Essay on Seasons in India in Hindi: किसी भी शहर और गाँव का ऋतू उस क्षेत्र का औसत मौसम होता हैं, जो किसी एक विशेष समय में वातावरण पर प्रभाव डालता हैं।
हम यहां पर अलग-अलग शब्द सीमा में भारत की ऋतुएँ पर निबंध (Essay on seasons in india in hindi) शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होंगे।
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भारत में ऋतुएँ पर निबंध | Essay on seasons in india in hindi
भारत में ऋतुएँ पर निबंध ( 250 शब्द )
किसी भी देश और क्षेत्र की ऋतू उस क्षेत्र के मौसम और उस क्षेत्र की स्तिथि पर प्रकाश डालता हैं। हमारे देश का ऋतू चक्र भी मुख्य रूप से 6 भागों में बंटा हुआ हैं। यह सभी 6 ऋतुएं एक-दुसरे से पूर्ण रूप से असमान हैं।
सामान्य तौर पर लोग यह सोचते हैं कि हमारे देश में केवल 3 मौसम ही आते है जैसे सर्दी, गर्मी और बरसात। ऐसा नहीं हैं, इन 3 मौसम के साथ भारत में 6 ऋतुएं भी आती हैं। इसमें ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर और वसंत प्रमुख हैं। यह 6 ऋतुएं साल के 12 महीनों में अपना एक चक्र पूरा करती है।
भूगोल के अनुसार हमें इस बात की जानकारी मिलती हैं कि पृथ्वी अपनी धुरी पर जब एक चक्कर पूरा कर लेती हैं तो उस के दोहरान दिन और रात होते हैं। पृथ्वी की सूर्य के चारों और अपनी प्रक्रिया पूर्ण करने के दोहरान ही ऋतुओं में परिवर्तन होता हैं। इसी दोहरान हमें सर्दी, गर्मी और बरसात जैसे मौसम का एहसास होता हैं।
ऋतुओं में मुख्य 6 ऋतुएं जो भारत में 12 महीनों के दौरान हमें देखने को मिलती हैं। इन ऋतुओं में –
- ग्रीष्म ऋतू – इस ऋतू में गर्मी ज्यादा रहती हैं। यह मौसम मुख्य रूप से जुलाई के में आता है।
- शरद ऋतू – शरद ऋतू में सर्दी का प्रभाव ज्यादा रहता हैं। हल्की सर्दी रहती हैं। यह ऋतू अक्टूम्बर माह के में लगभग शुरू होती हैं।
- हेमंत ऋतू – यह ऋतू घूमने के लिए काफी अच्छी मानी जाती हैं। इस ऋतू में ठण्ड पड़ना शुरू हो जाती हैं।
- शिशिर ऋतू – इस ऋतू को शीत ऋतू भी कहते हैं। इस ऋतू में सर्दी का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता हैं।
- वसंत ऋतू – ऋतुओं का राजा कही जाने वाली यह वसंत ऋतू सबसे अंत में आती हैं। यह मौसम ना तो ज्यादा ठंडा होता हैं और ना ही ज्यादा गर्म होता है।
भारत में ऋतुएँ पर निबंध (800 शब्द)
प्रस्तावना
हमारा भौगोलिक वातावरण मुख्य रूप से 6 ऋतुओं में बंटा हुआ है। देश के अलग-अलग क्षेत्रों में इन सब ऋतुओं का असर अलग-अलग रहता हैं। हमारा देश भौगोलिक रूप से काफी बड़ा हैं और काफी फैला हुआ हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में वातावरण अलग-अलग रहता हैं। यही कारण हैं कि देश में इन सभी ऋतुओं के प्रभाव में थोड़ा-थोड़ा अंतर देखने को मिलता हैं।
ऋतुओं का जो क्रम हमारे देश में देखने को मिलता हैं, वो विश्व के किसी अन्य देश में देखने को नहीं मिलता। देश में हर ऋतू की अपनी एक अलग पहचान हैं। ऋतू को पहचानने के लिए हम इस प्रकार से पहचान सकते कि जिससे इन ऋतुओं का असर हमारे शरीर पर दिखने लगता हैं।
ऋतू की परिभाषा
ऋतू किसी साल का एक छोटा सा कालखंड होता हैं। ऋतू समय के साथ परिवर्तित होती रहती हैं। कई ऋतुओं में यह काल खंड साल में कई समय तक एक समान रहता हैं, उसके बाद यह बदलता रहता हैं। यह कालखण्ड एक वर्ष को कई भागों में विभाजित करता है, जिनके दौरान पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा के परिणामस्वरूप दिन की अवधि, तापमान, वर्षा, आर्द्रता इत्यादि मौसमी दशाएँ एक चक्रीय रूप में बदलती हैं।
भारत में ऋतू परिवर्तन
- साल के मध्य के समय में मई-जून की धूप से तपती धरातल (धरती) व गर्म हवाएं (लू) से लोग व्याकुल हो जाते हैं। आसमान छूते तापमान के कारण पक्षीयों के लिए पेड़ पर पानी रखा जाता है तथा जगह-जगह सड़क के किनारे पर मुसाफिरों के लिए भी पानी का प्रबंध किया जाता है। गर्मी का समय काफी बुरा रहता हैं। इस समय राजस्थान जैसे क्षेत्रों में तो सबसे ज्यादा गर्मी रहती हैं, खासकर पच्छिमी राजस्थान में।
- बरसात का मौसम शुरू होते ही कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने के कारण नदियों का स्तर इस प्रकार बढ़ता है कि गांव के गांव खाली करने पड़ जाते हैं और शहर भी उससे अछुते नहीं रह पातें। वहीं कई स्थान बारिश के बूंद के अभाव में सूखे ही रह जाते हैं। इससे मानव जीवन जीव-जन्तु सभी बहुत अधिक प्रभावित होते हैं। बरसात के समय कई समस्याए होती हैं, जिसमें लोगों का आवागमन बाधित होता हैं।
- ठंड के आगमन से शुरूआत की ठंड व्यक्ति को सुखद अनुभव कराती है पर समय बीतने के साथ शीत ऋतु की ठंड व्यक्ति के लिए बहुत अधिक कष्टदायक होती है। इसमें घर से निकल पाना ही बड़ी चुनौती सा प्रतीत होता है। सड़क के किनारे बैठे भिक्षुक तथा वे जानवर जिनका कोई नहीं होता उनके कष्ट का अनुमान लगा पाना बहुत मुश्किल है। ठंड का मौसम काफी सुहावना भी होता है। ठण्ड के मौसम में काफी कुछ गर्म चीज़े खाने के मन करता हैं और चाय पीने का मन करता है।
भारत में ऋतू का महत्त्व
ऋतुओं का काफी ज्यादा महत्व हैं। ऋतू के बदलाव के साथ हम कई बदलाव मौसम में भी देखते हैं। ऋतू परिवर्तन होने से किसानों की सबसे ज्यादा इसका फायदा मिलता हैं। इसका कारण हैं कि उन्हें खेती करने में फायदा मिलता हैं। ऋतू परिवर्तन की साथ किसान एक नई फसल की बहाई अपने खेत में करता हैं।
मानसून से पहले देश का किसान अपने खेत में तिल और बाजरे जैसी फसल की बहाई करता हैं। वही सर्दी की शुरुआत में देश का अन्नदाता गेहू और धान की बहाई करता हैं। हमें ऋतू के परिवर्नत के साथ काफी कुछ देखने को मिलता हैं, फिर चाहे वो मौसम में हो या देश के अन्नदाता के खेतो में।
निष्कर्ष
हर ऋतू की एक विशेष पहचान है। किसी में ज्यादा सर्दी तो किसी में ज्यादा गर्मी सभी ऋतुओं में अलग-अलग प्रकार की खेती की जाती है।
अंतिम शब्द
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