भारत के संसद का निचला सदन लोकसभा स्पीकर जिसे लोकसभा अध्यक्ष भी कहा जाता है। सदन का एक प्रमुख अंग होता है।
क्योंकि लोकसभा में बिना स्पीकर के सदन की कार्यवाही नहीं हो सकती है। एक लोकसभा स्पीकर लोकसभा सदन की पूरी कार्यवाही करता है और उन्हीं के कारण सदन एवं सांसदों के बीच शांति और शिष्टाचार बना रहता है।
भारत के संविधान और लोकसभा की प्रक्रिया संचालन नियम से लोकसभा स्पीकर को विशेष पावर दिया गया है। इस तरह वह लोकसभा के बॉस होते हैं।
लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों की पहली बैठक में ही स्पीकर का चुनाव किया जाता है और निर्वाचित सदस्य ही अपने में से किसी एक व्यक्ति को जो भारत की संसदीय प्रणाली का उचित जानकारी रखता हो, उन्हें स्पीकर के रूप में चुनते हैं।
भारत में अब तक 17 लोकसभा स्पीकर हो चुके हैं, जिसमें से 17वें लोकसभा स्पीकर ओम बिरला हैं। साल 2019 में उन्होंने सुमित्रा महाजन की जगह ली।
ओम बिरला का राजनीतिक जीवन काफी लंबा रहा है। इस लेख के माध्यम से ओम बिरला की प्रारंभिक जीवन, उनका परिवार, उनका राजनीतिक जीवन एवं उनके से जुड़े कुछ रोचक तथ्य के बारे में जानते हैं।
ओम बिरला का जीवन परिचय (Om Birla Biography In Hindi)
नाम | ओम बिरला |
पूरा नाम | ओम प्रकाश बिरला |
जन्म और जन्मस्थान | 23 नवंबर 1962, कोटा (राजस्थान) |
पेशा | राजनेता और किसान |
कॉलेज | कॉमर्स कॉलेज, कोटा (राजस्थान), महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
जाति | वैश्य (बनिया) |
धर्म | हिन्दू |
विवाह | डॉक्टर अमिता बिरला (11 मार्च 1991) |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
कुल संपत्ति (नेट वर्थ) | $0.6 मिलियन |
ओम बिरला का प्रारंभिक जीवन और परिवार
ओम बिरला का जन्म राजस्थान राज्य के कोटा शहर में 23 नवंबर 1962 को हुआ था। इनका पूरा नाम ओमप्रकाश बिरला है।
इनके पिता का नाम स्वर्गीय श्री कृष्ण लीला था, उनकी माता का नाम शकुंतला देवी था।
ओम बिरला की शादी साल 1991 में डॉक्टर अमिता बिरला से हुई थी। इनसे इनकी दो बेटी हुई। इनकी बड़ी बेटी का नाम आकांक्षा और छोटी बेटी का नाम अंजली है।
इनकी बड़ी बेटी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है, वहीं छोटी बेटी साल 2019 में यूपीएससी की परीक्षा में पास हुई थी।
इनकी बड़ी बेटी की शादी साल 2016 में राजस्थान के उद्योगपति कृष्ण गोपाल बांगर के बेटे से हुई।
माता | स्व. शकुंतला देवी |
पिता | स्व. श्री कृष्ण लीला |
पत्नी | अमिता बिरला |
संतान | आकांक्षा बिरला, अंजलि बिरला |
ओम बिरला की शिक्षा
ओम बिरला की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव से ही पूरी हुई। उसके बाद कोटा में स्थित कॉमर्स कॉलेज में दाखिला लिया और 1985 में वहां से बीकॉम की डिग्री प्राप्त की।
उसके बाद एमकॉम करने के लिए महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और 1987 में इन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।
ओम बिरला का राजनीतिक करियर
ओम बिरला शुरुआती समय से ही राजनीति में काफी रूचि रखते थे। 1979 में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुमानपुरा कोटा में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुने गए।
उन्होंने छात्र जीवन में ही आरएसएस ज्वाइन किया और फिर आरएसएस संघ के विचारों को बढ़ाने का कार्य किया।
1987 में ओम बिरला भारतीय जनता युवा मोर्चा में शामिल हुए और कुछ ही सालों के बाद 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा प्रदेश के अध्यक्ष भी बने।
6 सालों तक इस पद पर रहते हुए कई कार्य किए। इस दौरान इन्होंने राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड और नई दिल्ली में उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया।
उसके बाद 1993 से लेकर 1995 तक राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड जयपुर के अध्यक्ष भी रहे।
इन्होंने सबसे पहला विधानसभा चुनाव साल 2003 में कोटा दक्षिण से लड़ा और इसमें जीत भी हासिल की। उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, आगे बढ़ते ही रहे।
उसके बाद अगले ही साल 2004 में इन्हें राजस्थान सरकार के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया।
इस दौरान इन्होंने गरीब, गंभीर मरीज, असहाय लोगों को राज्य सरकार के माध्यम से 5000000 वित्तीय सहायता प्रदान करके उनकी मदद की।
उसके बाद साल 2014 में राजस्थान के कोटा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के इज्यराज सिंह को 200000 से भी अधिक वोटों से हराकर भारी जीत प्राप्त की, जिसके बाद उन्हें सोलवीं लोक सभा के लिए चुना गया।
साल 2019 में इन्हें सुमित्रा महाजन के जगह पर लोकसभा स्पीकर के रूप में नियुक्त किया गया और अब तक वे इस पद पर विराजमान है।
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ओम बिरला के सामाजिक कार्य
ओम बिरला की सबसे अच्छी बात यही रही है कि इन्होंने अपने राजनीतिक करियर में सामाजिक कल्याण कार्यक्रम में बहुत ही ध्यान दिया।
इन्होंने समय-समय पर गरीब निसहाय लोगों के लिए कई कार्य किए, जिसके कारण जनता इन्हें खूब पसंद करती है।
साल 2001 में गुजरात में जब भारी भूकंप आया था तो उस दौरान पीड़ितों की मदद करने के लिए इन्होंने 100 से भी अधिक स्वैच्छिक श्रमिकों की राहत टीम का नेतृत्व किया, जिसमें कई डॉक्टर शामिल थे।
इस घटना से पीड़ित लोगों की इन्होंने 10 दिनों तक मदद की, उनके लिए खाद्य सामग्री और दवाओं के वितरण की व्यवस्था की, समय-समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया।
ओम बिरला ने विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से कई विकलांग, कैंसर रोगी और थैलेसीमिया रोगियों से पीड़ित लोगों की मदद की है। विकलांगों को मुफ्त साइकिल, व्हीलचेयर और श्रवण सहायता इन्होंने प्रदान किया है।
साल 2004 में राजस्थान के कोटा शहर में बाढ़ आने से पीड़ित लोगों को आश्रय और चिकित्सा की सुविधा प्रदान की।
इसके अलावा राजस्थान सरकार के संसदीय सचिव के पद पर रहते हुए गरीब निसहाय लोगों को राज्य सरकार के माध्यम से 50 हजार की आर्थिक सहायता भी प्रदान की।
साल 2012 में इन्होंने समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को कपड़े और पुस्तक वितरित किया।
ओम बिरला की कुल संपत्ति
ओम बिरला वर्तमान में भारत के लोकसभा स्पीकर के पद पर नियुक्त है। एक लोकसभा स्पीकर के रूप में इन्हे हर महीने ₹125000 का वेतन मिलता है। इसके साथ ही इन्हें अन्य कई सारी सुविधा भी दी जाती है।
बात करें इनके अब तक की कुल संपत्ति की तो साल 2019 में इनके द्वारा लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के अनुसार इनकी कुल संपत्ति चार करोड़ 80000 से भी ज्यादा है।
ओम बिरला के नाम पर केवल एक आवासीय संपत्ति है जबकि इनकी पत्नी अमिता के नाम पर 3 अंचल संपतियां हैं। इनकी पत्नी खुद भी 3 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति की मालकिन है।
ओम बिरला के बारे में रोचक तथ्य
- ओम बिरला राजस्थान राज्य के एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले एक भारतीय राजनेता और किसान है।
- ओम बिरला ने अपना राजनीतिक करियर साल 2003 में कोटा दक्षिणी से विधानसभा चुनाव जीतकर शुरू किया था।
- ओम बिरला की पत्नी अमिता पेशे से एक डॉक्टर है।
- ओम बिरला की छोटी बेटी अंजलि 2019 बैच की एक आईएएस अधिकारी हैं।
- ओम बिरला एक राजनेता होने के साथ ही परोपकारी व्यक्ति है, जिन्होंने अपने सत्ता में रहते हुए गरीब और निस्सहाय लोगों की तमाम तरह से मदद की है।
- साल 2014 में ओम बिरला ने कांग्रेस के इजियाराज जो कोटा के शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनको लोकसभा चुनाव में हराया था।
- ओम बिरला बहुत कम उम्र में ही राजनीति के क्षेत्र में आ गए थे। छात्र जीवन में ही ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गए थे।
- ओम बिरला राजस्थान के कोटा दक्षिण से तीन बार विधायक रह चुके हैं।
ओम बिरला की उपलब्धियां
ओम बिरला का राजनीतिक सफर काफी लंबा रहा और इस सफर में इन्हें कई बार हार का भी सामना करना पड़ा तो कई बार इन्होंने भारी मतों से जीत भी प्राप्त की।
अपने राजनीतिक जीवन में इन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की, जो इस प्रकार है:
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष | अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा (लगातार 6 वर्ष तक) |
निदेशक | नेहरू युवा केन्द्र नई दिल्ली |
निदेशक | नेशनल कोल इंडिया लिमिटेड, नई दिल्ली |
जिलाध्यक्ष | भारतीय जनता युवा मोर्चा, कोटा (4 वर्ष) |
अध्यक्ष | राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड, जयपुर |
प्रदेशाध्यक्ष | भारतीय जनता युवा मोर्चा राजस्थान प्रदेश (लगातार 6 वर्ष तक) |
उपाध्यक्ष | राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड, नई दिल्ली |
संयुक्त सचिव | राज. वाणिज्य महाविद्यालय, कोटा |
छात्रसंघ अध्यक्ष | राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुमानपुरा, कोटा |
FAQ
ओम बिरला साल 2003 में राजस्थान राज्य के कोटा दक्षिणी से शांति धारावाल के खिलाफ विधानसभा का चुनाव लड़े थे और इसमें जीत भी हासिल की थी।
ओम बिरला की पत्नी का नाम डॉ. अमिता है, जिनसे इनका विवाह 1991 को हुआ था।
ओम बिरला की दो बेटियां हैं। उनकी बड़ी बेटी का नाम आकांक्षा है, जो पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है। वहीं उनकी छोटी बेटी का नाम अंजली है, जिनका चयन सिविल सेवा परीक्षा में हुआ है।
ओम बिरला राजस्थान के एक मारवाड़ी हिंदू माहेश्वरी परिवार से संबंध रखते हैं। इनका जन्म 23 नवंबर 1962 को श्री कृष्ण बिड़ला और शकुंतला देवी के यहां हुआ था।
19 जून 2019 को ओम बिरला भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में चुने गए। इससे पहले सुमित्रा महाजन इस पद पर विराजमान थी।
ओम बिरला राजस्थान के कोटा लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने हैं। यह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं।
निष्कर्ष
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का राजनीतिक सफर काफी सफल रहा। इन्होंने जितने भी चुनाव लड़े, उसमें जीत हासिल की। इतना ही नहीं इन्होंने जनकल्याण से जुड़े कई कार्य किए।
अब तक इनसे जुड़े कोई भी विवाद सामने नहीं आए हैं। यही कारण है कि लोगों के द्वारा इन्हें खूब पसंद किया जाता है।
हमें उम्मीद है कि इस लेख में दिए गए ओम बिरला का जीवन परिचय (Om Birla Biography In Hindi) के जरिए आपको इनके बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा।
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