Home > General > कौन है बाबा बौखनाग?, क्या है इनसे जुड़ी मान्यताएं

कौन है बाबा बौखनाग?, क्या है इनसे जुड़ी मान्यताएं

उत्तरकाशी में स्थित सिल्क्यारा सुरंग में 17 दिनों से 41 मजदूर फंसे हुए थे। इन मजदूरों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के लिए बचाव दल हर संभव कोशिश कर रही थी। अतः उनकी कोशिश सफल हो गई और वह 41 के 41 मजदूर स्वस्थ तरीके से बाहर निकल आए।

उन्हें उत्तरकाशी के चिन्यालीसौर अस्पताल में भर्ती किया गया है। सबसे खुशी की बात यह है कि सभी के सभी 41 मजदूर पूरी तरीके से स्वस्थ है और 17 दिनों के बाद सुरंग से बाहर निकालने की खुशी उनके चेहरे पर झलक रही है।

Baba Bokh Naag Devta in Hindi
Baba Bokh Naag Devta in Hindi

इन 41 मजदूर के जान की सुरक्षा के लिए पूरे देशवासियों ने प्रार्थना की है। इस सुरंग के बगल में बाबा बौखनाग का मंदिर था, जहां पर इन 17 दिनों तक स्थानीय लोगों ने पूजा अर्चना की। इस तरह बाबा बौखनाग की कृपा से 41 मजदूरों की जान बच गई।

लेकिन बहुत से लोगों को बाबा बौखनाग के बारे में नहीं पता है। तो चलिए आज के इस लेख में जानते हैं कि बाबा बौखनाग कौन हैं?

कौन है बाबा बौखनाग?

बाबा बौखनाग को पहाड़ों का देवता माना जाता है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में इनका मंदिर भी स्थित है। स्थानीय लोगों की इस मंदिर को लेकर बहुत ही आस्था है। मान्यता है जो भी श्रद्धालु नंगे पैर इस मंदिर तक बाबा बौखनाग का दर्शन करने आते हैं, उनकी सभी मनोकामना पूरी हो जाती है।

यहां पर खासकर नव विवाहित और निसंतान लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। कहते हैं कि जिन्हें संतान नहीं हो रही है बाबा बौखनाग के दर्शन से उन्हें संतान प्राप्ति हो जाती है। यहां पर श्रद्धालु आते हैं, प्रार्थना करते हैं और बाबा बौखनाग से अर्जी लगाते हैं।

उत्तरकाशी का सुरंग हादसा होने के बाद यहां के स्थानीय लोगों ने लगातार बाबा बौखनाग की पूजा अर्चना की। यहां तक कि श्रमिकों के बचाव में मदद करने के लिए आए अंतरराष्ट्रीय सुरंग एक्सपर्ट अर्नाल्डिक्स ने भी बाबा बौखनाग देवता की पूजा की।

क्यों हुआ था सुरंग हादसा?

सुरंग हादसे का दोष स्थानीय लोग वहां के कंस्ट्रक्शन कंपनी के मैनेजमेंट को देते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रोजेक्ट के प्रारंभ होने से पहले सुरंग के मुंह के पास बाबा गोरखनाथ का एक छोटा सा मंदिर था और क्षेत्रिय मान्यताओं को सम्मान देते हुए यहां के अधिकारी और श्रमिक बाबा बौखनाग की पूजा करने के बाद ही सुरंग में दाखिल होते थे।

लेकिन जिस दिन कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हुआ, उसके पहले दिन कंस्ट्रक्शन करने वाली कंपनी के मैनेजमेंट ने मंदिर को वहां से हटवा दिया और वह दिन था दिवाली का।

उसी दिन सुरंग में हादसा हो गया। न केवल सुरंग में मजदूर फंसे बल्कि उसके बाद भी अनेकों तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।

पहले तो दिवाली के दिन मजदूर सुरंग में फंस गए। दूसरा जब उन्हें सुरंग से बाहर निकालने का अथक प्रयास किए जाने लगे तो काम में बार-बार रुकावट आने लगी जैसे कि कभी भूस्खलन की वजह से काम रुक जाता तो कभी ओगर मशीन ही खराब हो जाता। इस तरह सारे प्रयास विफल हो रहे थे।

यह भी पढ़े

मंदिर की की गई दोबारा स्थापना

सुरंग हादसा होने के बाद और सुरंग से मजदूरों को निकालने के प्रयास में बार-बार आने वाले अडचनों को देखने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी के ऑफीसरों ने बौखनाग देवता के पुजारी को बुलाया और उनसे क्षमा याचना मांगी।

इतना ही नहीं ग्रामीणों का दबाव देखते हुए उन्हें सुरंग के बाहर दोबारा बौखनाग देवता का मंदिर स्थापित करना पड़ा। मंदिर की स्थापना होने के बाद ही मजदूरों को बाहर निकालने के प्रयास में धीरे-धीरे कामयाबी मिलना शुरू हुई।

जैसे कि सबसे पहले 6 इंच का पाइप मलबे के पार होकर श्रमिकों तक पहुंच गया और इस पाइप के मदद से उन श्रमिकों तक खाद्य पदार्थ को भेजा जा सका। दूसरी कामयाबी तब मिली जब उनसे कैमरे के द्वारा बात हो सकी और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिल पाई।

निष्कर्ष

उपरोक्त लेख में आपने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित बाबा गोरखनाथ देवता के बारे में जाना। उन्हीं के असीम कृपा से 17 दिनों तक सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जान बच पाई और वे सुरक्षित रूप से बाहर निकल पाए। स्थानीय लोगों की उन पर गहरी आस्था थी अब पूरे देश को उन पर गहरी आस्था हो गई है।

हमें उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको बाबा बौखनाग देवता के बारे में सारी जानकारी मिल गई होगी। इस लेख को सोशल मीडिया के जरिए अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें।

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Related Posts

Leave a Comment