Essay On Olympic In Hindi: खेलकूद द्वारा व्यक्ति का बौद्धिक, शारीरिक और मानसिक विकास होता है, इसीलिए खेल भी एक व्यायाम का ही माध्यम होता है। इसीलिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सारे खेल आयोजित किए जाते हैं, जिनमें ओलंपिक विश्व का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय खेल है, जिसे हर चार साल में आयोजित किया जाता है।
आज के इस लेख हम ओलंपिक खेल के पर निबंध शेयर कर रहे है। यह निबंध सभी विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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ओलम्पिक खेल पर निबंध | Essay On Olympic In Hindi
ओलंपिक पर निबंध (250 शब्द)
खेलों से मानव का रिश्ता बहुत पहले से जुड़ा हुआ है। प्राचीन काल से ही मानव अपने मनोरंजन के लिए अनेक प्रकार के खेल खेलते आ रहा है। हालांकि अब लोग खेलों में अपना करियर बनाना शुरू कर दिए हैं। खिलाड़ियों को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने के लि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक प्रकार के खेल आयोजित किए जाते हैं, जिसमें से एक ओलंपिक है।
ओलंपिक 4 साल में आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय खेल है, जिसे अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा आयोजित किया जाता है। ओलंपिक के खेल में विभिन्न प्रकार के खेलों को शामिल किया जाता है, जिसमें विभिन्न देशों के खिलाड़ी शामिल होते हैं।
ओलंपिक की शुरुआत सबसे पहले 776 ईसा पूर्व में ग्रीक में हुआ था। पहले ओलंपिक में ग्रीक में हुआ करता था परंतु 1896 के बाद विभिन्न देशों के अलग-अलग और प्रसिद्ध क्षेत्रों में आयोजित होने लगा। अगला ओलंपिक किस जगह पर आयोजित होगा, उसकी घोषणा 4 साल पहले हुए ओलंपिक में ही कर दिया जाता है। वर्तमान में ओलंपिक खेल को शुरू करने का श्रेय फ्रांस के विद्वान पियरे डि कुबर्तिन को जाता है।
ओलंपिक खेल की पहचान उसके झंडे से होती है, जो उसका प्रतीक है, जिसमें सफेद पृष्ठभूमि पर लाल, नीला पीला, काला और हरे रंग के पांच रिंग एक दूसरे को क्रॉस किए हुए नजर आते हैं, जो पांच प्रमुख महाद्वीप अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अमेरिका और एशिया को दर्शाता है।
ओलंपिक खेल में विजय होने वाले खिलाड़ी को पदक से सम्मानित किया जाता है। ओलंपिक के विभिन्न खेलो के प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक से सम्मानित किया जाता है। किसी भी देश के खिलाड़ी का ओलंपिक खेल में पदक जीतना बहुत सम्मानीय माना जाता है।
ओलंपिक खेल पर निबंध (1000 शब्द)
प्रस्तावना
ओलंपिक खेल से हम सभी भलीभांति परिचित हैं। 4 सालों में आयोजित होने वाला यह अंतरराष्ट्रीय खेल सभी देशों के लिए बहुत मायने रखता है। इस अंतरराष्ट्रीय खेल में पदक जीतने के लिए खिलाड़ी 4 साल पहले से ही शुरुआत कर देते हैं।
ओलंपिक खेल में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को अनुशासन, धीरज, धैर्य और साहस इत्यादि प्राप्त करने का अवसर मिलता है। ओलंपिक दुनिया के हर देश के एथलीटों को एक साथ लेकर वर्तमान में आयोजित होने वाले सबसे लोकप्रिय खेल हैं।
ओलंपिक खेल का इतिहास
ओलंपिक का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन ओलंपिक खेल यूनान के ओलंपिया शहर में 776 ईसा पूर्व में ग्रीक के देवता ज्यूस के सम्मान में आरंभ हुआ था। तब से यह खेल 4 वर्षों में एक बार 394 तक खेला गया। लेकिन फिर थियोडोसियस जो रोम के राजा थे, उनके आदेश पर इस खेल का आयोजन बंद कर दिया गया।
उसके बाद फिर आधुनिक ओलंपिक खेल प्रतियोगिता का आरंभ 1896 में फ्रांस के बैरन पियरे डी कोबार्टिन के प्रयासों से यूनान के एंथेस शहर में हुआ। इसका आयोजन प्रत्येक 4 वर्ष के अंतराल में किया गया तब से अब तक 4 वर्षों के अंतराल में यह खेल जारी है।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति
1894 में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की स्थापना सखोन नामक स्थान पर हुई, जिसका मुख्यालय लोहान में है। यह अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ही ओलंपिक खेलों को संचालित करती है। यह निर्धारित करती है कि ओलंपिक खेलों का स्थान कहां होगा, उसके नियम क्या होंगे। इस समिति के कार्यकारिणी होती है, जिसमें एक अध्यक्ष तीन उपाध्यक्ष और 7 अन्य सदस्य भी होते हैं।
ओलंपिक खेल का उद्देश्य
फादर डिडॉन द्वारा 1897 में रचित सिटियस, अल्टियस, फोर्टिस लैटिन में ओलंपिक के उद्देश्य है। जिसका अर्थ है तेज, ऊंचा और बलवान। ओलंपिक के उद्देश्य को पहली बार साल 1920 में बेल्जियम के एंटवर्प में आयोजित ओलंपिक खेल में प्रस्तुत किया गया था।
ओलंपिक का ध्वज
ओलंपिक को प्रदर्शित करने वाला एक ध्वज भी है, जिसकी पृष्ठभूमि सफेद है। यह ध्वज सिल्क से बना होता है, जिसके के मध्य में ओलंपिक प्रतीक के रूप में पांच रंगीन चक्र है, जो एक दूसरे से मिले हुए दर्शाए गए हैं। यह चक्र विश्व की 5 महाद्वीप एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और उत्तर और दक्षिण अमेरिका का प्रतिनिधित्व करती है।
इसके अतिरिक्त यह ध्वज निष्पक्ष एवं मुक्त स्पर्धा का भी प्रतीक है। इस ओलंपिक ध्वज का निर्माण साल 1913 ईस्वी को बैरन पियरे डी कोबार्टिन के सुझाव में किया गया, जिसका विधिवत रूप से उद्घाटन जून 1914 में पेरिस में किया गया। ओलंपिक ध्वज को सबसे पहले 1920 ईस्वी सन् में एंडवर्प में आयोजित ओलंपिक में फहराया गया था।
ओलंपिक पदक
ओलंपिक के खेलों में विजेताओं को तीन प्रकार की पदक दिए जाते हैं, जो क्रमश स्वर्ण, रजत और कांस्य है। स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक क्रमशः प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है।
स्वर्ण पदक 60 एमएम मोटा होता है। यह 92.5% रजत परतयुक्त 6 ग्राम सोने का होता है। वहीँ रजत पदक 60mm वृत्त में एवं 3 एमएम मोटाई वाला होता है। यह 92.5% रजत का बना होता है। कांस्य पूरी तरीके से कांस्य से ही बना होता है।
ओलंपिक मशाल
जैसा आपको पता होगा कि जब ओलंपिक गेम्स की शुरुआत होती है तब मशाल जलाने की परंपरा है। इस परंपरा की शुरुआत साल 1928 में एम्स्टर्डम में आयोजित ओलंपिक में हुई थी। फिर साल 1936 में बर्लिन में आयोजित ओलंपिक खेल में मशाल को जलाया गया, जिसके बाद अब तक लगातार ओलंपिक खेल में मशाल जलाने की परंपरा जारी है।
इस मशाल को हेरा मंदिर जो यूनान के ओलंपिया में स्थित है, वहां सूर्य की किरणों से प्रज्वलित किया जाता है, जो कुछ दिन पहले ही किया जाता है और बाद में जिस स्थान पर ओलंपिक आयोजित होता है। वहां पर विभिन्न खिलाड़ियों द्वारा लाया जाता है।
ओलंपिक खेल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- ओलंपिक खेलों में शपथ ग्रहण लेने की परंपरा है और इस परंपरा की शुरुआत 1920 ईस्वी के एंटवर्प ओलंपिक से प्रारंभ हुआ। ओलंपिक खेलों के प्रारंभ में शपथ ग्रहण भी होता है।
- तीसवे ओलंपिक खेल का शुभारंभ ब्रिटेन की राजधानी लंदन में ओलंपिक स्टेडियम में आयोजित किया गया था, जिसका उद्घाटन ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के द्वारा हुआ था।
- लंदन में आयोजित विश्व ओलंपिक में भारत के तरफ से 81 खिलाड़ी खेलने के लिए गए थे, जिसमें उन्होंने 13 खेलों की 54 स्पर्धाओं में भाग लिया था।
- ओलंपिक खेलों में महिलाओं की भागीदारी 1900 ई० के द्वितीय ओलंपिक खेलों से हुई।
- ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाली प्रथम भारतीय महिला खिलाड़ी मैरी लीला राव है।
- भारत की ओर से ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाला प्रथम खिलाड़ी एक आंग्ल इंडियन नॉर्मन प्रिजार्ड है, जिसने 1900 के द्वितीय ओलंपिक में भाग लिया और एथलेटिक्स स्पर्धा में दो रजत पदक प्राप्त किया।
- माइकल फेल्पस अब तक के ओलंपिक में सबसे ज्यादा पदक जीतने वाले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने ओलंपिक के तैराकी की विभिन्न स्पर्धाओं में 23 पदक जीते हैं, जिनमें 18 स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक है। इन्हें गोल्डन शार्क के नाम से भी जाना जाता है।
- लारसिया लटानिया ओलंपिक में सबसे ज्यादा पदक जीतने वाली प्रथम महिला है, जिन्होंने ओलंपिक में 18 पदक अपने नाम किया है।
- ओलंपिक में सबसे ज्यादा पदक जीतने का रिकॉर्ड रूस का है।
- अब तक का ओलंपिक में सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला खिलाड़ी लरीना लाव्यनीना है। इन्होंने कुल 18 स्वर्ण पदक अब तक जीते हैं, जिनमें से 9 स्वर्ण पदक इन्होंने केवल जिमनास्टिक वर्ग में हासिल किया है।
भारत के द्वारा ओलंपिक में प्राप्त पदक
भारत ने ओलंपिक खेल में सबसे पहले 1900 ई. के ओलंपिक में हिस्सा लिया। सर्वप्रथम भारत ने रजत पदक प्राप्त किया था। अब तक भारत ने 24 ओलंपिक खेलों में शामिल होकर लगभग 35 पदक भारत देश के नाम किया है। 35 पदक में 10 गोल्ड मेडल है, 9 सिल्वर मेडल है और 16 ब्रोंज मेडल है।
भारत ने पहला गोल्ड मेडल हॉकी में 1928 के ओलंपिक में जीता था। भारत ने केवल हॉकी में कुल 11 पदक ओलंपिक में जीते हैं, जिसमें 8 गोल्ड मेडल शामिल है।
उपसंहार
ओलंपिक खेल दुनिया के विभिन्न देशों के खिलाड़ियों को उनके खेल को बेहतर बनाता है तथा खेलों को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष
हमें उम्मीद है कि आज के इस लेख में लिखे गए ओलंपिक पर निबंध (Essay On Olympic In Hindi) आपको पसंद आया होगा। लेख संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप कमेंट सेक्शन में जरूर पूछे। इस निबन्ध को आगे शेयर जरूर करें।
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