Essay on Sun in Hindi: हम यहां पर सूरज पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में सूर्य से सम्बंधित सभी जानकारी का वर्णन किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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सूरज पर निबंध | Essay on Sun in Hindi
सूरज पर निबंध (200 Words)
कुदरत ने ब्रह्मांड में ऐसे कई तत्वों का निर्माण किया है, जो हमारे अस्तित्व से सीधा जुड़ा हुआ है। इन में से एक है सूरज। बिना सूरज के पृथ्वी और मानवजात की कल्पना करना असंभव है। सूरज एक तारा है, जिसका खुद का प्रकाश है। वो हमें गर्मी और ऊर्जा देता है। पृथ्वी के सभी छोटे, बड़े जीवों और पेड़ों का आधार सूरज है। यही कारण धार्मिक ग्रंथो और कार्यों में सूरज को महत्व दिया गया है।
सूरज विविध गैस से बना एक प्रज्वलित गोला है। सूरज का खुद का परिवार एक भी है, जिसे सौर्य मंडल कहते है। सौर्य मंडल में विभिन्न ग्रहों, धूमकेतुओं, उल्काओं, अन्य आकाशीय पिंडों के समूह और तारों का समावेश होता है। ये सभी सूर्य के आसपास निश्चित कक्षा में घूमते है।
हमारी पृथ्वी के लिए सूर्य एक प्रकाश स्त्रोत है। सूरज की गर्मी और प्रकाश से ही पृथ्वी पर आज जीवन है। सुबह में सही तरीके से ली गई सूरज की रौशनी से हमारे शरीर को विटामिन डी प्राप्त होता है और कई तरह की बीमारियाँ नष्ट होती हैं। वैज्ञानिकों ने सूरज से निकलने वाली ऊर्जा का इस्तेमाल करके बिजली उत्पन्न की है, जो कई क्षेत्रों में काम आती है।
अगर सूरज की किरणे पृथ्वी पर नहीं पड़ेगी तो चारों ओर अंधकार छा जाएगा। पृथ्वी पर से जीवन का नामोनिशान मिट जायेगा।
सूरज पर निबंध (600 Words)
ब्रह्मांड में कई अनगिनत आकाशगंगा है। उनमें से एक आकाशगंगा का एक छोटा सा भाग है हमारा सौर्य मंडल और सौर्य मंडल का प्रधान हमारा सूरज। सूरज एक स्थिर तारा है। सूरज 72% हाइड्रोजन, 26% हिलीयम, 2 % कार्बन, ऑक्सीजन, नीयोन और लोहे जैसे गैसों से बनी एक गोलीय आकृति है। सूरज का रंग सफ़ेद है, लेकिन वातावण के कारन वो पीले और लाल रंग का नजर आता है।
सूरज पृथ्वी से 150 मिलीयन किलोमीटर दूरी पर स्थित है फिर भी उनकी किरणें धरती आने के लिए 8 मिनट 17 सैकेण्ड का समय लेती है। वैज्ञानिकों के अनुसार सूरज की उम्र लगभग 9 बिलियन वर्ष मानी जाती है। सूरज का व्यास 13 लाख 92 हजार किलोमीटर है, जो पृथ्वी से लगभग 110 गुणा ज्यादा बड़ा है।
सूरज के प्रकाश में अन्य तारे चमकते है। सूरज एक आग का गोला है। उनका बाहरी सतह का तापमान 6000 डिग्री सेलसीयस है और अंदरूनी तापमान 1 करोड़ 50 लाख डिग्री सेल्सियस है। सूरज पृथ्वी से लगभग 333, 400 गुना भारी है।
सूरज का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से 28 गुना ज्यादा है। यदि धरती पर आपका वजन 50 किलोग्राम है तो सूरज पर आपका वजन 1400 किलोग्राम होगा। जैसे हमारी पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है, वैसे सूरज आकाश गंगा की परिक्रमा करता है। हमारी आकाशगंगा की एक परिक्रमा के लिए सूरज को 25 करोड़ साल लगते है। सूर्य ने अबतक सिर्फ 20 बार ही आकाश गंगा की परिक्रमा की है।
धरती पर सारे जीवन का आधार स्तंभ सूरज ही है। बिना सूरज के पृथ्वी का कोई अस्तित्व ही नहीं है। पृथ्वी के छोटे बड़े जीव जंतु, मानव और पेड़ पौधों के लिए सूरज का होना जरुरी है। सूरज गर्मी और प्रकाश का प्राकृतिक स्तोत्र है।
सूरज के गुणों के कारण सूरज का महत्व हिंदू धर्म से भी जुड़ा हुआ है। हिंदू धर्म में सूरज को शक्ति का देवता माने है और उनकी पूजा करते हैं। दुनिया भर में सूरज के कई बड़े-बड़े प्राचीन मंदिर भी बने है। जैसे की सूर्य मंदिर, कोणार्क सूर्य मंदिर, मार्तंड सूर्य मंदिर, रणकपुर सूर्य मंदिर।
सूरज के लाभ अनगिनत है। सूरज की हाजरी में उनकी ऊर्जा का उपयोग करके वनस्पति अपना आहार बनाती है और ऑक्सीजन उत्पन करती है। यह ऑक्सीजन हमारी सांसे चलाती है। सूरज की धुप का सही उपयोग से हमें विटामिन डी प्राप्त होता है, जिससे शरीर की कई बीमारियां भी नष्ट होती है। पृथ्वी पर का जल भी सूरज को ही आभारी है। सूरज के दवाब के कारन समुद्र और सरोवर के पानी का भाप बनता है और वो बादल का रूप लेता है, बाद में वोही बादल बारिश बनकर पृथ्वी पर बरसता है।
सूरज ऊर्जा का भंडार है तभी तो आज सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करके कई क्षेत्रों में बिजली उत्पन्न की जाती है। दुनिया में आज कई जगहों पर सोलर कार और सोलर ट्रेन भी चलती है। सोलर कुकर का उपयोग करके उस में खाना भी बनाया जाता है। यदि सूर्य की सिर्फ एक घंटे की पूरी ऊर्जा को एकत्रित कर लिया जाए तो पूरे विश्व के लिए साल भर की बिजली उत्पन्न की जा सकती है।
अगर पृथ्वी को सिर्फ एक दिन भी सूरज का प्रकाश न मिले तो पृथ्वी बर्फ का गोला बन जाएगी। अगर सूरज ही नहीं होगा तो पृथ्वी अंधकार मय बन जाएगी। धरती के सारे जीव जंतु, मानव और पेड़ पौधे नष्ट हो जायेंगे। दूसरे ग्रह की तरह पृथ्वी भी बंजर बन जाएगी।
सूरज हमारे लिए कुदरत द्वारा दिया गया एक वरदान है। कुदरत का अमूल्य ऊर्जा स्तोत्र है। हमें सूरज की ऊर्जा का सही तरीके से उपयोग करके उनके प्रति कृतज्ञता अभिव्यक्ति करनी चाहिए और हमारी पृथ्वी के लिए एक संतुलित वातावरण बनाना चाहिए।
अंतिम शब्द
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