Home > Featured > आजादी का अमृत महोत्सव क्या है? (अर्थ और महत्व)

आजादी का अमृत महोत्सव क्या है? (अर्थ और महत्व)

आजादी के अमृत महोत्सव को देश की स्वतंत्रता की याद को ताजा करने के लिए उत्सव की तरह एक कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, इसे आजादी का अमृत महोत्सव कहते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव वर्तमान समय में सरकार द्वारा काफी ज्यादा प्रमोट किया जा रहा है।

देशवासी भी आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत काफी उत्सुक नजर आ रहे हैं। क्योंकि वर्तमान भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2021 को महात्मा गांधी की दांडी यात्रा शुरुआत दिवस के दिन आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया था।

आजादी का अमृत महोत्सव भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने की वर्षगांठ पर सरकार की तरफ से उत्सव की तरह एक कार्यक्रम के तहत मनाने की कवायद शुरू हुई है। भारत सरकार देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देश में स्वतंत्रता दिवस को 75 वीं वर्षगांठ के रूप में धूमधाम से मनाना चाहती हैं।

Azadi Ka Amrit Mahotsav Kya Hai

इसीलिए सरकार इस महोत्सव को आजादी का महोत्सव नाम दिया है। आजादी का महोत्सव वर्ष 2023 कि 15 अगस्त को देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मनाने के बाद समाप्त हो जाएगा। आजादी का अमृत महोत्सव नाम से ही पता चलता है कि यह देश की आजादी के दिन अमृत महोत्सव के नाम से एक कार्यक्रम के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।

बता दें कि भारत में लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी करने के बाद आजादी पाई थी। इसीलिए भारत सरकार देश की आजादी के 75 वर्ष गांठ को बड़ी धूम-धाम के साथ मनाना चाहती है। देश के युवा और हर वर्ग के लोग आजादी के अमृत महोत्सव में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। तो आइए आजादी के अमृत महोत्सव के बारे में कुछ अन्य जानकारी प्राप्त करते हैं।

आजादी का अमृत महोत्सव क्या है? (अर्थ और महत्व)

आजादी के अमृत महोत्सव का अर्थ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ करते हुए आजादी के अमृत महोत्सव का अर्थ भी बताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी करने के बाद मिले स्वतंत्रता का अर्थ “आजादी” है।

जबकि आजादी के अमृत महोत्सव का अर्थ इस आजादी के अंतर्गत अनेक स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारियों ने अपना बलिदान दे दिया, उनके बलिदान को अमृत के रूप में मानकर महोत्सव मनाएंगे। अमृत का अर्थ सेनानियों का बलिदान, क्रांतिकारियों का बलिदान, देश की आत्मनिर्भरता, देश की प्रगति, देश की उन्नति, इन सभी का अर्थ अमृत हैं।

नए विचारों का अमृत, नए संस्कारों का अमृत, हमारी संस्कृति का अमृत, हमारे धरोहर का अमृत, हमारे विश्वास का अमृत, हमारे राष्ट्रवादी सोच का अमृत, हमारे रक्षकों का अमृत, इस प्रकार से अब तक देश के लिए योगदान दे चुके सभी लोगों को अमृत के समान माना है।

इन सभी को अमृत का रूप मानकर देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर एक बहुत बड़े उत्सव का आयोजन किया जाएगा, उसे “महोत्सव” कहते हैं।‌ इस प्रकार देश की आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित आजादी के बहुत बड़े उत्सव को “आजादी का अमृत महोत्सव” नाम दिया गया है।

आजादी का अमृत महोत्सव

15 अगस्त 1947 के दिन हमारा देश अंग्रेजों से 200 वर्ष तक की गुलामी के बाद आजाद हुआ था। इसी आजादी को हम हर वर्ष 15 अगस्त के दिन धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन आगामी वर्ष 2023 को 15 अगस्त के दिन हमें स्वतंत्रता मिले 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। भारत सरकार आजादी के 75 वर्ष गांठ को धूमधाम से मनाने चाहती हैं।

इसी के उपलक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2021 को महात्मा गांधी की दांडी मार्च शुभारंभ के दिन आजादी का अमृत महोत्सव नाम का एक उत्सव शुरू किया है। यह उत्सव 15 अगस्त 2023 तक आजादी की 75 वीं वर्षगांठ तक मनाया जाएगा।

इस महोत्सव के अंतर्गत देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में अनेक तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे, जिनमें देश के विभिन्न संस्कृति और सभ्यता के लोगों का स्वरूप देखने को मिलेगा। अलग-अलग नृत्य कला और गायन कला देखने को मिलेगा। देश की कला संस्कृति देखने को मिलेगी।

इसके अलावा अनेक तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इन सभी कार्यक्रम और उत्सव हो आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आयोजित करवाया जाएगा।

भारत सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव को मजबूती प्रदान करने के लिए बड़े-बड़े केंद्रीय नेताओं समेत 80 लोगों का नाम तैयार किया है। यह लोग 25 दिन में 221 मील की दूरी तय करेंगे। इस दौरान भारत के कोने कोने में आजादी का अमृत महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।

सरकार इस महोत्सव को बड़े पैमाने पर प्रमोट कर रही है क्योंकि सरकार का लक्ष्य देश के युवाओं को आजादी का अर्थ समझाना है। आजादी के अमृत महोत्सव में गुजरात से शामिल हुए विजय रुपाणी, अर्जुन सिंह चौहान, गिरिराज सिंह, देव सिंह चौहान इत्यादि कुछ नाम हैं।

वोकल फॉर लोकल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव लोकल फॉर वोकल के तहत बढ़ावा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार गुजरात के साबरमती आश्रम के पास स्थित महात्मा गांधी के चरखे को भी इस महोत्सव के तहत विशेष स्वरुप प्रदान करना चाहती है।

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत कोई भी स्थानीय व्यापारी या कोई व्यक्ति अपने द्वारा खरीदे गए सामान का फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करते समय लोकल फॉर वोकल का हैंज टैग लगाना होगा।

इस तरह से हैज टैग लगाने के बाद सामान खरीदते हुए का फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करते ही गांधीजी का चरखा घूमने लगेगा। इस तरह का प्लान नरेंद्र मोदी द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव द्वारा किया गया है।

राज्यों में आजादी के अमृत महोत्सव

तेलंगाना सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव बहुत धूमधाम से मनाने के लिए ₹250000000 का बजट पास कर दिया है। इस बजट से तेलंगाना राज्य में आजादी के अमृत महोत्सव को धूमधाम से मनाया जाएगा।

जिसके अंतर्गत तिरंगा झंडा फहराना, महत्वपूर्ण चित्र बनाना, पेंटिंग बनाना तथा देश की आजादी के उत्सव के उपलक्ष में अमृत महोत्सव को यादगार बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना शामिल है। तेलंगाना सरकार के अमृत महोत्सव को विशिष्ट बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी आजादी के अमृत महोत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए अनेक तरह की घोषणा की है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आजादी का अमृत महोत्सव देश की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ पर बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मध्य प्रदेश में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाए जाएंगे, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े कार्यक्रम शामिल होंगे।

आजादी का अमृत महोत्सव क्यों जरूरी?

आजादी का अमृत महोत्सव देश की उस युवा पीढ़ी के लिए जरूरी है, जिन्होंने गुलामी नहीं देखी है। अंग्रेजों की गुलामी अत्यंत भयंकर और खौफनाक थी, जिसे सुनकर एवं पढ़कर ही रूम खड़े हो जाते हैं‌।

अंग्रेजों ने भारत पर शासन के दौरान अनेक तरह की यातनाएं दी और लोगों को पैरों तले कुचल कर अपना शासन किया। स्वतंत्रता के लिए खड़े होने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को काला पानी की सजा फांसी की सजा दी जाती थी।

लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया था। इस दौरान भारत अत्यंत गरीब और कमजोर देश हो गया, जबकि उससे पहले भारत सोने की चिड़िया हुआ करता था। दुनिया का सबसे संपन्न देश भारत ही था।

इसीलिए आजादी कई वर्षों के संघर्ष और हजारों नहीं बल्कि लाखों लोगों के बलिदान से मिली है। इसी बलिदान को समझने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने की कवायद शुरू की है।

निष्कर्ष

भारत सरकार आजादी के अमृत महोत्सव को बड़े पैमाने पर प्रमोट कर रही हैं। सरकार देश के सभी वर्ग देश के सभी धार्मिक संगठन और समुदाय के लोगों को इस आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जोड़ना चाहती हैं। इस अमृत महोत्सव को गुजरात के अहमदाबाद साबरमती आश्रम से शुरू किया जाएगा।

यह उत्सव बहुत बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा रहा है। 15 अगस्त 2023 को आजादी का अमृत महोत्सव समाप्त हो जाएगा, क्योंकि उस दिन भारत अपनी आजादी की 75 वी वर्षगांठ मना रहा होगा।

भारत सरकार की तरफ से शुरू किया गया आजादी का अमृत महोत्सव एक सेवा, एक विचार बनता जा रहा है। देश का हर वर्ग इसके अंतर्गत जुड़ रहा है। इसीलिए देश में इसकी काफी चर्चा हो रही है।

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको पूरी जानकारी के साथ विस्तार से बताया है कि आजादी का अमृत महोत्सव क्या है?, आजादी के अमृत महोत्सव का अर्थ क्या है?, आजादी का अमृत महोत्सव क्यों मनाया जा रहा है?

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए जरूर उपयोगी साबित हुई होगी। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी “आजादी के अमृत महोत्सव” के बारे में पता चल सके।

यह भी पढ़े

भारत के महत्वपूर्ण दिवस (जनवरी से दिसंबर तक)

कारगिल विजय दिवस का इतिहास और युद्ध का कारण

शीतयुद्ध किसे कहते हैं? उत्पत्ति, चरण, कारण और परिणाम

मोहन जोदड़ो का इतिहास एवं विनाश का कारण

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Related Posts

Leave a Comment