Sheikh Saadi Quotes in Hindi | शैख सादी के अनमोल विचार
इंसान मुस्तक़बिल को सोच के अपना हाल ज़ाया करता है, फिर मुस्तक़बिल मैं अपना माज़ी याद कर के रोता है। मुस्तकबिल = भविष्य, माज़ी = भूतकाल, हाल = वर्तमान
जो अधिक धनाडय हैं वही अधिक मोहताज है।
अत्याचारी से बढ़कर अभागा दूसरा व्यक्ति कोई नहीँ है क्योकी विपत्ति के समय उसका कोई भी मित्र नहीँ होता |
इंसान दौलत कमाने के लिए अपनी सेहत खो देता है और फिर सेहत को वापिस पाने के लिए अपनी दौलत खो देता है। जीता ऐसे है जैसे कभी मरना ही नहीं है, और मर जाता ऐसे है जैसे कभी जिया ही नहीं।
यदि राजा किसी ऐब को भी पसंद करे तो वह हुनर हो जाता है।
जिसे होश है वह कभी घमंड नहीँ करता |
ताज्जुब की बात है अल्लाह अपनी इतनी सारी मख्लूक़ में से मुझे नहीं भूलता और मेरा तो एक ही अल्लाह है में उसे भूल जाता हूँ।
सुंदरता बिना शृंगार ही के मन को मोहती है।
मैँ ईश्वर से डरता हूँ ईश्वर के बाद मुख्य उससे डरता हूँ जो ईश्वर से नहीँ डरता |
आसमान पर निगाह ज़रूर रखो मगर ये मत भूलो के पैर ज़मीन पर ही रखें जातें हैं।
जिसकी अस्ल खराब है उस पर सज्जनों के सत्संग का कुछ असर नहीं होता।
मनुष्य को चाहिए कि यदि दीवार पर भी उपदेश लिखा हुआ मिले तो उसे ग्रहण कर ले |
अगर तुम अल्लाह की इबादत नहीं कर सकते तो गुनाह करना भी छोड़ दो।
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शत्रु को कभी दुर्बल न समझना चाहिये।
जो नसीहत नहीँ सुनता उसे लानत- मला मत सुनने का शौक है |
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भेड़िये का बच्चा भेड़िया ही होता है।
यदि चिड़िया एका कर लेँ तो शेर की भी खाल खींच सकती है |
दिन की रौशनी में रिज़्क़ तलाश करो, रात को उसे तलाश करो जो तुम्हें रिज़्क़ देता है।
चरित्र-हीन मूर्ख-चरित्र-हीन विद्वान् से अच्छा है, क्योंकि मूर्ख तो अन्धा होने के कारण पथभ्रष्ट हुआ, पर विद्वान् दो आँखें रखते हुए भी कुएं में गिरा।
बहुत खानेवाले आदमी का कभी आदर नहीं होता।
अपने पड़ौसी भिक्षुक से आग मत माँग, उसकी चिमनी से जो धुँआ तू निकलता देखता है, वह लौकिक आग का नहीं बल्कि उसके हृदय में सुलगी हुई दुख की आग का है।
अपने पुराने कपड़े मंगनी के कपड़ों से अच्छे हैं।
यदि तेरा मृत्यु-समय उपस्थित नहीं हुआ है तो शेर या चीते के मुँह में पहुँच कर भी तू जिन्दा रह सकता है।
दोनों को दे, वर्ना छीनकर ले लेंगे।
जो दूसरे को देखकर जलता है, उस पर जलने की जरूरत नहीं, क्योंकि दाह-रूपी शत्रु उसके पीछे लग रहा है। उससे शत्रुता करने की हमें फिर क्या जरूरत है।
अगर किसी की कड़वी बात नहीं सुनना चाहे तो उसका मुंह मीठा कर।
कठोर और मूर्ख मधुमक्खी से कह दो कि जो तू शहद नहीं देती तो डंक भी मत मार।
अगर चिउटियॉं एका कर लें, तो शेर की खाल खींच सकती हैं।
जिसने लोगों को धोखा देने के लिए सफेद कपड़े पहिने हैं, उसने अपना भाग्य काला किया है। साँसारिक विषयों से हाथ को रोकना चाहिये। आस्तीन छोटी हो या बड़ी एक ही बात है।
भाग्यहीन मनुष्य के गुण भी काम नहीं आते।
अपने परिश्रम से जुटाया हुआ अन्न सिर का और साग-रोटी से अच्छा है जो गाँव के सरदार ने दी है।
जो आदमी तौलकर बात नहीं करता उसे कठोर बातें सुननी पड़ती हैं।
विद्वान् की मूर्खों में वही दशा होती है जो किसी सुन्दरी की अन्धों में और धर्म-पुस्तक की नास्तिकों में।
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।