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मेरी कक्षा पर निबंध

Essay on My Class in Hindi: सभी लोग जानते हैं कि बच्चे का एक पहला घर उसका अपना घर होता है और दूसरा घर होता है विद्यालय। आज के इस आर्टिकल में हम मेरी कक्षा पर निबंध पर जानकारी आप तक पहुंचाने वाले हैं। इस निबंध में मेरी कक्षा के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है। 

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मेरी कक्षा पर निबंध | Essay on My Class in Hindi

मेरी कक्षा पर निबंध ( 250 शब्द )

सभी बच्चों को अपने स्कूल में खुद की कक्षा से बहुत ज्यादा लगाव होता है क्योंकि कक्षा की बहुत सी यादें उसके साथ जुड़ी हुई होती है। नए-नए दोस्त बनाना, बच्चों के साथ लड़ाई, झगड़ा यह सब काम सभी बच्चों के लिए होते हैं। हर साल हम अपनी क्लास बदलते रहते हैं। जैसे-जैसे आगे बढ़ते जाते हैं। हमारी यादें पीछे छूट दी जाती हैं। सभी बच्चों को अपने टीचर्स का फेवरेट होना, छोटी-छोटी खट्टी मीठी ऐसी यादें सभी से बहुत लगाव होता है। जिनको बड़े होने पर जब याद करते हैं तो बहुत अच्छा लगता है।

मेरा नाम राहुल है। मैं रुकमणी देवी पब्लिक स्कूल में पढ़ता हूं। मैं कक्षा 6 का विद्यार्थी हूं। मुझे अपनी कक्षा से बहुत लगाव है क्योंकि मेरी कक्षा के सभी बच्चे टीचर बहुत अच्छे हैं। मेरी कक्षा में कोई 30 बच्चे हैं । जो सभी बहुत अच्छे हैं किसी के साथ मेरा कोई झगड़ा नहीं होता। हम सभी आपस में एक दूसरे के साथ प्यार प्रेम के साथ रहते हैं।

जब मैं अपनी कक्षा में किसी कारणवश स्कूल नहीं आ पाता, तो मेरे कक्षा के मित्र मेरी बहुत मदद करते हैं क्योंकि जिस दिन स्कूल नहीं आता तो मेरी पढ़ाई नहीं हो पाती और मेरा काम भी रह जाता है, इसीलिए वह सभी मेरे मित्र मेरे को पढ़ाने में तथा स्कूल का काम देने में मेरा बहुत सहयोग करते हैं।

मेरी कक्षा अध्यापिका बहुत अच्छी है और बहुत ही सरल स्वभाव की हैं। वह हमारी कक्षा के सभी विद्यार्थियों को बहुत अच्छे से पढ़ाती हैं। अगर किसी विद्यार्थी को कुछ समझ नहीं आ रहा या उसको याद नहीं हो रहा तो इन कामों में वह हमारी बहुत मदद करती हैं। एक बार समझ ना आने पर बार-बार समझाती हैं, किसी बच्चे को मारती नहीं है, सभी के साथ प्यार से व्यवहार करती है।

मेरी कक्षा पर निबंध ( 1200 शब्द )

प्रस्तावना

सभी बच्चों को अपने जीवन में आगे बढ़ने के साथ-साथ अपनी कक्षा से बहुत अधिक लगाव होता है।हर विद्यार्थी के जीवन में उसकी कक्षा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जैसे जैसे हम अपनी अपनी कक्षा को पास करते हुए आगे की कक्षा में पढ़ते हैं तो हमें हर कक्षा की कुछ महत्वपूर्ण यादें उनके साथ जुड़ जाती हैं, और वह आगे कक्षाओं में बढ़ने के साथ याद आती हैं। सभी विद्यार्थियों के जीवन में उसकी कक्षा एक मंदिर की समान होती है। जिस प्रकार मंदिर में सभी धर्मों के लोग जाते हैं, उसी प्रकार विद्या का अध्ययन करने के लिए भी हर धर्म के लोग आते हैं।

मेरी कक्षा सबसे सुंदर

मेरा नाम राहुल है। मैं रुकमणी देवी इंटरनेशनल स्कूल का कक्षा 5 का विद्यार्थी हूं। मुझे मेरी कक्षा हमारे विद्यालय में सबसे ज्यादा सुंदर लगती है क्योंकि मेरी कक्षा उस जगह पर बनी हुई है। वहां से हम हमारे विद्यालय में हो रही हर गतिविधि को देख आसानी से देख लेते हैं। मेरी कक्षा में 2 तरफ खिड़कियां है और दो ही दरवाजे हैं। उन खिड़कियों के माध्यम से मैं बाहर की तरफ का नजारा देख लेता हूं। क्लास रूम के बाहर बहुत सुंदर बगीचा है। वहां पर सुंदर सुंदर अलग-अलग रंग बिरंगे फूलों के पौधे लगे हुए हैं। जिनको देखकर मुझे बहुत खुशी और प्रसन्नता मिलती है।

इन में सभी महान पुरुषों के चित्र दीवारों पर लगाए गए हैं। उनको देखने से हमें अपने जीवन में कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिलती है। इसके अलावा हमारे देश के प्रधानमंत्री की, महात्मा गांधी की भी फोटो मेरे कक्षा रूम में लगी हुई है। मेरी कक्षा में सभी विद्यार्थियों के द्वारा जो भी एक्टिविटीज होती है, उन सभी एक्टिविटी ओं को कक्षा रूम के अंदर सजा कर रख दिया जाता है, इसीलिए मेरी कक्षा विद्यालय में सबसे सुंदर और अच्छी है।

मेरी कक्षा में कुल 30 बच्चे हैं। वह सभी अपने अपने बैचों पर बैठते हैं। एक ब्लैक बोर्ड है, इसके माध्यम से हमें कक्षा अध्यापक पढ़ाती हैं। सभी विद्यार्थी बहुत प्यार प्रेम के साथ में रहते हैं मेरा किसी भी छात्र के साथ कोई झगड़ा नहीं होता है।

मेरी कक्षा की खेलकूद की व्यवस्था

खेलकूद के पीरियड में खेलों के महत्व के बारे में समझाया जाता है और इसके साथ ही जिस भी बच्चे की जिस खेल में रुचि है, उसको उनकी सुविधा के अनुसार खेलने के लिए भी मैदान में भेजा जाता है। मेरी कक्षा के सभी बच्चे मिलजुल कर खो-खो खेलते हैं, कुछ बच्चे फुटबॉल खेलते हैं, कुछ बच्चे पकड़म पकड़ाई खेलते हैं। सभी बच्चों को अपनी अपनी पसंद के अनुसार खेल खेलने की अनुमति कक्षा अध्यापिका के द्वारा दी जाती है। हम सभी बच्चे अपने खेल के पीरियड में बहुत मनोरंजन के साथ खेलते हैं। खेल – खेल में पता ही नहीं चलता कि हमारा कब हमारा खेल का समय खत्म हो गया। उसके बाद हमारे दूसरे विषय का पीरियड आ जाता है, और हम सभी बच्चे अपने कक्षा में आ जाते हैं।

मेरी कक्षा की प्रिय कक्षा अध्यापिका

इन में अलग-अलग विषय के सभी शिक्षक पढ़ाने के लिए आते हैं, लेकिन उन सभी शिक्षकों के मुझे सबसे अच्छी हमारी हिंदी की अध्यापिका लगती है। वह इतनी अच्छी है और बहुत सरल स्वभाव की है। वो किसी को भी नहीं डांटती है। हिंदी विषय को हमारी अध्यापिका बहुत अच्छे से पढ़ाती हैं। किसी भी विद्यार्थी को हिंदी विषय में कोई परेशानी भी नहीं होती है। हम सभी विद्यार्थी हमारी हिंदी की अध्यापिका के साथ बहुत खुश रहते हैं क्योंकि वह बहुत प्यार से सभी बच्चों के साथ में व्यवहार करती हैं।

मेरी कक्षा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें

यह बहुत ही सुंदर और अच्छी है। जो मुझे सबसे अधिक प्रिय है। मेरी कक्षा में 30 विद्यार्थी हैं, उन सभी को बैठने के लिए अलग-अलग डेस्क है। उन पर सभी विद्यार्थी अलग-अलग बैठते हैं। सभी विद्यार्थी की सीट का रोजाना परिवर्तन होता रहता है, उनको रोल नंबर के हिसाब से अलग-अलग स्थान पर बिठाया जाता है। ताकि किसी भी बच्चे में अपनी जगह को लेकर लड़ाई ना हो, इसीलिए मुझे मेरी क्लास का यह तरीका बहुत अच्छा लगता है। इसके अलावा मेरी कक्षा में महान क्रांतिकारी और नेताओं की तस्वीर भी लगी हुई है। उन सभी के बारे में हमें बहुत सी जानकारियां हमारी टीचर के द्वारा दी गई है।जिससे हमें कुछ नया सीखने का जीवन में मौका मिलता है।

मेरी कक्षा का महत्व

सभी विद्यार्थियों के जीवन में उसकी कक्षा का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। जीवन को आगे बढ़ाने में कहीं ना कहीं कक्षा का ही हमारे जीवन मे योगदान रहता है। जैसे जैसे हम अपनी कक्षा में पास होकर आगे की कक्षाओं में जाते है। सभी कक्षा हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। मेरी कक्षा बहुत ही अच्छी है, वह एक मंदिर की तरह है। मेरी कक्षा में अलग-अलग धर्म के सभी विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते हैं और अभी एक साथ पढ़ते हैं।

किसी में कोई बैर भाव नहीं होता है। सभी विद्यार्थी बहुत अच्छे से जानते हैं कि शिक्षा उनके जीवन में कितनी जरूरी है, अगर वह पढ़ेंगे नहीं तो जानवरों की तरह कहलायेंगे। कक्षा के बिना हम शिक्षा भी नहीं ले सकते है। अगर मुझे किसी भी चीज में पढ़ाई से संबंधित समझने में बहुत परेशानी होती है, तो मैं अपनी कक्षा अध्यापक के द्वारा उस चीज को आसानी से समझ लेता हूं।

निष्कर्ष

मुझे मेरी कक्षा बहुत पसंद है और पढ़ाई के महत्व को पढ़ाई को बहुत अच्छे से उसमें समझाया जाता है,जैसा आप सभी लोग जानते हैं कि आज पढ़ाई का महत्व किस तरह से बदल गया है। आज समय के साथ बदलते हुए शिक्षा के स्वरूप को पूरी तरह बदल दिया गया है। प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ाई की जाती है। इसके अलावा टीचर के हाथ में चॉक की जगह डिवाइस और बच्चों के हाथ में रिमोट आ गए हैं। जिनके माध्यम से पढ़ाई की जाती है। इस प्रकार से विकासशील देश में शिक्षा के एक नई तकनीकी का जन्म हुआ है।

अंतिम शब्द

आशा करते हैं कि आपको यह मेरी कक्षा पर निबंध (Essay on My Class in Hindi) पर बहुत पसंद आया होगा। अगर आपको यह पसंद आया है, तो इससे संबंधित किसी भी जानकारी के लिए आप हमारे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते हैं।

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Ripal
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