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नारियल के पेड़ पर निबंध

Essay On Coconut Tree In Hindi: नारियल को इंग्लिश में कोकोनट कहा जाता है। इसको पूजा में भी काम लिया जाता है। नारियल को बहुत से कामों में प्रयोग किया जाता है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। हम यहां पर नारियल के पेड़ पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में नारियल के पेड़ के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है

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नारियल के पेड़ पर निबंध | Essay On Coconut Tree In Hindi

नारियल के पेड़ पर निबंध (250 शब्द)

इसके पेड़ की लंबाई लगभग 20 से 30 मीटर तक की होती है। नारियल के पेड़ अन्य पेड़ों से बहुत ऊंचा और चौड़ा प्रतीत होता है। इसका तना काफी लंबा होता है और इसमें शाखा नहीं होती हैं। नारियल का तना बहुत ही मजबूत और कठोर होता है। इसके तने में बहुत ज्यादा लचीलापन होता है। इस पेड़ को अधिकतर समुद्र के किनारों पर देखा जाता है। नारियल का उत्पादन अधिक तर केरल, मद्रास, और आंध्र प्रदेश में अत्यधिक होता है। इस वृक्ष की आयु 70 से 80 वर्ष तक रहती है। इस पेड़ को लगाने के 15 वर्ष पश्चात यह फल देना शुरू करता है। डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा पेड़ सिर्फ केरल में पाए जाते हैं। पूरे विश्व भर में नारियल का पेड़ देखने को मिल जाता है।

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नारियल की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती हैं। कुछ प्रजातियों के वृक्ष बहुत ही अधिक बड़े होते हैं, जबकि कुछ प्रजातियों के वृक्ष आकार में थोड़े छोटे होते हैं। इसकी कुछ प्रजातियां 5 वर्ष में ही फल देने लगती हैं, जबकि कुछ वृक्ष 15 वर्ष पश्चात फल देते हैं। नारियल के पेड़ को पूरे साल भर में कभी भी लगाया जा सकता है, लेकिन मार्च से जुलाई तक यह फल सबसे ज्यादा उगाया जाता है।

इसके पके फल को सुखाकर इससे तेल बनाया जाता है। नारियल का तेल लगाने से बालों का रंग काला बना रहता है और बाल कम झड़ते हैं। नारियल को बहुत ही शुभ माना जाता है। खास तौर पर इसकी मान्यता सबसे अधिक भारत में पाई जाती है क्योंकि कोई भी शुभ काम करने से पहले नारियल फोड़ा जाता है जो कि भगवान शिव का प्रतीक भी होता है।

नारियल के पेड़ पर निबंध (850 शब्द)

प्रस्तावना

नारियल का इस्तेमाल प्राचीन समय से ही चलता आ रहा है। नारियल के फल को बहुत ही शुभ माना जाता है। पूजा करने से पहले नारियल को फोड़ा जाता है। कोई भी शुभ कार्य करने से पहले नारियल का इस्तेमाल किया जाता है। नारियल का वैज्ञानिक नाम को कोकोनट न्यूशिफेरा है। इसकी उम्र कम से कम 100 साल की होती है, इस पेड़ की ऊंचाई 20 से 30 मीटर तक की होती है, जबकि कुछ प्रजातियां छोटी होती हैं। जिसकी ऊंचाई 10 से 15 फीट तक की ही होती हैं।

इसका तना काफी मजबूत और कठोर होता है, लेकिन इसके साथ ही इसका तना थोड़ा लचीला भी होता है। यह पेड़ अधिकतर समुद्र के किनारों पर ही पाए जाते हैं। इन पेड़ों को पूरी दुनिया में देखा जा सकता है, लेकिन भारत में सबसे ज्यादा यह केरल, मद्रास, एवं आंध्र प्रदेश में इन को सबसे अधिक उगाया जाता है। इस पेड़ पर पूरे साल भर तक पर रहते हैं, परंतु मार्च से लेकर जुलाई के महीने में बहुत अधिक फल पाए जाते हैं।

नारियल के पेड़ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

नारियल का दूसरा नाम श्रीफल और कल्पवृक्ष है। प्राचीन काल से ही नारियल को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार ऐसी मान्यता है, कि नारियल का निर्माण ऋषि विश्वामित्र ने किया था, इसीलिए भारतीय धर्म और संस्कृति के हिसाब से इस पेड़ का बहुत ही अधिक महत्व है।

सभी शुभ कामों में सबसे पहले नारियल को रखा जाता है। कोई भी शुभ काम हो या फिर घर में कोई काम भी, नया व्यापार हो कोई भी, नई वस्तु लाई गई हो तो सबसे पहले नारियल का फोड़ना बहुत ही शुभ माना जाता है।

नारियल फोड़ने के पीछे एक मान्यता यह है, कि इससे इंसान का घमंड भी टूट जाता है, क्योंकि नारियल के ऊपर एक कठोर परत होती है, जिसे तोड़कर नारियल निकलता है, उसी प्रकार इंसान के ऊपर भी कठोर परत चढ़ी होती है घमंड की उसके टूटने से नरम दिल का इंसान बन जाता है। नारियल को भगवान शिव का प्रतीक भी माना जाता है इसमें तीन छेद होते हैं जिन्हें शिव जी के तीन आंख और इसके रेशे को शिवजी की जटाए कहा जाता है।

नारियल के लाभ

  • इस में विटामिन बी और मिनिरल काफी मात्रा में पर्याप्त होता है।
  • इसमें विटामिन पोटेशियम कैल्शियम और फाइबर की अधिक मात्रा पाई जाती है।
  • नारियल पानी में बहुत सारे पोषक तत्व विद्यमान होते हैं इसमें कैलोरी भी होती है और यह सरलता से पच भी जाता है।
  • इसका पानी शरीर के अंदर ग्लूकोस की पूर्ति करता है।
  • नारियल में काफी अधिक एंटीबैक्टीरियल और एंटी पैरासाइट गुण पाए जाते हैं। जिसकी वजह से शरीर का संक्रमण दूर होता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
  • नारियल का पानी शरीर में ऊर्जा बढ़ाता है और अनावश्यक सेट को घटाता है।
  • इस के पानी से उल्टी और जी मिचलाने की समस्या खत्म हो जाती है, और प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
  • इस के पानी से ब्लड कोलेस्ट्रोल घटता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
  • नारियल खाने से हड्डियां और दांत भी मजबूत होते हैं साथ ही पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।

नारियल के वृक्ष का उपयोग

इसके वृक्ष के बहुत फायदे होते हैं। इस वृक्ष के हर हिस्से को उपयोग लिया जा सकता है। इस पेड़ की लकड़ी से कई प्रकार के फर्नीचर, नावे, कागज, मकान इत्यादि बनाए जाते हैं। इसके पत्तों का इस्तेमाल छतो को ढकने के लिए किया जाता है।

इस के तेल में खाना बनाने से यह बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। इसके साथ-साथ नारियल के तेल को त्वचा पर लगाया जाता है, क्योंकि है त्वचा को मुलायम और बहुत ही चमकदार बनाता है। इससे जले हुए के घाव भी ठीक हो जाते हैं। नारियल का तेल बालों में भी लगाया जाता है। इससे बाल लंबे काले और घने होते हैं और जड़े भी मजबूत होती हैं।

नारियल का पानी पीने से बहुत ही चुस्ती आती है। शरीर ताजा बना रहता है। नारियल के पेड़ से कई सारी चीजें भी बनाई जाती हैं। चटाई, बॉक्स, दरी, झाड़ू इत्यादि बनाए जाते हैं। नारियल की चटनी भी बनाई जाती है, जो की बहुत ही स्वादिष्ट होती है। इसे डोसा और मिठाइयों के साथ काम लिया जाता है।

इस को कच्चा खाने से ब्लड सरकुलेशन अच्छा बना रहता है और त्वचा में निखार भी आता है। कच्चा नारियल खाने से दिमाग बहुत तेज होता है। इससे एनीमिया की बीमारी और आयरन की कमी भी बहुत जल्दी हो जाती है।

नारियल का इतिहास

  • नारियल का जिक्र वेदों में किया जा चुका है जिनमें इसे कल्पवृक्ष कहां गया था।
  • पश्चिमी दुनिया नारियल से छठवीं शताब्दी तक अनजान थी बेखबर थी ,यह सबसे पहले हिंद महासागर के जरिए भारत से इजिप्ट पहुंचा था।
  • मार्कोपोलो ने अपने भारत यात्रा के दौरान जब इस फल को देखा तो इसे फेराओ नट के नाम से संबोधित किया था।
  • About.com के मुताबिक नारियल शब्द अंग्रेजी अखबार में पहली बार 1555 में प्रकाशित किया गया था।
  • बीसवीं शताब्दी तक निकोबार द्वीप पर सामान खरीदने के लिए साबुत नारियल का बतौर करेंसी भी इस्तेमाल किया जा चुका है।

निष्कर्ष

नारियल का वृक्ष मनुष्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। यह बहुत से लोगों का रोजगार भी साबित होता है। यह बहुत ही शुभ माना जाता है। इसका प्रयोग पूजा में अक्सर किया जाता है, और प्राचीन समय से होता आ रहा है। नारियल में बहुत से पोषक तत्व होते हैं, जो कि हमारे लिए बहुत फायदेमंद साबित होते हैं।

अंतिम शब्द

हमारे द्वारा इस लेख में नारियल के पेड़ पर निबंध ( Essay On Coconut Tree In Hindi) बारे में बहुत जानकारी दी गई है और हो सकता है यह आपके लिए लाभकारी हो। हम आशा करते हैं, कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपको इससे संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना है, तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं आपकी पूरी तरह से सहायता की जाएगी।

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