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स्वच्छता पर निबंध

Swachata par Nibandh: कहते हैं जहां स्वछता रहती हैं, वह स्थान रोगमुक्त रहता हैं। अगर हमारा देश स्वच्छ रहेगा, तो हमारा देश भी रोगमुक्त रहेगा। हम यहां पर स्वच्छता पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में स्वच्छता पर के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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स्वच्छता पर निबंध | Swachata Par Nibandh

स्वच्छता पर निबंध (250 शब्द) 

देश के प्रधानमंत्री जी ने देश को स्वच्छ रखने के लिए स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की हैं। देश की इस अभियान में देश के नागरिकों को भी शामिल होना चाहिए। प्रधानमंत्री जी के उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमें भी कदम उठाने चाहिए। 

नागरिकों को रोजमर्रा के जीवन में साफ़ – सफाई का महत्त्व के बारे में बताना चाहिए। एक अच्छा स्वास्थ्य किसी भी नागरिक के जीवन को बेहतर बना सकता है। स्वास्थ्य हमें बेहतर तरीके से जीने की शक्ति और सोचने की ताकत देता हैं। स्वच्छता ही स्वास्थ्य जीवन का मूल मंत्र हैं।

स्वच्छता हमारे जीवन के लिए कोई काम नहीं हैं, जिससे हम पैसे कमाते हैं। यह हमारे जीवन जीने का एक तरीका हैं। स्वच्छता एक अच्छी आदत हैं, जिसे हमें हमारे जीवन में अपनाना चाहिए। स्वच्छता एक पुन्य का काम हैं, जिससे हमें शारीरिक और मानसिक लाभ मिलता हैं। कहते हैं निरोगी जीवन जीने के लिए स्वच्छता बेहद ही जरुरी हैं। 

हमें अपनी खुद की साफ़-सफाई, हमारे आसपास के स्थान की साफ़-सफाई, जानवरों की साफ़-सफाई इतियादी करनी चाहिए। हम जहां काम करते हैं उस कार्यस्थल को ही अच्छा और स्वच्छ रखना हमारी जिम्मेदारी ही नही हमारी ड्यूटी भी होनी चाहिए। 

माता-पिता अपने बच्चों को चलना सिखाते हैं क्योंकि वे जानते हैं की जीवन के लिए चलना बेहद जरुरी हैं। परन्तु साथ साथ अपने बच्चों को स्वच्छता के बारे में भी सिखाना चाहिए ताकि स्वच्छता उनकी एक अच्छी आदत भी बन सके।

स्वच्छता पर निबंध (800 शब्द) 

प्रस्तावना

स्वच्छता एक अच्छी आदत हैं जो सब के लिए बेहद ही जरुरी हैं। साफ़ -सुथरा जीवन, स्थान इतियादी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हमें अपने शरीर की ,आसपास की, हमारे पालतू जानवरों की भी साफ़ – सफाई हमें करनी चाहिए। यह बेहद जरुरी हैं। स्वच्छता स्वास्थ्य जीवन का एक महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। 

हमें खुद से छोटे-छोटे प्रयास करने चाहिए। इससे हो सकता हैं हमारे देश पूर्ण रूप से स्वच्छ हो जाए। हमें हमेशा अच्छे कपडे पहनने चाहिए और साफ़-सुथरा रहना चाहिए। इससे हमारे आसपास के समाज पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं। 

हमारी प्रकृति को भी स्वच्छ रखना ही हमारी जिम्मेदारी हैं। अगर हम साफ़ सफाई पर ध्यान नही देते हैं तो यह और भी खतरनाक हो सकता हैं। वातावरण को स्वच्छ रखना भी हमारी ही जिम्मेदारी हैं।

साफ़ सफाई का महत्त्व

जिन लोगों को गन्दी आदत होती हैं, वो ही खतरनाक बीमारी फैलाते हैं। बीमारियाँ जो सबसे ज्यादा संक्रमण से फैलती हैं, वो भी गंदगी की वजह से ही फैलती है। हम अक्सर डेंगू, मलेरिया इतियादी मौसमी बिमारियों के बारे में सुनते हैं, वो सब भी हमारे आसपास की गंदगी की वजह से फैलती हैं। साफ़ सफाई ना रखना अपने आप में एक खतरा हैं। साफ़ सफाई हमारे लिए उतना ही महत्वपूर्ण हैं जितना हम खाना खाने को महत्वता देते हैं। 

देश में गंदगी को दूर भगाने और देश को स्वच्छ बनाने के लिए देश की सरकार कई तरह के सफाई अभियान चला रही हैं। अगर हमें स्वस्थ रहना हैं तो हमे सबसे पहले अपने आसपास के क्षेत्र को साफ़ – सुथरा रखना होगा। अगर हम ऐसा करने में असमर्थ रहते हैं, तो हम खुद को भी स्वस्थ रखने में असमर्थ रहते हैं।

साफ़ सफाई का मतलब केवल इससे नही हैं की हम आसपास की स्वस्थ रखें, इसका मतलब यह भी हैं की हम अपने तन, मन को भी स्वस्थ रखें। रोज नहाये और स्वस्थ और धुले हुए कपड़े पहने। यही से हमारे स्वच्छता की शुरुआत होती हैं।

स्वच्छता की आवश्यकता क्यों?  

स्वच्छता हमारे लिए बेहद जरुरी हैं। यह हमें बिमारियों से लड़ने में मदद करती है। हम अगर बीमार होते हैं तो उस में कही न कही गंदगी का ही हाथ होता हैं। स्वच्छता हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य बानाता हैं। हम सामान्यतौर पर अपने घर में ही देखते हैं की हमारी माँ और दादी माँ घर का कोई भी काम करने से पहले साफ – सफाई करती हैं। 

स्वच्छ रहने के लिए साफ़ – सफाई की आवश्यकता होती हैं। साफ़ सफाई कोई कठिन कार्य नही हैं, जिसे करने के लिए हमें कोई कठिन परिश्रम करना पड़े। यह बहुत ही आसान कार्य हैं। हमारे आसपास की साफ़ – सफाई हमें मानसिक और सामजिक रूप से स्वच्छ रखती है।

अस्वच्छता से होने वाली हानियाँ

अगर हम अस्वच्छ रहेंगे तो इससे हमें कई सारी समस्याएं होती हैं, जिनके बारे में आप आगे देख सकते हैं।

  • कई लोग जो मुख्य रूप से शहर में रहते हैं, वो गंदगी को पानी में डालते हैं और वही पानी फिर घूम कर नदी और नालों में जाता हैं, जिससे उस नदी और नालों में बहने वाले जीव जंतु मर जाते हैं और इसमें से बदबू आती हैं, फिर उसी पानी से बीमारियाँ फैलती हैं।
  • हम अक्सर मौसमी बिमारियों के बारे में सुनते हैं, वो सब भी इसी गंदगी की वजह से ही फैलती हैं। गंदगी की वजह से ही आधी से ज्यादा बीमारियाँ फैलती हैं।
  • मलेरिया, डेंगू इत्यादि बीमारी भी गंदगी का ही परिणाम है। अगर हमें इन बिमारियों से बचना हैं तो हमें इस गंदगी को खुद से दूर करना होगा, हमें स्वच्छ रहना होगा। इसके बाद ही हम खुद कोई स्वच्छ रख पायेंगे और अपने आसपास के लोगों कोई भी स्वच्छ रख पायेंगे। 
  • संक्रमण से फैलने वाली बीमारियाँ भी गंदगी के कारण ही फैलती हैं। इसलिए हमे साफ़ – सफाई के बारे में भी ध्यान रखना चाहिए।

देश के प्रधानमंत्री ने देश में स्वच्छता बनाये रखने किये 2014 में एक पी फल लागू की थी, जिसमें प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत के नाम से एक पहल की थी। इस पहल में देश को स्वच्छ बनाने का उद्देश्य रखा था।

निष्कर्ष

स्वच्छ जीवन होने से हमारा जीवन बिमारियों का घर नही बनता हैं। हमें स्वच्छता को पहले बढ़ावा देना चाहिए। स्वच्छता हमारे लिए बेहद जरुरी हैं। अगर हम स्वच्छ रहेंगे तो हम सुरक्षित भी रहेंगे।

अंतिम शब्द  

हमने यहां पर “स्वच्छता पर निबंध (Swachata Par Nibandh)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Ripal
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