Sardi ki Shayari: सर्दी का मौसम हर किसी का फेवरेट होता है। सूरज की आग की गर्मी, साथ में गर्म – गर्म चाय और पकोड़े खाने का मज़ा ही अलग है। आशिक़ों और शायरों के लिए भी यह मौसम सबसे खास है क्योंकि इस मौसम की खूबसूरती अलग ही है। ठंडी पवन की लहरें और गरमा गरमा शायरी सबके दिलों को रोमांचित कर देती है।
Image: Sardi ki Shayari
आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए गरमा गरम सर्दी की शायरी (Sardi ki Shayari) का बेहतरीन कलेक्शन लेकर आये है, जो आपके सर्दी के माहौल को और भी रोमांचित कर सकता है। आप इन शायरी को सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते है और ठंडी ऋतु का लुप्त उठा सकते है।
सर्दी की शायरी (Sardi ki Shayari)
पहन लो आप स्वेटर आपसे यही हैं हमारी गुज़ारिश,मुबारक हो आपको सर्दी की पहली बारिश।
इंसान से इंसान इतना जल रहा है, फिर क्यों इतना ठण्ड लग रहा है?
thandi shayari
सुबह को जेकेट पहनो, दोपहर को सनकोट पहनो, शाम को रेईनकोट पहनो, रात में कम्बल ओढ लो….
आज एक स्वेटर और पहन लो, आज एक रज़ाई और ओढ़ लो, आज एक मफ़लर और लपेट लो, आज दो मोज़े और पहन लो, आज एक कहवा और पी लो, आज एक हीटर और चला लो, क्या पता… कल ठण्ड हो न हो…!
पहन लो आप स्वेटर आपसे यही हैं हमारी गुज़ारिश, मुबारक हो आपको सर्दी की पहली बारिश….
sardi shayari in hindi
कितना दर्द हैं दिल में दिखाया नही जाता, गंभीर हैं किस्सा सुनाया नही जाता, विडियो कॉल मत कर पगली, रजाई में से मुहँ निकाला नही जाता.
पूरे ऑफिस में हाय-तौबा मचाई है, लगता है आज वो बिना नहाएं ही आई है !
हमें इसी ठंड का इन्तजार है बीमारी तो एक बहाना है कभी हमसफर बनके देखो तो जानो ये सफर कैसा सुहाना है….
फूलों की सुगंध, मूँगफली की बहार सर्दी का मौसम आने को तैयार रजाई,स्वेटर रखो तैयार हैप्पी सर्दी का मौसम मेरे यार….
ख़ुदा करे कि तुमको “जुदाई” न मिले, कभी भी तुमको “तन्हाई” ना मिले, मुझे “message” ना करो तो कुछ ऐसा हो, कि मौसम हो सर्दी का और तुमको “रजाई” ना मिले !
आखिर अब वो समय आ ही गया है जब हम सुबह उठ कर ज़िन्दगी का सबसे मुश्किल फैंसला करते हैं कि आज नहाना है या नही?
दिल की धड़कन रूक सी गई, साँसे मेरी थम सी गई, पूछा हमने दिल के डॉक्टर से तो पता चला कि सर्दी के कारण आपकी यादें दिल में जम सी गई !
सर्दी पर शायरी
अपना समझो या बेगाना, हमारा आपका हैं रिश्ता पुराना, इसलिए मेरा फ़र्ज हैं आपको बताना, ठंड आ गयी हैं, कृपया रोज मत नहाना….
सर्दी में भी ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिए, ज्यादा ठंड लगे तो रजाई में घुस जाना चाहिए
पलट दूँगा पल भर में सारी दुनिया मैं ऐ खुदा, बस तू रजाई में से निकलने की ताकत दे दे मुझे !
“ठण्ड का बहाना हैं” व्हाट्सऐप करके आपको सताना हैं, मौसम भी दीवाना हैं,आप भी दो-चार व्हाट्सऐप कर दो, क्या नेट पैक का बैलेंस बचा के नया स्वेटर लाना हैं….
जब ठंड आएं, तो आस-पास के लोगों को बताएं, ठंड नहाने से नहीं लगती है, इसलिए आप रोज नहाएं !
मत ढूढ़ना मुझे इस जहाँ की तन्हाई में, ठण्ड बहुत हैं मैं हूँ अपनी रजाई में….
ठंड के मौसम में रोज रजाई कहती है अंदर तो आ गए, बाहर कैसे जाओगे?
बड़ी बेवफ़ा हो जाती है ग़ालिब, ये घड़ी भी सर्दियों में, 5 मिनट और सोने की सोचो तो, 30 मिनट आगे बढ़ जाती है….
सर्दी की ठिठुरती रात में फुटपाथ पर अरमान है दिलबर मुझे छोड़के किसी और पे मेहरबान है…!
क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए क्यूँ किसी की यादों को सोच कर रोया जाए, क्यूँ किसी के ख्यालों में यूँ खोया जाए, बाहर मौसम बहुत ख़राब हैं, क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए…!
मत ढूंढो मुझे इस दुनिया की तन्हाई में, ठण्ड बहुत है मैं यही हूँ अपनी रजाई में !
ठण्ड में वादा नही करते कि दोस्ती निभायेंगे, जरूरत पड़ी तो सब कुछ ले लो, पर रजाई न दे पायेंगे….
sardi status
ऐ सर्दी इतना न इतरा अगर हिम्मत है तो जून में आ !
किसी की रजाई खींचना देशद्रोह के बराबर माना जायेगा और रजाई में घुसकर ठंडे पैर लगाना छेड़छाड़ का अपराध माना जायेगा….
गुजर जाती है रात इसी कशमकश में, कि कम्बल में हवा किधर से घुस रही है !
वक़्त वक़्त की मोहब्बत है वक़्त वक़्त की रुसवाइयां, कभी A.c. सगे हो जाते हैं और कभी रजाइयाँ !
सीतल-सीतल वायु चली, आकाश हुआ सुहाना, जोकर भी व्हाट्सऐप पढ़ने लगे, शिक्षित हुआ ज़माना !
समझ में नही आता, सारी रात गुजर जाती हैं, रजाई में हवा किधर से घुस जाती हैं….
इस सर्दी की ठंडक मेरे दिल में उतर गई है, इसी वजह से मेरी शायरी जम सी गयी है !
सर्द रातों की शायरी
सर्दियों का एक स्पेशल मैजिक ट्रिक सुब्हे 7 बजे उठे और एक लम्बी अंगड़ाई ले, और फिर 5 मिनिट के लिए फिरसे सो जाए,जब आप 5 मिनिट होने के बाद उठेंगे तो 9 बज गए होंगे….
गलती से पंखे का बटन क्या दब गया. पूरा परिवार यूँ देखने लग गया जैसे मैं कोई आतंकवादी हूँ ….
“चेतावनी” ठंडी के मौसम तक गुडमार्निंग संदेश दोपहर 12.00 बजे तक स्वीकारे जायेंगे….
काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड, और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह….
शायरी सर्दी की ठिठुरती रात में फुटपाथ पर अरमान है, दिलबर मुझे छोड़के किसी और पे मेहरबान है….
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।