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मैना पर निबंध

Essay On Myna Bird In Hindi: हम यहां पर मैना पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में मैना के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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मैना पर निबंध | Essay On Myna Bird In Hindi

मैना पर निबंध (200 शब्द)

मैना एक एशियाई पक्षी है । मैना की गिनती पृथ्वी ग्रह के सबसे  सुंदर पक्षियों में की जाती है। मैना की आवाज़ बोलने पर मीठी और मधुर लगती है। आवाज़ के मामले में मैना का प्रतिद्वंद्वी तोता है। मैना अब  पालतू जानवरों के रूप में दुनिया भर में पाये जाते है।

मैना का रंग काला, भूरा और चितला होता है। इसकी गर्दन काली और चोंच नारंगी रंग की होती है।  पेट और धुम का हिस्सा सफेद रंग का होता है। मैना के पाँव बहुत ताकतवर होते हैं। मैना मानव बस्ती के आस पास दिखाई देती है। दुनिया भर में मैना की लगभग 20 प्रजातियां पाई जाती हैं। मैना पक्षी झुंड में रहता है। नर मैना और मादा मैना के बीच कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं है।

 मैना अपना घोंसला छोड़कर दुसरों के घोसले में घुस जाती है और अंडे हमेशा दुसरों के घोंसले में देती है। मैना सर्वाहारी पक्षी है। उनका भोजन दाने, फल फूल और छोटे मोटे कीड़े मकौड़े  है। वो बेशक कम खाती है लेकिन आस पास गंदगी पैदा करती है। मैना पक्षी एक शांत, बहुत सक्रिय और मुखर पक्षी हैं।

मैना पक्षी की कई किस्में पाई जाती हैं, जिनमें प्रमुख हैं गुलाबी मैना, पहाड़ी मैना, पवई मैना, भारतीय मैना। उचित पशु चिकित्सा देखभाल और पोषण के साथ मैना  25 साल तक जीवित रह सकते हैं।

मैना पर निबंध (600 शब्द)

प्रस्तावना

बचपन में आप सब ने तोता मैना की कहानी जरूर सुनी होगी और साथ साथ मैना की आवाज़ भी आस पास जरूर सुनी होगी । मैना एक सामाजिक दक्षिण एशियाई पक्षी है। कहा जाता है की माता पार्वती की माँ का नाम मैना है। भारत के महान संत तुलसीदास जी के रामचरित मानस मे मैना को हिमालय की पत्नी के रूप मे लिखा गया है। प्राचीन ग्रीस में, मैना को एक पालतू जानवर के रूप में अभिजात  किया गया था और भारत में भी मैना को  पवित्र माना जाता है।

मैना  ज्यादातर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, और म्यांमार में पायी जाती थी, लेकिन अब मैना पूरी दुनिया में देखने को मिल जाती है। यह उन पक्षियों में से एक है, जिनकी जनसंख्या और प्राकृतिक निवास स्थल तेजी से बढ़ रहे हैं। अपनी आवाज़ के बदोलत आज मैना की गिनती पालतू जानवरों में होती है। मैना पक्षी को झुंड में रहना बहुत पसंद है।

मैना पक्षी का शारीरिक देखाव 

मैना  बहुत छोटे आकार की पक्षी है। देखने में मैना काफी आकर्षक है। लंबाई 20 से 25 सेंटीमीटर होती है। मैना की गर्दन काले रंग की और चोंच नारंगी होती है। इसके पाँव बहुत ताकतवर होते हैं। उसके पेट का रंग सफेद होता है। उसके पैर और आँखों का रंग पीला होता है। नर मैना और मादा मैना में खास अंतर नहीं होता है। वे  चारों ओर घूमते रहते है इसलिए उसे सक्रिय पक्षी कहा जाता है।

मैना पक्षी का भोजन

मैना सर्वाहारी पक्षी  कहलाती है। मैना कीड़े, मकोड़े, दाने ,विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां के साथ साथ मरी हुई छिपकली भी खाती है।  सर्वाहारी खाने की आदतों के कारण मैना को कृषि कीटों को खाने के लिए दुनिया भर के कई देशों पाला गया है।

मैना पक्षी का आवास

मैना पक्षी का प्रिय खेल स्नान करना है। स्नान करते समय वो काफी खुश नजर आती है। इसलिए मैना ज्यादातर खेतों, मैदानों और जलाशयों के निकट पाई जाती है। मैना अपना घोंसला दीवारों पर और पेड़ पर बनाती है।

मादा मैना पक्षी जुलाई के महीने में अंडे देती हैं। वो एक साथ 4-5 अंडे देती है। मैना पक्षी कभी अपने  घोसलें में अंडे नहीं देती इसके लिए वह हमेशा दूसरे पक्षी का घोंसला ही पसंद  करती है। मैना के अंडे नीले रंग के होते हैं और उसमें से गुलाबी रंग के बच्चे निकलते हैं। वैसे तो मैना एक सक्रिय पक्षी है, लेकिन वो दिन में कई बार सोती है।

मैना पक्षी की प्रजाति

विश्व में मैना की 20 प्रजातियां पाई जाती हैं। मैना कई प्रजातियों को उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, फिजी और न्यूजीलैंड में भी पाया गया है।

जो मैना तालाबों, जलाशयों और नदियों के पास घोंसले बनाती उन्हें दरियाई मैना कहा जाता है। जिस मैना का शरीर गुलाबी रंग का हो, उसे गुलाबी मैना कहते है। गुलाबी मैना एक खूबसूरत पक्षी है।

पवई मैना को ब्राह्मणी मैना के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत सहित पूरे दक्षिण एशिया में पाया जाता है। यह ज्यादातर मैदानी इलाकों में प्रवास करता है। यह मैना शोर बहुत तेज होता है और इसकी आवाज सीटी जैसी होती है। पहाड़ी मैना की बोली मीठी होने के कारण लोग उसे घर में रखना ज्यादा पसंद करते है।

निष्कर्ष

भारत की देशी चिड़िया मैना की आवाज़ सबको मधुर लगती है। दक्षिण भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के लोग मैना को राजकीय पक्षी के रूप में भी मानते हैं। अगर उसकी सही तरीके से देखभाल हो तो मैना लगभग 25 साल तक जीवित रह सकती है।

मैना को देखते ही आनंद आता है। आज भारत देश के सभी चिड़ियाघर में मैना पक्षी का स्थान जरूर होता है। मैना जीवंत सामाजिक पक्षी हैं। उनके शानदार व्यक्तित्व की वजह से मैना युवा पक्षियों के रूप में आसानी से नामांकित होते हैं।

अंतिम शब्द

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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