भारत में विभिन्न जाति धर्म के लोग हैं, जिसके कारण यहां विभिन्न तरह के पर्व मनाए जाते हैं। लेकिन एकमात्र राष्ट्र पर्व ऐसा है, जो भारत के हर एक धर्म के लोग मनाते हैं। क्योंकि राष्ट्र पर्व किसी धर्म या जाति से संबंधित ना होकर हर एक भारतीयों का पर्व होता है।
गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस साल 2024 को भारत में 75 वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।
गणतंत्र दिवस के दिन स्कूल कॉलेज में बच्चों को निबंध लेख दिया जाता है ताकि बच्चे निबंध के जरिए गणतंत्र दिवस कब, क्यों मनाया जाता है और इसके महत्व के बारे में जान सके।
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गणतंत्र दिवस पर निबंध (Gantantra Diwas Par Nibandh)
यहां गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में शेयर कर रहे हैं यह निबन्ध बहुत ही सरल और साधारण भाषा के साथ ही अलग अलग शब्द सीमा में लिखे गये है।
यहां पर गणतंत्र दिवस पर निबंध 150, 200, 250, 300, 400, 500, 600, 800 और 1000 शब्दों में शेयर किये है।
गणतंत्र दिवस पर निबंध 150 शब्दों में
गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस मनाने की शुरुआत 26 जनवरी 1950 से हुई थी। यह दिन हमारे देश के संविधान को अपनाने के याद में मनाया जाता है।
26 नवंबर 1949 को हमारे देश के संविधान को संविधान सभा के द्वारा स्वीकार किया गया था और 26 जनवरी 1950 को इसे पूरे भारत में लागू किया गया था। इस तरह देश में संविधान लागू होते ही हमारा देश एक लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।
26 जनवरी के दिन हर साल भारत की राजधानी नई दिल्ली में कर्तव्यपथ (राजपथ) पर बहुत बड़ा समारोह आयोजित किया जाता है। उस समारोह में दूसरे देश से विशेष व्यक्ति को चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया जाता है। इससे हमारे देश की विदेश नीति और भी ज्यादा मजबूत होती है।
उसके बाद देश के राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं। वहां उपस्थित सभी लोग खड़े होकर राष्ट्रगान करते हैं। उसके बाद हमारे देश की तीनों सेना थल सेना, जल सेना और वायु सेना की रेजिमेंट अपने बहादुरी को प्रदर्शित करते हुए परेड करती हैं।
इसके साथ ही हमारे देश के विभिन्न धर्म और संस्कृति को दर्शाती हुई झांकियां भी निकाली जाती है। इस दिन हमारे देश के प्रधानमंत्री हमारे देश को संबोधित करते हुए स्पीच भी देते हैं।
गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में 200 शब्द (essay on republic day 200 words)
हमारे देश में प्रतिवर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। देश भर में 26 जनवरी का दिन एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हमारे देश में इस राष्ट्रीय पर्व को मनाने का कारण यह है कि हमारे देश में ऐसी दिन आजादी के बाद में सविधान को लागू किया गया था।
देश में 26 जनवरी 1950 को सविंधान लागू होने के बाद में प्रतिवर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे देश में 26 जनवरी के दिन के दिन हर सरकारी कार्यालय में आयोजन और तिरंगा लहराया जाता है।
साथ ही साथ इस दिन हर जगह सांस्कर्तिक कार्यक्रम का आयोजन होता है। दिल्ली के लाल किले पर हमारे देश की तीनों सेनाओं के द्वारा भव्य प्रदर्शन किया जाता है। हमारे देश की वायु सेना के द्वारा आसमान में तिरंगा लहराया जाता है। हमारे देश का सविधान जिसे डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की अधयक्षता में लिखा गया।
हमारे इस के सविधान को लिखने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। देश का सविधान आजादी के बाद लिखना शुरू किया गया था। सविधान पूरा लिखा जाने के बाद इसे पुरे देश में 26 जनवरी 1950 के दिन लागू किया गया था।
गणतंत्र दिवस पर निबंध 250 शब्दों में (essay on republic day 250 words)
26 जनवरी का दिन भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत में गणतंत्र और संविधान लागू हुआ था। इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है और इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। 26 जनवरी के दिन संविधान लागू होते ही भारत पूरी तरह से लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया था।
26 जनवरी को तीनों भारतीय सेनाओं (जल, थल और नभ) के द्वारा भव्य परेड किया जाता है, जो विजय चौक से प्रारंभ होकर इंडिया गेट पर समाप्त होती है। भारतीय सेनाओं के द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है तथा अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन किया जाता है। देश की राष्ट्रीय शक्ति का प्रभाव दिखाया जाता है।
इसके पश्चात सभी राज्यों द्वारा अपनी झांकियों के माध्यम से संस्कृति और परंपरा की प्रस्तुति दी जाती है। तत्पश्चात भारतीय वायु सेना द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के रंग (केसरिया, सफेद और हरा) की तरह आसमान से फूलों की बारिश की जाती है।
यह दिन खास तौर पर सरकारी संस्थान और शिक्षण संस्थाओं में बहुत खास तरीके से मनाया जाता है। इस दिन ध्वजारोहण झंडा वंदन के पश्चात राष्ट्रगान जन-गण-मन का गायन किया जाता है और देश भक्ति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
आजादी के पश्चात ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के लिए स्थाई संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए कहा गया। 4 नवंबर 1947 को डॉ. बी. आर. अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान का प्रारूप सदन में स्थापित किया गया।
भारत का संविधान 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन में बनकर तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को इस को संपूर्ण भारत में लागू कर दिया गया।
गणतंत्र दिवस पर निबंध 300 शब्दों में (republic day par nibandh)
प्रस्तावना
प्रतिवर्ष 26 जनवरी के दिन भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन ही भारत का संविधान लागू किया गया था और इसीलिए हम सब लोग इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। साथ ही 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश भी मनाया जाता है।
26 जनवरी के अलावा स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती को भी राष्ट्रीय अवकाश सरकार द्वारा घोषित किया हुआ है। 26 जनवरी 1950 में भारतीय संसद में भारत के संविधान लागू किया गया, उसके बाद हमारा देश पूरी तरह से एक लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।
गणतंत्र दिवस पर भव्य कार्यक्रम
26 जनवरी के दिन भारतीय सेना द्वारा भव्य कार्यक्रम भी किया जाते हैं। जिनमें उनके द्वारा एक भव्य परेड की जाती है, जो कि विजय चौक से शुरू होकर इंडिया गेट पर खत्म होती है। 26 जनवरी के शुभ अवसर पर भारत की तीनों सेना जल थल और नभ द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है।
साथ ही भारतीय सैनिकों द्वारा आधुनिक हथियारों और टैंकों का भी प्रदूषण किया जाता है। भारतीय सेना द्वारा परेड का कार्यक्रम होने के बाद सभी राज्यों द्वारा कई सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम की भी प्रस्तुति की जाती है।
26 जनवरी का कार्यक्रम देशभर के स्कूलों में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही स्कूलों में 26 जनवरी यह दिन कई भिन्न-भिन्न प्रकार के भव्य कार्यक्रम भी किए जाते हैं।
गणतंत्र दिवस का इतिहास
भारत देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी और आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी की मीटिंग स्थापित की गई थी, जो कि 28 अगस्त 1947 को थी।
28 अगस्त 1947 के स्थाई संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए कहा गया उसके पश्चात 4 नवंबर 1947 को डॉ भीमराव की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारूप को सदन में पेश किया गया।
2 वर्ष 11 माह और 18 दिनों में संविधान को बनाकर तैयार कर दिया गया। आखिरकार संविधान को लागू करने के लिए इंतजार की घड़ी समाप्त हुई, वह 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को संपूर्ण देश के लिए लागू कर दिया गया।
उपसंहार
26 जनवरी के दिन स्कूल कॉलेजों में विद्यार्थी परेड, खेल, नाटक, भाषाण निबंध लेखन जैसे कई सामाजिक अभियान को भी चला जाता है।
साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों के किरदार निभाते कर कई अलग-अलग प्रकार के नाटक भी किए जाते हैं। साथ ही इसी दिन संपूर्ण भारतीयों को अपने देश को शांतिपूर्ण व विकसित बनाने के लिए प्रतिज्ञा करनी चाहिए।
गणतंत्र दिवस पर निबंध 400 शब्द (nibandh on gantantra diwas)
प्रस्तावना
प्रतिवर्ष भारत में 26 जनवरी के दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में नागरिकों द्वारा बहुत ही खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन को लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व को सम्मान देने के लिए आयोजित जाता है।
26 जनवरी 1950 से लेकर वर्तमान समय तक भारत में 26 जनवरी के दिन को नियमित रूप से काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को संपूर्ण देश में सरकारी अवकाश घोषित किया हुआ है। मुख्य रूप से इस पर्व को स्कूल कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों पर आयोजित किया जाता है।
26 जनवरी के दिन दिल्ली की भारतीय सेना परेड
भारतीय सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राजधानी नई दिल्ली में एक बहुत ही भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में इंडिया गेट पर एक बहुत ही शानदार परेड का आयोजन भी होता है। सुबह के समय ही इस महान कार्यक्रम को देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग राजपथ पर इकट्ठा हो जाते हैं।
इसके अलावा विजय चौक पर तीनों सेनाओं द्वारा कई भिन्न भिन्न प्रकार की कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है। साथ ही इस राष्ट्रीय पर्व के दिन देश के कई आधुनिक अस्त्र-शस्त्र का भी प्रदर्शन होता है।
26 जनवरी के दिन राष्ट्रीय उत्सव
भारत में गणतंत्र दिवस के दिन को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में तो मनाया ही जाता है। साथ ही यह दिन भारतीय नागरिकों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होता है। 26 जनवरी के दिन समाचार देखकर या स्कूल में भाषण के द्वारा भारत की आजादी से संबंधित कई प्रतियोगिताएं भी होती है।
साथ ही इस देश का सबसे बड़ा 26 जनवरी का कार्यक्रम देश की राजधानी में रखा जाता है। जहां पर झंडारोहण, राष्ट्रगान किया जाता है। उसके बाद भारतीय सेनाओं द्वारा अलग-अलग कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।
रंगारंग कार्यक्रम
गणतंत्र दिवस के इस पर्व को मनाने के लिए स्कूल, कॉलेजों के विद्यार्थी बेहद उत्साहित तो रहते ही है। साथ ही इनकी एक महीने पहले से ही इस कार्यक्रम के लिए तैयारियां शुरू हो जाती है।
इसी दिन में विद्यार्थियों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कई बेहतरीन प्रदर्शन किया जाता है तो उनको पुरस्कार इनाया प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाता है।
इसके अलावा 26 जनवरी के दिन देशभर में कई भिन्न भिन्न प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम को भी आयोजित किया जाता है। 26 जनवरी के दिन सुबह 8:00 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत हो जाती है।
उपसंहार
भारत देश में प्राचीन समय से ही संस्कृति चली आ रही है। भारत की आजादी के बाद विविधता में एकता के अस्तित्व को दिखाने के लिए देश में विभिन्न राज्यों में खास सांस्कृतिक परंपरा और प्रगति को दर्शाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे जाते हैं।
जिन कार्यक्रम के माध्यम से लोक नृत्य, गायन, नृत्य और वाद्य यंत्रों को बजाया जाता है। इसके अलावा इस कार्यक्रम के अंत में भारत देश के तिरंगे के रूप में (केसरिया सफेद और हरा) फूलों की बारिश वायु सेना द्वारा आसमान की ऊंचाइयों में की जाती है।
इसके अलावा संपूर्ण राष्ट्र में शांति को प्रदर्शित करने के लिए कुछ रंग-बिरंगे गुब्बारों को भी आसमान में छोड़ा जाता है।
निष्कर्ष
26 जनवरी के दिन सभी नागरिकों को यह वादा करना चाहिए कि वह अपने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे। साथ ही देश को समर सत्ता और शांति के साथ आगे बढ़ाएंगे और देश के विकास में भी सहयोग करेंगे।
26 जनवरी पर निबंध 500 शब्द (gantantra diwas nibandh)
प्रस्तावना
26 जनवरी के दिल को भारत के संपूर्ण राष्ट्रीय पर्व में से एक माना जाता है। इस विशेष दिन को संपूर्ण भारत देशभर में काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 के दिन भारतीय संविधान के उपलक्ष्य में में हर वर्ष गणतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास
जितना रोचक 26 जनवरी का दिन है, उससे भी कई रोचक इस दिन का इतिहास है। 26 जनवरी की शुरुआत 26 जनवरी 1950 से हुई थी। भारत सरकार अधिनियम को हटाकर भारत के संविधान को लागू किया गया था और 1950 से लेकर अब तक के रूप में माना जाता है और इसको गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
26 जनवरी की शुरुआत 1950 से भी पहले एक बार हुई थी वह दिन 26 जनवरी 1930 था और इसी दिन कांग्रेस ने पहली बार पूर्ण स्वराज की मांग रखी थी।
इसकी शुरुआत 1929 में लाहौर में पंडित जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस अधिवेशन के दौरान यह प्रस्ताव पारित किया गया कि 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी सरकार भारत द्वारा ‘डोमीनियन स्टेटस’ नही घोषित किया तो भारत अपने आप को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा।
फिर 26 जनवरी 1930 के दिन अंग्रेजी हुकूमत से किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं आया, तो कांग्रेस ने संपूर्ण भारत को स्वतंत्रता निश्चित कर दिया गया।
फिर अपना सक्रिय आंदोलन शुरू किया गया और अंत में 15 अगस्त 1947 के दिन हमारा देश स्वतंत्र हो गया। 26 जनवरी के इस ऐतिहासिक दिन को देखते हुए आज भी इस दिन को संपूर्ण देशभर में काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस का महत्व
26 जनवरी के दिन महत्व हमारे अंदर आत्म गौरव भरना है तथा हमें स्वतंत्रता की अनुभूति करवाता है। यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश में काफी हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को आयोजित जाता है और गणतंत्र दिवस का यह पर्व सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
क्योंकि इसी दिन हमारे देश में संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी को महत्व देशभर में लोकतांत्रिक गणतंत्र दिवस के रूप में दिया जाता है।
26 जनवरी के दिवस को मनाने का उद्देश्य
26 जनवरी के दिवस को मनाने के क्या क्या उद्देश्य है, वह निम्न है:
- 26 जनवरी के पर्व को मना कर संपूर्ण देश के नागरिकों को इसके बारे में अवगत कराया जाता है।
- 26 जनवरी के पर्व का आयोजन इसलिए किया जाता है ताकि वर्तमान समय की पीढ़ी को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में याद दिलाया जा सके।
- 26 जनवरी के दिन कई सांस्कृतिक सामाजिक कार्यक्रम को आयोजित किया जाता है, जिसके माध्यम से देश की संस्कृति को कायम रखना।
निष्कर्ष
गणतंत्र दिवस का यह राष्ट्रीय पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व के मानचित्र पर एक गणतंत्र देश के रूप में स्थापित हुआ था और इसी के कारण देश के हर एक कोने में इस पर्व को बहुत ही धूमधाम व हंसी खुशी के साथ मनाया जाता है।
26 जनवरी पर निबंध 600 शब्द (gantantra diwas essay in hindi)
प्रस्तावना
भारत का गणतंत्र दिवस 26 जनवरी है और सन 1950 में हमारे देश में संविधान को लागू किया गया। गणतंत्र दिवस के साथ-साथ भारत के 3 राष्ट्रीय पर्वों को भी इसी तरह मनाया जाता है और इस पर्व को हर एक जाति व संप्रदाय द्वारा काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं?
गणतंत्र दिवस को मनाने का मुख्य कारण इस दिन हमारे देश के सविधान का प्रभाव आया था। हालांकि इसके अलावा इस दिन को एक और ऐतिहासिक दिन के तौर पर मनाया जाता है।
इसी दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत को 26 जनवरी 1930 को पूर्णता स्वतंत्र घोषित किया था और इसीलिए इस दिन को संविधान की स्थापना के लिए भी चुना गया।
भारत का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस
26 जनवरी का दिन कोई साधारण दिन नहीं है, यह वह दिन है, जो कि हमारे देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है। वैसे तो भारत 15 अगस्त 1947 के दिन है। स्वतंत्र हो गया लेकिन इस दिन लोकतांत्रिक गणतंत्र राज्य बनाने के लिए भारत सरकार ने इसी दिन भारतीय संविधान की शुरुआत की थी।
26 जनवरी के दिन भारत के सरकार अधिनियम को हटाकर भारत ने नवनिर्मित संविधान को लागू करके देश को गणतंत्र राज्य बनाया गया।
गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- 26 जनवरी के दिन पहली बार पूर्ण स्वराज्य का कार्यक्रम मनाया गया, जिसमें अंग्रेजों की हुकूमत से पूरी तरह से आजादी मिलने का भी प्रण लिया गया था।
- गणतंत्र दिवस के दिन परेड के दौरान क्रिस्चियन ध्वनि बजाई जाती है, जिसका नाम अबाईड वीथ मई है। क्योंकि यह ध्वनि महात्मा गांधी के प्रिय ध्वनियों में से एक है।
- भारत के पहले गणतंत्र समारोह में मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।
- गणतंत्र दिवस का समारोह राजपथ पर पहली बार वर्ष 1955 को आयोजित किया था।
- भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारतीय सेनाओं द्वारा भारत के राष्ट्रपति को 31 तोपों की सलामी दी जाती है।
निष्कर्ष
गणतंत्र दिवस हमारे राष्ट्रीय पर्व में से एक है और इस दिन का हर नागरिक को सम्मान करना चाहिए और गणतंत्र दिवस के महत्व का एहसास होना चाहिए।
26 जनवरी के दिन भारत की सेनाओं द्वारा शक्ति प्रदर्शन किया जाता है, जो कि इस बात का संकेत देने के लिए होता है कि हम अपनी रक्षा करने में संपूर्ण सक्षम है।
गणतंत्र दिवस पर निबंध 800 शब्द (ganatantra divas nibandh)
प्रस्तावना
गणतंत्र दिवस की शुरुआत 26 जनवरी 1950 को हुई, जब हमारे देश में भारतीय सरकार अधिनियम को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया। तब से ही हमारे देश और गणतंत्र को सम्मान देने के लिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता हैं।
इसका इतिहास महत्वपूर्ण घटना से है 26 जनवरी 1930 से हुई थी। जब कॉन्ग्रेस ने पूर्ण स्वराज की मांग रखी थी।
लाहौर में 1929 मे पंडित जवाहर लाल नेहरु की अध्यक्षता में कॉन्ग्रेस अधिवेशन में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि यदि भारत को यदि स्वायत्त शासन दिया गया तो भारत स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर देंगा।
इसके बाद 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी सरकार ने कांग्रेस की इस मांग का कोई जवाब नहीं दिया। उस दिन से कांग्रेस में भारत को पूर्ण स्वतंत्रता दिलाने के लिए सक्रिय आंदोलन प्रारंभ कर दिया। इसके फलस्वरुप 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया।
26 जनवरी के महत्व को ध्यान रखते हुए गणतंत्र की स्थापना के लिये चुना गया। हमारे देश का संविधान प्रभावी हुआ। हमारा देश विश्व में गणतांत्रिक देश रुप में स्थापित हुआ।
आज के समय में अपने संविधान के कारण हम स्वतंत्र रूप से कोई फैसला ले सकते है। 26 जनवरी 1930 को पहली बार पूर्ण स्वराज्य का कार्यक्रम मनाया गया।
गणतंत्र दिवस में परेड के समय एक क्रिश्चियन धुन बजाई जाती है। यह गांधीजी की पसंदीदा धुन में से एक है। प्रथम गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया की राष्ट्रपति सुकणौ थे।
गणतंत्र दिवस का समारोह
गणतंत्र दिवस का राजपथ में आयोजन 1955 में किया गया था। भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के दिन राष्ट्रपति को 31 तोपो की सलामी दी जाती हैं। हर साल 26 जनवरी को दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जाता हैं।
शुरु से ही इस में विदेशी अतिथियों को बुलाने की परंपरा रही हैं। कई बार एक से अधिक अतिथि आते हैं। राष्ट्रपति सर्वप्रथम झंडा फहराते हैं।
इसके बाद सभी खड़े होकर राष्ट्र गान गाते हैं। इसके बाद कई प्रकार की सांस्कृतिक व पारंपरिक झांकियां निकाली जाती है, जो कि देखने में बहुत ही मनमोहक लगती हैं।
विद्यालयों में गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस समारोह को मनाने के लिये स्कूल तथा कॉलेज के बच्चे बहुत ही ज्यादा खुश होते हैं। इसकी तैयारी वह महीना भर पहले शुरु कर देते हैं।
वह पी.टी.,परेड व अन्य प्रकार के कार्यक्रम की तैयारी करते हैं और इस अवसर पर विद्यार्थियों को अकादमी में शिक्षा, विज्ञान खेलकूद आदि क्षेत्रो में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत व सम्मानित किया जाता हैं।
इस दिन के समारोह का आयोजन बड़े स्टेडियम किया जाता हैं। आम जनता और बच्चों के अभिभावक आदि लोग उपस्थित होते हैं। अंत में बच्चों को लड्डू और मिठाई दी जाती हैं। दिल्ली राजपथ में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह का प्रसारण टी.वी. पर किया जाता हैं।
26 जनवरी के दिन मनाया जाने वाला हमारा गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस हर भारतीय में आत्म गौरव भरने का काम करता हैं। हमें पूर्ण स्वतंत्रता की अनुभूति कराता हैं। यही कारण है 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह को हमारे यहां धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं।
भारतीयों के लिए गणतंत्र दिवस का समारोह
यह पर्व हम भारतवासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यही वो दिन है, जो हमें हमारे संविधान का महत्व बतलाता हैं। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, परंतु भारत को उसका वास्तविक अस्तित्व 26 जनवरी को ही मिला हैं।
26 जनवरी गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि हमारे देश का संविधान व इसका गणतांत्रिक रुप ही हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोडता हैं।यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र में गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ।
इस दिन हम सभी नागरिकों को प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि हम भारत के संविधान की गरिमा को बनाए रखेंगे। इसकी सुरक्षा करेंगे और शांति व समरसता को बनाये रखेंगे और देश के विकास में सहयोग देंगे।
गणतंत्र दिवस भारत में एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार जिसको सभी सरकारी कार्यालयों में आयोजित किया जाता है। सभी सरकारी दफ्तरों में इस दिन झंडा रोहन किया जाता है। यह पर्व सविधान लागु करने के उपलक्ष में मनाया जाता है। भारत में इस दिन स्कूलों में सांस्कारिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है।
निष्कर्ष
देश में स्वतंत्रता दिवस के साथ साथ गणत्रत दिवस को बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। भारत में 26 जनवरी के दिन यह त्यौहार मनाया जाता है। देश में यह दिन जिसे देश का दिन भी माना जाता है। भारत में इस दिन लाल किले पर कार्यक्रम का आयोजन होता है।
गणतंत्र दिवस पर निबंध 1000 शब्दों में
प्रस्तावना
हमारा देश विभिन्नताओं में एकता वाला देश है। यहां पर पूरे साल विभिन्न तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। हालांकि ज्यादातर त्यौहार विशेष धर्म और जाति से संबंधित होते हैं लेकिन एकमात्र राष्ट्रीय पर्व ही ऐसा है, जो किसी धर्म या संप्रदाय से संबंधित ना होकर भारत में निवास कर रहे हर एक नागरिकों से संबंधित होता है।
भारत में दो राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं एक स्वतंत्रता दिवस और दूसरा गणतंत्र दिवस। गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस क्या होता है?
भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमें पता है लेकिन भारत केवल लोकतांत्रिक ही नहीं यह एक गणतंत्र देश भी है। इसीलिए इसे लोकतांत्रिक गणराज्य कहा जाता है। गणतंत्र देश का अर्थ एक ऐसा देश होता है, जहां पर राष्ट्र की सत्ता वंशानुगत ना होकर जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के द्वारा होती हैं।
भारत गणतंत्र देश होने के कारण ही यहां पर हर 5 साल में चुनाव होते हैं, जिसमें देश के नागरिक अपने मत के अधिकार का प्रयोग करते हुए एक सही उम्मीदवार का चयन करते हैं, जिनके हाथों में अगले 5 वर्षों के लिए देश की बागडोर दी जाती है।
इस तरह गणतंत्र दिवस उस दिन की याद दिलाता है, जिस दिन हमारे देश को लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में पहचान मिली।
गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?
गणतंत्र दिवस मनाने का महत्वपूर्ण कारण है कि इसी दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और भारत को एक गणतांत्रिक देश की पहचान मिली थी। भारत में सत्ता वंशानुगत ना हो, भारत के नागरिकों को खुद की सरकार चुनने का अधिकार दिया जाए।
इसके साथ ही भारत के नागरिकों को लोकतांत्रिक होने का एहसास दिलाने के लिए उनके पास कुछ मौलिक अधिकार और कुछ कर्तव्य हो उसके लिए देश के संविधान बनाने का निर्णय लिया गया था।
डॉ बी.आर अंबेडकर की अध्यक्षता में 9 दिसंबर 1946 को देश के संविधान बनाने की शुरुआत की गई। लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिन के बाद हमारे देश का संविधान बनकर तैयार हो गया।
देश के संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को स्वीकारा और अगले ही साल 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में भारतीय संविधान को लागू कर दिया।
इस तरह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान भारत के संविधान को पूरे देश में लागू करने की याद में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है यह हम जानते हैं क्योंकि उसी दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। लेकिन देश के संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का ही दिन क्यों चुना गया था। क्योंकि देश का संविधान तो 26 नवंबर 1949 को ही स्वीकार कर लिया गया था।
इसके पीछे का इतिहास भी काफी रोचक है। 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद होने के बाद भारत एक लोकतांत्रिक देश बना था और भारत का संविधान लागू होने के बाद यह लोकतांत्रिक गणराज्य बना।
लेकिन भारत को आजाद होने से पहले ही इसे लोकतांत्रिक यानी की पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया गया था। दरअसल दिसंबर 1929 में लाहौर में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था।
उस अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश सरकार से 26 जनवरी 1930 को भारत को एक डोमिनियन का दर्जा देने की मांग की थी। इसके साथ ही यह भी चेतावनी दी थी कि अगर यह मांग पूरी नहीं हुई तो भारत को पूर्ण स्वराज के रूप में घोषित कर दिया जाएगा।
26 जनवरी 1930 का दिन आया लेकिन उस दिन ब्रिटिश सरकार की तरफ से कोई भी जवाब नहीं दिया गया, जिसके बाद विभिन्न क्रांतिकारियों ने मिलकर आंदोलन किया।
सभी क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश राज से स्वतंत्र भारत को अपना स्ल राज्य बनाने की प्रतिज्ञा ली थी। इस तरह 26 जनवरी को ही देश को पूर्ण स्वराज बनाने के लिए देश की क्रांतिकारी के द्वारा प्रतिज्ञा ली गई थी। उस याद में भी गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस के दिन स्कूल कॉलेज में भी विभिन्न तरह के कार्यक्रम होते हैं और विभिन्न तरह की प्रतियोगिता आयोजित होती है। बच्चे गणतंत्र दिवस पर भाषण देते हैं।
बच्चों को गणतंत्र दिवस के ऊपर लेख लिखने के लिए भी दिया जाता है। इस तरह गणतंत्र दिवस के दिन हर एक भारतीयों में हर्ष और उल्लास देखने को मिलता है।
गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है?
हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत की राजधानी नई दिल्ली में बहुत बड़ा कार्यक्रम का आयोजन होता है। यह कार्यक्रम कर्तव्य पथ जिसका पहले नाम राजपथ था, वहां पर आयोजित होता है।
इस कार्यक्रम में देश के सभी महत्वपूर्ण नेता उपस्थित होते हैं। इसके साथ ही इस कार्यक्रम में दूसरे देश के भी विशेष व्यक्तियों को मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल किया जाता है। इससे हमारे देश की विदेश नीति को मजबूत बनाने का अवसर मिलता है।
गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति के द्वारा ध्वज फहराया जाता है। उसके बाद वहां उपस्थित सभी लोग खड़े होकर राष्ट्रीय गान करते हैं। उसके बाद हमारे देश के प्रधानमंत्री कर्तव्य पथ पर अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं।
उसके बाद हमारे देश की तीनों सेना वायु सेना, जल सेना और थल सेना के द्वारा बहादुर और शौर्य को प्रदर्शित करता हुआ परेड किया जाता है। गणतंत्र दिवस के मुख्य कार्यक्रम का एक खास आकर्षण सांस्कृतिक और पारंपरिक झांकियां भी होती हैं।
इन झांकियों से पता चलता है कि हमारे देश में विभिन्न तरह के धर्म जाति के लोग हैं और उनकी अपनी – अपनी संस्कृति और परंपरा है लेकिन उसके बावजूद सभी में एकता है।
गणतंत्र दिवस के बारे में रोचक तथ्य
- गणतंत्र दिवस के दिन कर्तव्य पथ पर कार्यक्रम आयोजित होता है लेकिन सबसे पहला गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित हुआ था।
- वर्ष 1955 में पहली बार कर्तव्य पथ पर परेड हुआ था, जिसमें मुख्य अतिथि पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद थे।
- 1950 में पहला गणतंत्र दिवस हुआ था, उस दिन के परेड में 3000 भारतीय सैन्य कर्मी और 100 से भी अधिक विमान ने परेड में हिस्सा लिया था।
- गणतंत्र दिवस पर हमेशा दूसरे देश से मुख्य अतिथि बुलाए जाते हैं। सबसे पहला गणतंत्र दिवस में आमंत्रित किए जाने वाले पहले मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।
- गणतंत्र दिवस के दिन “एबाइड विद मी” के नाम से एक खास प्रकार का ईसाई धुन बजाया जाता है। कहते हैं यह गांधी जी की पसंदीदा धुनों में से एक थी।
निष्कर्ष
गणतंत्र दिवस हर एक भारतीयों का पर्व है क्योंकि यह एक राष्ट्रीय पर्व है। गणतंत्र दिवस एक ऐतिहासिक पर्व है, जो हमें हमारे देश के इतिहास की याद दिलाता है। यह दिन खास है क्यों यह हमारे देश के गणतंत्र होने के महत्व को दर्शाता है।
अंतिम शब्द
इस तरह इस लेख में गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में (republic day essay in hindi) के जरिए आपने गणतंत्र दिवस के बारे में सारी जानकारी प्राप्त की।
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