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भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबंध

Bhrashtachar Mukt Bharat Par Nibandh: देश में भ्रष्टाचार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। देश में भ्रष्टाचार बहुत ख़राब है। भ्रष्टाचार हमारे नैतिक जीवन मूल्यों पर सबसे बड़ा प्रहार है। हम यहां पर भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में भ्रष्टाचार मुक्त भारत के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबंध | Bhrashtachar Mukt Bharat Par Nibandh

भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबन्ध (250 Word)

भारत एक उच्च मूल्यों,नैतिक और परंपराओं वाला देश है, लेकिन इसके समक्ष एक सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार है। जो विभिन्न स्तरों पर देखने को मिल रही है। यह एक ऐसी समस्या है जो देश को आंतरिक रुप से नुकसान पहुंचा रही है। जिसका नकारात्मक प्रभाव हमारे देश की प्रगति पर पड़ रहा है और यह किसी एक क्षेत्र में नहीं बल्कि समस्त क्षेत्रों में देखने को मिल रही है। चाहे वह राजनीति हो, चाहे प्रशासन हो, या कोई विभाग। यह हर जगह व्याप्त है।

भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न कार्य भी किए जा रहे हैं लेकिन यदि बात की जाए कि भ्रष्टाचार का मुख्य कारण अशिक्षा है। एक अशिक्षित व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भ्रष्ट और अवैध तरीकों का उपयोग करता है। सिर्फ सरकार के प्रयासों से हम भ्रष्टाचार से नहीं निपट सकते। इसके लिए आज के युवाओं को, राजनेताओं को और उन सभी व्यक्तियों को आगे आना चाहिए, जो इस से पीड़ित हैं।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हम देखते हैं जब भी हमारे यहां चुनाव होते हैं, तो इन में राजनीतिक दल एवं नेताओं के लिए कोई भी शैक्षणिक योग्यता या मापदंड निर्धारित नहीं किए गए हैं। भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए हमें योग्य नेता का चुनाव करना बेहद जरुरी है, जो शिक्षित हो। लोगों को जागरूक किया जाए कि भ्रष्टाचार क्या होता है और उससे कैसे निपटा जाए। आज भारत भ्रष्टाचार जैसी एक विकट समस्या से निपट रहा है। जहां लोगों को इससे निपटने के लिए एक साथ आगे आना होगा और भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के लिए अपना योगदान देना होगा। जिसके लिए हमें स्वयं को एवं अपने आसपास के लोगों को शिक्षित करना होगा।

भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबंध (800 Word)

प्रस्तावना

भ्रष्टाचार  का अर्थ है, भ्रष्ट+आचार। भ्रष्ट यानी बुरा या  बिगड़ा  हुआ तथा आचार का मतलब आचरण होता है। अर्थात भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है, वह आचरण जो किसी भी प्रकार से अनैतिक और अनुचित हो। सरकार को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए। ताकि हमारा भारत देश आगे जाकर प्रगति कर सकें। अगर यही समस्या बनी रही तो  हमारा भारत देश कभी भ्रष्टाचार से मुक्ति नहीं हो पाएगा। भ्रष्टाचार से हमें भारत को मुक्ति दिलाने हैं, तो जो हमारे देश मे भ्रष्टाचार हो रहे है, उसके खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए। भ्रष्टाचार भारत के हर कोने में मौजूद है। यह हमारे देश को बर्बाद कर सकता है। हमारे देश में भ्रष्टाचार के नकारात्मक प्रभावों को सब कोई झेल रहा है।

भारत में बढ़ता भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार पूरे भारत देश में बीमारी की तरह फ़ैल रहा है, भारत में भ्रष्टाचार की गति बहुत तेजी से बढ़ रही है। यदि समय रहते भ्रष्टाचार को नहीं रोका जाएगा। तो  यह पूरे भारत को अपनी चपेट में ले लेगा। बात करे यदि तो हमारे भारत देश मे लोग अशिक्षित हैं, जो पढ़े लिखे नहीं हैं वह लोग भी भ्रष्टाचार में साथ देते है और कई व्यक्ति नौकरी  के अच्छी पोस्ट पाने के लिये रिश्वत देने में नहीं चूकते है।

वर्तमान समय में देश भर में सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रष्टाचार बहुत ही बढ़ता जा रहा है। आए दिन देश के नागरिक इस सोशल मीडिया पर बढ़ रहे भ्रष्टाचार के शिकार हो रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को नौकरी देने का झांसा दिला कर लोग उनसे पैसे लूट लेते हैं। देश भर में आए दिन इस प्रकार के केस रोजाना देखने को मिलते हैं। देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार बहुत सारा प्रयास कर रही है।

देश में जितने भी सरकारी कार्य होते हैं, उनमें कहीं न कहीं पर भ्रष्टाचार देखने को मिलता है। सरकारी दफ्तरों में लोग अक्सर रिश्वत लेते पकड़े जाते हैं। रिश्वत लेकर सरकारी योजनाओं का फायदा देने वाले लोग देश में भ्रष्टाचार को बढ़ा रहे हैं। सरकार द्वारा रिश्वत देने वाले लोगों को और रिश्वत लेने वाले लोगों को सजा दी जा रही है। लेकिन फिर भी लोग इस भ्रष्टाचार को निरंतर बढ़ाते जा रहे हैं। इसके अलावा पुलिस स्टेशन में मुख्य तौर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। पुलिस कर्मचारी द्वारा पैसे लेकर कार्रवाई करने की मांग की जाती है। सरकार द्वारा इसके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय

हमें रिश्वत लेने वाले और रिश्वत देने वाले दोनों व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। समाज में विभिन्न स्तरों पर फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हमें एक साथ जुट होकर सामना करना चाहिए। जो लोग रिश्वत लेते समय पकड़े जाते हैं, वही व्यक्ति रिश्वत देकर छूट भी जाते हैं। यह भ्रष्टाचार बीमारी की तरह  हमारे पूरे भारत में दीमक की तरह फैलती जा रही है। इसको दूर करने के लिए रिश्वत देने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि वह दोबारा भारत का नाम बदनाम करने की कोशिश भी ना करे।

भ्रष्टाचार विरोधी दिवस

दुनिया भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए  ही 9 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार दिवस ‘के रूप मे मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 31 अक्टूबर 2002 को एक प्रस्ताव पारित कर ‘ अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार दिवस ‘ मनाने के लिए घोषणा की थी।

निष्कर्ष

भ्रष्टाचार से जुड़े लोग अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए हमारे भारत देश का नाम बदनाम कर रहे है। अत : बेहद ही जरूरी है, कि  हम भ्राष्टाचार के  इस जहरीले सांप को कुचल डाले और साथ ही सरकार को हमारे साथ मिलकर इस भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। तभी हम भारत देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाकर भारत के सपनों को पूरे कर सकेंगे। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए केंद्र सरकार मुख्य रूप से जोड़ दे रही है। इसके अलावा हमें भी भ्रष्टाचार को रोकने में सरकार की सहायता करनी चाहिए। देश में जहां पर भी भ्रष्टाचार हो रहा है, उसके खिलाफ सरकार द्वारा जारी किए गए सहायता नंबर पर संपर्क करके भ्रष्टाचार फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कंप्लेंट करनी चाहिए।

अंतिम शब्द

इस आर्टिकल में आपको भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबंध ( Bhrashtachar Mukt Bharat Par Nibandh)के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। उम्मीद है, कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको अच्छी लगी है। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से संबंधित कोई सुझाव है। तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकता है।

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Ripal
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