्से की हालात में कोई फैसला ना करो खुशी की हालात में कोई वादा ना करो.
यह सोच कर नमाज मत छोड़ो के अभी जिंदगी बहुत बाकी है बल्कि यह सोचकर नमाज अदा करो कि यह मेरी जिंदगी की आखिरी नमाज है.
जो ईमान तुम्हें बिस्तर से उठाकर मस्जिद ना ले जा सके अभिमान तुम्हें कब्र से उठाकर जन्नत कैसे ले जाएगा.
सब कुछ किस्मत से नहीं मिलता कुछ चीजें दुआ मांगने से ही मिलती है.
शादी उससे करूंगा जो जबरदस्ती फज्र के लिए उठाए.
मेरे रब की मुहब्बत का अंदाज भी है निराला, सब कुछ देकर भी कहता है – है कोई मांगने वाला.
जब की दुआ मांगी बच्चों की तरह सच्चे दिल से मांग लिया भर के अदा करेगा.
हम रोजाना इनबॉक्स खोलते हैं कि हमारे दोस्त ने कौन सा मैसेज भेजा है लेकिन क्या हम रोजाना कुरान खोलते हैं कि अल्लाह ने हमें कौन सा मैसेज दिया
अल्लाह की अताओं पर अल्हम्दुलिल्लाह कहना और अपनी कथाओं पर अस्तगफिरुल्लाह कहना अल्लाह को बहुत पसंद है.
कुरान ए पाक सिर्फ चुमने, बंद करके गिलाफ में लपेटकर ऊंची जगह पर रखने के लिए नहीं उतारा गया बल्कि कुरान पाक खोलने, पढ़ने, समझकर उसको अमल करने और उसकी रोशनी दूसरों तक पहुंचाने के लिए उतारा गया है.
अल्लाह फरमाता है जब कोई तुम पर जुल्म करे तुम मेरे इंतकाम पर राजी हो जाओ, क्योंकि मेरा इंतकाम तुम्हारे इंतकाम से बेहतर है.
अपनी जिंदगी ऐसे जियो कि अल्लाह को पसंद आ जाओ बंदों की पसंद तो रोज बदल जाती है.
यूं तो वो दिलों के हाल जानता है मगर वो चाहता है कि उससे मांगा जाए रुज़ू किया जाए क्योंकि यह उसकी शान है क्योंकि वो बादशाह है.
दुआ कोई भी रद्द नहीं होती बस इंसान में सब्र होना चाहिए.
जब अल्लाह पर यकीन हो तो कोई भी इंसान मायूस नहीं हो सकता.
हमें पता भी नहीं होता कि अल्लाह किस किस मकाम पर हमें गिरने से पहले थाम लेता है.
अल्लाह सबकी सुनता है तब बस मायूस मत होना वो एक दिन हम सब को बुलाएगा अपने घर.
एक ही दुआ है मेरी अपने रब से मेरी उन गुनाहों को बख्श दे जो मेरी दुआओं को कबूल होने नहीं देते.
नसीब बेशक अल्लाह के हाथ में है लेकिन दुआ का इख्तियार उसने इंसान को दिया है.
वक्त बुरा हो या अच्छा अल्लाह कभी साथ नहीं छोड़ता.
सारी दुनिया के लोग हमें अपने फायदे के लिए चाहते हैं बस एक अल्लाह ही है जो हमें हमारे फायदे के लिए चाहता है.
दुनिया की मुहब्बत से अल्लाह नहीं मिलता लेकिन अल्लाह की मुहब्बत से दुनिया और जन्नत दोनों मिल जाती है.
अगर कभी आपका दिल बिना वजह ही बेचैन हो जाए तो जान लेना कि आपकी रूह अल्लाह का जिकर मांग रही है.
यह वो जगह है जहां सब बराबर होते हैं ना ही कोई अमीर और ना ही कोई गरीब होता है सब एक साथ खुदा को सजदा करते हैं.
नमाज मिट्टी से बने इंसान को सोना बना देती है.
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नमाज जैसी कोई इबादत नहीं, हज जैसी कोई जियारत नहीं, कुरान जैसी कोई किताब नहीं, मदीने जैसा कोई शहर नहीं, ज़मज़म जैसा कोई पानी नहीं, कलमी जैसी कोई दौलत नहीं, दरूद पाक जैसा कोई खजाना नहीं और जुम्मा जैसा कोई दिन नहीं.
दूल्हा दुल्हन के चेहरे के फूल में खुशबू मदीने की हो, दूल्हा दुल्हन के चेहरे पर रोनक जन्नत की हो, दुआ है वालिदेन की – तेरी उम्र दराज हो, दम ए आखिर तक तेरा हमसफ़र तेरे साथ हो.
खूबसूरत नसीब लड़की सबसे पहले नसीब आता है.
कभी किसी को नीची नज़र से मत देखो क्यों की तुम्हारी जो हैसियत है ये तुम्हारी क़ाबिलियत नहीं बल्कि तुम पर अल्लाह का करम है.
अच्छी लड़कियां अपनी दिल की उदासी को म्यूजिक, ड्रामा या चैटिंग से दूर नहीं करती बल्कि नमाज़, क़ुरआन और दुआ से ख़तम करती हैं, बेशक सुकून सिर्फ अल्लाह के ज़िकर में है.
दौलतमंद की आजिज़ी, जवानी की इबादत, गरीब की सखावत, गुनहगार की तौबा, अल्लाह को बहुत पसंद है.
कभी-कभी इंसान इतना थक जाता है वो अपनी बातें अल्लाह से करना चाहता है.
मेरे हर फैसले में तेरी रजा शामिल हो ए खुदा, जो तेरा हुक्म हो वो मेरा इरादा कर दे – आमीन.
तुझे क्या सुनाऊं मेरे अल्लाह तेरे सामने मेरा हाल है तेरी एक निगाह की बात है मेरी जिंदगी का सवाल है.
तुम्हारा नफ्स बहुत कीमती है इसे जन्नत से कम किसी कीमत पर मत बेचना.
दूसरों की कामयाबी पर खुश होना सीखो, अल्लाह आपको भी देने में देर नहीं करेगा.
हवाएं मौसमो का रुख बदल सकती है और दुआएं मुसीबतों का.
अल्लाह को ऊपर ऊपर तलाश मत करो बल्कि जरा सी अपनी गर्दन झुका कर अपने दिल में ही तलाश करो.
अपने लिए और दूसरों के लिए हमेशा अच्छे नसीब की दुआ करें बेशक दुआ में वो ताकत है जो नसीब बदल देती है.
तुम जन्नत ना मांगो बल्कि तुम दुनिया में ऐसे काम करो कि जन्नत तुमको मांगे.
एक दिन हजरत जिब्राइल हुजूर के पास आये और कहा अल्लाह ने मुझे इतनी ताकत दी है कि मैं सारी दुनिया के दरख्तों की पत्ते गिन सकता हूं और पानी के सारे क़तरे और रेत के सारे जर्रे गिन सकता हूं, लेकिन उस आदमी पर अल्लाह की रहमत की तादाद नहीं गिन सकता जो आप पर एक बार दरूद पड़ता है.
मेरी प्यारी अम्मी जान मेरे सारे इम्तिहान तेरे ही दम से आसान हुए.
और वो कितना हसीन लम्हा होता है जब तुम सजदे में आंसू बहा कर अपने रब से कुछ मांगो और कुछ देर बाद तुम्हें उस चीज से नवाज दे.
अल्लाह सब जानता है कि आपके लिए क्या सबसे अच्छा है और उसे कब देना है.
अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा जाना मुझे, क्योंकि जिसको जितनी जरूरत थी उसने उतना ही पहचाना मुझे.
बद्दुआ सिर्फ अल्फाज नहीं होते जिस को दुख दो उसकी आह भी बद्दुआ बन जाती है और अब बहुत इंसाफ करने वाला है.
सबसे अच्छी जिंदगी वो बसर करते हैं जो अपनी जरूरत पूरी करने के लिए अल्लाह के सिवा किसी और पर भरोसा नहीं करते.
नफरत की वादियों में मैं जी रहा हूं कब से, तू नजर – ए – करम कर दे मैं इश्क़ तुझसे कर लूं.
सिर्फ एहसास ए निदामत एक सजदा चशम तर ए खुदा, कितना आसान है मनाना तुझको.
पर्दा करना तुम्हारी मजबूरी नहीं है तुम्हारे कीमती होने का इनाम है.
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।