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पशु पक्षी संरक्षण पर निबंध

इस लेख में पशु पक्षियों के संरक्षण पर निबंध (Pashu Pakshi Sanrakshan Essay In Hindi) के जरिए पशु पक्षियों के महत्व एवं उनके संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जानेंगे।

धरती पर हर एक जीव एक समान है बस अंतर इतना ही है कि मनुष्य अपने बुद्धि बल से अपना विकास किया है, जिसके कारण मनुष्य सभी जीवों में सबसे बुद्धिमान सबसे शक्तिशाली है।

लेकिन, मनुष्य अपने इस बुद्धि, अपनी शक्ति के उपयोग से वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा रहा है। एक मनुष्य और अन्य जीव-जंतुओं में अंतर केवल बुद्धि का ही है बाकी सभी जीवों में एक समान ही जीव होता है।

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मनुष्य को दर्द होता है तो उन्हें भी दर्द होता है लेकिन मनुष्य अपने दर्द को बयां कर सकते हैं लेकिन जीव जंतु अपने दर्द को बयां नहीं कर सकते, उनके दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है।

प्रकृति में मनुष्य के अतिरिक्त जीव-जंतुओं का काफी महत्व है। इसके कारण पशु पक्षियों के संरक्षण पर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

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पशु पक्षी संरक्षण पर निबंध (Pashu Pakshi Sanrakshan Essay In Hindi)

यहां पर अलग-अलग शब्द सीमा में पशु पक्षी संरक्षण पर निबंध लिख रहे हैं, जिनसे विद्यार्थियों को आसानी रहेगी। यहां पर 250, 500 और 1200 शब्दों में निबन्ध शेयर किया है।

पशु पक्षी संरक्षण पर निबंध (250 शब्द)

मनुष्य की तरह पृथ्वी पर पशु पक्षियों का जीवन भी प्रकृति की ही देन है। धरती पर जितना अधिकार पशु पक्षियों का होता है, उतना ही मनुष्य का होता है।

लेकिन आज मनुष्य ने पशु पक्षियों का जीवन पर एक संकट की तरह मंडरा रहे हैं क्योंकि हमारे देश में अधिक जनसंख्या बढ़ रही है। इस वजह से लोग वनों को काट रहे हैं।

पशु पक्षियों का घर और उनका जीवन वनों में ही मिलता हैं। बढ़ती जनसंख्या के कारण मनुष्य वनों का विनाश करते जा रहे हैं। जिससे पशु पक्षी बेघर हो रहे है क्योंकि मनुष्य पशु पक्षियों के लिए संकट की तरह बन गया है। वहीं उनके घर को छीने जा रहा है।

कुछ लोग तो पशु पक्षियों को बंधक बनाकर उनको अपने मनोरंजन के लिए व्यापार के लिए भी काम में लेते हैं। आज हमारे देश में पशु पक्षियों की प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं।

सभी लोगों को जागरूक होकर पशु पक्षियों का संरक्षण करना बहुत आवश्यक है। लोग अपने घरों में मनोरंजन के लिए, पशु पक्षियों को पिंजरे में कैद कर लेते हैं। सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए यह सब चीजें बहुत गलत है।

जिस प्रकार सर्कस में जानवरों को पिंजरे में कैद कर लिया जाता है। मांसाहार के लिए भी लोग जानवरों को काट काट कर खाए जा रहे हैं। इससे हमारे पशु पक्षियों का जीवन बहुत संकट में है और ऐसा लगता है कि धीरे-धीरे यह पशु पक्षियों की सभी प्रजातियां विलुप्त हो जाएगी।

अगर मनुष्य इसी प्रकार से पशु और पक्षियों को मारने के लिए व्यापार के लिए मनोरंजन के लिए लगा रहा था तो सब पशु पक्षियों का जीवन संकट में हो जाएगा।

Pashu Pakshi Sanrakshan Essay In Hindi

पशु पक्षी संरक्षण पर निबंध (500 शब्द)

प्रस्तावना

धरती पर हर एक जीवों का समान महत्व है तभी तो भगवान ने मनुष्य सहित ना जाने कितने ही विभिन्न पशु पक्षियों का निर्माण किया है। यह पशु-पक्षी भी मनुष्य की कई तरह से मदद करते हैं।

प्रकृति बिना इन पशु पक्षियों के अधूरी है। इस धरती पर जितना अधिकार मनुष्य का है, उतना ही अधिकार पशु पक्षियों का भी है। लेकिन दुख की बात है कि मनुष्य अपने स्वार्थ के सामने यह बात भूल चुका है।

पशु पक्षियों का महत्व

भारत कृषि प्रधान देश है। सदियों से यहां पर ज्यादातर जनसंख्या खेती करते आ रही है और खेती करने के लिए प्राचीन काल से ही बेल का उपयोग किया जा रहा है।

इंसान प्राचीन काल से अपनी आवश्यकताओं को पूरी करने के लिए पशु पक्षियों का प्रयोग करते आ रहा है। यदि इतिहास के पन्नों को खोलते हैं तो पता चलता है कि कुत्ता मानव का सबसे पहला साथी बना क्योंकि उसके स्वामीभक्ति पर आज तक कोई भी संदेह नहीं कर सकता।

कुत्ते जैसा वफादार तो कोई इंसान भी नहीं होता। उसके बाद आगे मनुष्य जैसे जैसे विकास करते गया वैसे-वैसे पशुओं का महत्व भी बढ़ता गया। आर्य संस्कृति में भी गौ को माता के समान माना गया है और गौ हत्या को जघन्य पाप माना गया।

मानव गाय, भैंस बकरी इत्यादि से दूध प्राप्त करता है। प्राचीन समय में जब दूरसंचार का कोई माध्यम नहीं था, उस वक्त लोग कबूतर के जरिए पत्र व्यवहार करते थे। सूचनाओं का आदान प्रदान करने के लिए कबूतर पालन करते थे।

इसके अतिरिक्त घोड़ा, ऊंट जैसे विभिन्न जानवरों का प्रयोग एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा के लिए होती थी। आज भी गधा, खच्चर जैसे जानवरों से बोझ उठाने का काम करवाया जाता है। यह बेजुबान जानवर सदियों से ही इंसानों की मदद करते आ रहे हैं।

पशु पक्षियों के प्रति इंसानों का व्यवहार

इंसान अपने स्वार्थ के लिए पशु पक्षियों को नुकसान पहुंचाता है। मनुष्य अपने मनोरंजन के लिए प्राचीन समय से ही पशु पक्षियों को एक दूसरे से लड़ाने का कार्यकर्ता था, जिसमें कई पशु पक्षियों का जान भी चली जाती थी।

आज भी लोगों को पक्षी पालने का शौक होता है, जिस पक्षी को भगवान ने पंख दिया है ताकि वे अपने पंखों के जरिए अनंत आसमान में घूमने का आनंद ले सके, उन्हीं पंछियों को मनुष्य एक कैदी के रूप में पिंजरे में बंद कर देता है।

मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए पशु पक्षियों की हत्या करता है, उनके मांस की बिक्री करता है। अत्यधिक पैसे कमाने के लिए मनुष्य जानवरों की हड्डियां, हाथियों के दांत, पंछियों के पंख प्राप्त करने के लिए बेजुबान पशु पक्षियों की हत्या कर देता है।

देवी देवताओं की पूजा के नाम पर ना जाने हर दिन कितने ही जानवरों की बलि चढ़ जाती हैं। पशु पक्षियों के मृत्यु का कारण केवल इतना ही नहीं है। यहां तक कि जिस तरह टेक्नोलॉजी विकास कर रही है, पशु पक्षियों का खतरा उतना ही बढ़ते जा रहा है।

जिस तरह मनुष्य की जनसंख्या बढ़ रही है, मनुष्य पशु पक्षियों के आवास को छीन ले रहा है।‌ अब पशु पक्षियों के लिए कोई आवास नहीं बच रहा। जंगली ही पशु पक्षियों का घर होता है।

लेकिन, मनुष्य जंगलों का भी विनाश करके वहां पर ऊंची ऊंची बिल्डिंग का निर्माण कर रहा है। मनुष्य के द्वारा निर्मित विभिन्न मशीनों से निकलती प्रदूषित हवा एवं प्रदूषित जल को पिकर ना जाने कितने ही पशु पक्षी मर जाते हैं।

पशु पक्षियों का संरक्षण कैसे करें?

पशु पक्षियों की कई प्रजाति जिस तरीके से विलुप्त हो रही हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पशु पक्षियों का संरक्षण करना बहुत ही आवश्यक हो चुका है।

पशु पक्षियों का संरक्षण यदि करना है तो सबसे पहले हमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना होगा, जंगलों का विनाश करने से रोकना होगा।

क्योंकि जंगली पशु पक्षियों का घर है जंगल नहीं रहेंगे तो पशु पक्षी भी नहीं रहेंगें। पशु पक्षियों के संरक्षण के लिए प्रदूषण का भी रोकथाम करना जरूरी है। क्योंकि कई पशु पक्षी प्रदूषित जल को पी कर मर जाते हैं।

इसके अतिरिक्त प्रदूषित हवा भी उन्हें नुकसान पहुंचाती हैं। पशु पक्षियों को कैद करके नहीं रखना चाहिए। पशु पक्षियों को भी मनुष्य की तरह पूरी आजादी मिलनी चाहिए। वे बंद पिंजरे में नहीं बल्कि खुले में रहना पसंद करते हैं।

निष्कर्ष

जिस तरह कई पशु पक्षियों की विभिन्न प्रजाति का विनाश हो रहा है, उसको नजर में रखते हुए पशु पक्षियों का संरक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण हो चुका है।

यह समस्या ना केवल भारत में बल्कि अन्य देशों में भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इसी को नजर में रखते हुए हर देश की सरकार इसके लिए कड़े कदम उठा रही हैं।

पशु पक्षी संरक्षण पर निबंध (1200 शब्द)

प्रस्तावना

पशु और पक्षी हमारे जीवन का महत्वपूर्ण स्थान है, जिनकी अहमियत मनुष्य की तरह इस धरती पर होती है। जितना अधिकार इस धरती पर हमारा है, उतना ही अधिकार पशु पक्षियों का होता है।

पशु पक्षियों के बिना हमारी धरती बिल्कुल भी सुंदर नहीं दिखती है क्योंकि पशु पक्षियों के बिना हम बहुत से ऐसे कार्य हैं, जो नहीं कर सकते।

सरकार के द्वारा पशु पक्षियों को बचाने के तथा लोगों को जागरूक करने का कार्य करना चाहिए। क्योंकि आजकल लोग अधिक संख्या में पशु पक्षियों को मारकर खा रहे हैं, उनको बेच रहे हैं। इन सभी चीजों के लिए सरकार के साथ-साथ पूरे देश को जागरूक होना चाहिए।

पशुओं का महत्व

हमारे यहां पर पशुओं का बहुत महत्व है। कई पशु तो देवताओं के रूप में भी पूजे जाते हैं, जिनमें से प्रमुख गाय है। हिंदू धर्म के अनुसार गाय में सभी देवी देवताओं का निवास स्थान माना जाता है।

गाय हमें दूध देती है तथा इसको पूजनीय भी कहा जाता है। इसके अलावा नागों को भी देवता के रूप में पूजा जाता है। नागपंचमी के त्यौहार के दिन इनकी पूजा की जाती है।

सभी पशु किसी ना किसी रूप में हमारी मदद ही करते हैं। इन से हमें दूध प्राप्त होता है कि धन के रूप में गोबर मिलता है, जिससे हम पूजा पाठ कर्म में शामिल करते हैं।

पक्षियों का मनुष्य के जीवन में महत्व

जितना पशुओं का हमारे जीवन में महत्व होता है, उतना ही पक्षियों का भी महत्व होता है। कई पक्षी देवताओं के समान पूजनीय माने जाते हैं, जिनमें से तोता, गरुड़, कौआ, कोयल आदि प्रमुख है।

मछलियां होती है, उन को दाना डालने से बहुत पुण्य का अनुभव होता है। चिड़िया और चीटियों को दाना डालने से भी हिंदू धर्म के अनुसार बहुत पुण्य मिलता है।

पशु पक्षियों के द्वारा मनुष्य जीवन में होने वाले लाभ

मनुष्य के जीवन में पशु पक्षियों के द्वारा बहुत से लाभ प्राप्त किए जाते हैं, आइए जानते हैं कुछ लाभ के बारे में:

  • सबसे बड़ी बात पशु पक्षियों की यह होती है कि यह हमसे किसी भी कारण से नाराज नहीं होते। अगर प्यार से इनके सर पर हाथ फेर दिया जाए तो यह अपनी नाराजगी को भूल जाते हैं। आज हमारे देश की दुर्दशा यही है कि इंसान तो पशु बन रहा है और पशु इंसान क्योंकि इंसान को रुकने के बाद हम नहीं मना सकते लेकिन जानवर बहुत समझदार है। प्यार के सर पर हाथ फेरने के बाद में वो मान जाता है।
  • पशुओं के द्वारा हमें दूध प्राप्त होता है, जिसको हम सभी मनुष्य पीकर सुख का अनुभव प्राप्त करते हैं। इनके दूध से ही मक्खन पनीर मिठाईयां आदि बनाई जाती हैं।
  • गाय को हमारे देश में पूजनीय माना जाता है। गाय का मूत्र व गोबर भगवान के पूजा पाठ के कामों में भी इन को शामिल किया जाता है।
  • भैंस, बकरी, गाय के जानवरों के गोबर को इकट्ठा करके घर सामग्री के रूप में भी प्रयोग में लिया जाता है।
  • इन सभी पशुओं के दूध को मनुष्य उपयोग में लेता है। उसको व्यापार के कामों में लगा कर, आमदनी को प्राप्त करता है। उनकी आंखों के सामने जानवरों के बछड़ों को दूध नहीं मिल पाता, लेकिन फिर भी वह कुछ नहीं कर पाते और मनुष्य उनके दूध को बेच देता है।
  • बैल और भैंसों को बोझा ढोने सामान को इधर से उधर ले जाने कुए से पानी खींचने पहले के समय में तो खेतों को जोतने के कार्य भी बैलों के द्वारा की जा सके।
  • ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है। रेगिस्तान में कोई भी जानवर नहीं चल सकता। केवल ऊँट रेगिस्तान में सवारियों को इधर से उधर ले जाता है, सामान को भी लेकर जाता है। ऊंट का प्रयोग भारतीय सेना में भी किया जाता है।

मनुष्य के द्वारा पशु पक्षियों की खतरा

आज पशु पक्षियों का जीवन बहुत खतरे में आ गया है क्योंकि मनुष्य ही पशु पक्षियों के जीवन का भक्षक बन गया है बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण वनों का विनाश हो रहा है, इनकी वजह से पशु-पक्षी भी इन सभी का शिकार होते जा रहे हैं। धीरे-धीरे बहुत से पशु पक्षियों की प्रजातियां तो बिल्कुल विलुप्त सी हो गई है। मनुष्य अपने मनोरंजन के लिए भी पशु पक्षियों का शिकार करता है।

पहले के समय में तो जानवरों के रहने के लिए जंगल हुआ करते थे और जंगल पूरी तरह सुरक्षित है लेकिन बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए वनों की कटाई दिन-प्रतिदिन की जा रही है

इनकी रहने खाने की जगह को इंसान ने अपना खुद का जगह घर बना लिया है, जिसकी वजह से इन जानवरों के लिए उचित रहने को स्थान नहीं मिल पा रहा है।

पशु पक्षियों के बचाव के लिए उठाए गए प्रमुख कदम

पशु पक्षियों का जीवन बचाने के लिए हम सभी को मिलकर उसमें महत्वपूर्ण योगदान करना होगा:

  • सभी लोगों को अपने अपने घरों की छत पर या बालकोनी में छोटे-छोटे पात्रों में जल भरकर रखना होगा। इससे जो पक्षी है पानी की वजह से बेवजह मर जाते हैं, वो आपके द्वारा रखे पानी पीकर अपनी प्यास बुझा सकते हैं।
  • जानवरों के लिए भी सरकार के द्वारा या लोगों के द्वारा हर जगह छोटे-छोटे से तालाब यत पानी के बड़े-बड़े बर्तन रखने चाहिए ताकि जो जानवर इधर-उधर घूमते रहते हैं, वह पानी की प्यास लगने पर स्वच्छ पानी पी सके।
  • सभी बिना बोलने वाले पशु पक्षियों के जीवन को बचाने के लिए सभी लोगों को जागरूक होना बहुत जरूरी है। पशु पक्षियों के महत्व के बारे में समझेंगे तभी हम इनके जीवन को बचा पाएंगे।
  • आज मनुष्य अपने जिन यातायात के साधनों का प्रयोग करता है, उनसे निकलने वाले हानिकारक धुएं से तथा मोबाइल फोनों के रेडिएशन से बेवजह पशु पक्षियों की मौत हो जाती है। इसलिए इन सब का प्रयोग और इस रेडिएशन की मात्रा को बहुत कम करना अनिवार्य है।
  • सबसे अधिक मात्रा में हमें पेड़ पौधे लगाने चाहिए, क्योंकि पेड़ पौधों पर ही हमारे पशु पक्षियों का जीवन निर्भर होता है। लोगों को अधिक से अधिक जागरूक कर के वनों की कटाई को खत्म करना चाहिए तथा अधिक मात्रा में पेड़ पौधे लगाने चाहिए।

निष्कर्ष

पशु पक्षियों का जीवन संरक्षित करना सभी का कर्तव्य है। इसके लिए सरकार को बहुत सख्त कदम उठाने चाहिए तथा लोगों को भी जागरूक होना चाहिए।

पशु पक्षियों के महत्व को समझाने के लिए हमें डिजिटल रूप से प्रचार करना पड़े, उसको करना चाहिए। जानवरों को अपने मनोरंजन का साधन ना बनाकर आजाद छोड़ देना चाहिए। पशु पक्षी सुरक्षित है तो हमारा जीवन भी अच्छा ही होगा।

अंतिम शब्द

आशा करते हैं आपको यह निबंध पशु पक्षी संरक्षण पर निबंध (Pashu Pakshi Sanrakshan Essay In Hindi) बहुत पसंद आया होगा। इसे आगे शेयर जरुर करें।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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Comment (1)

  1. मुझे आपका लेख बहुत अच्छा लगा मैं भी महसूस करता हूं की इस ब्रह्मांड में हम यानी मनुष्य जाति अन्य जातियों में से एक हैं ना कि अन्य जातियों से अलग हमारा अस्तित्व दूसरी जातियों के साथ जुड़ा हुआ है और उनसे अलग नहीं है अफसोस की बात है कि मनुष्य स्वार्थ में इतना अंधा हो गया है की उसे लगता है कि आर्थिक प्रगति के लिए प्रकृति का दोहन जायज है लेकिन यह एक मृग मरीचिका है जो शायद कभी सत्य नहीं होगी संपन्न देश अपने भूमि में प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम दोहन कर रहे हैं और अन्य देशों के संसाधनों के इस्तेमाल में रुचि दिखाकर उनका शोषण कर रहे हैं लेकिन वह यह भूल रहे हैं कि अंततः शोषण कहीं भी हो भुगतान तो सभी को इकट्ठा ही करना पड़ता है आपसे अपने विचार साझा करने के लिए फिर से प्रस्तुत हूंगा

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