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पुनर्चक्रण पर निबंध

Essay on Recycling in Hindi: पुनर्चक्रण मतलब रीसाइक्लिंग इसका मतलब यह होता है कि किसी भी चीज को दोबारा दोबारा इस्तेमाल करना। आज के इस आर्टिकल में हम पुनर्चक्रण पर निबंध पर जानकारी आप तक पहुंचाने वाले हैं। इस निबंध मेंपुनर्चक्रण के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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पुनर्चक्रण पर निबंध | Essay on Recycling in Hindi

पुनर्चक्रण पर निबंध (250 शब्द)

सभी संसाधनों की आवश्यकताओं के बिना समाज को बहुत ही उपयोगी बनाकर पर्यावरण का बचाव करने पुनर्चक्रण में मदद करता है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। अगर कोई इस उपयोग को जान ले तो उसके लिए यह बहुत ही मददगार साबित होता है।

रीसाइक्लिंग हमारी पृथ्वी को बचा सकता है, क्योंकि जितने भी बेस्ट चीजें होती हैं। वह हम यूं ही फेंक देते हैं, लेकिन उसके लिए साइकिलिंग करने से मतलब उसे दोबारा प्रयोग में लेने से वह बहुत ही काम आ सकती है जैसे कि ज्यादा पेड़ को काटे बिना अभी पेपर का निर्माण किया जा सकता है।

इससे ग्लोबल वार्मिंग कम हो सकती है और प्रदूषण भी कम होता है। इससे ऊर्जा भी बचाई जा सकती है। कार्बन और ग्रीन हाउस गैस जो कि वातावरण के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। वह उत्सर्जित होती है। जिसका परिणाम होता है, पृथ्वी को और उसकी वजह से ग्लोबिंग वार्मिंग बढ़ती है। हमें चाहिए कि हम चीजों का दोबारा इस्तेमाल करें और ग्लोबल वार्मिंग को कम करें।

रीसाइक्लिंग कई चीजों से की जा सकती है और इसे घर पर भी की जा सकती है हमें बच्चों को भी रीसाइक्लिंग का महत्व बताना चाहिए और सिखाना चाहिए।

पुनर्चक्रण पर निबंध (850 शब्द)

प्रस्तावना

किसी भी प्रकार की अपशिष्ट एवं वेस्ट चीजों को दोबारा यूज़ करना या उसके द्वारा नई सामग्री में बदलना रीसाइक्लिंग और पुनर्चक्रण कहलाता है। जैसे कि कागज, प्लास्टिक, गिलास या कोई अन्य धातु जैसे अल्मुनियम, सीन इत्यादि इन सभी चीजों की रीसाइक्लिंग बड़े ही आराम से की जा सकती है।

अगर हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रखना चाहते हैं और उनकी रक्षा करना चाहते हैं, तो पुनर्चक्रण हमारे लिए बहुत ही आवश्यक है। जिसे हम दोबारा इस्तेमाल नहीं कर सकते। ऐसे उत्पादों को नए उत्पाद में बदला जा सकता है और इसी चक्र को पुनर्चक्रण कहा जाता है।

पुनर्चक्रण का महत्व

1. पुनर्चक्रण पृथ्वी को बचाता हैअगर हम किसी भी चीज की रीसाइक्लिंग करते हैं, तो इसे हम पृथ्वी के पर्यावरण को सुरक्षित कर सकते हैं। जैसे कि कागज को पुनर्चक्रण करने के बाद, पेड़ों को काटे बिना ही पेपर का उत्पादन किया जा सकता है। इस तरह से पृथ्वी को बचाया जा सकता है।

2. रीसाइक्लिंग ऊर्जा को बचाता हैअगर हम किसी भी चीज की रीसाइक्लिंग कर लेते हैं, तो हम काफी ऊर्जा को बचा सकते हैं। जैसे कि एक नए अल्मुनियम धातु को बनाने के लिए उतनी ही ऊर्जा खर्च होती है, लेकिन हम एलमुनियम का  पुनर्चक्रण करके अपनी उस ऊर्जा को उसी में लगा सकते हैं। इससे हमारी धातु का भी पुनर्चक्रण हो जाएगा शक्ति भी बचेगी और पर्यावरण पर लाभ भी होगा।

3. पुनर्चक्रण ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण को कम करता है सबसे बड़ा मुख्य लाभ यही है, कि ऊर्जा शक्ति बचाता है। दूसरा कार्बन और ग्रीनहाउस गैसों को भी कम करने में मददगार साबित होता है पुनर्चक्रण से प्रदूषण कम होता है और वातावरण में अपशिष्ट पदार्थ से नहीं चलते हैं।

4. पुनर्चक्रण पैसे बचाने मैं भी मदद करता हैअगर हम किसी चीज का पुनर्चक्रण करते हैं, तो इससे हमें दूसरों उत्पादों में पैसे नहीं डालने पड़ते हैं, क्योंकि उसकी भी उतनी ही लागत होती है इसे कम पैसा खर्च होता है और ऊर्जा भी कम होती है।

पुनर्चक्रण के कारण

1. पुनर्चक्रण को ना समझ पानापुणे चक्रण ना करने का सबसे बड़ा मुख्य कारण यही है, कि लोगों को रीसाइक्लिंग करने की प्रक्रिया नहीं समझ आती है। उन्हें नहीं पता होता है, कि किस उत्पादक का पुनर्चक्रण करना चाहिए और किसका नहीं।

2. पुनर्चक्रण और सुविधाजनकपुनर्चक्रण ना करने के लिए सबसे पहला कारण यह पता लगा था, कि लोग इसके लिए जागरूक नहीं है। वह रीसाइक्लिंग को अच्छे से नहीं समझ पाते हैं और उन्हें यह बहुत ही मुश्किल काम लगता है इसीलिए उन्हें अपने घर के कूड़े को उठाकर फेंक नाही आसान लगता है।

3. पर्याप्त जगह ना हो पाना

पुनर्चक्रण करने में लोगों को जगह की कमी बहुत ही ज्यादा महसूस होती है। सबसे बड़ा मुद्दा यह है, कि लोगों के घर तो बहुत छोटे होते हैं और इसीलिए वह अपने घर के आस-पास कचरा नहीं देखना चाहते हैं।

4. पैसा नहीं तो पुनर्चक्रण नहींपुनर्चक्रण ना करने के लिए लोग यह भी कहते हैं, कि उनके पास इतना पैसा नहीं है और वह किसी भी प्रकार का प्रोत्साहन नहीं दिखाते हैं। लोग तब तक किसी भी चीज का पुनर्चक्रण नहीं करेंगे जब तक उन्हें पैसों का लाभ ना हो यह एक गलत सोच है।

पुनर्चक्रण करने की प्रक्रिया

कागज का पुनर्चक्रण करनाकागज के कचरे में कई प्रकार के कचरे होते हैं। जैसे कि पेपर अखबार कागज कार्ड बोर्ड कार्यालय और शिक्षक संस्थाओं में इस्तेमाल किए गए अन्य कागज इत्यादि सम्मिलित होते हैं सबसे भारी मात्रा में होते हैं। पम्पर्स और टेंपलेट्स कागज को दो तरीकों से पुनर्चक्रण किया जा सकता है पहला लकड़ी बनाकर दूसरा पानी बना कर।

सबसे पहले तो पुनर्चक्रण के माध्यम से इन सब चीजों को अलग किया जाता है। उसके पश्चात प्रदूषण को फिल्टर किया जाता है। पेपर को इकट्ठा करके गर्म पानी में डाला जाता है और कागज को सेलुलोज फाइबर के छोटे से तारों में मोड़ दिया जाता है। जिससे एक मसालेदार प्रधान बन जाता है, और उसको प्लुप कहा जाता है। इसके पश्चात इसको की स्क्रीन पर डाला जाता है। उसके प्रचार वहां पर बची हुई गोंदिया प्लास्टिक के कणों को निकाला जाता है। इसके बाद इसकी सफाई होती है जिसमें हवा के बुलबुले और साबुन जैसे कई रासायनिक पदार्थों को शामिल करके इसकी सफाई की जाती है और एक नए उत्पाद का जन्म होता है और इसे पुनः काम लिया जा सकता है।

बगीचे में रीसाइक्लिंग करना

घास की रीसाइक्लिंग करना बहुत ही अच्छा होता है, घास काटने के बाद उसको पुनर्चक्रण करने के लिए फेंकने की बजाय उसको उसकी नीचे की कटाई करके छोड़ देना चाहिए जिससे उसके पोषक तत्व विकसित होते हैं और मिट्टी के भीतर खाद बन कर उसके रूप में कार्य करते हैं।

सभी चीजों का पुनर्चक्रण करने की अलग-अलग प्रक्रिया होती है। सभी के बारे में अलग जानकारी दी गई होती है। उसको उसी तरीके से पुनर्चक्रण करके उसका इस्तेमाल दोबारा से किया जा सकता है।

पुनर्चक्रण करने के लाभ

  • इससे पर्यावरण साफ सुथरा रहता है।
  • सामग्री का अच्छी तरह से संरक्षण किया जा सकता है।
  • ऊर्जा संरक्षण का सबसे अच्छा स्रोत है।
  • इसकी वजह से पृथ्वी पर कचरा कम फैलता है।
  • पुनर्चक्रण करने से मृदा प्रदूषण और जल प्रदूषण कम हो जाता है।
  • जितना पर्यावरण सुरक्षित और साफ रहेगा उतना ही वह हमें बीमारियों से बचा सकता है।
  • इसी वजह से सभी प्राकृतिक संपदा संरक्षित रह सकती है।

निष्कर्ष

अगर हम इन बिंदुओं को ध्यान में रखें तो हम अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं, और नहीं पर्यावरण का निर्माण कर सकते हैं। पुनचक्रण करना बहुत ही आवश्यक है यह बहुत ही लाभदायक होता है। इससे हमारी कोई भी वस्तु या उत्पाद खराब नहीं जाता है। हम उसे दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं, इसीलिए हमें चाहिए कि हम इस आदत को अपने अंदर डालें और पुनर्चक्रण करना सीखें।

अंतिम शब्द

दोस्तों आज हमने अपने इस लेख में आपको पुनर्चक्रण पर निबंध ( Essay on Recycling in Hindi) के बारे में बताया है। आशा करते हैं, आप भी इस आदत को अपनाएंगे और जिम्मेदार नागरिक बनेंगे इससे संबंधित आपको कोई भी जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

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Ripal
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