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चार्ली चैपलिन का जीवन परिचय

सही मायने में एक हास्य कलाकार वही है, जो बिना आवाज के अपने चेहरों के बलबूते लोगों को हंसा दे और यह गुण चार्ली चैंपियन में भली-भांति थे। इसीलिए तो चार्ली चैंपियन प्रख्यात भी हुए। बीसवीं शताब्दी के दौर में चार्ली चैंपियन एक बड़े कलाकार हुआ करते थे।

जिस दौर में फिल्मों में आवाज नहीं हुआ करती थी, उस दौर में चार्ली चैंपियन अपने कला के दम पर लोगों को बिना आवाज के हंसाने का कौशल रखते थे। यह अपने ट्रम्प करके चलने के अभिनय के लिए बहुत थी प्रसिद्ध थे। आज फिल्मों में आवाज आ चुकी है, लेकिन आज भी इनके कॉमेडी को लोग उतना ही पसंद करते हैं, जितना उस दौर में किया करते थे।

फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में एक अलग से नाम लिखवाने वाले चार्ली चैंपियन के बारे में क्या आप अच्छी तरीके से जानते हैं? इनका जीवनकाल 75 साल तक चला और अपने जीवन काल में इन्होंने दर्शकों को खूब हंसाने का कार्य किया। यह जितने प्रख्यात हुए इसी के साथ यह विवादों में भी घिरे रहे।

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Charlie Chaplin Biography in Hindi

आखिर पूरे विश्व में लोगों के दिलों पर राज करने वाले चार्ली चैंपियन का जीवन कैसा था? यदि आप चार्ली चैंपियन के जीवन के बारे में जानने की रुचि रखते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। क्योंकि आगे इस लेख में हम चार्ली चैंपियन के प्रारंभिक जीवन के परिवार, उनके करियर और चार्ली चैपलिन बायोग्राफी इन हिंदी के बारे में जानने वाले हैं।

चार्ली चैपलिन का जीवन परिचय (जन्म, परिवार, संघर्ष, कामयाबी, फ़िल्में, पुरस्कार, मृत्यु)

चार्ली चैप्लिन जीवनी एक नज़र में

नामचार्ली चैंपियन
जन्म16 अप्रैल 1889, लंदन (इंग्लैंड)
मृत्यु की तिथि25 दिसंबर 1977, स्विट्जरलैंड
शैक्षिक योग्यता
वैवाहिक स्थितिविवाहित
पिताचार्ल्स स्पेंसर चैप्लिन
माताहन्नाह चैपलिन

चार्ली चैपलिन का प्रारंभिक जीवन

चार्ली चैंपियन का जन्म लंदन में 16 अप्रैल 1889 को हुआ था। इनकी माता का नाम हैना चैप्लिन और पिता का नाम चार्ल्स स्पेंसर चैप्लिन था। इनके माता-पिता दोनों ही सीनियर म्यूजिक हॉल में गाया करते थे और अभिनय करते थे। चार्ली चैंपियन ने अपने माता-पिता से गाना भी सीखा और अभिनय करने की भी रूचि बचपन से ही इनमें जागृत हुई।

प्रारंभिक के 3 साल तक तो इनके जीवन में सब कुछ ठीक था, लेकिन 3 साल के बाद इनके माता-पिता अलग हो गए। जिसके बाद इनके जीवन में कई परेशानियां आए और कई संघर्ष करने पड़े। 1892 तक ही अपनी मां और अपने सौतेले बड़े भाई के साथ सिडनी में रहा करते थे।

इनकी मां एक बार किसी स्टेज पर गाना गा रही थी कि तभी अचानक से उनकी आवाज बंद हो गई, जिससे बैठे दर्शक जोर जोर से चिल्लाने लगे तब उस शो के मैनेजर ने 5 साल के लिए चार्ली को स्टेज पर खड़ा कर दिया। यह पहली बार था, जब चार्ली ने दर्शकों के बीच स्टेज का सामना किया था।

इन्होंने स्टेज पर पहली बार अपनी भोली आवाज में अपने मां के गाने की नकल उतारी थी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा और स्टेज पर सिक्के की बारिश करने लगी। यह चार्ली चैंपली की पहली कमाई थी।

आगे चलकर इनकी मां की तबीयत बहुत ज्यादा खराब होने लगी और वह पागल हो गई। गरीबी और बदहाली की वजह से चार्ली चैंपियन को यतीमखाने में अपनी मां और भाई के साथ रहना पड़ता था। मां के पागल होने पर कोर्ट के आदेश के अनुसार इनके भाई और इन्हें इनके पिता के कस्टडी में डाल दिया गया।

इनके पिता ने दूसरी शादी कर ली, जिससे इन्हें अपनी सौतेली मां की बहुत प्रताड़ना भी सहसहनी पड़ती थी। लेकिन बाद में इनकी मां पागल खाने से ठीक हो कर आ गई, जो इनके जीवन की सबसे बड़ी खुशी थी।

चार्ली के पिता शराब के नशे में रहते थे, जिनके कारण कुछ सालों में इनके पिता की मृत्यु हो गई। इसके बाद उनका जीवन तो और भी ज्यादा परेशानियों से भर गया। अपने बचपन के जीवन में इतना संघर्ष देखने के बाद भी ये एक कामयाब अमेरिकी एक्टर बने, जिन्होंने अपने कला के दम पर हर किसी के दिल में अपनी छाप छोड़ी।

चार्ली चैपलिन का संघर्ष

आज के समय में लोग सफल व्यक्ति के कामयाबी को देखती है, लेकिन उस कामयाबी के पीछे उसे कितने संघर्ष करने पड़े इसके बारे में कोई जानने में रुचि नहीं रखता है। आज हम जिस चार्ली चैपलिन को जानते हैं, जो विश्व भर में प्रख्यात है, लेकिन एक ऐसा भी समय था जब उन्हें कोई नहीं पूछता था, ये काम धंधे की तलाश में मारे मारे फिरते थे।

पिता शराबी होने के कारण और बाद में पिता की मृत्यु हो जाने के बाद चार्ली चैपलिन का जीवन और भी ज्यादा संघर्ष से भर गया। छोटी उम्र में ही इन्होने काम की तलाश करनी शुरू कर दी, जिसके कारण यह अपने पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए। गरीबी और बेसहारे की हालत में इनके पास रहने का भी जगह नहीं हुआ करता था।

हालांकि इनमें धंधा करने की जबरदस्त समझ थी। जब यह खाली दुकानों को देखा करते थे। हमेशा इनके मन में यह प्रश्न उठता था कि आखिर इन दुकानों में ऐसा कौन सा बिजनेस स्थापित किया जाए, जिससे ढेर सारा पैसा कमाया जा सके। कभी यह मछली बेचने का व्यवसाय के बारे में सोचते तो कभी चिप्स बेचने से लेकर अन्य तरह की दुकान को खोलने के बारे में सोचते। लेकिन समस्या थी पूंजी की।

अंत में तो इन्होंने अपनी मां से कहकर अपनी पढ़ाई भी बंद करवा दी, क्योंकि जब घर में खाने को नहीं रहेगा तो पढ़ाई कहां से कर पाएंगे। पढ़ाई छोड़ने के बाद इनके पास पूंजी तो इकट्ठा नहीं हुई, लेकिन उनके पास वक्त काफी ज्यादा था। इसीलिए इन्होंने अलग-अलग तरह के काम करने शुरू किए।

इन्होंने अखबार बेचना, प्रिंटर का काम करना, ग्लास ब्लॉअर का काम करना, खिलौना बनाना से लेकर जूते चमकाने का काम करना, कपड़ों पर ब्रश करना, साफ कॉलर लगाना जैसे ना जाने कितने ही काम इन्होंने अपने जीवन में किए और अंत: इन कामों को करते हुए ये अपने लक्ष्य तक पहुंच गए।

चार्ली चैपलिन की कामयाबी

जब चार्ली चैपलिन 12 साल के थे, तब उन्हें एक लेजीमेंट मंच के कार्यक्रम में नाटक प्रस्तुत करने का मौका मिला। इसके बाद 1908 में चार्ली ने वौडेविल्ले कंपनी में हास्य कलाकार के रूप में अपने करियर को बनाने की शुरुआत की। 1910 में चार्ली चार्ली को “फ्रेड कार्नो रेपेर्टिरे कंपनी” के साथ प्रधान अभिनेता बना दिया गया। 1914 में चार्ली चैपली ने अपनी किस्मत को फिल्म में भी आजमाया।

चार्ली जानते थे कि यदि यह दूसरे अभिनेताओं की तरह ही कैरियर की शुरुआत करेंगे तो शायद इन्हें कोई भी अलग से पहचान ना मिल पाए। इसीलिए हजारों अभिनेताओं के बीच अपने आपको अलग रखने के लिए चैप्लिन एक विशेष तरह के चरित्र में काम करने का फैसला किये और फिर ट्रंम्प करके चलने के अभिनय करना शुरू किया, जिसे लोगों द्वारा बहुत पसंद किया।

1 साल में चार्ली चैपलिन ने लगभग 35 फिल्मों में काम किया। फिर 1915 में “इस्सानय कंपनी” के साथ काम करना शुरू किया, जहां इन्हें हर सप्ताह 1250 डोलर दिया जाता था। इस कंपनी में चार्ली चैपलिन ने लगभग 14 फिल्में की।

अब तक तो चार्ली चार्ली के जीवन में सब कुछ सही चल रहा था, वे कामयाबी हासिल कर रहे थे। उनकी कई सारी फिल्में भी रिलीज हुई, जो दर्शकों द्वारा बहुत सराहा गया। लेकिन फिर धीरे-धीरे वे विवादों में फंस गए। लगभग 10 सालों तक के कालखंड में भी अमेरिकी सरकार और मीडिया के लिए आफत का कारण बने रहे।

फिर 1952 में चार्ली चैप्लिन की लाइमलाइट फिल्म रिलीज हुई, जिस पर अमेरिका में प्रतिबंध लगा दिया गया। चार्ली चैपलिन को अमेरिका से बहुत लगाव था, इसीलिए वे अपने शहर लंदन छोड़कर अमेरिका आए थे। लेकिन, यहां पर अमेरिका में भी उनके प्रति बेरुखी उन्हें अंदर से हिला दिया।

इसके बाद उनकी पत्नी ने भी अमेरिका की नागरिकता को छोड़ दिया और फिर चार्ली और उनकी पत्नी वापस लंदन चले गए। उसके बाद वहां से वे कुछ समय के बाद स्विजरलैंड में जाकर बस गए। स्विट्जरलैंड में चार्ली की मुलाकात हमारे देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू से हुई थी।

चार्ली चैपलिन को प्राप्त पुरस्कार

चार्ली चार्ली ने अपने जीवन में अपनी योग्यता के दम पर बहुत कामयाबी हासिल की और इनके कामयाबी के लिए इन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। सबसे पहले 1929 में इन्हें अकादमी मानद पुरस्कार द सर्कस से सम्मानित किया गया।

1952 में इन्हें इनकी फिल्म लाइमलाइट के लिए सर्वोत्तम ओरिजिनल म्यूजिक स्कोर पुरस्कार दिया गया। 1940 में द ग्रेट डिक्टेटर में अच्छा अभिनय करने के लिए सर्वोत्तम अभिनेता पुरस्कार न्यूयॉर्क फिल्म क्रिटिक सर्कल अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

फिर 1972 में इन्हें लाइफटाइम अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी साल इन्हें करिअर गोल्डन लायन लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

चार्ली चैपलिन के जीवन के बारे में रोचक तथ्य

  • चार्ली चैपलिन का असली पूरा नाम चार्ल स्पेंसर चैपलिन था।
  • चार्ली चैप्लिन का जन्म 16 अप्रैल 889 को लंदन में हुआ था। लेकिन उन्हे अमेरिका से बहुत लगाव था, इसीलिए अपने शहर को छोड़ अमेरिका आ गए। लेकिन अंत में अमेरिका ने भी उनके साथ बेरुखी दिखाई, जिस कारण दोबारा वे वापस अपने पत्नी के साथ अमेरिका को छोड़ अपने शहर छोड़ आना पड़ा।
  • चार्ली चैप्लिन ने अपने जीवन में कुल चार शादियां की और इन शादियों से उनके कुल 11 बच्चे हुए। चार्ली चैपलिन की पहली शादी 1918 में मिल्ड्रेड हैरिस से हुई थी। लेकिन 2 साल के बाद यह शादी टूट गई। इसके बाद उन्होंने लिटा ग्रे से शादी की। उसके बाद पॉलेट गॉडर्ड से शादी की और फीर 1943 में जब चार्ली 54 वर्ष के थे तब 18 साल की उना ओनील से शादी की। हालांकि यह शादी काफी विवादों में भी रही थी।
  • चार्ली चैपलिन के माता-पिता बचपन में अलग हो गए, जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बचपन में इनकी मां ने मानसिक संतुलन खो दिया था। 9 साल की उम्र में ही इन्हें पेट पालने के लिए काम करना पड़ा और 13 साल की उम्र में तो अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी।
  • चार्ली चैपलिन बेहद कम उम्र से ही स्टेज शो करना शुरू कर दिया था। मात्र 19 साल की उम्र में उन्होंने एक अमेरिकन कंपनी के साथ काम करना शुरू किया।
  • दुनिया के महान हस्तियां चार्ली चैप्लिन के प्रशंसक थे। ब्रिटेन की महारानी और मशहूर साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन ब्रेन के प्रशंसक थे।
  • चार्ली चैंपियन ने दोनों विश्वयुद्ध को अपने जीवन काल में देखा था। ऐसे भयानक पल में भी चार्ली चैंपलिन लोगों के दुखों को दूर कर उन्हें हंसाने का कार्य किये।
  • चार्ली चैंपियन की मृत्यु के बाद इनके शाम को दफनाने की कुछ दिन के बाद कुछ लुटेरों ने उनके परिवार से फिरौती मांगने के उद्देश्य से इनके शव को चुरा लिया था। हालांकि बाद में चोर पकड़े गए और उनका शव भी बरामद कर लिया गया था।
  • चार्ली चैपलिन भारत स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी की भूमिका से काफी प्रभावित थे, इसीलिए महात्मा गांधी का बहुत सम्मान करते थे।
  • चार्ली चैंपियन संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग अपने जीवन के 40 वर्षों तक रहे थे। लेकिन फिर भी इन्हें अमेरिका की नागरिकता नहीं मिल सकी और अंत समय में तो किसी विवाद के कारण अमेरिका में प्रवेश पर मना कर दिया गया था।
  • चार्ली चैपलिन कहते थे मेरा दर्द किसी के हंसी की वजह हो सकता है। लेकिन मेरी हंसी कभी भी किसी के दर्द का कारण नहीं बननी चाहिए।
  • चार्ली चैपलिन को एक बार अमेरिका की टाइम पत्रिका ने अपने कवर पेज पर जगह दी थी।

चार्ली चैपलिन की मृत्यु

साल 1960 को चार्ली चैपलिन की आखिरी फिल्म अ काउंटेस फ्र्म हांगकांग रिलीज हुई। इसी साल चार्ली चैपलिन की तबीयत खराब हो गई। फिर 1972 में अकादमी पुरस्कार प्राप्त करने के दौरान भी उनकी तबीयत खराब थी। उस साल तो उनकी तबीयत और भी ज्यादा खराब होने लगी थी।

1977 तक तो उन्हें बोलने में भी तकलीफ होता था और अंत में वे व्हीलचेयर को पकड़ लिए। फिर अंत में उन्हें इस जीवन को छोड़कर जाना ही पड़ा। 25 दिसंबर 1977 को मौत की गहरी नींद में सो गए। उसके बाद उनके लाश को कोर्सिअर-सुर-वेवे कब्रिस्तान, वौड़, स्विट्जरलैंड में दफनाया गया था।

उसके कुछ दिनों बाद कुछ लुटेरे इनके परिवार से पैसे ऐट्ठने के चक्कर में इनके लाश को चुरा लेगए। लेकिन वह विफल रहे। वे अंत में पकड़े गए। 11 सप्ताह के बाद चार्ली चैप्लिन की लाश जिनीवा के एक झील के पास बरामद किया गया। फिर से कोई भी लुटेरे इस तरह का प्रयास ना कर सके, इसलिए दोबारा उनके लाश को 2 मीटर की कंक्रीट के नीचे दफनाया गया।

FAQ

चार्ली चैप्लिन की फिल्मों में कौन सी अलग बात होती थी?

चार्ली चैपलिन की फिल्म उस दौर की थी, जब फिल्मों में आवाज नहीं हुआ करती थी और उनकी फिल्मों की यही खासियत हुआ करती थी कि आवाज ना होने के बावजूद भी उनकी कला में इतना दम होता था कि वे दर्शकों को हंसा देते थे। चार्ली चैपलिन की कला ने देश सीमाओं को लांघते हुए विश्व भर में लोगों को हंसाने का कार्य किया।

चार्ली चैपलिन कौन थे?

चार्ली चैपलिन एक अंग्रेजी हास्य कलाकार, संपादक,संगीतकार, पटकथा लेखक और फिल्म निर्माता थे, जो उस दौर के फिल्मों में काफी ज्यादा प्रसिद्ध ।थे जब फिल्म में आवाज नहीं हुआ करती थी, फिर भी वह अपने कला के माध्यम से बिना आवाज के लोगों को हंसाने की काबिलियत रखते थे।

चार्ली चैपलिन का भारतीयकरण किसे कहा गया है?

राज कपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर और आवारा जिन्होंने चार्ली चैपलिन से प्रभावित होकर उनके किरदार को दोबारा पर्दे पर जीवंत करने का कार्य किया और वे इसमें सफल भी हुए। इन फिल्मों को देखकर दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। इन फिल्मों में राज कपूर की मजेदार एक्टिंग देख कर इन्हें चार्ली चैप्लिन का भारतीय करण कहा गया।

चार्ली चैप्लिन की अंतिम फिल्म कौन सी थी?

चार्ली चैप्लिन की आखिरी फिल्म अ काउंटेस फ्र्म हांगकांग थी, जो 1960 के दशक में रिलीज हुई थी।

चार्ली चैपलिन का कौन सा किरदार सबसे ज्यादा पसंद किया गया?

फिल्म ‘किड आटो रेसेस एट वेनिस’ जो 1914 में रिलीज हुई थी। यह चार्ली चैपलिन की प्रथम फिल्म थी। इस फिल्म में चार्ली चैपलिन का “द ट्रैम्प” किरदार काफी ज्यादा मशहूर हुआ।

चार्ली चैपलिन का जन्म कब हुआ था?

16 अप्रैल 1889, लंदन (इंग्लैंड)

निष्कर्ष

चार्ली के मृत्यु के दो दशक बाद भी ये अधिकतर लोगों के पसंदीदा हीरो थे। आज भले ही चार्ली चैप्लिन लोगों के बीच नहीं हैं लेकिन आज भी यह दर्शकों के दिलों में राज करते हैं। आज भी इनकी कॉमेडी शो लोगों को बेहद पसंद आती है।

हमें यही लगता है कि एक कॉमेडियन व्यक्ति जिस तरह लोगों को अपने काबिलियत से हंसाता है, उसके जीवन में भी इसी तरह की खुशियां होती होगी। एक कॉमेडियन अपने चेहरे पर भले ही हंसी का मुखौटा पहन के रखता हो, लेकिन उसके पीछे कई दुख, परेशानियां और संघर्ष रहते हैं, जिसे वह छुपा कर रखता है।

चार्ली चैपलिन विश्व भर में प्रसिद्ध कॉमेडियन थे, लेकिन इन्होंने अपने जीवन में कई संघर्ष देखें। इनका जीवन पूरी तरीके से परेशानियों से भरा था, लेकिन हर परेशानियों का सामना करते हुए वे इस मुकाम तक पहुंचे, जहां लोग आज भी इन्हें सम्मान से याद करते हैं।

हमें उम्मीद है कि आज के इस लेख चार्ली चैपलिन इन हिंदी को पढ़कर आपको चार्ली चैपलिन के जीवन के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा। यदि लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अन्य लोगों के साथ जरूर शेयर करें। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो कमेंट में लिखकर जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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