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अम्लीय वर्षा पर निबंध

Essay on Acid Rain in Hindi: आज के इस आर्टिकल में हम अम्लीय वर्षा पर निबंध पर जानकारी आप तक पहुंचाने वाले हैं। इस निबंध में अम्लीय वर्षा के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है। अम्लीय वर्षा का हमारे जलवायु पर,किस तरह प्रभाव पड़ता है, इसके क्या फायदे हैं, क्या नुकसान हैं इन सभी के बारे में हम इस निबंध के माध्यम से बताने जा रहे हैं।

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अम्लीय वर्षा पर निबंध | Essay on Acid Rain in Hindi

अम्लीय वर्षा पर निबंध ( 250 शब्द )

हमारे पर्यावरण और वायुमंडल में अम्लीय वर्षा के कारण संतुलन बिगड़ने से बहुत खतरा पैदा हो जाता है। अम्लीय वर्षा मुख्य रूप से पौधों को जल में रहने वाले जानवरों को और अवसंरचना को प्रभावित करती है। अम्लीय वर्षा जब होती है, तो इस में हाइड्रोजन के आयनों का स्तर बहुत ऊंचा होता है।

अम्लीय वर्षा होने का प्रमुख कारण कार्बन डाइऑक्साइड गैस और वायु में मौजूद पानी का कार्बन डाई एसिड से दोनों एक साथ प्रतिक्रिया करते हैं। जब बारिश के पानी का पी एच एस स्तर हमारी धरती पर नीचे वर्षा के रूप में गिरता है, तो यह अम्लीय वर्षा में बदल जाता है।

अम्लीय वर्षा के होने से हमारे जीवन पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है। अम्लीय वर्षा का जंगलों, मीठे पानी और मिट्टी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस वर्षा के कारण कीट और जलीय जीवों की जान चली जाती है। पुलों जैसी स्टील संरचनाओं का क्षरण होता है और पत्थर की इमारतों और मूर्तियों पर भी इसका खराब प्रभाव पड़ता है।

इस अम्लीय वर्षा को ऊर्जा का सही इस्तेमाल करके रोक सकते हैं जैसे सौर ऊर्जा का अधिक प्रयोग प्राकृतिक संसाधनों की रीसाइक्लिंग करना और अधिक से अधिक संख्या में पेड़ पौधे लगाना। इन सभी कारणों से पृथ्वी पर अम्लीय वर्षा को सकते हैं। यदि हम इस धरती पर रहने वाले सभी लोग एक संकल्प लें तो हम आसानी से पर्यावरण की स्थिति को बहुत अच्छे से बना सकते हैं तथा जो हमारे हवा में पीएचएस का स्तर पड़ा हुआ है, उसको भी संतुलित कर सकते हैं यह सब हमारे वातावरण के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।

अम्लीय वर्षा पर निबंध (850 शब्द)

प्रस्तावना

हमारे यहां की बढ़ती हुई औद्योगिक प्रक्रिया, यातायात के संसाधनों से निकलने वाले हानिकारक धुआं की वजह से हवा में विद्यमान कुछ तत्वों की उपस्थिति ,इन हानिकारक निकलने वाले धुंआ से एक अलग स्वरूप ले लेती है। इसके कारण अम्लीय वर्षा होती है। अम्लीय वर्षा को पानी की बूंदों के पीएच संतुलन के आधार पर निर्धारित किया है। सामान्य तौर पर वर्षा के जल का 5.3- 6.0 की पीएच श्रेणी आता है। कार्बन डाइऑक्साइड और पानी हवा में मौजूद कार्बनिक एसिड को बनाने के लिए एक साथ प्रतिक्रिया करते हैं जिसके कारण अम्लीय वर्षा होती है।

अम्लीय वर्षा से होने वाले प्रभाव

अम्लीय वर्षा के होने से सभी चीजों के लिए बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, इनका वर्णन कुछ इस तरह से है

  • इसकी वजह से सभी लोगों में सांस लेने की अधिक समस्या होती है।
  • जब अम्लीय वर्षा होती है तो उससे हमारे घर और बड़ी-बड़ी इमारतों में बहुत क्षति पहुँचती है तथा कलर पेंट का रंग भी फीका पड़ जाता है। इस जल में एसिड कैल्शियम कार्बोनेट होता है, जिससे पत्थरों को नुकसान पहुंचता है।
  • इस के कारण जो पत्थर की मूर्ति हैं, उन पर भी असर होता है जब इस वर्षा का जल उन मूर्तियों पर पड़ता है। तो वह मूर्तियां पुरानी सी दिखने लगती है, जिनकी वजह से उनका मूल्य कम हो जाता है उदाहरण के लिए ताजमहल।
  • अम्लीय वर्षा होने के पेड़ पौधों के चारों तरफ की मिट्टी में एलमुनियम की मात्रा अधिकता हो जाती है। जिसके कारण पेड़ पौधे अपनी जड़ों में पानी नहीं सोख पाते हैं।
  • अम्लीय वर्षा एक बहुत सामान्य सा मुद्दा है, ऐसा सभी लोगों का मानना है। परंतु अम्लीय वर्षा बहुत बड़ी आपदाओं को जन्म दे सकता है, जिनके बारे में हम कभी सोच भी नहीं सकते।
  • इसका प्रभाव नदियों झीलों और अन्य जल स्रोतों को जोड़ता है अम्लीय वर्षा से सभी जल जहरीला बन जाता है।

अम्लीय वर्षा को किस प्रकार से रोका जा सकता है

हम सौर ऊर्जा का सही तरीके से इस्तेमाल करके अम्लीय वर्षा को रोक सकते हैं। सबसे पहले मनुष्य को अपने वातावरण के बारे में सोचना होगा, तभी हम अम्लीय वर्षा से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। जिस प्रकार से हमारे चारों तरफ प्रदूषण का खतरा पैदा हो रहा है, इसके साथ पेड़ पौधों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, धीरे-धीरे वन लगभग समाप्त होते जा रहे हैं।

इन सभी कारणों से हम अपने पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं। लोगों को अधिक से अधिक संख्या में पेड़ पौधे लगाने चाहिए तथा प्राकृतिक संसाधनों का पुनर्चक्रण करना चाहिए। अगर मनुष्य अधिक सावधानी से रहे तो अम्लीय वर्षा से होने वाले नुकसान को रोक सकता है। अम्लीय वर्षा के कारण सबसे अधिक नुकसान प्राकृतिक संसाधनों को गंभीर रूप से पहुंचा है।

अम्लीय वर्षा के प्रकार

अम्लीय वर्षा दो प्रकार की होती है एक तो गीली और एक सुखी।

  1. गीली अम्लीय वर्षाअम्लीय वर्षा पृथ्वी पर धुंध कोहरे वर्षा के रूप में होती है। हमारे वायुमंडल में जब वर्षा के पानी में सल्फ्यूरिक नाइट्रिक व्हे हाइड्रोक्लोरिक तभी हम मिलकर और अधिक हम लोग बनाते हैं इसी को गीली अम्लीय वर्षा कहते है।
  • सुखी अम्लीय वर्षाहमारे वायुमंडल में सल्फेट और नाइट्रोजन जब हमारी धरती पर धूल के कणों के रूप में जमीन में जम जाते हैं, इसी को सुखी अम्ल की वर्षा कहा जाता है। यह सभी ढोल के जो काम है वह इमारतों घरों मूर्तियों सभी पर चिपक कर उनके स्वरूप को बदल देते हैं।

अम्लीय वर्षा के कारण क्या हैं

अम्लीय वर्षा के दो प्रमुख कारण है जो निम्न है

  • प्राकृतिक स्त्रोत – ज्वालामुखी के विस्फोट से प्राकृतिक स्त्रोत का मुख्य अम्लीय वर्षा का कारण बन जाता है। ज्वालामुखी से बहुत बड़ी मात्रा में लावा निकलता है, जिसके द्वारा हानिकारक गैस भी निकलती हैं। वह अम्लीय वर्षा से भी बहुत हानिकारक होती हैं। वनस्पति जंगल में लगी आग और अन्य जैविक कारणों से भी जो गैस उत्पन्न होती है, उन सभी प्राकृतिक कारणों अम्लीय वर्षा होती है।
  • मानव संगठित स्त्रोतों के द्वारा – हमारे यहां मानव की गतिविधियां अम्लीय वर्षा के लिए जिम्मेदार हैं। कारखानों से बिजली उत्पादन से ऑटोमोबाइल उद्योगों से निकलने वाली सल्फर और नाइट्रोजन गैस रासायनिक गैस का ही एक रुप होती है। इनके कारण अम्लीय वर्षा की मात्रा में बहुत बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा भी हमारे यहां बिजली उत्पादन के लिए कोयले का उपयोग किया जाता है। जिसमें हानिकारक गैस का निकलना अम्लीय वर्षा होने का कारण बनता है।

निष्कर्ष

आबादी और औद्योगिकरण के बढ़ने से हमको अम्लीय वर्षा जैसी घटना देखने को मिलती है। उसको कम करने के लिए पूरी दुनिया के सभी लोगों को एक साथ योगदान करने की आवश्यकता है। हम अपने पर्यावरण को प्राकृतिक संसाधनों के रीसायकल से और अधिक पेड़ पौधों के लगाकर वातावरण को शुद्ध कर सकते हैं और अपने पर्यावरण को बहुत भारी नुकसान पहुंचाने से बचा सकते हैं।

अंतिम शब्द

उम्मीद है आपको यह निबंध अम्लीय वर्षा पर निबंध ( Essay on Acid Rain in Hindi) बहुत पसंद आया होगा। अगर आपको यह पसंद आया तो आप इसको लाइक कर सकते हैं तथा किसी और अन्य जानकारी के लिए आपको कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते हैं।

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Ripal
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