Aatm Nirbhar Bharat Essay in Hindi : नमस्कार दोस्तों, हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2020 को आत्मनिर्भर भारत अभियान योजना की घोषणा की है। इस आर्टिकल के द्वारा हम आपके साथ आत्मनिर्भर भारत अभियान पर निबंध शेयर करने जा रहे है। यह हिंदी निबंध सभी कक्षाओं के लिए मददगार साबित होगा। हमें उम्मीद है की आप आत्मनिर्भर भारत पर निबंध के द्वारा आत्मनिर्भर भारत की विचारधारा को सरलता से समझ सकेंगे।
यहां पर हमने आपको सहायता के लिए अलग-अलग शब्द सीमा को ध्यान में रखते हुए Short Essay के रूप में 250 शब्दों में, 500 शब्दों में, 800 शब्दों में, 1000 शब्दों में और PDF में शेयर किया है तथा अंत में atmanirbhar bharat essay in hindi पर एक विडियो भी उपलब्ध किया है। इस विडियो में Aatma Nirbhar Bharat के बारे में विस्तार से समझाया गया है। जिससे आपको काफ़ी मदद मिलेगी।
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आत्मनिर्भर भारत पर निबंध | Aatm Nirbhar Bharat Essay in Hindi
आत्मनिर्भर भारत पर निबंध 250 शब्द (Aatm Birbhar Bharat Essay in Hindi 250 Words)
पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति काफी प्राचीन है। अगर हम भारतीय संस्कृति पर नजर डाले तो वह हमें यह बताती है कि किसी भी परिस्थिति में भारतीय प्रजा आत्मनिर्भर रही है। आत्मनिर्भर का शाब्दिक अर्थ होता है, अपने खुद के पैरों पर खड़ा रहना, अपने आप पर निर्भर रहना, छोटी-छोटी चीज़ों के लिए किसी दूसरे पर अवलंबित नहीं रहना। आत्मनिर्भरता यानि कि खुद के हुन्नर से खुद का विकास करना। फिर चाहे हुन्नर छोटा हो या बड़ा। यही बात हमारे राष्ट्र निर्माण में भी काफी मददगार साबित होगी।
कोरोना महामारी के दौरान भारतीय प्रजा को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की घोषणा की। क्योंकि अगर हम देश का सर्वांगी विकास चाहते है तो सबसे पहले हमें खुद के पैरों पर खड़ा रहना होगा। प्रधानमंत्री चाहते है कि छोटी से छोटी चीज़ों का निर्माण देश के भीतर ही हो ताकि हमें विदेशी चीज़ों पर निर्भर नहीं रहना पड़े और देश की प्रजा को आमदनी की भी उपलब्धि प्राप्त हो सके। आत्मनिर्भर भारत का सपना भारत की आज़ादी के पहले गांधीजी ने भी देखा था।
अगर देश की प्रजा आत्मनिर्भर बनेगी तो उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ेगा, साथ साथ देशी उद्योगों और रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी। देश से धीरे-धीरे गरीबी की समस्या दूर होगी। देश में आयात की जगह निर्यात का बढ़ावा मिलेगा। जिसके चलते देश में विदेशी मुद्रा जमा होगी, जो देश को किसी भी महामारी के दौरान आर्थिक संकट से बचा सकती है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान से भारत की अर्थव्यस्था काफी मजबूत बनेगी और दुनिया में भारत विकास की ओर आगे बढ़ पायेगा। लेकिन इस अभियान की शुरुआत सही मायने में तब हो पायेगी, जब भारत का हर एक व्यक्ति आत्मनिर्भर बनेगा।
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आत्मनिर्भर भारत निबंध 500 शब्दों में (Essay on Aatam Nirbhar Bharat in Hindi 500 Words)
प्रस्तावना
आत्मनिर्भर का सही मतबल तो यह होता है कि कोई भी व्यक्ति, गाँव या देश किसी दूसरे के सहारे या किसी दूसरे पर निर्भर नहीं होकर खुद पर निर्भर रहे। आत्मनिर्भर होना खुद के लिए, अपने गाँव, शहर, जिले और देश के लिए बहुत जरूरी है। यदि हमारा शहर या देश आत्मनिर्भर रहेगा तो हमें किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना होगा।
कोई भी व्यक्ति यदि किसी दूसरे पर निर्भर है, हर काम या अपनी आवश्यकता के लिए दूसरे की मदद की गुहार करता है तो उसके लिए यह बहुत बड़ी कमी है। उसे खुद पर निर्भर होना चाहिए न कि किसी दूसरे पर। यदि व्यक्ति आत्मनिर्भर होगा तो किसी भी समय उस पर कोई भी मुश्किल या मुसीबत आये तो वह खुद ही उसे सुलझा सकता है। बल्कि उसे किसी दूसरे की कोई जरूरत नहीं पड़ती।
आत्मनिर्भर भारत अभियान
ये सभी बातें व्यक्ति को छोड़कर राज्य और देश पर भी लागू होती है। यदि देश के पास संसाधन उपलब्ध नहीं है तो उसे किसी दूसरे देश से उस संसाधन की कमी को पूरी करनी पड़ेगी। यदि उस संसाधन को बनाने की सारी सामग्री उसके पास उपलब्ध है तो वह उसका प्रयोग कर उसका निर्माण स्वयं कर सकता है। इससे वह आत्मनिर्भर भी बनेगा और किसी दूसरे देश पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी।
हमारे देश में हर संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। लेकिन हम कई सारी ऐसी चीज़े उपयोग में लेते हैं जो किसी दूसरे देशों में बनी होती है। इससे हमारे हमें तो नुकसान होता ही है। साथ में देश को भी इसका बहुत बड़ा नुकसान भुगतना पड़ता है।
हमारे देश हर संसाधन उपलब्ध है। यदि उस संसाधन का सही उपयोग करके देश में ही वस्तुएं बननी शुरू हुई तो इससे देश को काफी फायदा होगा। इससे देश में उद्योगों की बढ़ोतरी होती और देश के हर युवा को रोजगार मिलेगा और देश के नागरिको को प्राप्त मात्रा में आवश्यक सामान।
उपसंहार
देश में अधिक उद्योग लगेंगे तो बेरोजगारी देश में कम होती और साथ देश में फैली गरीबी भी समाप्त होने के साथ साथ देश की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा और अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत होगी। फिर हमारे देश को किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।अधिक सामग्री बनने से हम अपने देश की सामग्री को और भी देशो को निर्यात कर सकते हैं। इससे हमारे देश में आयात में कमी होगी और साथ में निर्यात में बहुत अधिक बढ़ोतरी होगी।
आत्मनिर्भर भारत को लेकर अब सरकार भी बहुत अच्छे-अच्छे कदम उठा रही है तो हमें भी सरकार का सहयोग करना चाहिए और देश को आत्मनिर्भर बनाने में सरकार की मदद करनी चाहिए।
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आत्मनिर्भर भारत अभियान निबंध (800 शब्द) (atmanirbhar bharat essay in hindi
प्रस्तावना
हर व्यक्ति के लिए आत्मनिर्भर ही सबसे बड़ा और अच्छा गुण होता है। इसके साथ ही यह गुण उसके लिए बड़ा सहारा भी बनता है। यदि व्यक्ति आत्मनिर्भर रहेगा तो उसको किसी दूसरे की बहुत ही कम जरूरत पड़ेगी और वह खुद बड़ी से बड़ी मुश्किल का आसानी से मुकाबला कर सकता है। आत्मनिर्भर होना जितना जरूर व्यक्ति के लिए है उतना ही जरूर एक देश के विकास के लिए भी है।
आत्मनिर्भर भारत
हमारा भारत देश एक बड़ा और हर संसाधन से परिपूर्ण देश है। भारत में हर संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और हर प्रकार की वस्तु या सामग्री का निर्माण खुद कर सकता है। इसके लिए किसी दूसरे देश पर आश्रित रहने की जरूर नहीं पड़ेगी। ऐसा करने के लिए देश के हर युवा के लिए इच्छाशक्ति और कार्य में कुशलता होनी बहुत जरूरी है। ऐसा नहीं है कि हमारे देश में ऐसे लोगों की कमी है। ऐसे कई लोग हमारे देश में जो देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं।
आत्मनिर्भरता से यह तात्पर्य है कि हमारा देश हर फिल्ड में खुद पर निर्भर हो, उसको किसी भी दूसरे की मदद नहीं लेनी पड़े। वह वस्तु का निर्माण करें जिसका उपयोग हम करते है। चाहे वो छोटी स छोटी सुई और बड़ी बड़ी से बड़ी वस्तु ही क्यों न हो। ऐसी वस्तुओं के लिए किसी दूसरे देश के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़े।
आत्मनिर्भर भारत अभियान क्या है
इस योजना में भारत को हर उस क्षेत्र में सक्षम होना है, जिसमें वह दूसरे देशों की मदद लेता है। आत्मनिर्भर भारत अभियान का उद्देश्य भारत के संसाधन को भारत में ही अधिक उपयोग में लाना है। भारत में अधिक उद्योगों को सुचारू करना और यहां के हर युवा को रोजगार के लिए आग्रेसित करना और आत्मनिर्भर बनाना है।
आत्मनिर्भर भारत में हर उस क्षेत्र पर ध्यान दिया जाएगा, जिसमें भारत किसी दूसरे देश की मदद लेता है। फिर उस क्षेत्र में सक्षम बनना है। इससे देश के विकास में बहुत लाभ मिलेगा और भारत एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनेगा।
आत्मनिर्भरता के फायदे
यदि देश आत्मनिर्भर होगा तो इसके कई सारे फायदे है जो निम्न है:
- किसी दूसरे देश के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा।
- देश में उद्योगों में बढ़ोतरी होगी।
- देश का हर युवा सफल, सक्षम होगा और साथ ही उसके पास रोजगार होगा।
- बेरोजगारी के साथ साथ गरीबी से भी मुक्त होगा।
- देश के पास अधिक पैसा होगा और उसकी आर्थिक व्यवस्था मजबूत होगी।
- आयात की जगह पर निर्यात बढ़ेगा, जिससे विदेशी मुद्रा का प्राप्त भंडार होगा।
- किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय देश में खाद्यान की मांग बढ़ जाती है, यदि देश आत्मनिर्भर होगा तो उसको किसी दूसरे देश पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी।
आत्मनिर्भरता का अवसर
जैसा की हम सभी जानते ही है, अभी हमारा देश कोरोना वायरस जैसी भयानक महामारी से गुजर रहा है। इस संकट ने हमारे देश को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दे दिया है। इस भयानक महामारी में हमने सिद्ध कर दिया है कि चाहे हमारे देश में कैसी भी विकट परिस्थिति आ जाये, हम देश के साथ है। देश को किसी दूसरे देश पर आश्रित नहीं होने देंगे।
हम अभी तक कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए देश में पीपीई किट, वेंटिलेटर और सैनिटाइज़र आदि जैसे चीजों का उत्पादन कर चुके है। हमारे देश भारत में किसी भी संसाधन की कोई कमी नहीं है। पहले हमारे देश में पीपीई किट, वेंटिलेटर और सैनिटाइज़र आदि का बहुत ही कम मात्रा में उत्पादन होता था। लेकिन ऐसी भयानक स्थिति में खुद पर निर्भर होने बहुत ही बड़ा उदारहण हमने अन्य देशों को दिया है।
इनका स्वयं उत्पादन करना आत्मनिर्भर भारत की ओर एक अहम और पहला कदम है और यह सफल भी हुआ है। इससे हमारा देश दूसरे देशों की नजरों में और भी ऊँचा हो गया है।
दूसरों पर निर्भर होने के नुकसान
यदि हमारा देश किसी दूसरे देश पर किसी संसाधन को लेकर निर्भर है तो हमें भी उस देश के अनुरूप ही काम करना पड़ेगा और उस देश की हर वो शर्त को मानना पड़ेगा जो हमें चाहे नामंजूर ही क्यों ना हो। इससे दूसरे देशों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। हमारे देश का पैसे दूसरे देशों के विकास में लगता है और हमारा देश कई गुना पीछे रह जाता है। हमारे देश में गरीबी, बेरोजगारी जैसी भयानक समस्या आ जाएगी।
हम यदि यह ठान लें कि हमें और हमारे देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना है तो हमारे देश को एक विकसित देश बनने से कोई रोक नहीं सकता है। जब हमारा देश पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जायेगा तो वह सही तरीके से स्वतंत्र होगा।
उपसंहार
हमें हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाने में हर संभव कोशिश करनी चाहिए और हर वो वस्तु उपयोग में लानी होगी जो देश में ही निर्मित हो। इससे हमारा देश आत्मनिर्भर होने के साथ ही आर्थिक रूप से मजबूत भी होगा और किसी दूसरे देश पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी।
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आत्मनिर्भर भारत निबंध (1,000 शब्द) (Aatm Nirbhar Bharat Essay in Hindi)
प्रस्तावना
आत्मनिर्भर होना एक युवा के साथ साथ एक देश और राज्य के लिए भी होना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि जब देश आत्मनिर्भर होगा तो वह हमेशा ही अपने विकास के रास्ते पर नये कदम लेता रहेगा और उसे किसी भी अन्य पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
आत्म निर्भर भारत
- वर्तमान वैश्वीकरण के युग में आत्मनिर्भरता की परिभाषा में बदलाव आया है। आत्मनिर्भरता, आत्मकेंद्रित से अलग है।
- भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की संकल्पना में विश्वास करता है। चूँकि भारत दुनिया का ही एक हिस्सा है, अतः भारत प्रगति करता है तो ऐसा करके वह दुनिया की प्रगति में भी योगदान देता है।
- “आत्ममर्भर भारत” के निर्माण में वैश्वीकरण का बहिष्करण नहीं किया जाएगा अपितु दुनिया के विकास में मदद की जाएगी।
आत्म निर्भर भारत मिशन के चरण
मिशन को दो चरणों में लागू किया जाएगा:
पहला चरण:
इसमें चिकित्सा, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक, प्लास्टिक, खिलौने जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि स्थानीय विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।
दूसरा चरण:
इस चरण में फर्नीचर, फूट वेयर और एयर कंडीशनर, पूंजीगत सामान तथा मशीनरी, मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक, रत्न एवं आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल आदि शामिल हैं।
आत्मनिर्भर भारत के पाँच स्तंभ
आत्मनिर्भर भारत पाँच स्तंभों पर खड़ा होगा:
- अर्थव्यवस्था- जो वृद्धिशील परिवर्तन के स्थान पर बड़ी उछाल पर आधारित हो।
- अवसंरचना- ऐसी अवसंरचना जो आधुनिक भारत की पहचान बने।
- प्रौद्योगिकी- 21वीं सदी प्रौद्योगिकी संचालित व्यवस्था पर आधारित प्रणाली।
- गतिशील जनसांखि्यिकी- जो आत्मनिर्भर भारत के लिये ऊर्जा का स्रोत है।
- मांग- भारत की मांग और आपूर्ति श्रृंखला की पूरी क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिये।
आत्मनिर्भर भारत के लिये आर्थिक प्रोत्साहन
प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत निर्माण की दिशा में विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। यह पैकेज कोविड-19 महामारी की दिशा में सरकार द्वारा की गई।
पूर्व घोषणाओं तथा RBI द्वारा लिये गए निर्णयों को मिलाकर 20 लाख करोड़ रुपये का है, जो भारत की “सकल घरेलू उत्पाद” (GDP) के लगभग 10% के बराबर है। पैकेज में भूमि, श्रम, तरलता और कानूनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
आर्थिक पैकेज का विश्लेषण
- घोषित किया गया पैकेज वास्तविकता में घोषित मूल्य से बहुत कम माना जा रहा है। क्योंकि इसमें सरकार के ‘राजकोषीय’ पैकेज के हिस्से के रूप में RBI द्वारा पूर्व में की गई घोषणाओं को भी शामिल किया गया हैं।
- सरकार द्वारा पैकेज के तहत घोषित प्रत्यक्ष उपायों में सब्सिडी, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, वेतन का भुगतान आदि शमिल होते हैं। जिसका लाभ वास्तविक लाभार्थी को सीधे प्राप्त होता है। परंतु सरकार द्वारा की जाने वाली अप्रत्यक्ष सहायता जैसे ‘भारतीय रिजर्व बैंक’ के ऋण सुगमता उपायों का लाभ सीधे लाभार्थी तक नहीं पहुँच पाता है।
- RBI द्वारा दी जाने वाली सहायता को बैंक ऋण देने के वजाय पुन: RBI के पास सुरक्षित रख सकते हैं। हाल ही में भारतीय बैंकों ने केंद्रीय बैंक में 8.5 लाख करोड़ रुपए जमा किये हैं।
- इस प्रकार घोषित राशि GDP के 10% होने के बावजूद GDP के 5% से भी कम राशि प्रत्यक्ष रूप में लोगों तक पहुँचने होने की उम्मीद है।
तकनीकी हस्तक्षेप में वृद्धि
- भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की स्थापना के माध्यम से दो मुख्य लक्ष्यों (औद्योगिक विकास और रोज़गार) को प्राप्त करने का प्रयास किया गया।
- वर्तमान में वैश्वीकरण और प्रतिस्पर्द्धा के इस दौर में सरकारों को अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा।
- वर्तमान में कोविड-19 के कारण बदली हुई परिस्थितियों में अधिकांश कंपागियों में ‘ऑटोमेशन’ घर से काम करने और अनुबंधित कामगारों को अधिक प्राथमिकता देंगी।
- ऐसे में आधुनिक तकनीकी प्रगति के अनुरूप कुशल श्रमिकों की मांग को पूरा करने और लोगों को रोज़गार उपलब्ध कराने हेतु कौशल विकास के कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देना होगा।
उत्पादन श्रृंखला में भागीदारी
- औद्योगिक विकास के साथ-साथ ही उत्पादन के स्वरूप और कम्पनीयों/उद्योगों की कार्यशैली में बड़े बदलाव होंगे।
- ऐसे में कृषि और अन्य क्षेत्रों को इन पाविर्तनों के अनुरूप तैयार कर औद्योगिक विकास के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान दिया जा सकता है।
- उदाहरण के लिये विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पादों की पैकेजिंग या उनसे बनने वाले अन्य उत्पादों के निर्माण हेतु स्थनीय स्तर पर छोटी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा देकर औद्योगिक उत्पादन श्रृंखला में ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है।
आत्म निर्भर भारत के समक्ष संभावित चुनौतियां
लागत और गुणवत्ता
वर्तमान में कई क्षेत्रों में भारतीय कम्पनियों को बहुत अधिक अनुभव नहीं है, ऐसे में लगत को कम-से-कम रखते हुए वैश्विक बाज़ार की प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिये उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी।
आर्थिक समस्या
- हाल ही में भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में सक्रिय पूंजी और वित्तीय तरलता की चुनौती के मामलों में वृद्धि देखी गई थी, कोविड-19 की महामारी से औद्योगिक गतिविधियों के रुकने और बाज़ार में मांग कम होने से औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं में वृद्धि हुई है।
- ऐसे में सरकार को औद्योगिक अर्थव्यवस्था को पुनः गति प्रदान करने के लिये विभिन्न श्रेणियों में लक्षित योजनाओं को बढ़ावा देना चाहिये।
आधारिक संरचना
विशेषज्ञों के अनुसार, चीन से निकलने वाली अधिकांश कम्पनियों के भारत में न आने का एक मुख्य कारण भारतीय औद्योगिक क्षेत्र (विशेष कर तकनीकी के संदर्भ में) में एक मज़बूत आधारिक ढांचे का अभाव है। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय उत्पादक किसी-न-किसी रूप में आयात पर निर्भर रहें हैं।
वैश्विक मानक
सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादकों और व्यवसायियों को दी जाने वाली सहायता मुक्त व्यापार समझौतों और “अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संघ” (World Trade Organisation- WTO) के मानकों के अनुरूप ही जारी की जा सकती है।
निजी क्षेत्र को बढ़ावा
- केंद्र सरकार की घोषणा के अनुसार, सरकार द्वारा प्रस्तावित नई नीति के तहत रणनीतिक क्षेत्रों के साथ ही सभी औद्योगिक क्षेत्रों को निजी क्षेत्र के लिये खोल दिया जाएगा।
- इस नई नीति के तहत ऐसे रणनीतिक क्षेत्रों की सूची जारी की जाएगी जहाँ निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ कम-से-कम एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी/उपक्रम (Public Sector Undertakings- PSUs) की उपस्थिति आवश्यक होगी।
- सरकार की योजना के तहत अन्य सभी क्षेत्रों में व्यवहारिकता के आधार पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।
- प्रस्तावित योजना के तहत सामान्यतः रणनीतिक क्षेत्रों में PSUs की अधिकतम संख्या चार ही होगी बाकी अन्य कंपनियों के लिये निजीकरण, विलय आदि के विकल्प खुले होंगे।
- वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में भी केंद्रीय वित्तमंत्री ने गैर-वित्तीय सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को 51% से कम करने की बात कही थी।
शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी योजनाएँ
- COVID-19 और लॉकडाउन के कारण हो रहे अकादमिक नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा ‘पीएम ई-विद्या’ (PM e-Vidya) योजना की घोषणा की जाएगी।
- इस योजना के तहत छात्रों को विभिन्न माध्यमों के जरिये शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी, साथ ही कक्षा 1 से 12 के लिये अलग-अलग टीवी चैनलों की शुरुआत भी की जाएगी।
- इससे पहले केंद्र सरकार ने इस माह के अंत तक देश में शीर्ष के 100 विश्वविद्यालयों के द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं को चालू किये जाने की योजना की घोषणा की थी।
उपसंहार
COVID-19 के कारण उपजी हुई परिस्थितियों के बाद देश के नागरिकों का सशक्तीकरण करने की आवश्यकता है ताकि वे देश से जुड़ी समस्याओं का समाधान कर सके तथा बेहतर भारत का निर्माण करने में अपना योगदान दे सके। आत्मनिर्भर भारत अभियान के समक्ष अनेक चुनौतियों के होने के बावजूद, भारत को औद्योगिक क्षेत्र में मज़बूती के लिये उन उद्यमों में निवेश करने की आवश्यकता है जिनमें भारत के वैश्विक ताकत के रूप में उभरने की संभावना है।
इस दिशा में कार्य करते हुए सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के अंतर्गत 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की है। आत्मनिर्भर राहत पैकेज़ के माध्यम से न केवल सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (Micro, Small and Medium Enterprises-MSMEs) क्षेत्र में सुधारों की घोषणा की गई, अपितु इसमें दीर्घकालिक सुधारों, जिनमें कोयला और खनन क्षेत्र जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
Note: इस 1000 शब्दों में आत्मनिर्भर भारत निबंध (Atma Nirbhar Bharat Essay in Hindi) के लिए drishtiias.com द्वारा उपलब्ध नोट्स की मदद ली है।
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Aatm Nirbhar Bharat Essay in Hindi Video
अंतिम शब्द
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Bharti tayde जी, आपकी प्रतिक्रिया के धन्यवाद।
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