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मौलिक अधिकार पर निबंध

Essay on Fundamental Rights in Hindi : भारत में रहने वाले हर नागरिक को कुछ अधिकार प्राप्त हैं। यह अधिकार हमे देश के संविधान के भाग 3 से मिलता हैं।  हम यहां पर अलग-अलग शब्द सीमा में मौलिक अधिकार पर निबंध शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होंगे।

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मौलिक अधिकार पर निबंध | Essay on Fundamental Rights in Hindi

मौलिक अधिकार पर निबंध ( 250 शब्द ) 

हमारे देश एक लोकतान्त्रिक देश है। हमारे देश का एक लिखित संविधान हैं। विश्व के सबसे बड़े संविधानों में से एक भारत का लिखित संविधान, जो हमारे देश के नागरिको कई अधिकार देता हैं। हमारा संविधान जो हमें मौलिक अधिकार देता हैं उस में शिक्षा का अधिकार, स्वंत्रता का अधिकार, इतियादी कई अधिकार देता हैं। 

हमारे देश के संविधान में जो अधिकार देते मिलते हैं, उनका वर्णन संविधान के भाग 3 में मिलता हैं। भाग 3 के अनुच्छेद 12 से 35 तक हमारे मौलिक अधिकारों का वर्णन मिलता हैं। यह अधिकार हमें सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक अधिकार देते हैं। 

मौलिक अधिकार जो हमें हमारे संविधान में से मिलते हैं, उनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार हैं। 

  • समता का अधिकार – हमारे देश के संविधान हमें समता का अधिकार देता हैं। संविधान में समता शब्द का वर्णन हैं बल्कि इसका मतलब समानता के अधिकार से हैं। 
  • स्वंत्रता का अधिकार – स्वंत्रता के अधिकार से आशय इस बात हैं की हमें देश में कुछ कामों को करने की स्वंत्रता भी दी जाती हैं। 
  • शोषण के विरुद्ध अधिकार – हम अगर शोषण से पीढ़ीत हैं या कोई और आपके सामन पीढ़ीत हैं, तो आप उनकी खिलाफ आवाज उठा सकते हैं। 
  • धर्म की स्वंत्रता का अधिकार – हमारा देश हमें धर्म की स्वंत्रता का भी अधिकार देता हैं। हम जिस भी धर्म को मानते हैं, हमें उसका भी अधिकार हैं। 
  • संस्कृति और शिक्षा का अधिकार – हमारे देश में कई भांति – भांति प्रकार के लोग रहते हैं, जो अलग – अलग संस्कृति में रहते हैं। हमारा देश इस बात की भी आजादी देता हैं की हम कोई भी संस्कृति का सम्मान करे साथ ही हमें शिक्षा का भी अधिकार मिलता हैं। 

मौलिक अधिकार पर निबंध ( 800 शब्द ) 

प्रस्तावना

हमारे देश के संविधान में हमें मिलने वाले कई मौलिक अधिकारों के बारे में बताया गया हैं। हमारे देश में रहने वाले हर नागरिक को मौलिक अधिकार प्राप्त हैं। हमारे देश के संविधान में मिलने वाले अधिकारों में हमें शोषण के विरुद्ध अधिकार, स्वंत्रता का अधिकार इतियादी अधिकार प्राप्त हैं। देश के संविधान में मिले यह अधिकार हमारी आजादी और हमारी स्वंत्रता और स्वाधीनता का प्रतिक हैं। 

मोलिक अधिकार का अर्थ

सामान्य भाषा में मौलिक अधिकारों का अर्थ समझे तो इनका सामान्य भाषा में अर्थ होता हैं, वो अधिकार जो हमें कुछ काम करने की आजादी देते हैं। ऐसे अधिकार जो हमें संविधान से प्राप्त होते हैं। मूल अधिकार जो हमें संविधान में प्राप्त हैं। वो हमारे लिए बेहद जरुरी हैं, परन्तु यह मूल कर्तव्य से बिलकुल अलग हैं। 

हमें प्राप्त मौलिक अधिकार संविधान से मिलते हैं, वो यह हैं जो निम्न में बताये हैं। 

मौलिक अधिकारों की सूची

देश के संविधान के भाग 3 में कुछ मूल अधिकारों के बारे में बताया गया हैं, जो हमारे लिए बेहद जरुरी हैं।

समता का अधिकार – हमारे देश का संविधान हमें समता का अधिकार देता हैं। संविधान में समता शब्द का वर्णन हैं बल्कि इसका मतलब समानता के अधिकार से हैं। आप देश में कभी भी कुछ भी बोल सकते हैं। देश के संविधान में एक समान काम करने की आजादी हमें भी मिलती हैं। समानता का अर्थ हैं काम में समानता, शिक्षा और पढाई में समानता इसके साथ हमें राजनीतिक मामलो में भी समानता मिलती हैं। 

देश का कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकता हैं फिर चाहे वो किसी धर्म, जाति या समुदाय से हो। देश के हर व्यक्ति के पास निश्चित समानता और समान अधिकार हैं। 

स्वतंत्रता का अधिकार – स्वतंत्रता के अधिकार का आशय इस बात का है की हमें देश में कुछ कामो को करने की स्वतंत्रता भी दी जाती हैं। देश में आप किसी भी कार्य को आज़ादी के साथ कर सकते हो , इसके लिए हमें नियमों का पालन करना होगा। किसी भी काम को करने के लिए आपको समान अधिकार प्राप्त हैं। स्वतंत्रता में बोलने की स्वतंत्रता, देश के किसी भी कौने में घूमने की स्वतंत्रता और किसी भी कार्य को करने की स्वतंत्रता हमें देश का संविधान देता हैं। 

शोषण के विरुद्ध अधिकार – हम अगर शोषण से पीढ़ीत हैं या कोई और आपके सामने पीढ़ीत हैं, तो आप उनकी खिलाफ आवाज उठा सकते हैं। समाज में अगर हमारे साथ किसी भी प्रकार का शोषण होता हैं, तो हमारे देश का संविधान हमे उसकी भी आजादी देता हैं की हम उसके खिलाफ आवाज उठाये।

धर्म की स्वंत्रता का अधिकार – हमारा देश हमें धर्म की स्वंत्रता का भी अधिकार देता हैं। हम जिस भी धर्म को मानते हैं, हमें उसका भी अधिकार हैं। हमारे देश में भांति – भांति के धर्म के लोग रहते हैं और अलग – अलग समुदाय के लोग रहते हैं। हमारे देश का संविधान हमें इस बात की भी आजादी देता है की हम अपने धर्म को फॉलो करे। इस मामले में हमारा संविधान हमें किसी भी प्रकार की कोई रोकटोक नही करता हैं।

संस्कृति और शिक्षा का अधिकार – हमारे देश में कई भांति – भांति प्रकार के लोग रहते हैं, जो अलग – अलग संस्कृति में रहते हैं। हमारा देश इस बात की भी आजादी देता हैं की हम कोई भी संस्कृति का सम्मान करे, साथ ही हमें शिक्षा का भी अधिकार मिलता हैं। हमारे देश के हर धर्म और वर्ग के लोगों को शिक्षा का समान अधिकार मिलता हैं। हमारा देश और देश का संविधान हमें हमारी पसंद की संस्कृति को बढ़ावा देने और एक – दुसरे की संस्कृति को सम्मान देने की भी आजादी देता हैं। 

हमारे देश के संविधान में जो मौलिक अधिकार हैं उनकी जानकारी हमें होनी चाहिए ताकि हम अपने विरुद्ध होने वाले अन्याय को रोक सके। 

निष्कर्ष

देश के संविधान में मूल अधिकार एक अहम भाग हैं। देश के नागरिको को देश का संविधान कुछ मुख्य अधिकार देता हैं, जो हमें देश में सम्मान भाव का एहसास दिलाता हैं। देश में हो रहे अन्याय को रोकने के लिए आजादी हमें हमारे मौलिक अधिकार ही देता हैं। जय हिन्द। 

अंतिम शब्द  

हमने यहां पर “मौलिक अधिकार पर निबंध (Essay on fundamental rights in hindi)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Ripal
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