Hindi to Sanskrit Sentence Translation | हिंदी से संस्कृत में अनुवाद
संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन भाषा है, जो आज भी भारत में बोली जाती है। किसी भी भाषा का ज्ञान होना एक व्यक्ति के ज्ञान संग्रह की अपरिमित परिधि से होता है।
किसी भी भाषा का संपूर्ण ज्ञान जानने के लिए उस भाषा की बारे में अधिक से अधिक जानकारी होनी आवश्यक होती है। कोई भी भाषा एक प्रयास युक्त संस्कार होती है, जिससे व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को निर्धारण करता है कोई भी भाषा का ज्ञान उस भाषा के निरंतर अभ्यास और अध्ययन से प्राप्त किया जा सकता है।
अतः भाषा का ज्ञान एक ऐसा अभीष्ट कार्य है, जो कि निरंतर अभ्यास से आता है। निरंतरता अथवा अभ्यास व्यक्ति की अध्ययन शीलता को अभीष्ट पद की ओर ले जाने में मदद करता है।
कोई भी भाषा का ज्ञान उस भाषा के संपूर्ण ज्ञान के बाद आता है, जिसमें कि एक व्यक्ति को उस भाषा के बारे में शब्दकोश व्याकरण एवं प्रयोग विधि का संपूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है।
पूरे विश्व में जितनी भी कवि और लेखक होते हैं, उन सभी में यह गुण विशेष कर पाया जाता है। हिंदी अथवा संस्कृत के वाक्य अनुवाद के लिए व्याकरण तथा शब्द ज्ञान अति महत्वपूर्ण होता है।
संस्कृत में अनुवाद कैसे करें और संस्कृत में अनुवाद करना कैसे सीखे?
आप सभी को तो पता ही है, भाषा एक अभ्यास करने वाला अनुष्ठान है, जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को निर्धारित करने के साथ-साथ उनके व्यवहार को भी निखारता है। इसलिए इसे दूसरे भाषा में कह सकते हैं कि किसी भी भाषा का संपूर्ण ज्ञान लेने के लिए अथवा संस्कृत भाषा का अनुवाद करना सीखने के लिए उस भाषा के ऊपर निरंतर अभ्यास करना आवश्यक होता है।
संस्कृत का अनुवाद करने के सीखने के लिए संस्कृत भाषा के ज्ञान के क्षेत्र में शब्दकोश व्याकरण और प्रयोग पद्धति की कुंजी का ज्ञान महत्वपूर्ण होता है।
कर्ता एवं क्रिया का प्रयोग
क्रिया हमेशा कर्ता के अनुसार ही प्रयुक्त होने का कार्य करता है। कर्ता जिस भी पुरुष वचन अथवा काल का होगा। क्रिया भी उसी पुरुष वचन और काल का होने में प्रयुक्त होगा। इसके अलावा यह भी स्पष्ट है कि मध्यम पुरुष में युष्मद् शब्द (त्वम्) के रूप तथा उत्तम पुरुष में अस्मद् शब्द (अहम्) रूप में ही प्रयुक्त होता है।
बाकी जितने भी संज्ञा या सर्वनाम होते हैं, वह सब प्रथम पुरुष का ही प्रयोग किए जाते हैं।
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | वहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः (वह) |
तौ (वे दोनों) |
ते (वे सब) |
मध्यम पुरुष | त्वं (तुम) |
युवां (तुम दोनों) |
यूयं (तुम सब) |
उत्तम पुरुष | अहं (मैं) |
आवां (हम दोनों) |
वयं (हम सब) |
उदाहरण: मैं पढ़ता हूं। – अहम पठती।
दिए गए उदाहरण में कर्ता “मैं” है तथा क्रिया “पढ़ना” है।
हिंदी भाषा से संस्कृत भाषा में अनुवाद करना (hindi to sanskrit anuvad)
वर्तमान काल (Present Tense in Sanskrit)
हिंदी वाक्य | संस्कृत में अनुवाद |
बालक पढ़ रहा है। | बालकः पठति। |
बालिका जा रही है। | बालिका गच्छति। |
मैं जा रहा हूँ। | अहं गच्छामि। |
यह राम की पुस्तक है। | इदं रामस्य पुस्तकम् अस्ति। |
मैं पुस्तक पढ़ता हूँ। | अहं पुस्तकं पठामि। |
भूतकाल (Present Tense in Sanskrit)
हिंदी वाक्य | संस्कृत में अनुवाद |
मैने पढ़ा। | अहम् अपठम्। |
बालक पढ़ रहा था। | बालकः अपठत्। |
राम पढ़ रहा था। | रामः अपठत्। |
बालक पढ़ रहे थे। | बालकाः अपठन्। |
तुम जा रहे थे। | त्वं अगच्छः। |
भविष्य काल (Future Tense in Sanskrit)
हिंदी वाक्य | संस्कृत में अनुवाद |
बालक पढ़ेगा। | बालकः पठिष्यति। |
आप पढोगे। | त्वं पठिष्यसि। |
मैं पुस्तक पढ़ूंगा। | अहं पुस्तकं पठिष्यामि। |
मैं खाऊंगा। | अहं खादिष्यामि। |
पत्ते गिरेंगे। | पत्राणि पतिष्यन्ति। |
हिंदी भाषा से संस्कृत भाषा में अनुवाद (Translation Hindi to Sanskrit)
हिंदी भाषा:
संस्कृत में अनुवाद:
हिंदी भाषा
संस्कृत में अनुवाद
संस्कृत भाषा से हिंदी भाषा में अनुवाद (Translation Sanskrit to Hindi)
संस्कृत भाषा
हिंदी में अनुवाद
अपठित संस्कृत श्लोका का हिंदी भाषा में अनुवाद
संस्कृत श्लोकाः
हिंदी भाषा में अर्थ:
संस्कृत श्लोका
हिंदी भाषा में अनुवाद
संस्कृत श्लोका
हिंदी भाषा में उनके अर्थ
संस्कृत श्लोका
हिंदी भाषा में उनके अर्थ
इस लेख में आपने सीखा संस्कृत में कैसे अनुवाद (translate hindi to sanskrit) करते हैं। हिंदी भाषा से संस्कृत भाषा में अनुवाद (sanskrit to hindi translation) करने के लिए किस तरह की शब्दकोश व्याकरण एवं प्रयोग विधि का जरूरत होती है। तथा संस्कृत भाषा में करता एवं क्रिया का प्रयोग और इसके साथ संस्कृत भाषा को वर्तमान काल भूतकाल एवं भविष्य काल वाक्य में कैसे अनुवाद करते हैं।
इसके साथ ही हमने जाना कि कुछ संस्कृत गद्यांश एवं पद्यांश को हिंदी भाषा में किस तरह अनुवाद किया जाता है। आप अपने सुझाव को नीचे कमेंट में जरूर करें तथा इस लेख को अपने साथियों के साथ शेयर करें।
संस्कृत व्याकरण
संस्कृत धातु रुप | संस्कृत वर्णमाला | लकार |
संस्कृत में कारक | संस्कृत में संधि | समास प्रकरण |
प्रत्यय प्रकरण | उपसर्ग प्रकरण | संस्कृत विलोम शब्द |