धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती, रात ढलती नहीं थम जाती है. सर्द मौसम की एक दिक्कत है, याद तक जम के बैठ जाती है.
धुप भी खुल के नहीं कहती रात ढलती नहीं थम है सर्द मौसम की एक दिक्कत है याद तक थम जम के बैठ जाती है
इससे ज्यादा दुश्मनी की हद क्या होगी दोस्तों, टॉयलेट की टंकी में भी कोई बर्फ डाल गया !
सर्दी में दिन सर्द मिला, हर मौसम बेदर्द मिला….
जाड़े की रुत है नई तन पर नीली शॉल तेरे साथ अच्छी लगे सर्दी अब के साल
हर कामयाबी पर आपका नाम हो, आपके हर क़दम पर सफलता का मुकाम हो, ध्यान रखना, ठण्ड आ गयी हैं, मैं नही चाहता आपको जुकाम हो !
दिल की धड़कने रुक सी गयी सासे मेरी थम सी गयी पूछा हमने दिल के डॉक्टर से तो पता चला सर्दी के कारण आपकी यदि दिल में जम सी गयी
हवा का झोंका आया तेरी खुशबू साथ लाया, मैं समझ गया की तू आज फिर नहीं नहाया !
बड़ी सख्त इम्तिहान की घड़ी होती हैं, सुबह-सुबह ठंड में नहाना बात बड़ी होती हैं !
बहुत ही सर्द है अब के दयार-ए-शौक़ का मौसम, चलो गुज़रे दिनों की राख में चिंगारियाँ ढूँडें….
जिंदगी में एक बात याद रखना आपको आंसू पोछने वाले बहुत मिलेंगे पर नाक पोछने वाला नहीं मिलेगा इसलिए इस सर्दी में अपना ख्याल रखना
बैठ कर टॉयलेट में नबाब की जैसे, ठंडी के मौसम में सोचता हूँ ऐसे, कि बेटा, कर तो ली हैं तूने, अब ठंडे पानी से धोएगा कैसे !
सर्दी के मौसम का मजा अलग सा है, रात मे रजाई का मजा अलग सा है. धुंध ने आकर छिपा लिया सितारों को, आपकी जुदाई का ऐहसास अब अलग सा है….
पुरे ऑफिस में हाय तोबा मचाई है लगता है आज बिना नहाये ही आयी है
ना मैं दिल में आता हूँ ना समझ में आता हूँ, इतनी सर्दी में मैं कहीं नहीं आता-जाता हूँ !
लड़की रो-रो कर लड़के से कह रही हैं, हाथ छोड़ो, मेरी नाक बह रही हैं !
लड़कियों को सर्दी इसलिए नहीं लगती क्युकी वह हम जैसे स्मार्ट लड़को से जलती है
ना मुस्कुराने को जी चाहता हैं, ना कुछ खाने-पीने को जी चाहता हैं, अब ठंड बर्दास्त नही होती, सब कुछ छोडकर रजाई में घुस जाने को जी चाहता हैं !
फैन तो इस हमारे के भी बहुत है. पर सर्दी की वजह से घरवाले चलाने नही देतें….
निकाल लो रजाई, पहन लो स्वेटर ये हैं हमारी प्यारी सी गुजारिश, मुबारक हो आपको सर्दी की पहली बारिश।
Sardi ki Shayari
इंसान से इंसान इतना जल रहा है, फिर क्यों इतना ठण्ड लग रहा है?
सुबह को जेकेट पहनो, दोपहर को सनकोट पहनो, शाम को रेईनकोट पहनो, रात में कम्बल ओढ लो….
आज एक स्वेटर और पहन लो, आज एक रज़ाई और ओढ़ लो, आज एक मफ़लर और लपेट लो, आज दो मोज़े और पहन लो, आज एक कहवा और पी लो, आज एक हीटर और चला लो, क्या पता… कल ठण्ड हो न हो…!
पहन लो आप स्वेटर आपसे यही हैं हमारी गुज़ारिश, मुबारक हो आपको सर्दी की पहली बारिश….
कितना दर्द हैं दिल में दिखाया नही जाता, गंभीर हैं किस्सा सुनाया नही जाता, विडियो कॉल मत कर पगली, रजाई में से मुहँ निकाला नही जाता.
पूरे ऑफिस में हाय-तौबा मचाई है, लगता है आज वो बिना नहाएं ही आई है !
हमें इसी ठंड का इन्तजार है बीमारी तो एक बहाना है कभी हमसफर बनके देखो तो जानो ये सफर कैसा सुहाना है….
फूलों की सुगंध, मूँगफली की बहार सर्दी का मौसम आने को तैयार रजाई,स्वेटर रखो तैयार हैप्पी सर्दी का मौसम मेरे यार….
ख़ुदा करे कि तुमको “जुदाई” न मिले, कभी भी तुमको “तन्हाई” ना मिले, मुझे “message” ना करो तो कुछ ऐसा हो, कि मौसम हो सर्दी का और तुमको “रजाई” ना मिले !
आखिर अब वो समय आ ही गया है जब हम सुबह उठ कर ज़िन्दगी का सबसे मुश्किल फैंसला करते हैं कि आज नहाना है या नही?
दिल की धड़कन रूक सी गई, साँसे मेरी थम सी गई, पूछा हमने दिल के डॉक्टर से तो पता चला कि सर्दी के कारण आपकी यादें दिल में जम सी गई !
अपना समझो या बेगाना, हमारा आपका हैं रिश्ता पुराना, इसलिए मेरा फ़र्ज हैं आपको बताना, ठंड आ गयी हैं, कृपया रोज मत नहाना….
सर्दी में भी ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिए, ज्यादा ठंड लगे तो रजाई में घुस जाना चाहिए
पलट दूँगा पल भर में सारी दुनिया मैं ऐ खुदा, बस तू रजाई में से निकलने की ताकत दे दे मुझे !
“ठण्ड का बहाना हैं” व्हाट्सऐप करके आपको सताना हैं, मौसम भी दीवाना हैं,आप भी दो-चार व्हाट्सऐप कर दो, क्या नेट पैक का बैलेंस बचा के नया स्वेटर लाना हैं….
जब ठंड आएं, तो आस-पास के लोगों को बताएं, ठंड नहाने से नहीं लगती है, इसलिए आप रोज नहाएं !
मत ढूढ़ना मुझे इस जहाँ की तन्हाई में, ठण्ड बहुत हैं मैं हूँ अपनी रजाई में….
ठंड के मौसम में रोज रजाई कहती है अंदर तो आ गए, बाहर कैसे जाओगे?
बड़ी बेवफ़ा हो जाती है ग़ालिब, ये घड़ी भी सर्दियों में, 5 मिनट और सोने की सोचो तो, 30 मिनट आगे बढ़ जाती है….
सर्दी की ठिठुरती रात में फुटपाथ पर अरमान है दिलबर मुझे छोड़के किसी और पे मेहरबान है…!
क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए क्यूँ किसी की यादों को सोच कर रोया जाए, क्यूँ किसी के ख्यालों में यूँ खोया जाए, बाहर मौसम बहुत ख़राब हैं, क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए…!
मत ढूंढो मुझे इस दुनिया की तन्हाई में, ठण्ड बहुत है मैं यही हूँ अपनी रजाई में !
ठण्ड में वादा नही करते कि दोस्ती निभायेंगे, जरूरत पड़ी तो सब कुछ ले लो, पर रजाई न दे पायेंगे….
ऐ सर्दी इतना न इतरा अगर हिम्मत है तो जून में आ !
किसी की रजाई खींचना देशद्रोह के बराबर माना जायेगा और रजाई में घुसकर ठंडे पैर लगाना छेड़छाड़ का अपराध माना जायेगा….
गुजर जाती है रात इसी कशमकश में, कि कम्बल में हवा किधर से घुस रही है !
वक़्त वक़्त की मोहब्बत है वक़्त वक़्त की रुसवाइयां, कभी A.c. सगे हो जाते हैं और कभी रजाइयाँ !
सीतल-सीतल वायु चली, आकाश हुआ सुहाना, जोकर भी व्हाट्सऐप पढ़ने लगे, शिक्षित हुआ ज़माना !
समझ में नही आता, सारी रात गुजर जाती हैं, रजाई में हवा किधर से घुस जाती हैं….
इस सर्दी की ठंडक मेरे दिल में उतर गई है, इसी वजह से मेरी शायरी जम सी गयी है !
सर्दियों का एक स्पेशल मैजिक ट्रिक सुब्हे 7 बजे उठे और एक लम्बी अंगड़ाई ले, और फिर 5 मिनिट के लिए फिरसे सो जाए,जब आप 5 मिनिट होने के बाद उठेंगे तो 9 बज गए होंगे….
गलती से पंखे का बटन क्या दब गया. पूरा परिवार यूँ देखने लग गया जैसे मैं कोई आतंकवादी हूँ ….
“चेतावनी” ठंडी के मौसम तक गुडमार्निंग संदेश दोपहर 12.00 बजे तक स्वीकारे जायेंगे….
काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड, और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह….
शायरी सर्दी की ठिठुरती रात में फुटपाथ पर अरमान है, दिलबर मुझे छोड़के किसी और पे मेहरबान है….
ठंड में जब महबूब की याद आती है, बड़े मुश्किल से ये रातें काटी जाती है….
मौसम इस कदर खुमारी में है, मेरा शहर भी कश्मीर होने की तैयारी में हैं….
मोहब्बत ठंड जैसी है दोस्तो. लग जाये तो बीमार कर देती है….
Sardi ki Shayari
ठिठुर रहा बदन मेरा सॉस थम सी गयी है, आज सर्दी बहुत है मेरी शायरी जम सी गयी है….
जो लड़की अपनी रजाई में मुझे घुसंने देगी, उसे में 2 किलो प्याज दूँगा
उसने कहा मैं पूरी सार्दियां नहीं नहाऊँँगी, मैंने कहा मैं फिर भी तुमको चाहूँगा….
ऐ सनम अपनी गर्म बाहों की शाल ही ओढ़ा दे. दिसम्बर की रातें बहुत सर्द है….
तेरी यादे सर्दीयो सी बढ रही है, और मेरी नींद का Temperature जैसी घट रहा है….
निकली थी मुहब्बत की तलाश में, ठंड बहुत थी चाय पीकर वापस आ गयी….
सर्दियों के बस दो ही जलवे, तुम्हारी याद और गाजर के हलवे
मत डूबो इतना फेसबुक की गहराई में, ठंड बहुत है सो जाओ सब अपनी रजाई में
ये भीगे-भीगे से लम्हें. ये ठंड के दिन, ये तेरी यादों का मौसम और फिर से जीना तेरे बिन….
मेरी GF आज भी ठण्ड में ठिठुर रही है, मैंने बस एक बार इतना कह दिया था, स्वेटर के बिना हीरोइन लग रही हो ….