Mehangai Essay in Hindi: कुछ परेशानियां आजीवन मनुष्य के साथ चलती रहती है। गरीब और मध्यम के परिवार के लिए इन परेशानियों का नाम महंगाई होता हैं।
हम यहां पर महंगाई पर निबंध (Mehangai Par Nibandh) शेयर कर रहे है। इस निबंध में महंगाई के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।
Read Also: हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध
महंगाई पर निबंध | Mehangai Essay in Hindi
बढ़ती महंगाई पर निबंध 100 शब्दों में (Mahangai Per Nibandh)
वस्तुओं की कीमतें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। महंगाई की मार लोगों को खा रही है। गरीब लोगों के लिए इनकम कम है और महंगाई ज्यादा होने की वजह से व्यक्ति अपने घर में जरूरत के सामान भी खरीदने में असमर्थ है।
महंगाई की मार किसान और निम्न स्तर के लोगों पर बहुत ज्यादा असर कर रही है। किसान लोगों की जिंदगी इस महंगाई ने नरक बना दी है। महंगाई की वजह से मनुष्य अपने आप को असहाय महसूस करने लग चुका है।
सरकार को महंगाई दूर करने के लिए नियमित रूप से कदम उठाने चाहिए। ताकि गरीब लोगों को होने वाली समस्याएं दूर हो सके। सरकार को कालाबाजारी रोकने के लिए भी अपने प्रयास जारी रखने चाहिए। ताकि कालाबाजारीओं के चक्कर में जो महंगाई बढ़ रही है, उसे कम किया जा सके।
देश में बढ़ रही महंगाई देश की अर्थव्यवस्था को और देश में रहने वाले लोगों की अर्थव्यवस्था यानी कि लोगों की वित्तीय व्यवस्था को पूरी तरह से बिगाड़ रही है। हर वस्तु इतनी महंगी हो गई है कि लोगों के लिए उसे खरीदना मुश्किल होता जा रहा है।
बढ़ती महंगाई पर निबंध 200 शब्दों में
भारत जब आजाद हुआ है तब से दिन प्रतिदिन हर वस्तु की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। वस्तु की कीमतें लगातार इस प्रकार से बढ़ रही है कि निम्न स्तर और मध्यम स्तर के लोगों के लिए हर कोई वस्तु खरीदना मुश्किल हो गया है। दूसरी तरफ सैलरी और कमाई में जितना इजाफा नहीं हुआ है। उससे ज्यादा वस्तुओं की कीमतें महंगी होती जा रही है।
देखा जाए तो पेट्रोल और डीजल के दाम भी पिछले कई दिनों से इतनी तेजी पर है कि हर कोई व्यक्ति पेट्रोल और डीजल अपने वाहन में भरवाने से हिचकीचा रहा है। दिन प्रतिदिन बढ़ती महंगाई गरीबों के लिए समस्या पैदा कर रही है। गरीब लोगों के लिए हर वस्तु का खरीदना मुश्किल होता जा रहा है। क्योंकि देश में इस प्रकार से बढ़ती महंगाई जिसके बीच गरीब व्यक्ति और अधिक गरीब होता जा रहा है।
महंगाई को इस तरह से बढ़ने से रोकने के लिए सरकार को कई प्रकार के कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार को नियमित रूप से यह बात अवश्य चेक करनी चाहिए कि कालाबाजारी कितनी हो रही है। क्योंकि आज के समय में भी किसान से अनाज बहुत ही कम दाम में खरीदा जाता है। लेकिन बाजार में जाकर उसी अनाज की कीमत कई गुना हो जाती है।
बीच में बिचौलियों की संख्या अधिक हो जाने की वजह से गरीबों को और अधिक गरीबी झेलनी पड़ रही है। इसी प्रकार से हर सामान के उत्पादन करता से कम दाम में खरीदकर बिचौलिए बाजार में उसी वस्तु को ज्यादा दाम में बेच रहे हैं और इसी वजह से दिन प्रतिदिन महंगाई बढ़ती जा रही है।
महंगाई पर निबंध 250 शब्दों में (Essay on Mehangai in Hindi)
आज हमारे जीवन में महंगाई बढ़ने का प्रमुख कारण मांग और पूर्ति के बीच असंतुलन का होना हैं। जब हम किसी वस्तु की मांग करते हैं तो उस वस्तु की पूर्ति पूर्णतया नहीं हो पाती है। ऐसे में उस वस्तु की कीमत अपने आप दोगुनी हो जाती है। इससे सब की अर्थव्यवस्था बिगड़ जाती है क्योंकि लोग बाग उन वस्तुओं की कालाबाजारी कम कीमत पर कर दोगुनी कीमत पर बेच देते हैं।
सबसे ज्यादा महंगाई बढ़ने के कारण प्रकृति का प्रकोप जैसे-बाढ़, सूखा, अतिवृष्टि, भूकंप आदि हैं। यह सब महंगाई को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इन अब की वजह से खेती की उपज बहुत घट जाती है और जो भी खाद्यान्न की और अन्य वस्तुएँ है, उन सबको बहुत ज्यादा कीमत पर बाहर से मंगवाना पड़ता हैं।
जमाखोरी, काला बाज़ारी आदि मानव निर्मित कारण हैं। इसके अलावा दोषपूर्ण वितरण प्रणाली, असफल सरकारी नियंत्रण तथा मनुष्य की स्वार्थपूर्ण प्रवृत्ति भी इसके लिए उत्तरदायी हैं। महंगाई का सही अर्थ होता है वस्तुओं की कीमत का ज्यादा होना। महंगाई की वजह से हमारे देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बार उतार-चढ़ाव देखने को मिले। महंगाई ने ही मनुष्य के जीवन की आजीविका को भी प्रभावित किया है। आज तक हमारे समाज में महंगाई और मुद्रा-स्फीति बहुत ही बड़ी समस्या है।
हमारी जरूरत की सभी वस्तुएँ बहुत महंगी आती हैं और कभी-कभी तो वस्तुएँ बाजार से ही गायब हो जाती हैं। लोग अपनी तनखा में सरकार से जब वृद्धि की मांग करते हैं तो सरकार के पास इसका कोई जवाब नही होता। क्योंकि देश के पास धन नहीं है। सिक्के की कीमत घटती जाती है और महंगाई बढती जाती है।
बढ़ती महंगाई पर निबंध 300 शब्दों में (Mehangai Par Nibandh in Hindi)
प्रस्तावना
आज के समय में देश में महंगाई को बढ़ता हुआ देखकर हर कोई व्यक्ति अचंभित है और हर व्यक्ति के लिए इस तरह से महंगाई का बढ़ना मुश्किल पैदा कर रहा है। गरीब लोगों के लिए यह समस्या भयानक साबित हुई है। पिछले कई सालों से महंगाई की रफ्तार बढ़ती जा रही है और इसी महंगाई की वजह से गरीब किसान लोग अपना घर खर्चा नहीं चला पाते हैं।
महंगाई बढ़ने के कारण
देश में जिस प्रकार से महंगाई बढ़ रही है। उस महंगाई के बढ़ने के पीछे कई कारण है, जो कुछ इस प्रकार से है:
- देश में जनसंख्या वृद्धि दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जनसंख्या वृद्धि की वजह से हर वस्तु की डिमांड मार्केट में बढ़ रही है और इसी वजह से महंगाई बढ़ना जायज हो गया है।
- जमाखोरों और कालाबाजारीओ की वजह से महंगाई बढ़ रही है। क्योंकि यह लोग कम दाम में माल खरीद कर अपने पास स्टॉक कर लेते हैं और उसे बाजार में उचित दाम में बेचते हैं।
- महंगाई बढ़ाने के पीछे बड़े-बड़े उद्योगपतियों का भी हाथ है। क्योंकि यह लोग अपने उत्पाद को बाजार में उच्च दाम में बेचते हैं, जिससे देश में महंगाई का सामना हम सभी को करना पड़ रहा है।
बढ़ती महंगाई को रोकने के उपाय
जिस प्रकार से महंगाई बढ़ती जा रही है। यदि ऐसा ही रहा तो देश में गरीब लोगों का हाल बहुत बुरा हो जाएगा। ऐसे में महंगाई को रोकने के लिए हमें प्रयास करना चाहिए। बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए निम्नलिखित प्रयास किए जा सकते हैं:
- सरकार के द्वारा जमाखोरों और कालाबाजारी करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
- सरकार के द्वारा जितना हो सके उतना उत्पादन करता से सीधा कस्टमर तक हर वस्तु पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए। ताकि बिचौलिए लिए लोगों की वजह से वस्तु की कीमत में बढ़ोतरी ना हो।
- सरकार और हम सभी को जनसंख्या नियंत्रण पर विशेष ध्यान देना अनिवार्य है। जनसंख्या वृद्धि की वजह से ही महंगाई बढ़ रही है।
उपसंहार
महंगाई का इस प्रकार से बढना हर किसी को चिंता में डाल रहा है। देश में बढ़ रही महंगाई गरीब लोगों के लिए समस्या पैदा कर रही है।
महंगाई पर निबंध 850 शब्दों में (Badhati Mahangai Per Nibandh)
प्रस्तावना
भारत एक कृषि प्रधान देश है। लेकिन फिर भी हमारे देश की समूची अर्थव्यवस्था की वजह से भी कृषि अच्छी वर्षा पर निर्भर करती है। बिजली उत्पादन भी महंगाई को प्रभावित करता है।
मुद्रा स्फीति और महंगाई
बढती हुई महंगाई का मुद्रा-स्फीति के साथ बहुत ही गहरा संबंध है। क्योंकि हमारी सरकार हर साल घाटे के बजट को बढ़ा देती है, जिससे कीमतें भी बढ़ जाती हैं। इसका परिणाम ये निकलता है कि रुपए की कीमत घट जाती है।
अक्सर देखा गया है कि सभी लोग महंगाई के भत्ते की मांग करते हैं। सरकार ने कृषि की तो घोर उपेक्षा की। परन्तु काले धन को रोकने के लिए हमारी सरकार ने कुछ नहीं किया। यहा तक कि भ्रष्टाचार को रोकने के इंतजाम भी नहीं किये, जिस वजह से मुद्रा-स्फीति को नहीं रोका गया है। इसी वजह से महंगाई भारत देश में साल-दर-साल ऊपर चली जा रही है।
महंगाई के कारण
महंगाई के बढने के बहुत से कारण होते हैं। लेकिन महंगाई की समस्या हमारे ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की एक बहुत ही गंभीर समस्या है, जो लगातार बढती जा रही है।
- जनसंख्या वृद्धि -हमारे देश में जिस तरह से जनसंख्या बढ़ रही है, उस तरह से फसलों की पैदावार यहा नहीं हो रही है। पिछली 2-3 सालों से फसलों की पैदावार में अधिक वृद्धि हो रही है। देश में अतिवृष्टि और अनावृष्टि दोनों की वजह से ही अन्न की कमी हो रही है, इसीलिए जनसंख्या वृद्धि के कारण महंगाई की लोगों को बहुत मार झेलनी पड़ रही है।
- जमाखोरी की समस्या – जमाखोरी से भी महंगाई की समस्या बहुत बढती जा रही है। कालाबाजारी की वजह से लोगों को खाने के लिए अन्न भी नहीं मिल पाता है।
- व्यापारियो की दोषपूर्ण वितरण की प्रणाली – कई बार हम लोगों के द्वारा देखा गया है कि हमारे देश में सभी वस्तुओं का अच्छा उत्पादन होने के बाद भी वह वस्तु हमें समय पर नहीं मिल पाती हैं और अगर मिलती भी है तो वह बहुत महंगी मिलती हैं। इसमें हमारी वितरण प्रणाली का दोष होता है। भ्रष्ट व्यापारी भ्रष्ट नेताओं की वजह से बहुत महंगाई आम लोगों को झेलनी पड़ती है।
- कौन कौन जिम्मेदार है – बढ़ती हुई महंगाई के लिए सबसे ज्यादा अमीर लोग जिम्मेदार होते हैं। क्योंकि वह बाजार से बहुत कम कीमतों पर चीजों खरीद लेते हैं और फिर बाद में उनको समय आने पर अधिक मूल्य में मार्केट में भेज देते हैं। इससे वो लोग अपने फायदे के लिए आम जनता को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। इसके अलावा सरकारी अफसर, नेता, बड़े-बड़े उद्योगपति यह सभी महंगाई को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
महंगाई को रोकने के उपाय
अगर कोशिश की जाये तो भारत में महंगाई को रोका भी जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले सरकार को मुद्रा-स्फीति पर रोक लगानी होगी और बजट घाटों को बनाना बंद करना होगा। महंगाई को रोकने के उपाय निम्न है:
- सरकार को बड़े-बड़े नगरों के विकास के साथ साथ गांवों के विकास पर अधिक ध्यान देना चाहिए। क्योंकि अब लोग गांव में सुविधाएं ना होने के कारण ज्यादातर लोग शहरों की तरफ भाग रहे है। क्योंकि ना गांव में पानी की व्यवस्था है ना बिजली की व्यवस्था और जीवन के मूलभूत संसाधनों की आवश्यकताओं की भी बहुत कमी है। इसी वजह से सरकार को गांव की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए। पूरे देश के लिए एक तरह की सिंचाई व्यवस्था का आयोजन होना चाहिए। महंगाई को रोकने के लिए समय-समय पर हड़तालें और आंदोलन चलाये गये हैं।
- सरकार को कालाबाजारी, जमाखोरों को रोकने के लिए बहुत ही सख्त कानून बनाने चाहिए। क्योंकि यह लोग आम जनता का बहुत शोषण करते हैं। बाजार से कम कीमत पर वस्तुओं का क्रय विक्रय कर देते हैं, इससे लोगों को बहुत महंगाई झेलनी पड़ती है।
- महंगाई को खत्म करने के लिए जनता को भी सरकार का साथ देना चाहिए। जनता का कर्तव्य है कि महंगी चीजों से दूर रहे उसे महंगाई से होने वाली समस्याओं के बारे में सोचना चाहिए।
वितरण की व्यवस्था का समुचित होना
हमारी जरूरत की सभी चीजों के उपयोग के लिए समुचित वितरण के लिए बहुत कानून बनाएं गए है। हर जगह खदानों की पूर्ति के लिए खाद्यान्न आपूर्ति विभाग स्थापित किए गए हैं। जगह जगह पर राशन की दुकान खोली गई है ताकि लोगों को राशन के लिए दूर-दूर तक ना भटकना पड़े।
अगर हमारे देश में खाद्यान्न वितरण की प्रणाली सही होगी तो महंगाई को बहुत आसानी से रोका जा सकता है। इसके लिए सरकार का पूरा सहयोग और जनता का सहयोग होना बहुत जरूरी है लेकिन ऐसा होता नहीं है।
निष्कर्ष
महंगाई को कम करने के लिए हमारे देश मे उपयोगी राष्ट्र नीति की जरूरत है। जैसे-जैसे हमारे देश मे जनसंख्या बढ़ रही है। उस तरीके से महंगाई को रोकना बहुत ही जरूरी है, नहीं तो हमारी आजादी को दुबारा से खतरा पैदा हो सकता है। क्योंकि जब तक जनसंख्या वृद्धि में रोक नहीं लगेगी तब तक महंगाई को भी कम नहीं किया जा सकता।
अंतिम शब्द
आज के आर्टिकल में हमने महंगाई पर निबंध (Mehangai Essay in Hindi) के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल में कोई शंका है तो कमेंट बॉक्स में जरूर पूछे।
Read Also