इस लेख के माध्यम से राधाकिशन दमानी के जीवन परिचय (Radhakishan Damani Biography in Hindi), इनका प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, इनका पारिवारिक जीवन एवं इनके करियर के सफर के बारे में बताया हैं।
भारत में टाटा, बिरला, अंबानी जैसे कई अमीर हस्तियों का नाम अक्सर सुनने को मिलता है। लेकिन अमीरों की सूची काफी लंबी होती जा रही है।
भारत में राकेश झुनझुनवाला, रमेश दमानी जैसे कई सबसे बड़े और अच्छे निवेशक हैं, उनमें से एक राधाकिशन दमानी है। 67 साल के राधाकिशन दमानी D-mart कंपनी के मालिक हैं।
आप में से कई लोग अक्सर डी मार्ट कंपनी से कई प्रोडक्ट खरीदते हैं। उन्होंने बहुत कम समय में शेर बाजार में अपनी पहचान बना ली है। इसलिए शेयर बाजार के सबसे प्रसिद्ध निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने इन्हें स्टॉपशक मार्केट का गुरु कहकर सम्मानित किया था।
ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार राधाकिशन दमानी भारत के 20वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। आज राधाकिशन दमानी इतने सफल व्यक्ति हैं तो निसंदेह यह सफर काफी संघर्ष से भरा होगा।
राधाकिशन दमानी का जीवन परिचय (Radhakishan Damani Biography in Hindi)
नाम | राधाकिशन दमानी |
उपनाम | मिस्टर व्हाइट एंड व्हाइट |
पेशा | निवेशक, व्यापारी |
कंपनी | डी मार्ट सुपरमार्केट |
जन्म तारीख | 1 जनवरी 1954 |
जन्म स्थान | बीकानेर, राजस्थान |
शिक्षा | मुंबई विश्वविद्यालय (ड्रॉपआउट) |
जाति | मारवाड़ी |
धर्म | हिंदू |
माता का नाम | ज्ञात नहीं |
पिता का नाम | शिवकिशनजी दमानी (स्टॉकब्रोकर) |
पत्नी का नाम | श्रीकांतदेवी राधाकिशन दमानी |
भाई का नाम | गोपीकिशन दमानी (निवेशक) |
बेटी का नाम | मंजरी दमानी चांडक, ज्योति काबरा, मधु चांडक |
कुल संपत्ति | $20.5 बिलियन (2021 तक, 1.4 लाख करोड़ रुपये) |
राधाकिशन दमानी का प्रारंभिक जीवन एवं परिवार
राधाकिशन दमानी का जन्म 1 जनवरी 1954 को राजस्थान के बीकानेर शहर में हुआ था। यह एक मारवाड़ी जाति से ताल्लुक रखते हैं।
इनके पिता शिवकिशन दमानी थे, जो खुद भी पेशे से एक स्टॉक ब्रोकर थे। इनका एक भाई है। भाई का नाम गोपी किशन दमानी है, वह भी एक निवेशक है।
राधाकिशन दमानी की पत्नी का नाम श्रीकांत देवी राधाकिशन दमानी है। इनकी तीन बेटी है, जिसका नाम मंजरी दमानी, ज्योति काबरा और मधु चांडका है।
राधाकिशन दमानी के कंपनी में इनकी पत्नी और इनके भाई की भी हिस्सेदारी है। राधाकिशन दमानी बहुत ही अंतर्मुखी स्वभाव के व्यक्ति हैं। मीडिया के सामने ज्यादा प्रसारित नहीं होते। ये अपने काम में ज्यादा विश्वास रखते हैं।
राधाकिशन दमानी की शिक्षा (Radhakishan Damani Education)
राधाकिशन दमानी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के बीकानेर शहर से ही की। आगे स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के लिए इन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया।
लेकिन मुंबई यूनिवर्सिटी से कॉमर्स की पढ़ाई करते हुए बीच में इन्होंने कॉलेज ड्रॉपआउट कर दिया। क्योंकि यह खुद का व्यापार शुरू करना चाहते थे।
राधाकिशन दमानी का करियर (Radhakishan Damani Career)
राधाकिशन दमानी ने अपने करियर की शुरुआत 32 वर्ष की उम्र में खुद का एक बॉल बेरिंग का व्यवसाय शुरू करके की। उसी समय वे कॉलेज से ड्रॉप आउट हुए थे।
कुछ ही समय के बाद इनके पिता का देहांत हो गया था। पिता का अचानक से निधन होने के कारण राधाकिशन दमानी ने अपने इस व्यवसाय को छोड़ दिया और अपने भाई के कहने पर स्टॉक ब्रोकिंग के बिजनेस में लग गए।
हालांकि उस समय उन्हें शेयर बाजार से संबंधित कोई भी ज्ञान नहीं था और ना ही उन्हें इसमें जाने की इच्छा थी। लेकिन बाद में निवेशक चंद्रकांत संपत के कार्यों से प्रेरणा ली और शेयर मार्केट के बारे में बहुत कुछ जाने के बाद इस बाजार में अपने किस्मत को आजमाने के लिए उतर पड़े।
कुछ सालों तक शेयर मार्केट में ब्रोकर के तौर पर काम करते हुए राधाकिशन दमानी को यह समझ में आ गया कि यदि स्टॉक मार्केट में अधिक से अधिक पैसे कमाने हैं तो ब्रोकर होने के बजाय उन्हें अपने पैसे का व्यापार करना पड़ेगा।
जिसके बाद उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में ट्रेंडिंग करना शुरू कर दिया। 90 के दशक में राधाकिशन दमानी ने स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग से काफी अच्छा फायदा कमाया। उन्होंने उस दौरान मल्टीबैगर शेयरों में होल्डिंग और निवेश करके बहुत अच्छी खासी कमाई कर ली।
उस समय जब वीएसटी इंडस्ट्रीज के शेयर का मूल्य ₹85 प्रति शेयर था तब उन्होंने इस शेयर को खरीदा, जिसका आज वर्तमान में मूल्य ₹3466 है। इसके अतिरिक्त इनके पोर्टफोलियो में सुंदरम फाइनेंस, इंडियन सीमेंट और ब्लू डार्ट जैसी कंपनियां शामिल हैं।
इंडिया सीमेंट में भी उन्हें बहुत अच्छा रिटर्न मिला। इससे इन्होंने लगभग 115% का प्रॉफिट कमाया। 1990 के दशक में हर्षद मेहता घोटाला होते ही शेयर मार्केट बहुत तेजी से नीचे गिरा।
उस समय हर्षद मेहता ने शेयर बाजार की तेजी पर दांव लगाया था जबकि राधाकिशन दमानी ने स्टॉक मार्केट के गिरावट पर दांव लगाया था। जैसे ही इस घोटाले से शेयर बाजार में गिरावट आई राधाकिशन दमानी ने शेयरों को ‘शॉर्ट-सेलिंग’ करके बहुत ज्यादा फायदा कमाया।
वर्ष 1995 में राधाकिशन दमानी ने एचडीएफसी के आईपीओ में पैसे लगाकर स्टॉक से काफी मोटी रकम कमाई। इतना ही नहीं उन्होंने अन्य कई छोटी-बड़ी कंपनियों पर निवेश किया है।
इस तरह राधाकिशन दमानी एक चालाक व्यापारी रहे हैं, जिन्होंने बाजार के विभिन्न उतार-चढ़ाव का उपयोग मुनाफा कमाने के लिए किया है।
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राधाकिशन दमानी की डी मार्ट कंपनी
D-Mart जो कि एक सुपरमार्ट है, इसकी स्थापना राधाकिशन दमानी ने वर्ष 2002 में की थी। हालांकि इससे पहले भी राधाकिशन दमानी ने वर्ष 1999 में नेरुल में एक सहकारी विभाग के स्टोर “अपना बाजार” स्टोर की फ्रेंचाइजी खरीदी थी।
लेकिन उनके बिजनेस मॉडल के अनुसार यह व्यवसाय उनके काम नहीं आया, जिसके कारण उन्होंने इसको बंद कर दिया और फिर वह यूनाइटेड स्टेट चले गए।
वहां पर जाकर उन्होंने वॉलमार्ट बिजनेस मॉडल को समझते हुए हाइपरमार्केट श्रृंखला शुरू करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने 2000 में स्टॉक मार्केट के व्यवसाय को भी छोड़ दिया।
शुरुआत में तो उन्होंने d-mart का एक ही स्टोर खोला था। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने इस व्यवसाय को आगे बढ़ाया और देखते ही देखते 8 सालों में d-mart चैन के 25 स्टोर देशभर में स्थापित हो गए।
आगे भी यह कंपनी काफी तेजी से बढ़ती गई और साल 2021 तक देश के 11 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश को मिलाकर डी मार्ट के 238 स्टोर स्थापित हुए, जिनमें से 80% स्टोर राधाकिशन दमानी के खुद के है।
कहां एक स्टॉर के रूप में डी मार्ट कंपनी को राधाकिशन दमानी ने शुरू किया था। लेकिन आज यह कंपनी 233000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की कंपनी बन चुकी है।
इस तरह वर्तमान में यह कंपनी देश की 17वीं सबसे मूल्यवान कंपनी है। राधाकिशन दमानी ने अपनी सूझबूझ और मेहनत के दम पर इस कंपनी को स्थापित किया। यही कारण है कि आज यह कंपनी राधाकिशन दमानी की पहचान बन चुकी है।
डी मार्ट स्टोर में घर के उपयोग की सारी वस्तुएं जैसे खाद्य पदार्थ, बर्तन, कपड़े, बच्चों के जरूरतों के सामान, खिलौने, गेम, जूते, चप्पल, बिस्तर, स्टेशनरी के सामान, बाथरूम के समान एवं सौंदर्य प्रसाधन के समान सब कुछ अन्य दुकानों की अपेक्षा काफी सस्ते में मिल जाते हैं। इसके साथ ही प्रोडक्ट की गुणवत्ता भी काफी अच्छी रहती है।
D’mart की मार्केट पॉलिसी
डी मार्ट कंपनी अन्य स्टोर की तुलना में काफी सस्ते दाम पर दैनिक उपयोग की सारी वस्तुएं उपलब्ध कराती है और इतना सस्ता सामान बेचने के बावजूद भी वह अच्छा खासा मुनाफा कमाती है। आखिर इस कंपनी का मार्केट पॉलिसी क्या है?
दरअसल राधाकिशन दमानी अपनी मार्केट स्ट्रेटजी को अपने इस व्यवसाय में लागू करते हैं। इसलिए यह कंपनी सामान को सस्ती कीमत पर बेचकर भी मुनाफा कमाती है।
इस कंपनी की कमाई दो तरह के डिस्काउंट्स होते हैं। पहला डिस्काउंट यह है कि जिस तरह हम किसी भी सिंगल वस्तु पर डिस्काउंट प्राप्त नहीं कर पाते लेकिन जब किसी चीज को बल्क में खरीदते हैं तब हमें उसमें कुछ छूट मिलती है। ठीक उसी तरह यह कंपनी भी सभी तरह के प्रोडक्ट को बल्क में खरीदती है, जिससे उन्हें यह प्रोडक्ट सस्ते कीमत पर प्राप्त हो जाता है।
इसके अतिरिक्त डी मार्ट कंपनी अपने प्रोडक्ट को बल्क के साथ खरीदने के साथ ही निश्चित समय में अपने बिल का भुगतान करती है, जिससे उन्हें एक और बड़ा डिस्काउंट मिलता है।
इस तरह बल्क डिस्काउंट के साथ ही यह कंपनी केस डिस्काउंट भी प्राप्त करती है। यही कारण है कि अन्य की अपेक्षा सस्ती कीमत पर प्रोडक्ट को बेचकर भी यह कंपनी फायदा कामाती है।
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D-mart की मार्केटिंग स्ट्रेटजी
किसी भी व्यवसाय में अच्छी कमाई करने के लिए एक अच्छी बिजनेस स्ट्रेटजी का होना जरूरी है। डी मार्ट कंपनी, राधाकिशन दमानी की बहुत ही प्रसिद्ध और अच्छी कमाई देने वाली कंपनी है। यह कंपनी बहुत ही अच्छा रिटर्न देती है।
तो आइए जानते हैं कंपनी की मार्केट स्ट्रेटजी क्या है, जिस कारण कंपनी इतनी तेजी से ग्रो करती हुई नजर आ रही है।
- राधा किशन दमानी की कंपनी d-mart का तेजी से ग्रो होने का सबसे पहला कारण यह है कि राधा किशन दमानी धीरे चलने और दूर तक चलने वाली नीति में विश्वास करते हैं। वह ग्राहक, विक्रेता और कर्मचारी यह तीन मूल बातों पर विश्वास करते हैं।
- यह कंपनी ग्राहकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी सभी छोटे बड़े निर्णय लेती हैं।
- यह कंपनी मध्यमवर्गीय परिवार और गरीब वर्ग के परिवार के अनुसार मार्केट स्ट्रेटजी तैयार करती हैं। क्योंकि वे जानते हैं कि इन परिवारों के लिए पैसे का महत्व बहुत है और ऐसे में कम कीमत पर सामान उपलब्ध कराने के कारण ज्यादा ग्राहक स्टोर तक आते हैं।
- इन सबके अतिरिक्त डी मार्ट कंपनी अपने स्टोर के इंटीरियर पर कम खर्चा करती है। इतना ही नहीं बल्कि वह स्टोर में बिलिंग काउंटर भी बहुत कम लगाती है ताकि मशीनरी का खर्चा बच सके और कम आदमी को नियुक्त करती है, जिससे कर्मचारियों का खर्चा भी बच जाता है।
- डी मार्ट कंपनी अपने स्टोर को ज्यादातर ऐसे इलाकों में स्थापित करती है, जहां पर उन्हें सस्ती कीमत पर जमीन मिल जाए।
- डी मार्ट कंपनी अपने स्टोर को लीज पर खोलने के बजाय खुद का ही स्टोर खोलने पर जोर देती है, जिससे किराए का मोटा खर्चा बच जाता है।
FAQ
इनकी बेटी मंजरी एवेन्यू सुपरमार्ट्स की डायरेक्टर है, वहीं इनकी तीसरी बेटी ज्योति काबरा एक व्यापारी है।
राधाकिशन दमानी की सुपरमार्केट कंपनी का नाम DMart है। इसका पूरा नाम दमानी मार्ट है, जिसकी स्थापना उन्होंने साल 2002 में की थी।
राधाकिशन दमानी ने d-mart का अपना पहला स्टोर महाराष्ट्र के नवी मुंबई में स्थापित किया था।
राधाकिशन दमानी राजस्थान राज्य से ताल्लुक रखते हैं। इनका जन्म एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था।
राधाकिशन दमानी ने मात्र 32 साल की उम्र में शेयर बाजार में निवेश करना शुरू किया था। शुरुआत में वे ब्रोकर के तौर पर स्टॉक मार्केट में काम करते थे लेकिन बाद में उन्होंने खुद का पैसा निवेश करना शुरू किया।
राधाकिशन दमानी की कंपनी d-mart का स्टोर वर्तमान में भारत के 14 राज्य के विभिन्न शहरों में स्थापित है। इस कंपनी का मुख्यालय महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित है।
निष्कर्ष
स्टॉक मार्केट के गुरु कहे जाने वाले राधाकिशन दमानी भारत के टॉप अमीरों की सूची में शामिल है। 32 साल के उम्र में करियर की शुरुआत करने वाले राधाकिशन दमानी ने अपनी मेहनत और लगन के बलबूते काफी सफलता हासिल की है। यह मार्केट के उतार-चढ़ाव को अपने फायदे के रूप में उपयोग करने पर विश्वास रखते हैं।
हमें उम्मीद है कि आज के इस लेख के जरिए भारत के जाने-माने निवेशक एवं व्यापारी राधाकिशन दमानी के जीवन परिचय (Radhakishan Damani Biography in Hindi) के बारे में सब कुछ जानकारी मिल गई होगी।
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