Speech on National Integration in Hindi: भारत एक अनोखा देश है, जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता है। इस देश में सभी प्रकार की जाति, धर्म निवास करती हैं। भारत उन सभी देशों से अलग है क्योंकि भारतीय संस्कृति एक अलग पहचान पूरे विश्व में प्रकट करती है। सभी जाति धर्म को एक साथ एक हित में एक दिशा की ओर समेट कर रखती है।
भारत शुरू से ही एकता का प्रतीक रहा है। परंतु कुछ मतभेद कुछ जाति धर्म व राजनैतिक संबंधों के कारण भारत में कुछ दिकते दिखाई दी है। परंतु आज भी इंसानियत भाईचारे व एक दूसरे के प्रति सम्मान व संस्कार की भावना भारत जैसे बड़े देश में देखने को मिलती है। एकता भारत में ही नहीं किसी परिवार किसी देश किसी समूह में भी हो सकता है।
आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको एकता का महत्व बताएंगे, जो कुछ भाषण के द्वारा है। जिन्हें आप किसी भी सामाजिक तथा कॉलेज व स्कूल पर्व में कह सकते है, कृपया पोस्ट में अंत तक बने रहे।
राष्ट्रीय एकता पर भाषण | Speech on National Integration in Hindi
भाषण राष्ट्रीय एकता
आदरणीय आए हुए मुख्य अतिथि तथा हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक और इस विद्यालय के समस्त अध्यापक गणों को मैं नमस्कार करता हूं।
मैं अभिषेक कुमार कक्षा 12 का विद्यार्थी हूं। सबसे पहले इस विद्यालय को धन्यवाद कहना चाहूंगा, जिसने इस गणतंत्र दिवस के पर्व पर मुझे अपने शब्दों को आपके समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया है। आज गणतंत्र दिवस है, आज के ही दिन हमारे भारत के तथा इस पूरे विश्व के लिखित लोकतंत्र द्वारा बनाए गए संविधान को लागू किया गया था।
आज के ही दिन हमारे देश के सभी कानून एक साथ पूरे देश में लागू किए गए थे। सभी व्यक्तियों द्वारा इस संविधान को स्वीकार किया गया था। हमारे देश को अंग्रेजों द्वारा जिस प्रकार से गुलाम बनाया गया था। ऐसा मानो कि देश टूट चुका था परंतु कुछ देश के वीर सपूतों ने अपने बलिदानों को अपने संघर्षों से और अपने आत्मविश्वास से ही देश को फिर से आजाद करवाया।
देश को आजाद करवाने में जो परिस्थितियों का सामना हमारे नेताओं व वीर सपूतों व सैनिकों द्वारा किया गया वह सराहनीय है। स्वतंत्रता के दौरान भारत को अखंडता तथा विभिन्न प्रकार के राजनैतिक व देश के बंटवारे की बात सुननी पड़ी। परंतु आज हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने तथा सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने इस देश को अखंड होने नहीं दिया।
उन्होंने पूरी एकता के साथ जो इस विषय का एक महत्वपूर्ण अंग बनता है। एकता ऐसा शब्द है, जिसके कारण यह भारत आज भी बना हुआ है। इस देश को एकता नामक पौधे में इंसानियत का जल डालकर इसे और बड़ा करना होगा। हम भारतीयों का यह कर्तव्य होना चाहिए कि हमें एकत्र होकर इस देश की रक्षा करनी चाहिए।
आज भी भारत सुंदर सोने की चिड़िया कहलाता है। इसका कारण भारत देश में मनाए जाने वाले त्योहार है, जो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाते हैं, जो बड़े उत्साह से मनाया जाते हैं। पश्चिम भारत में गणेश चतुर्थी को बड़े उत्साह जनक मनाया जाता।
उसी तरह उत्तर प्रदेश व उत्तर भारत में होली, दीपावली त्यौहार को शानदार तरीके से मनाया जाता है। इसी कारण से देश विदेश के लोग यहां पर घूमने आते हैं। यहां की संस्कृति को अपनाने पर खुशी प्राप्त करते हैं और यहां के लोकनृत्य पर और यहां के देवी देवताओं को पूजा अर्चना करके अपना जीवन सफल बनाते हैं।
भारत शुरुआत से ही एक सांस्कृतिक और सुंदर वह हरा भरा देश है, जहां पर विभिन्न प्रकार की पेड़ पौधों की प्रजातियां हैं, जो प्रजातियां पाई जाती है, जो यह प्रदर्शित करती है कि भारत देश एक ऐसा देश है, जहां पर एकता नामक पौधा हमेशा से उगता रहा है। भारत में अनेकों भाषाएं बोली जाती है, जो यह दर्शाती है कि भारत विभिन्न भाषाओं से संबंधित एक संगठन है, एक देश है एक परिवार है।
मैं अपनी अंतिम शब्दों में बस इतना ही कहना चाहूंगा कि जहां पर एकता होती है, वहां पर शत्रु का टिकना असंभव होता है।
धन्यवाद।
राष्ट्रीय एकता पर भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य जी तथा इस विद्यालय के समस्त छात्र छात्राओं व अध्यापक गणों को मेरा शुभ प्रभात।
यहाँ पर आए हुए सभी अतिथि तथा अन्य सभी छात्र छात्राओं को तथा इस विषय पर चर्चा करने और मेरे शब्दों को सुनने के लिए धन्यवाद। आज हम बात एक ऐसे विषय पर करने जा रहे हैं, जो न राजनैतिक है न धार्मिक है न किसी के पक्ष में है न विपक्ष में है। बात है हमारे देश हमारे समाज हमारी संस्कृति की, जिस संस्कृति ने पूरे भारत पूरे भारतवर्ष को एकत्र करके रखा है। एक संगठन में रखा है, एक समूह में रखा है।
उस भारत तथा उस एकता नामक पौधे की चर्चा आज हम अपने शब्दों में अपने भाषण में करने वाले हैं। मैं जानता हूं कि आप लोगों को मुझसे भी ज्यादा इस विषय में जानकारी है। परंतु मुझे इस विद्यालय के अध्यापक गणों के द्वारा जो यह अवसर प्राप्त हुआ है मैं उस अवसर को अपने शब्दों के माध्यम से ऐसे स्मरणीय बनाना चाहता हूं। ऐसे शब्दों को आपके सामने प्रस्तुत करना चाहता हूं या यूं कहें कि यह मेरे विचार हैं, जो आपके सामने प्रस्तुत होने जा रहे हैं।
आज का विषय जो एकता है, उसका अर्थ है एक और विविधता अर्थात एक दिशा में चलने वाले दो आसमान कारक जिसे हम साधारण भाषा में एकजुट कहते है। एकता का अर्थ ही है एक साथ दो या दो से अधिक विचारों धर्मों व व्यक्तियों को एक साथ एक दिशा में चलना यही एकता का प्रतीक एकता विभिन्न क्षेत्रों में देखी जाती है। यह एकता विभिन्न कार्यों को करने के लिए किसी एक समूह में जो प्रेम दर्शाता है, उसे भी हम एकता ही कहते है। इसके विभिन्न कारक हो सकते हैं परंतु मुख्यता इसका कारक विविधता और एक है।
एकता में विविधता को समझना या विविधता में एकता को समझना इतना आसान नहीं है। परंतु यदि हम विविधता को एकता में समझें तो इसका एक शब्द ही काफी है। अर्थात हमारे देश का नाम जो भारत है। भारत नाम सुनते ही विविधता में एकता का व्याख्यान आपके मन में आ जाता है अर्थात भारत में रहने वाले सभी जीव जंतु पेड़ पौधे जाति धर्म एक साथ एकजुट में रहते हैं।
एक दिशा में तथा एक और अपने जीवन को अग्रसर करते हैं। यही विविधता में एकता है इसे और अधिक विषय में समझे तो विविधता को समझना हमारे भारत देश में रहने वाले सभी जातियों को समझने के बराबर है।
एक शब्द जो इसका अर्थ है एकता। आप भारत जैसे बड़े देश में इसका उदाहरण देख सकते हैं, जो भरपूर मात्रा में यहां पर उपस्थित है सभी जाति धर्म सभी प्रकार के जीव जो इस भारत देश में निवास करते हैं क्या को एकता की ओर और व्याख्यान तरीके से समझा जाए तो एक विद्यालय में रहने वाले सभी विद्यार्थी जो अलग-अलग जाति धर्म से हैं।
परंतु एक साथ एकजुट और एकता में रहकर एक विद्यालय एक कक्षा में पढ़ते हैं तथा किसी भी दफ्तर में चले जाइए या किसी भी भारत के राज्य में जाइए आपको सभी प्रकार की जाति धर्म तथा अनेक देवी देवताओं व भगवान को मानने वाले न मानने वाले लोग आपको मिलेंगे, जो विभिन्न प्रकार की भाषाओं का उपयोग करते हैं। आपको सभी प्रकार के व्यक्ति मिलेंगे, इस प्रकार की एकता को समझना ही दिखता है और भारत जैसे बड़े देश का उदाहरण ही विविधता में एकता को समझाता है।
मैं अपने अंतिम शब्दों में बस इतना ही कहना चाहूंगा कि यदि ऐसा हो तो किसी भी कार्य को करना संभव हो सकता है।
धन्यवाद।
राष्ट्रीय एकता पर भाषण
आए हुए मुख्य अतिथि विधायक जी तथा इस विद्यालय के समस्त शिक्षक गणों और इस विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों को मेरा नमस्कार।
हर व्यक्ति का कोई न कोई सपना होता या यूं कहें वह अपने विचारों को वह अपने सोच को जब वह जैसे सोचता है। अपने विचारों को दूसरे के सामने प्रस्तुत करना चाहता है, वह सपना या वह विचार मेरा है, जिसे पाकर आज मैं बहुत ही प्रसन्न हूं और मैं आपके सामने कुछ ऐसे विषय के बारे में अपने विचार साझा करना चाहता हूं, जिस विषय में हर व्यक्ति को हर परिवार को हर गांव को राज्य को हर देश को सोचना चाहिए।
आखिर वह विषय क्या है वह बात क्या है आप सबके मन में ऐसे सवाल चल रहे होंगे। हां दोस्तों विषय अनोखा है यदि हम उस विषय के बारे में सोचें तो आज हो रहे हैं युद्ध में लाखों अरबों रुपए तथा हजारों लाखों सैनिकों व आम जनता जनार्दन की जान को बचाया जा सकता है हां मित्रों मैं एकता की बात कर रहा हूं।
एकता जिसका अर्थ है, विविधता और एक इसे साधारण भाषा में एकजुट कहते हैं। एक साथ कहते हैं दो या दो से अधिक व्यक्तियों देशों परिवारों को छात्र रहकर जीवन व्यतीत करने की कला ही एकता कहलाती है। अर्थात एक दूसरे के साथ में साथ देना एक दूसरे के सुख में सुख तथा एक दूसरे के दुख में दुख बांटना ही एकता का प्रतीक है। इस विषय में आज हम बहुत सारी बातें करेंगे तथा हम आपसे कुछ प्रश्नों का उत्तर भी चाहेंगे।
यदि हम विविधता में एकता की बात करें तो इसका सबसे बड़ा उदाहरण भारत देश है, जो खुद 130 करोड़ वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जहां पर सभी प्रकार के जीव जंतु अनेकों प्रकार के पेड़ पौधे व उत्तर भारत में पाए जाने पहाड़ी इलाकों व सुंदर सुंदर दृश्य दक्षिण भारत में पाए जाने वाले पेड़ पौधे से निकलने वाले मसाले बताता कोयले की खदान, सोने की खजाने, नमक और भारत देश में सबसे सुंदर-सुंदर वृक्ष, फूल और अनेकों पक्षी पाए जाते हैं।
इतना ही नहीं भारत देश में रहने वाले सभी जाति धर्म हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन, पारसी, यहूदी तथा उनके द्वारा मनाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के त्योहारों तथा उनके द्वारा बनाए गए जनों के एक समूह में तथा उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं को एकत्रित होकर आपस में समझना ही एकता है। यही एकता में विविधता कहते हैं या हम इसे विविधता में एकता ही समझ सकते हैं।
हमारे भारत देश में ऐसा क्या है हमारे भारत देश को जो एकजुट रखता है। एक दूसरे के सुख और दुख को समझता है। एक दूसरों के कार्यों में अपना पराक्रम दर्शाता है तथा उनके कार्यों को सरल करने के लिए अपना सहयोग करता है। यही जुनून हमारे देश को हमारे भारत देश को एक बहुत बड़े राष्ट्र के रूप में पूरे विश्व में प्रख्यात करता है।
इसी कारण से हमारा देश पूरे विश्व में जाना जाता है। एक बहुत बड़े लोकतंत्र एक बहुत बड़े कार्य व पारंपरिक देश के रूप में हमारा भारत देश आज भी पूरे विश्व में प्रख्यात है।
ज्यादा शब्दों को मैं इस भाषण में ना बोलते हुए और अपने अंतिम शब्दों की ओर चलते हुए मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि एकता ही विविधता है और विविधता ही देश है। यदि भारत जैसा देश एकजुट रहकर व एकता की ओर बढ़ता रहे तो भारत को अखंड करना असंभव हो जाए।
निष्कर्ष
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