Essay on Deforestation in Hindi: पेड़ों को अधिक से अधिक संख्या में लगाना हमारे नैतिक जिम्मेदारी है। इससे हम अपने पर्यावरण को तथा हमारे वातावरण को बहुत सुरक्षित बना सकते हैं। आज का हमारा आर्टिकल जिसमें हम वनोन्मूलन पर निबंध के बारे में बात करने वाले हैं। इस निबंध में वनोन्मूलन के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
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वनोन्मूलन पर निबंध | Essay on Deforestation in Hindi
वनोन्मूलन पर निबंध (250 शब्द)
आज हमारे देश में पेड़ पौधों की लगातार कटाई के कारण वनों को बहुत तेजी से नुकसान हो रहा है। इसका बहुत गलत प्रभाव हमारे वन्यजीवों पर, मनुष्य के स्वास्थ्य पर और हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है। जिस तेज गति से हमारे देश की जनसंख्या बढ़ रही है, उसी तेजी से वनों की कटाई भी हो रही है। सभी मनुष्य अपने घरों के निर्माण के लिए और नए- नए शहरों की स्थापना के लिए लोग जंगलों को काटने पर मजबूर से हो गए हैं।
वनोन्मूलन की वजह से हमारे यहां वायु प्रदूषण और हमारे वातावरण में जहरीली गैसों के स्तर में बढ़ोतरी हुई है। मृदा और जल प्रदूषण से भी मनुष्य के जीवन पर प्रभाव पड़ा है। वनोन्मूलन वजह से खास तौर पर मनुष्य के फेफड़े और सांस की बीमारियों का बहुत सामना करना क्योंकि लोग मानते नहीं है और वृक्षों की अंधाधुंध कटाई किए जा रहे हैं जिसके कारण वन्यजीवों का भी विनाश हो रहा है और पेड़ पौधे भी कट रहे है।
समस्त मानव जाति इस पृथ्वी पर अपने विकास के लिए वनों का विनाश करती जा रही है। अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करती जा रही है। अगर इसी तरह से हमारे देश में या विदेश में पेड़ पौधों को नहीं बचाया गया, तो इससे हमारा जीवन भी बहुत खतरे में पड़ सकता है। बहुत से लोग तो ऐसे हैं, जो अपने स्वार्थ के लिए पैसा कमाने के चक्कर में वनोन्मूलन कर रहे हैं। मनुष्य अपने कृषि कार्यों के निर्माण में शहरीकरण के लिए फर्नीचर बनाने के लिए, भूमि का खनन तेल आग इन सभी कार्यों के लिए पेड़ों की कटाई करके पैसा कमा रहे हैं।
वनोन्मूलन पर निबंध (1200 शब्द)
प्रस्तावना
हमारे देश के साथ संपूर्ण पृथ्वी पर लोगों को अपना जीवन बचाने के लिए वनोन्मूलन को करना होगा। जलवायु का असंतुलित होना, ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ना, मिट्टी का अपरदन होना, बाढ़, वन्यजीवों की कमी, शुद्ध ऑक्सीजन गैस का ना मिलना, फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं से वातावरण का प्रदूषित होना, जल प्रदूषण, कार्बन डाइऑक्साइड गैस का वातावरण में बढ़ना, आदि सभी कारण से मानव जाति को और हमारे शुद्ध वातावरण को प्रदूषण ने बहुत बुरी तरह से प्रभावित किया है। इसका प्रमुख कारण रहा है हमारी संपूर्ण पृथ्वी पर वनों की अंधाधुंध कटाई पेड़ पौधों का समाप्त होना।
वनोन्मूलन का अर्थ
इसका अर्थ है कि इसके अंतर्गत हमारे देश में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई असमय पर होना, पेड़ों का गिरना, जंगलों में कूड़े करकट की सफाई, मवेशियों का जंगल में घूमना, नए-नए पेड़ पौधों के साथ छेड़खानी करना, यह सभी वनोन्मूलन के कारण है। जिस प्रकार मनुष्य पेड़ पौधों को हानि पहुंचाता है अर्थात पेड़ों की कटाई कर देता है, इससे पेड़ों की सुंदरता उनके फल फूल आदि सभी चीज नष्ट हो जाते हैं इसी के कारण वनोन्मूलन होता है।
वनोन्मूलन के कारण
जिस तेज गति से बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ हमारे सभी बनो को समाप्त किया जा रहा है इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। वनोन्मूलन के प्रमुख कारणों को आइए जानते हैं-
1. वनों की भूमिका कृषि में परिवर्तित होना – आज जिस प्रकार से कृषि उत्पादन की बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण मांग बढ़ती जा रही है। इसी के लिए लोग अधिक से अधिक संख्या में जंगलों को समाप्त करके खेती कर रहे हैं, क्योंकि खेती के लिए घास के हरे मैदान और पानी के नीचे की भूमि को अधिक प्रयोग में लिया जाने लगा है। इससे खेती बहुत अच्छी और उपजाऊ होती है। वनों के उन्मूलन से मृदा का अपरदन की भी समस्या बहुत ज्यादा हो रही है।
2. स्थानांतरित कृषि का होना – दक्षिण पूर्वी एशिया के पहाड़ी क्षेत्र में जो वन है, उनका विनाश बहुत तेज गति से हो रहा है। इस समस्या का प्रमुख कारण है कि लोग पहाड़ी क्षेत्रों में वनों को जलाकर उस पर खेती कर रहे हैं। उस भूमि की उत्पादकता घट गई है। इस वजह से वनों को साफ किया जा रहा है। आज हमारे देश में भी ऐसी पहाड़ी राज्य हैं जिनमें स्थानांतरित खेती की जाती है।
3. औद्योगिक विकास के लिए लकड़ी का प्रयोग – आज लकड़ी का प्रयोग करके मनुष्य नए-नए उद्योग कर रहा है। लकड़ी के प्रयोग से औद्योगिक कार्य भी किए जा रहे हैं। जैसे लकड़ी सेफ पैकिंग के बॉक्स बनाना फर्नीचर माचिस की तीली कागज और प्लाईवुड के लिए लकड़ी को प्रयोग किया जाता है और भी विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र में प्रयोग लेने के लिए वनों को काटा जा रहा है।
4. शहरीकरण के लिए वनोन्मूलन– शहरों में जो भी विकासशील गतिविधियां होती है, उनके लिए वनोन्मूलन हो जाता है। शहरों के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए वनों को नष्ट किया जा रहा है। इसके लिए तापीय शक्ति संयंत्र, कोयला, खनिज, कच्चे माल का खनन आदि सभी वनोन्मूलन के लिए महत्वपूर्ण कारण है।
भारत में वनोन्मूलन से वन्यजीवों को हानि
हमारे देश में लगभग 45000 प्रजातियां तो पेड़- पौधों की पाई जाती है, और 75000 प्रजातियां पशु व पक्षियों की देखने को मिलती है। वनों के बचाव के लिए हमें वन्यजीवों का संरक्षण भी बहुत जरूरी है। सबसे अधिक हाथी, शेर, चीते की संख्या में भारी कमी आ गई। चीता की प्रजाति तो लुफ्त ही हो गई है। पहले हाथी पूरे देश में पाए जाते थे। अब बहुत कम हाथी यहां देखने को मिलते हैं। इसके अलावा जो एशियाई बाघ हुआ करते थे वह अब एशिया से ही गायब हो गए हैं।
क्या है वनोन्मूलन के परिणाम
वनोन्मूलन का प्रभाव मनुष्य जीवन तथा हमारे पर्यावरण पर भौतिक और जैविक रूप से बहुत पड़ता है इसके परिणाम प्रमुख है-
- मृदा का अपरदन व बाढ़ – आज हमारे धरती पर वनों के बढ़ते हुए विनाश के कारण वर्षा का धन ही बदल गया है। वनों की कमी से पानी धरती के ऊपर ही रहता है जिसके कारण मिट्टी की ऊपरी सतह वह कर नदियों के तल में गार्ड के रूप में बैठ जाती है 1 मिट्टी के अपरदन को और जो भू संकलन होता है उसको रोकते हैं इसकी वजह से बाढ़ और सूखे की संभावना कब होती है।
- जलवायु का परिवर्तन – वनों की कटाई करने से हमारी जलवायु पर बहुत प्रभाव पड़ा है। हमारे वातावरण में विद्यमान हानिकारक गैसों से हमको वनों के द्वारा ऑक्सीजन गैस मिलती है। जिससे हमारा जीवन सुरक्षित रह पाता था, और वातावरण भी एकदम सुरक्षित रहता था। वनों की वजह से ही आज हम अच्छे से सांस ले पाते हैं। वनों के कारण ऑक्सीजन की मात्रा संपूर्ण पृथ्वी पर अच्छी बनी रहती है।
- जीवन का स्वरूप जैवविविधता – हमारी पृथ्वी पर सभी प्राणियों और सभी जानवरों का समावेश ही जैवविविधता कहलाता है। सभी के जीवन के प्रत्येक स्वरूप को जैवविविधता कहा गया है। जैव विविधता के संरक्षण से एक बहुत बड़ा लाभ यह भी होगा कि मानव प्रयोग और कल्याण अनेक प्रकार के उत्पादन उपलब्ध किये जाएंगे। इसमें सबसे अधिक उपयोगी कृषि और उद्योगों को माना गया है।
वनोन्मूलन से ग्लोबल वार्मिंग की समस्या
वनों का विनाश होने की वजह से हमारे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा बड़ने से ग्रीन हाउस गैस की समस्या भी बढ़ गई है। इन सब की वजह से ग्लोबल वार्मिंग भी हो रही है, क्योंकि पेड़ पौधों की अंधाधुंध कटाई जब पेड़ ही नहीं रहेंगे तो हमारे पृथ्वी के तापमान में भी बहुत अधिक वृद्धि होगी। इस वृद्धि की वजह से हमारे पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है, और मौसम में भी बहुत बदलाव हो रहे हैं।
निष्कर्ष
जिस तेज गति से हमारे बनो को नष्ट किया जा रहा है। इसके लिए लोगों को वनों की कटाई रोकने के लिए जागरूक करना होगा। सभी लोगों को वनों के महत्व के बारे में समझाना होगा, तथा अधिक संख्या में लोग पेड़ पौधों की कटाई कर रहे हैं,उससे दुगनी संख्या में उनको पेड़ पौधे लगाने के लिए जागरूक करना होगा। धरती पर बिना पेड़ों के वनों के हमारा जीवन संभव नहीं है।
अंतिम शब्द
आशा करते हैं आपको हमारा यह वनोन्मूलन पर निबंध ( Essay on Deforestation in Hindi) बहुत पसंद आया होगा। आपको इससे जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप हमें नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट कर सकते हैं।
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