Speech On Indian Freedom Fighters In Hindi: आज हम आप सभी के समक्ष उन सेनानियों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपना योगदान दिया था। इसके लिए उन्होंने अपनी जान तक की परवाह नहीं की थी।
ऐसे बहुत सारे सेनानी है, जिन्होंने हमें ब्रिटिश सरकार से आजादी दिलाई थी और हमारे लिए लड़ाई हुई थी। इसीलिए आज हम इस स्वतंत्र भारत में चैन की सांस ले पा रहे हैं। ऐसे में आज हम आप सभी के समक्ष स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जो आप सभी के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान पर भाषण | Speech On Indian Freedom Fighters In Hindi
आजादी के लिए स्वतंत्र सेनानियों का योगदान पर भाषण (500 शब्द)
यहां पर विराजमान सभी अतिथि गण और मेरे प्यारे साथियों हमें आजादी का अर्थ पता होना चाहिए। आजादी एक शब्द ही नहीं यह भाव है, यह जीवन है, यह कल्पना है, यही सुख है। इसीलिए इस सुख को प्रदान करने वाला महानायक कहलाता है। स्वतंत्रता प्रदान करने वाला स्वतंत्रता सेनानी कहलाता है।
आजादी शब्द अपने आप में विशेष महत्व रखता है। इस शब्द की गहनता से महत्वता केवल वही जान सकता है, जिसने गुलामी की जंजीरें देखी हुई है। जो भी व्यक्ति किसी को आजादी दिलवाता है, उस आजाद हुए व्यक्ति के लिए कितना बड़ा योगदान है। यह केवल वही व्यक्ति जान सकता है।
इसी प्रकार हमारे भारत के लाखों स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान भी हमें अवश्य जाना चाहिए। क्योंकि उन्होंने समय-समय पर निरंतर अंग्रेजों के साथ संघर्ष किया और भारत को आजाद करवाया। आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं तो केवल और स्वतंत्रता सेनानियों की वजह से, जिन्होंने अपनी आने वाली पीढ़ी को आजाद रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
हमारे देश की आजादी, हमारी आजादी, भारत के भविष्य की आजादी, भारत के मातृभूमि की आजादी, भारत के हवा की आजादी, भारत के आकाश की आजादी, भारत के पाताल के आजादी, भारत के पर्यावरण की आजादी, भारत के हवाओं की आजादी, भारत के पशु पक्षियों की आजादी, भारत के कण-कण की आजादी, इस देश के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
क्योंकि इस आजादी को पाने के लिए लगभग 200 वर्षों तक भारत के स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया था। यह संघर्ष बहुत बड़े पैमाने पर होता था। अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में बच्चों से लेकर बड़े तक हर वर्ग और हर आयु के लोग शामिल थे।
जिन बहादुर लोगों की वजह से आज हमें आजाद भारत देखने को मिल रहा है। उनका नाम स्वर्ण अक्षरों से लिख दिया जाए या उन्हें सर्वोच्च सम्मान दे दिया जाए तो भी यह उनके योगदान के लिए कम ही पड़ेगा क्योंकि उनका योगदान बहुत बड़ा था। भारत जैसे प्राचीन संस्कृति, सभ्यता, धर्म, संस्कृति, स्वाधीनता वाले देश को ब्रिटिश शासन से आजाद करवाना इतना भी आसान नहीं था।
इस आजादी के लिए लड़ने वाले युवाओं ने अंग्रेजों की गोलियां अपने सीने में उतारी, इस देश के नौजवानों ने आजादी के लिए अंग्रेजों से फांसी पाई, अपने देश को आजाद रखने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने काल कोठरी तथा काले पानी की सजा पाई। यह बोलने में काफी आसान है लेकिन वास्तव में यह अत्यंत भयानक सजाएं होती है।
भारत की आजादी के लिए लड़ने वाला कोई एक व्यक्ति या कोई विशेष जाति धर्म अथवा पार्टी संप्रदाय के लोग नहीं थे, बल्कि भारत की आजादी के लिए भारत के प्रत्येक जाति, धर्म, संप्रदाय, समूह, पंथ, मजहब तथा स्त्री पुरुष, नौजवान, बच्चे, बूढ़े, संत महात्मा इत्यादि ने भारत के कोने कोने से आजादी के स्वतंत्रता संग्राम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इस योगदान की कड़ी में सुभाष चंद्र बोस, लाला लाजपत राय, महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त, सरदार उधम सिंह, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, सरोजिनी नायडू तथा ना जाने कितने ही अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान देश की आजादी के लिए दे दिया। इसलिए हम सभी स्वतंत्रता सेनानियों के लिए दिल से भाव पूर्वक श्रद्धांजलि व्यक्त करते हैं।
धन्यवाद!
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आजादी के लिए स्वतंत्र सेनानियों का योगदान पर भाषण (500 शब्द)
प्रांगण में विराजमान सभी अतिथि गण और मेरे प्यारे साथियों हमारे लिए आजादी का महत्व जानना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम रह चुका है। लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी खेलने के बाद हमें आजादी मिली है। इसीलिए हमें इस बात को कभी भी नहीं भूलना चाहिए कि हमें आजादी दिलवाने के पीछे किन वीर महापुरुषों का योगदान था।
जैसा कि आप सभी को पता है हमारे देश को आजाद करवाने के लिए संपूर्ण भारत के कोने-कोने से सभी जाति धर्म के लोग, महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग, नौजवान, संत महात्मा, महापुरुष इत्यादि सभी ने बहुत बड़े पैमाने पर योगदान दिया था।
हमारे देश में अंग्रेजों ने बहुत अत्याचार किया। यहां के गरीब किसान, मजदूर, नौजवान, महिला, बच्चे, बुजुर्ग इत्यादि सभी के साथ अन्याय किया था। लोगों से आय से अधिक कर वसूलते थे तथा यहां का लूटा हुआ सोना और धनसंपदा ब्रिटेन भेज देते हैं।
अंग्रेजों ने यहां पर कंपनी के नाम से शासन स्थापित किया लेकिन कुछ ही समय में लोगों को समझ में आ गया कि अंग्रेज किसी व्यापार के लिए नहीं बल्कि लूट और शासन की नियत से यहां आए हैं। देखते ही देखते अंग्रेजों का अत्याचार बढ़ने लगा, जिसके लिए देश के कोने-कोने से स्वतंत्रता सेनानी खड़े हुए।
देश की आजादी में योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, वीर सावरकर, महात्मा गांधी, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक इत्यादि हजारों और लाखों की संख्या में स्वतंत्रता सेनानी हुए, जिनके बारे में जानना हमारे लिए जरूरी है।
देश की आजादी के लिए युवा स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में भगत सिंह का नाम लिया जाता है। भगत सिंह ने मात्र 23 वर्ष की आयु में फांसी के फंदे को चूम लिया था। बता दें कि अंग्रेजो के खिलाफ निरंतर कड़ी लड़ाइयां के कारण अंग्रेजों ने उन्हें फांसी की सजा दे दी।
देश की आजादी में योगदान देने वाले लोगों की सूची में जन जागरण कर्ता का भी महत्वपूर्ण रोल है। इस कड़ी में बाल गंगाधर तिलक का नाम सबसे ऊपर आता है। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक भारत के जाने-माने राष्ट्रवादी शिक्षक, पत्रकार, समाज सुधारक, वकील तथा एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने बड़े पैमाने पर अंग्रेजो के खिलाफ देश की आजादी के लिए योगदान दिया था।
इसीलिए आज हम लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का नाम गर्व से लेते हैं। इसी कड़ी में चंद्रशेखर आजाद भी लिया जाता है। चंद्रशेखर आजाद हिंसा के पथ पर चलकर अंग्रेजों का सामना करते थे। चंद्रशेखर आजाद ने विशेष रूप से 1925 में काकोरी कांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अहिंसा के पथ पर चलकर देश की आजादी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी को देश ही नहीं बल्कि दुनिया भी जानती है। क्योंकि महात्मा गांधी के नेतृत्व में लाखों और करोड़ों लोग अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट हो जाते थे और महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन में हिस्सा लेते थे।
महात्मा गांधी ने बड़े पैमाने पर अहिंसा के पथ पर चलते हुए देश की आजादी के लिए योगदान दिया था। समय-समय पर महात्मा गांधी ने कई आंदोलन किए थे, जो काफी प्रभावशाली साबित हुए।
आजादी में योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में महिलाएं भी शामिल है। इस कड़ी में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सबसे पहले स्थान प्राप्त करती है। सन 1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मीबाई ने विशेष योगदान दिया था। उनके अलावा महिला का अधिकारियों की सूची में ननी बाला देवी का नाम भी शामिल है।
यह एक महिला भारतीय स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिन्हें बहुत ही कम लोग जानते हैं। ननी बाला देवी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बहुत बड़ा योगदान दिया था। महिला स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में दुकारी बाला देवी भी शामिल है। इन्होंने अंग्रेजों के सामने विभिन्न प्रकार की खुलेआम खिलाफत लड़ाईयों में भाग लिया था।
धन्यवाद!
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के जरिए हमने आपको आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान पर भाषण (speech on freedom fighters in hindi) के उपलक्ष में भाषण प्रस्तुत किया है।
अगर आप स्कूल या कॉलेज में या अन्य किसी भी समारोह में स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इसी के साथ इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
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