इस लेख में सीएनजी गैस क्या होता है, सीएनजी का फुल फॉर्म क्या होता है (CNG Full Form), इसकी विशेषताएँ, फायदे, नुकसान और यह किस तरह वायु प्रदूषण को रोकती है आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे।
प्रदूषण आज के समय में पूरी दुनिया की सबसे प्रमुख समस्या हो चुकी है। दिन-प्रतिदिन वाहनों से निकलने वाले धुंए से हमारा वायुमंडल प्रदूषित होता है, जिससे हमारा जीवन खतरे में है।
इस प्रदूषण को रोकने के लिए आजकल बहुत बड़ी मात्रा में सीएनजी गैस का प्रयोग किया जा रहा है। पहले जहां पर सभी गाड़ियां पेट्रोल, डीजल जैसे इंधन से चलने वाली आती थी, वहीं आज प्राकृतिक गैस के रूप में इंधन का वैकल्पिक स्त्रोत मौजूद है, जिसके जरिए हम वायु प्रदूषण को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
सीएनजी से बहुत ही कम मात्रा में वायु प्रदूषित होती है, जिस कारण इसे इको फ्रेंडली गैस कहा जाता है और आज के समय में लगभग हर बड़ी गाड़ियों की कंपनियां सीएनजी वेरिएंट वाली गाड़ियों को लॉन्च कर रही है, जो सस्ते के साथ अच्छा माइलेज भी दे रहा है।
सीएनजी का फुल फॉर्म (CNG Full Form)
सीएनजी का फुल फॉर्म संपीडित प्राकृतिक गैस होता है, जो अंग्रेजी में compressed natural gas होता है।
सीएनजी क्या है?
सीएनजी गैस रंगहीन और गंधहीन प्राकृतिक गैस होती है, जिसमें 70% रिएक्टिव हाइड्रोकार्बन और 50% नाइट्रोजन ऑक्साइड होता है।
सीएनजी का अणुसूत्र CH4 होता है। सीएनजी गैस में मुख्य रूप से मिथेन, प्रोपेन और ऐथेन जैसे अवयव होते हैं। लेकिन मिथेन यानी CH4 ज्यादा मात्रा में होती है।
इस गैस को स्टैंडर्ड एटमॉस्फेयर प्रेशर से भी 1% कम आयतन में कंप्रेस करके रखा जाता है, इसीलिए इसे कंप्रेस्ड नेचुरल गैस कहा जाता है।
सीएनजी गैस का निर्माण
Oil Deposits, Landfills और Wastewater Treatment Plants के जरिए प्राकृतिक गैस यानी कि मिथेन को एकत्रित किया जाता है और उसे कंप्रेस्ड करके 20–25 MPa के दाब पर विशेष प्रकार के सिलेंडर के अंदर भर कर रखा जाता है।
सीएनजी गैस अन्य इंधनों की तुलना में काफी हल्की होती है। यह हवा के भार से 40% हल्की होती है। इस कारण जब भी इसे खुले में छोड़ी जाती है तो बहुत तेजी से इसका रिसाव होता है और ऊपर की ओर बढ़ते हुए खुली हवा में मिश्रित हो जाती है।
सीएनजी गैस का आविष्कार
सीएनजी गैस का आविष्कार 1626 में सबसे पहले William Hart ने किया था। अमेरिका में सबसे पहले सीएनजी गैस का प्रयोग पर्यावरण के प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से इस्तेमाल किया गया था।
फिर समय के साथ यूरोप के कई देशों में भी इसका इस्तेमाल प्रारंभ हुआ और आज वर्तमान में लगभग दुनिया के सभी देशों में सीएनजी को अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सीएनजी गैस की विशेषता
- इंधनों की गुणवत्ता ऑक्टेन नंबर से मापी जाती है। जिसकी ऑक्टेन संख्या ज्यादा होती है, वह इंधन उतना ही अच्छा होता है। सीएनजी गैस एक अच्छा इंधन है क्योंकि इसकी ऑक्टेन संख्या 127 होती है, वहीं पेट्रोल की ऑक्टेन संख्या 95 होती हैं।
- सीएनजी गैस एक उच्च ज्वलनशील गैस होने के कारण वह जल्दी से आग पकड़ लेती हैं। इस तरह वाहनों में इसका इस्तेमाल करना काफी आसान होता है।
- सीएनजी गैस एक रंगहीन प्राकृतिक गैस है।
- सीएनजी गैस एक गंध रहित गैस है, जिससे लीक होने से किसी भी पशु, पक्षी या इंसान को नुकसान नहीं पहुंचता। क्योंकि इसमें किसी भी तरह का जहरीला पदार्थ मिक्स नहीं होता है।
- सीएनजी गैस गैर संरक्षण होता है, जिससे सिलेंडर या इंजन में जंग नहीं लगता।
सीएनजी के फायदे
- सीएनजी गैस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह अन्य इंधनों की तरह वायु को अधिक प्रदूषित नहीं करती।
- सीएनजी एक ऐसा प्राकृतिक गैस है, जो ग्रीन हाउस प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
- सीएनजी गैस के प्रयोग से ना केवल वायु प्रदूषण बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है। क्योंकि इसके इस्तेमाल से इंजन की आवाज कम हो जाती हैं।
- सीएनजी गैस से संक्षारक नहीं होता, जिसके कारण वाहनों में स्पार्क प्लग की आयु भी बढ़ जाती हैं।
- सीएनजी में ज्वलंत तापमान उच्च होने के कारण इसमें अचानक से या फिर अपने आप आग लगने की संभावना घट जाती हैं।
- अन्य इंधनों की तुलना में सीएनजी गैस की कीमत काफी कम होती है। इसके साथ ही यह वाहनों में माइलेज भी अच्छा देता है।
- सीएनजी गैस का उपयोग रसोई में भी किया जाता है। यह पेट्रोल, डीजल, एलपीजी जैसे इंधनों से काफी ज्यादा सुरक्षित है। क्योंकि यह हवा से हल्का होता है, जिसके कारण लीक होते ही यह तुरंत हवा में फैल जाता है और आसानी से हवा में मिक्स हो जाता है।
- सीएनजी गैस के इस्तेमाल करने से Crankcase Oil दूषित और पतला नहीं होता, जिसके कारण लुब्रिकेंट ऑयल की आयु बढ़ जाती है।
- सीएनजी गैस वाहनों के इंजन की क्षमता को बढ़ा देता है, यह इंजनों को साफ रखता है।
सीएनजी के नुकसान
- सीएनजी गैस के फायदे तो बहुत सारे हैं। लेकिन इसी के साथ इसके कुछ नुकसान भी है, जिसके कारण अभी तक सीएनजी गैस को पूरी तरीके से इस्तेमाल में नहीं लाया जा सका है।
- सीएनजी इंजन को बनाने में पेट्रोल या डीजल इंजन से ज्यादा खर्चा आता है।
- सीएनजी गैस का सिलेंडर कहां पर भारी होता है।
- सीएनजी गैस का अन्य इंधनों की तरह बहुत ज्यादा सर्विस स्टेशन नहीं है।
- सीएनजी के प्रयोग से गाड़ी का एक्सॉस्ट वॉल्व जल्दी खराब हो जाता है।
- सीएनजी गैस के इस्तेमाल करते समय वाहनों के इंजन का एयर फिल्टर और ऑयल को लगातार चेक करते रहना पड़ता है।
सीएनजी गैस की कीमत
सीएनजी गैस का इस्तेमाल अब धीरे-धीरे काफी बढ़ रहा है। चूंकि इसके निर्माण में ज्यादा खर्चा आता है, इसीलिए साल 2021 में सीएनजी गैस ₹68 प्रति किलोग्राम की दर से बिकती थी लेकिन वहीं साल 2022 में इसकी रेट ₹29 प्रति किलोग्राम बढी है।
हर एक राज्यों में सीएनजी गैस की कीमत में थोड़ा अंतर देखा जा सकता है। गुजरात में अदानी टोटल गैस लिमिटेड ने सीएनजी गैस की कीमतों में साल 2023 में ₹1 प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी की है। जिससे पहले जहां यह गैस 79.34 में मिलती थी, वहीं अब 80.34 रुपये प्रति किलोग्राम में बिकती है।
FAQ
सीएनजी का पूरा नाम कंप्रेस्ड नेचुरल गैस होता है जबकि एलपीजी का पूरा नाम लिक्विड पेट्रोलियम गैस होता है। सीएनजी का मुख्य का उपयोग वाहनों में इंधन के रूप में होता है जबकि एलपीजी का मुख्य रूप से उपयोग गैस रसोई के तौर पर होता है।
सीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर दो प्रकार के होते हैं: टाइम-फिल और फास्ट-फिल।
पेट्रोल-डीजल जैसे इंधनों में लेड और सल्फर जैसे हानिकारक पदार्थों का मिश्रण होता है, जो वायु को प्रदूषित करते हैं।
सीएनजी गैस मुख्यतः तीन अवयव से मिलकर बना होता है मिथेन, प्रॉपेन और एथेन।
सीएनजी गैस पेट्रोल डीजल की तरह वायु प्रदूषित नहीं करते हैं। इससे इंजन में बहुत कम आवाज आती है, जिससे ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है। इसके साथ ही यह पेट्रोल डीजल की तुलना में सस्ता होता है।
निष्कर्ष
उपरोक्त लेख में आपने सीएनजी गैस से संबंधित सब कुछ जाना। हमें उम्मीद है कि यह लेख के जरिए आपको सीएनजी गैस क्या होता है, सीएनजी गैस के गुण क्या है, सीएनजी का फुल फॉर्म (CNG Full Form), सीएनजी गैस के फायदे और नुकसान के बारे में सब कुछ जानने को मिला होगा।
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