Tauktae Cyclone Kya Hai: ताउते चक्रवात इस साल का पहला समुद्री तूफान है। यह अरब सागर में उठा है, आपको यह सुनकर आश्चर्य लगा होगा कि अरब सागर तूफान का केंद्र कैसे बन रहा है क्योंकि चक्रवाती तूफान तो बंगाल की खाड़ी से उठते है। हम आपको इस तूफान के बारे में पूरी जानकारी इस पोस्ट में देने जा रहे है।
ताउते चक्रवात (Tauktae Cyclone Kya Hai)
ताउते चक्रवात के कारण गोवा के समुद्री इलाकों में तेज हवाओं के साथ-साथ लगातार बारिश शुरू हो गई है। यह जनजीवन के साथ-साथ पेड़ों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। इसके कारण कई पेड़ सड़क पर गिर गए जिससे परिवहन प्रभावित है। भारतीय वायुसेना के द्वारा बताया गया कि तटीय इलाकों में राहत कार्य पहुंचना शुरू हो गया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के चक्रवात के बारे चेतावनी देते हुए बताया कि दक्षिण महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के तटीय इलाकों में हवा की गति 70 से लेकर 90 किलोमीटर प्रतिघंटे तक की बताई गयी है। मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार 16 मई को उत्तर महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में हवा की गति 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है।
यह लगातार उत्तर पश्चिम के इलाकों की और बढ़ रहा है और 17 मई को गुजरात के तटीय इलाकों पर पहुंचने की प्रबल संभावना है। ताउते चक्रवात 18 मई को दिन में पोरबंदर और भाव नगर महुवा के से राज्य के तटीय क्षेत्रों को पार करेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया इसमें गुजरात के इलाकों और तथा दमन एवं दीव में येलो अलर्ट जारी किया है और लोगों को तटीय इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गयी है।
ताउते चक्रवात से कितना नुकसान हो सकता है?
भारत मौसम विज्ञान के अनुसार इस तूफान से नुकसान होने की संभावना है। ताउते चक्रवात का सबसे ज्यादा असर गुजरात, द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, राजकोट, मोरबी और जामनगर के घरों पर होने की सम्भावना है। हमने देखा है कि जब भी भारत में कोई तूफान या चक्रवात आया है तो इससे नुकसान जरूर हुआ है।
इस तूफान से भी खेती, बिजली के खंभे, घरों को नुकसान पहुंच सकता है। यदि यह तीव्र गति से आता है तो इससे जन जीवन अस्तव्यस्त हो सकता है। भरी बारिश के कारण सड़कों को भी नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही बाड़ जैसे हालत बन रहे है। रेलवे आदि पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।
ताउते तूफान का मानसून पर असर पड़ेगा?
ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही कि ताउते तूफान से मानसून आने में देरी हो सकती है। लेकिन एक्सपर्ट्स ऐसा नहीं मानते हैं। इस तूफान से मानसून पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मौसम विभाग की तरफ से इस तरह की अभी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। मौसम विज्ञान के अनुसार मानसून अपने सही समय पर ही आएगा।
चक्रवाती तूफान ‘ताउते ‘ जो कि अरब सागर से हुआ है इसका अच्छा खासा असर देश के तटीय राज्यों के इलाकों पर हो सकता है। इससे निपटने की तैयारियां राज्य सरकारों के द्वारा कर ली गई हैं। यह तूफान 2 से 3 दिन तक इसका असर दिखा सकता है और बारिश होने की सम्भावना है।
ताउते तूफान से यातायात पर असर
ताउते तूफान को देखते हुए रेलवे के द्वारा ऐसी स्थितियों से निपटने की तैयारी कर ली गई है। इस पर ट्रेनों को आवाजाही भी काफी प्रभावित हो रही है। रेलवे द्वारा कहा गया कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई ट्रेनों को रद्द किया गया है, कई ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट किया गया है।
यदि ट्रेनों से आप यात्रा करना चाहते है तो इसके लिए रेलवे से जानकारी प्राप्त करें। रेलवे की ओर से लगातार अपडेट किया जा रहा है। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और मीडिया के माध्यम से अपडेट जारी है। तूफान के कारण सड़क मार्ग भी प्रभावित होगा और कई बसों की आवाजाही भी प्रभावित होगी।
सरकार की तरफ से सुरक्षा
ताउते तूफान को देखते हुए सरकार ने पूरी सुरक्षा की है। NDRF की संख्या 53 से बढ़ाकर 100 कर दी है। चक्रवात के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल द्वारा तटीय इलाकों में सुरक्षा और बचाव कार्य के लिए तैयार किया गया है। लोगों को चेतावनी जारी की जा रही है कि समुद्र किनारे जाने से बचे। यह केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों को प्रभावित कर सकता है।
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