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शुक्र ग्रह क्या है तथा इससे जुड़े रोचक तथ्य

भूगोल में रुचि रखने वाले लोग बेशक शुक्र ग्रह के बारे में (Venus Planet Hindi) जानते होंगे। शुक्र ग्रह जो हमारे सौरमंडल के नौ ग्रहों में से एक है।

सौर मंडल के अन्य ग्रहों की तरह ही शुक्र ग्रह से भी जुड़े कई रोचक तथ्य है, जिसके बारे में जानने की रुचि हर किसी को होती हैं। अगर आप भी भूगोल में रुचि रखते हैं तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़े।

वीनस प्लेनेट इन हिंदी (venus information in hindi)

क्योंकि इस लेख में शुक्र ग्रह क्या है और शुक्र ग्रह की पूरी जानकारी बताई है। इसके साथ ही भूगोल के अतिरिक्त ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह का क्या महत्व है इसके बारे में भी बताया है।

शुक्र ग्रह क्या है? (Venus in Hindi)

शुक्र हमारे सौरमंडल में प्रमुख ग्रहों में से एक है। यह सौरमंडल का दूसरा ग्रह है। बुध और पृथ्वी इसके पड़ोसी ग्रह है। अंग्रेजी में शुक्र ग्रह को ‘Venus Planet’ कहा जाता है।

शुक्र ग्रह को सांझ का तारा या भोर का तारा भी कहा जाता है। क्योंकि यह अन्य ग्रहों के तुलना में सबसे चमकीला ग्रह है, जो भोर के समय आसमान में दिखाई देता है।

सुबह के समय यह पूरब दिशा में दिखाई देता है और शाम के समय पश्चिम दिशा में दिखाई देता है। शुक्र ग्रह सौरमंडल के अन्य ग्रहों की तुलना में सबसे अधिक गर्म ग्रह है। उसका तापमान लगभग 464 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

शुक्र अन्य ग्रहों के तुलना में विपरीत दक्षिणावृत्त clockwise घूमता है। यह सौरमंडल का ऐसा ग्रह है, जिसका एक भी उपग्रह नहीं है।

पृथ्वी के समान ही शुक्र का आकार, घनत्व और व्यास होने के कारण इसे पृथ्वी का भगिनी ग्रह भी कहा जाता है।

शुक्र ग्रह पर नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, हिलियम, कार्बन मोनोऑक्साइड और नियॉन जैसी गैसें पाई जाती हैं।

शुक्र ग्रह की खोज

सौरमंडल में स्थित सभी ग्रहों का अलग-अलग वैज्ञानिकों के द्वारा खोज किया गया है। लेकिन शुक्र ग्रह सबसे चमकीला होने के कारण इसे खुली आंखों से ही आसमान में देखा जा सकता है और प्राचीन काल से इसे आसमान में देखा जा रहा है। भले ही पहले लोगों को इस ग्रह का नाम नहीं पता था।

वैसे इस ग्रह की खोज किसने की इस प्रश्न का सटीक जवाब नहीं है। क्योंकि शुक्र ग्रह की खोज का श्रेय कॉपरनिकस और गैलीलियो सहित बहुश्रुत मिखाइल लोमोनोसोव और योहान श्रोटर को भी जाता है।

सबसे पहले 1610 इसवी में गैलीलियो के द्वारा बनाया गए टेलिस्कोप के माध्यम से शुक्र ग्रह को नजदीक से देखा गया था। लेकिन उस समय तक इसका नाम नहीं पड़ा था।

शुक्र ग्रह वायुमंडल की सबसे बड़ी खोज में से एक है। 1761 में एक रूसी खगोल शास्त्री बहुश्रुत मिखाइल लोमोनोसोव ने शुक्र ग्रह की खोज की थी।

लेकिन वह पूरी तरीके से सिद्धकर पाए कि यह एक ग्रह है। जिसके बाद 1790 में जर्मन के एक खगोल शास्त्री जिनका नाम योहान श्रोटर था, उन्होंने इसे सिद्ध किया।

शुक्र ग्रह का नाम कैसे पड़ा?

सौरमंडल में नौ प्रमुख ग्रह है और सभी के नाम के पीछे कुछ ना कुछ कारण है। शुक्र ग्रह का नाम किसने रखा इसके पीछे भी एक पुराना इतिहास है।

कहा जाता है कि सौरमंडल का एकमात्र शुक्र ग्रह ही ऐसा ग्रह है, जिसका नाम एक महिला के नाम के ऊपर रखा गया है।

दरअसल इतिहास में एक समय Aphrodite नाम की रोमन की एक देवी हुआ करती थी, जो बहुत ही सुंदर और प्रेम की प्रतीक थी। इस देवी के अंदर बहुत ही चमक थी।

चूंकि Aphrodite यह एक ग्रीक शब्द है। जिसका अंग्रेजी अनुवाद Venus होता है, जिसका अर्थ होता है बहुत चमकीला। इस तरह इन्हीं के नाम पर शुक्र ग्रह का नाम Venus रखा गया।

हिंदी में भी शुक्र का उच्चारण करते समय शुक्ल का उच्चारण होता है, जिसका अर्थ उजला व श्वेत होता है।

शुक्र ग्रह पर जीवन के अस्तित्व की संभावना

हमारे सौरमंडल में मौजूद नौ ग्रहों में से एकमात्र पृथ्वी ऐसा ग्रह है, जहां पर जीवन का अस्तित्व है। लेकिन अब पृथ्वी के बाहर जीवन की तलाश में मंगल ग्रह पर गहन शोध किया जा रहा है।

लेकिन पृथ्वी के कई गुणों के साथ समानता रखने के कारण शुक्र ग्रह पर भी जीवन की संभावना खोजने की संभावना खगोल विज्ञान में रुचि का विषय है।

शुक्र ग्रह पृथ्वी से काफी मिलता-जुलता ग्रह है, जिसके कारण इसे सिस्टर प्लेनेट भी कहा जाता है।

वैसे अभी तक शुक्र ग्रह पर जीवन अस्तित्व की संभावना दूर-दूर तक नहीं है, जिसका दो प्रमुख कारण है। पहला यहां का भारी वायुमंडल दबाव और दूसरा अत्यधिक तापमान।

शुक्र ग्रह का वायुमंडल दाब पृथ्वी से 90 गुना ज्यादा है, जिससे यहां पर जीवन अस्तित्व की संभावना नहीं की जा सकती।

वहीं शुक्र ग्रह में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा सबसे ज्यादा होने के कारण ऊष्मा बाहर नहीं निकल पाती है। जिसके कारण शुक्र ग्रह की सतह 460 डिग्री सेल्सियस तक गर्म रहती है, जिस पर कोई भी जीव-जंतु जीवित नहीं रह सकता।

हालांकि भविष्य में शुक्र ग्रह पर जीवन के अस्तित्व की संभावना की खोज भले हो लेकिन अतीत और वर्तमान जीवन का अब तक शुक्र ग्रह पर कोई निश्चित प्रमाण नहीं मिला है।

शुक्र ग्रह की रोचक जानकारी (Venus Planet in Hindi)

हमारा सौरमंडल पूरी तरीके से रहस्यों से भरा हुआ है। सौरमंडल में मौजूद हर एक ग्रह रोचक तथ्य से भरा हुआ है। शुक्र ग्रह से भी संबंधित कई सारे रोचक तथ्य हैं।

  • शुक्र ग्रह का समय पृथ्वी के तुलना में काफी अलग है। शुक्र ग्रह पर 1 दिन का समय 1 साल से भी ज्यादा है। क्योंकि जहां पृथ्वी खुद की धूरी पर एक चक्कर 24 घंटे में लगाती है, वहीं शुक्र ग्रह खुद का चक्कर लगाने में 243 दिन का समय लेता है। जहां पृथ्वी 365 दिन में सूर्य का चक्कर लगाती है, वहीं शुक्र ग्रह 224 दिनों में सूर्य का चक्कर लगाता है। इस तरीके से शुक्र ग्रह पर समय काफी भ्रमित कर सकता है।
  • शुक्र ग्रह पर सूरज पूरब दिशा में उगता है। क्योंकि शुक्र ग्रह अन्य ग्रहों के तुलना में दक्षिणा वृत्त दिशा में घूर्णन करता है। जिस कारण यहां पर सूर्य पश्चिम दिशा में उदय होता है और पूरब दिशा में अस्त होता है।
  • शुक्र ग्रह का वायुमंडल दाब पृथ्वी की तुलना में 90 गुना ज्यादा है। इसका अर्थ यह हुआ कि अगर शुक्र ग्रह पर हम पहुंच भी जाए तो वहां पर वहां की वायुमंडल दाब हमें कुचल कर रख देगी। पृथ्वी पर इतना गुना दाब महासागर में 3000 फुट के नीचे होता है।
Venus Planet
Venus Planet
  • शुक्र ग्रह का तापमान सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह बुध की सतह से भी ज्यादा है। शुक्र ग्रह की सतह का तापमान 460 डिग्री सेल्सियस है। पृथ्वी पर जहां सामान्य तापमान पर केवल पारा ही पिघल सकता है, वहीं शुक्र ग्रह पर शीशा तक पिघल जाता है।
  • जहां पृथ्वी पर नाइट्रोजन सबसे ज्यादा है और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बहुत कम वहीं शुक्र ग्रह पर लगभग 96% केवल कार्बन डाइऑक्साइड है, जिसके कारण शुक्र ग्रह पर ऊष्मा बाहर नहीं निकल पाती है, इसलिए यह हमेशा गर्म रहता है।
  • शुक्र ग्रह पर अन्य ग्रहों की तुलना में सबसे ज्यादा ज्वालामुखी मौजूद है, इसलिए जब टेलिस्कोप से शुक्र ग्रह को देखा जाता है तो उसके सतह पर कई आकार के ज्वालामुखी क्रेटर नजर आते हैं। शुक्र ग्रह पर मौजूद ज्वालामुखी शील्ड प्रकार के हैं, जिसके कारण यह विस्फोट होने के बजाय मात्र लावा द्रव्य बाहर निकालते हैं।
  • शुक्र ग्रह पर वायुमंडल स्थिर नहीं है। यहां पर हवाएं 724 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बहती है, जो पृथ्वी पर तूफान से भी ज्यादा तेज है।
Venus Planet
Venus Planet
  • शुक्र ग्रह भी चंद्रमा की तरह कलाएं बदलता है। जब यह सूर्य की परिक्रमा करता है तो यह अलग-अलग आकार में चमकता हुआ दिखाई देता है।
  • शुक्र ग्रह का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के तुलना में कम है, जिसके कारण पृथ्वी पर 100 किलो ग्राम की कोई वस्तु शुक्र पर मात्र 88 किलोग्राम की होगी।
  • शुक्र ग्रह अपने अक्ष पर 177 डिग्री पर झुका हुआ है।
  • Soviet Union का Verena 7 नामक स्पेसक्राफ्ट 15 दिसंबर 1917 को शुक्र ग्रह के सतह पर उतरा था। इसी स्पेसक्राफ्ट से शुक्र ग्रह पर कार्बन डाइऑक्साइड के प्रचुर मात्रा के उपस्थिति के बारे में पता चला था। जब स्पेसक्राफ्ट शुक्र ग्रह पर उतरा था तो वहां पर रहस्यमय घटना का निर्माण हुआ। ग्रह पर लगातार बिजली गिरने लगी।
  • शुक्र ग्रह का कुल क्षेत्रफल 460.2 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर है, वहीं इसका व्यास 12104 किलोमीटर है।
  • शुक्र ग्रह पर कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन प्रचुर मात्रा में होने के कारण यहां पर ग्रीन हाउस इफेक्ट बहुत ज्यादा है।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार शुक्र ग्रह काफी तेजी से घूमने वाला ग्रह हुआ करता था। लेकिन किसी बड़े ग्रह से टकराने के कारण इसकी गति धीमी हो गई।
  • शुक्र ग्रह पर कभी भी वर्षा नहीं होती है।

ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह का महत्व

भूगोल की दृष्टि से शुक्र ग्रह जितना रहस्यमय है और जितना महत्वपूर्ण ग्रह है, उतना ही महत्व यह ज्योतिष शास्त्र में भी रखता है।

ज्योतिष शास्त्र में कुल नौ ग्रह विशेष महत्व रखते हैं, जिसमें से एक शुक्र ग्रह भी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों का मनुष्य के जीवन पर बहुत ही व्यापक प्रभाव पड़ता है और शुक्र ग्रह ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ ग्रह माना जाता है।

शुक्र ग्रह वृषभ और तुला राशि के स्वामी ग्रह माने जाते हैं। कहा जाता है कि जिसके कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है, उसे जीवन में सभी तरह के भौतिक सुख सुविधाओं का लाभ मिलता है।

जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होते हैं, वह काफी ख्याति और मान सम्मान प्राप्त करता है। वह व्यक्ति कई कला और मनोरंजन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।

शुक्र ग्रह मजबूत होने से जातक का आत्मविश्वास बढ़ता है, उसके भौतिक सुखों में वृद्धि होती है और अचानक से उसके जीवन में सफलताएं मिलना प्रारंभ हो जाती हैं।

वहीं जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है, वह व्यक्ति अधर्म मार्ग पर चलना शुरू कर देता है, उसके जीवन के भौतिक सुख शांति खत्म होने लगते हैं, उसके जीवन में अचानक से असफलता आना शुरू हो जाती है। इसके अतिरिक्त वह कई तरह की बीमारियों से भी ग्रसित हो जाता है।

FAQ

शुक्र ग्रह सबसे ज्यादा गर्म क्यों है?

शुक्र ग्रह पर कार्बन डाइऑक्साइड प्रचुर मात्रा में है और इसका वायुमंडल घनत्व काफी ज्यादा है, जिसके कारण शुक्र ग्रह की ऊष्मा बाहर नहीं निकल पाती है और वह वायुमंडल में ही अटक जाते हैं, जिसके कारण इसका सतह अन्य ग्रहों की तुलना में काफी ज्यादा गर्म रहता है।

शुक्र के देवता कौन हैं?

शुक्र ग्रह के देवता भगवान इंद्र को माना जाता है, इसलिए जिसके कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है, उस जातक को भगवान इंद्र की पूजा करने की सलाह दी जाती हैं।

जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत है या कमजोर कैसे जाने?

जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है, वह भौतिक सुख सुविधाओं से वंचित होने लगता है, उसके जीवन में अचानक से असफलताएं आने लगती है, अधर्म के मार्ग पर चलने लगता है। वहीं मजबूत शुक्र होने पर जातक को बहुत सारी सफलताएं मिलती है।

शुक्र कौन सी राशि में उच्च का होता है?

शुक्र को वृषभ और तुला राशि का स्वामी कहा जाता है। वहीं मीन और कन्या राशि इसके नीचे की राशि है।

शुक्र ग्रह का शत्रु कौन है?

बुध और शनि ग्रह को शुक्र का मित्र ग्रह कहा जाता है, वहीं चंद्रमा और सूर्य को इसका शत्रु ग्रह कहा जाता है।

निष्कर्ष

इस लेख में आपने सौरमंडल के 9 प्रमुख ग्रहों में से एक शुक्र ग्रह के बारे में जाना। इस लेख में शुक्र ग्रह क्या है (venus planet in hindi), शुक्र ग्रह की खोज कब की गई, शुक्र ग्रह का नाम कैसे पड़ा और शुक्र ग्रह से जुड़े अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारी दी।

इसके साथ ही ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह के महत्व के बारे में भी बताया। हमें उम्मीद है कि आज के इस लेख के जरिए आपको भूगोल और ज्योतिष शास्त्र दोनों की दृष्टि से शुक्र ग्रह के महत्व और उससे संबंधित सारी जानकारी मिल गई होगी।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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