Online Shiksha ka Mahatva Par Nibandh: जहाँ पहले बड़े-बुजुर्ग कहते थे कि घर बैठे कोई काम होता है क्या, आज वो ही कहते है कि मेरा बेटा/बेटी घर पर ही बैठ कर अपने ऑफिस का सारा काम कर लेते है। ये सब कुछ केवल एक वजह से ही संभव है और वो है इंटरनेट।
अब जैसे आपको पता ही होगा कि अभी भारत और पूरे विश्व में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगा था, जिसकी वजह से एक भी आदमी अपने घर से बाहर नहीं आ सकते थे। तब कंपनियों ने घर बैठकर काम करने की प्रथा को आगे बढ़ाया और सबको हौसला दिया।
बच्चों की पढ़ाई खराब ना हो, उसके लिए भी इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा प्रदान करवाई गयी, उसे ही ऑनलाइन शिक्षा कहते है।
यहां पर हमने ऑनलाइन शिक्षा का महत्व पर निबंध अलग-अलग शब्द सीमा में शेयर किये है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होंगे।
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ऑनलाइन शिक्षा का महत्व पर निबंध – Online Shiksha ka Mahatva Par Nibandh
ऑनलाइन शिक्षा के महत्व पर निबंध (250 शब्द)
प्रस्तावना
लॉकडाउन होने के बाद विद्यार्थियों और अध्यापकों/अध्यापिकाओं के साथ-साथ बच्चों के अभिभावक को एक ही चिंता होने लगी थी कि उनकी पढ़ाई कैसे पूरी होगी और किस तरीके से होगी? लॉकडाउन के 1 महीने बाद इंटरनेट से बच्चों को पढ़ाने का तरीका निकाला गया और ज़ूम और व्हाट्सएप जैसी एप्लिकेशन से बच्चों को घर बैठे पढ़ाई करवायी गई। क्योंकि आज के युग में लगभग सभी इंटरनेट की पहुँच से दूर नहीं है।
ऑनलाइन शिक्षा क्या है?
आम बोल चाल की भाषा में कहे तो घर बैठ कर इलेक्ट्रोनिक यंत्र जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट में इंटरनेट की सुविधा हो उसे उपयोग करके पढ़ाई ग्रहण करना ऑनलाइन शिक्षा कहलाती है। इस पढ़ाई के सिस्टम में दूरी और समय का कोई बंधन नहीं होता है। बच्चा कितना भी दूर बैठा हो वो अपने टीचर्स के लेक्चर अटेण्ड कर सकता है। इस सिस्टम में दो तरीके से शिक्षा प्राप्त कर सकता है। एक रिकोर्डेड लेक्चर और दूसरा लाइव लेक्चर।
लाइव लेक्चर का मतलब होता है कि रियल टाइम में टीचर और स्टूडेंट दोनों एक साथ होते है और लेक्चर अटेण्ड करते या करवाते है। रियल टाइम का मतलब होता है कि एक समय में साथ होना।
रिकोर्डेड लेक्चर का मतलब होता है कि टीचर और स्टूडेंट रियल टाइम में ना होकर कभी भी लेक्चर अटेण्ड कर सकते है। इसके अंदर टीचर अपना लेक्चर रिकॉर्ड करके भेज देता है, जिसे स्टूडेंट्स जब टाइम मिले तब देख सकता है।
निष्कर्ष
अंत में इतना बोलना चाहूँगा कि यह शिक्षा प्रणाली आगे चल कर क्रांति लाएगी और इसके साथ कुछ हानियाँ भी लाएगी। क्योंकि जब सुविधा मिलती है तो उसके दुष्परिणाम भी आते है।
ऑनलाइन शिक्षा के महत्व पर निबंध (800 शब्द)
प्रस्तावना
स्कूल के क्लास रूम में बैठ कर पढ़ाई करने का जो पैटर्न था, वो पिछले साल से चेंज हो गया है। क्योंकि विगत वर्ष में लॉकडाउन होने की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई के ऊपर पूरा ध्यान खींचा गया और उसके काफी हद तक सम्मानजनक उत्तर मिला। हालाँकि कुछ बच्चों को आँखों और सर दर्द की परेशानी हुई लेकिन बहुत से बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई को अपनी दोनों बाहों से स्वीकारा है।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण देश और विदेश में लॉकडाउन लग गया था, जिसकी वजह से सारी शिक्षण संस्थाएँ बंद हो गयी थी। फिर मजबूरी में बच्चों और टीचर्स ने पढ़ाई के लिए ऑनलाइन का जरिया अपनाया, इसके जरिये बची हुई पढ़ाई ऑनलाइन पूरी करवायी गयी।
ऑनलाइन शिक्षा क्या है?
एक ऐसी आधुनिक शिक्षा जिसके माध्यम से शिक्षक और बच्चे को क्लास रूम में बैठ कर रहने की जरूरत नहीं है बल्कि अपने-अपने घरों में बैठकर इंटरनेट कनैक्शन के जरिए लैपटाप, स्मार्टफोन, टैबलेट या कंप्यूटर में से किसी एक उपकरण से अपनी शिक्षा ग्रहण कर सकते है। वो भी कही भी अपने अनुसार देख सकते है।
अगर किसी विद्यार्थी को कोई भी टॉपिक समझने में परेशानी आ रही हो तो उस परिस्थिति में विद्यार्थी उससे संबन्धित सवाल बार-बार पूछ सकता है। ऑनलाइन शिक्षा का एक फायदा यह भी है कि आप किसी भी शिक्षक की कक्षाएँ कहीं पर बैठ कर ले सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा के लाभ
ऑनलाइन शिक्षा का महत्व बहुत ज्यादा है, उसको बताने के लिए कुछ बिन्दु चयन किए जो मैंने नीचे लिखे है तो एक बार वो देख लें:
- पढ़ाई के लिए बहुत सारे पैसे खर्च करने पड़ते है जो कि ऑनलाइन पढ़ाई में थोड़े पैसे खर्च करके बहुत कुछ पढ़ सकते है।
- ऑनलाइन पढ़ाई के अंदर बच्चे किसी भी टॉपिक को सही से समझ सकते है और नहीं समझ आने पर बार बार देख सकते है। उसके बारे में और जान सकते है जिससे उन्हें याद होने में आसानी होती है।
- स्कूली पढ़ाई के अलावा बच्चा बहुत सारी अन्य गतिविधियों की पढ़ाई साथ साथ कर सकता है।
- इसके माध्यम से किसी भी देश के शिक्षक की पढ़ाई अपने घर बैठे ले सकता है।
- डाउट क्लास के अंदर बेझिझक अपने डाउटस रख सकता है।
- इस माध्यम से किसी भी प्रकार की विसंगति का कोई असर नहीं हो सकता है, जैसे कि गृहणी या दिवयांगता (विकलांगता)।
- स्कूल में पूर्ण रूप से बचत हो जाती है, ना फर्नीचर टूटने का डर और ना ही बिजली पानी के बिल की चिंता।
ऑनलाइन शिक्षा की हानियाँ
जैसा कि मैंने पहले बताया कि जब सुविधा बढ़ती है तो परेशानी भी बढ़ती है। इसी के चलते ऑनलाइन पढ़ाई के जहाँ फायदे है वही कई सारे नुकसान भी है। कुछ नुकसान के बारे में नीचे लिख रहा हूँ, एक बार नजर घूमा दीजिये:
- जैसे कि सारे बच्चे पढ़ने में एक जैसे नहीं होते है तो वैसे ही उनकी दृश्यता भी एक जैसी नहीं होती है। क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई में आंखों पर ज्यादा असर होता है।
- एक जगह सही से नहीं बैठने से रीढ़ की हड्डी में समस्या उत्पन्न होने लगती है। इसके साथ अंगुलियाँ और आँख भी दर्द करने लग जाती है।
- भारत में अधिकतर परिवार गरीबी रेखा के नीचे ही आते है, इसलिए गरीब बच्चों को पढ़ाई करना दुष्भर हो गया था। इसलिए लॉकडाउन में गरीब बच्चे पढ़ाई से वंचित रह गए थे।
- ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चों ने क्या सीखा है, उसका आंकलन करना मुश्किल हो जाता है। उनकी समझ का परीक्षण करना भी कठिन होता है।
- ऑनलाइन पढ़ाई बच्चा अपनी मर्जी के अनुसार किसी भी समय कर सकता है, उसके जरिये उनमें अनुशासन की कमी आ जाती है।
- अभिभावक बच्चों को पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन देते तो है लेकिन उनके ऊपर निगरानी नहीं कर पाते है। कभी कोई बच्चा कोई ऐसी चीजें देख लेता है जो उसे नहीं देखना चाहिए। इसी वजह से कुछ अभिभावक फोन देने से कतराते है।
निष्कर्ष
आदि काल से चला आ रहा है कि शिक्षा के लिए गुरुकुल जाना होता है और वहाँ गुरु ब्लैकबोर्ड पर लिख कर या मौखिक रूप से बच्चों को पढ़ाते हैं। अब उसकी जगह डिजिटल बोर्ड ने ले लिया फिर कोरोना काल में पूर्णत: ऑनलाइन पढ़ाई होने लगी है। हालाँकि कक्षाएँ वैसे ही चलती है बस ब्लैकबोर्ड पर चॉक से ना लिख कर उसकी जगह ग्राफिक्स, ऑडियो वीडियो ने ले लिया है, जिससे पढ़ाने और पढ़ने में ज्यादा रुचि आने लगी है।
इसके अलावा अंत में यही कहना चाहूँगा कि नेशनल लेवल पर एक क्रेश कोर्स बनाया जाएँ जिसके जरिये उनका पूरा पाठ्यक्रम एक साथ ही रिविज़न हो जाएँ और परीक्षा में अच्छे अंक ले आ पाएँ।
कोचिंग इंस्टीट्यूट भी ऐसे हल्के फुल्के और बजट वाले कोर्स निकले जिसके जरिये बच्चे उनके कोर्स ले और अधिक से अधिक मात्रा में पढ़ाई करने के साथ अपनी रुचि के अनुसार दूसरे कार्य भी कर सकें।
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