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तीतर पक्षी पर निबंध

Essay on Teetar Bird in Hindi: हम यहां पर तीतर पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में तीतर के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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तीतर पक्षी पर निबंध | Essay on Teetar Bird in Hindi

तीतर पक्षी पर निबंध (200 शब्द)

सभी पक्षियों में तीतर सबसे अलग पक्षी कहलाता है। प्राचीन समय से तीतर का इस पृथ्वी पर अस्तित्व रहा है। आज पुरे विश्व में तीतर की लगभग 40 प्रजातियां मौजूद है।  तीतर पक्षी का वैज्ञानिक Perdix हे। अफ़्रीका , यूरोप और एशिया में ज्यादातर जगह पर पाए जाते हे।

नर तीतर और मादा तीतर की शारीरिक रचना थोड़ी अलग है। तीतर पक्षी का रंग भूरा काला और लाल होता है। उनके पंख पर भूरे रंग की धारिया नजर आती है। इस पक्षी के पंजे मजबूत और नुखिले होते हे। अपने पंजे का उपयोग करके वो झड़प से दौड़ सकते हे।

तीतर अपने घोंसला ज़मीन पर बनाते है। अपने  घोसले में मादा तीतर करीब 4 से लेकर 8 के आसपास अंडे देती हे। इस पक्षी के बच्चें जन्म के दौरान ही चलने लगते हे। इस पक्षी को अकेले ही रहना काफी पसंद है।

तीतर को खाने के लिए अनाज़ , फ़ल , छोटे किटक , छोटे सरीसृप ज्यादा पसंद है।  तीतर पक्षी  दिन के दौरान काफी सक्रीय होते है। उनकी आवाज़ बहुत दूर तक सुनाई देती हे। तीतर पक्षी ज़्यादातर  खेतों में , जंगलों में और झाड़ियों में रहना पसंद करता है।

तीतर का जीवनकाल लगभग 8 साल के करीब होता है। खेतो में कीटनाशकों के छिड़काव के कारण यह पक्षी विलुप्ति के कगार पर है। यह पक्षी आपको  शहरों से ज़्यादा गावों में देखने को मिल जायेंगे।

तीतर पक्षी पर निबंध (600 शब्द)

प्रस्तावना

भारत देश में हर प्रकार के पक्षी पाये जाते है, जिनमें से तीतर एक विशिष्ट पक्षी है। तीतर प्राचीन काल से भारत में देखने को मिलते है।तीतर पक्षी किसानों के अच्छे दोस्त कहलाते है। दुनिया में कुल मिलाकर इनकी 40 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है।  वैज्ञानिक भाषा में तीतर को Perdix कहते है। तीतर का मूल निवास स्थान एशिया, यूरोप, अफ्रीका जैसे महाद्वीप है।

देखने में यह पक्षी बहुत सुंदर लगता हैं। तीतर पक्षी के मांस की वजह से उनका ज्यादा शिकार होता है जबकि कई इंसान इस पक्षी को पालतू बनाकर भी रखते हे। तीतर का शिकार करना दंडनीय अपराध माना जाता है।

तीतर की शारीरिक संरचना

तीतर मध्य कद के पक्षी है। इनका वजन  करीब 500 ग्राम का होता है। नर तीतर का शरीर चमकीला होता है जबकि मादा तीतर का रंग हल्का। इनका सिर और पूंछ काफी छोटा होता है। शरीर का बीच का हिस्सा गोलीय होता है। इनके पंजे नुकीले होते हैं। इनके पंख छोटे छोटे होते है।

पंख पर भूरे रंग की धारियां होती है और नीचे का हिस्सा हल्के सफेद रंग का होता है। आंखों और चोच छोटी होती है, चोच और आंखों का रंग काला होता है।दुनिया भर में तीतर की कई प्रजातियां मौजूद है और इस हिसाब से उनके रंग भी अलग अलग है जैसे की लाल, भूरा, सफ़ेद, ग्रे इत्यादि।

तीतर का भोजन

यह मुख्य रूप से बेरियां, अनाज, कीड़े-मकोड़े, बीज, हरी घास इत्यादि खाते है। कुछ न मिलने पर तीतर जमीन खोदकर पौधे निकालकर उन्हें खाता है।

यह  पक्षी किसानों के लिए काफी मददगार साबित हुए है। जब  फसल में कीट और पतंगे लग जाते है तब तीतर उन किट और पतंगों को खा लेता हैं। इसकी वजह से यह  पक्षी  किसानों के बहुत अच्छे दोस्त होते हैं।

तीतर का आवास

तीतर आपको झाडियों और हरेभरे इलाकों जैसे कि खेत और मैदानों में ज्यादा नजर आएंगे। शहरों से ज़्यादा यह पक्षी गावों में रहना पसंद करता हे।तीतर घने जंगलों  और पर्वतीय प्रदेशों में  कभी नहीं देखे जाते हालाँकि रेगिस्तान के सूखे इलाके में यह पक्षी आपको जरुर मिल जायेंगे। यह अपने घोंसले जमीन पर ही बनाते है क्योंकि उसका भोजन उन्हें जमीन पर ही मिल जाता है। ज्यादातर तीतर ईरान, पाकिस्तान, भारत, नेपाल और श्रीलंका में देखने को मिलते है।

तीतर का स्वभाव

अपने शर्मीले स्वभाव की वजह से यह पक्षी इंसान से दूर रहना पसंद करता है। तीतर बहुत कम उड़ता है और उनकी उड़ान काफी नीचे होती है। तीतर  उड़ने से ज़्यादा दौड़ना ज्यादा पसंद करता हे और अपने जीवन का अधिकतम समय ज़मीन पर ही बिताता है।  तीतर  की आवाज पतली और तीखी होती है, जिसे पहचानना कोई मुश्किल बात नहीं। तीतर  की आवाज  आधा किलो मीटर दूर से ही सुनाई पड़ती है।

तीतर का प्रजनन काल

उनके प्रजनन काल के दौरान नर और मादा तीतर एक साथ रहते है। अपना एक सीमा क्षेत्र बना लेता है जिससे वो बाहर नहीं जाता।हर साल यह पक्षी सामान्य रूप से 10 से 15 अंडे देता है।इसके अंडों का रंग लाल या पीला होता है। इस पक्षी के बच्चे जन्म से 15 दिनों के भीतर अपनी पहली उड़ान भर लेते है। जब बच्चा उड़ने के काबिल नही होता तब तक नर और मादा तीतर दोनों साथ रहते है।

निष्कर्ष

वर्तमान में तीतर प्रजाति का अत्यधिक मात्रा में शिकार किया जा रहा है। खेतों में भी कीटनाशक दवाइयों का भी उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। तीतर पक्षी लुप्त होने के कगार पर है। हमें इस प्रजाति को बचाने के लिए जल्द ही कोई प्रयास करना पड़ेगा क्योंकि हर एक पक्षी का अपना अलग महत्व होता है। साधारण दिखने वाला यह पक्षी हमारे पर्यावरण के लिए यह बहुत उपयोगी है।

अंतिम शब्द

हमने यहां पर “तीतर पक्षी पर निबंध ( Essay on Teetar Bird in Hindi)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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