Mahabharat Quotes in Hindi
महाभारत के अनमोल विचार | Mahabharat Quotes in Hindi
जहाँ सब लोग नेता बनने के इच्छुक हों,
जहाँ सब सम्मान चाहते हों और पंडित बनते हों,
जहाँ सभी महत्वाकांक्षी हों,
वह समुदाय पतित और नष्ट हुए बिना नहीं रह सकता।
अपनी दृष्टि सरल रखो, कुटिल नहीं. सत्य बोलो,
असत्य नहीं. दूरदर्शी बनो, अल्पदर्शी नहीं.
परम तत्व को देखने का प्रयास करो, क्षुद्र वस्तुओं को नहीं.
लज्जा नारी का अमूल्य रत्न है।
व्यक्ति जो चाहे बन सकता है
यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर
लगातार चिंतन करे।
जिसने पहले तुम्हारा उपकार किया हो,
वह यदि बड़ा अपराध करे तो भी उनके
उपकार की याद करके उसका अपराध क्षमा दो.
किसी के प्रति मन मे क्रोध रखने की अपेक्षा
उसे तत्काल प्रकट कर देना
अधिक अच्छा है, जैसे पल मे जल जाना
देर तक सुलगने से अच्छा है।
संसार में वही मनुष्य प्रशंसा के योग्य है,
वही उत्तम है, वही सत्पुरुष और वही धनी है,
जिसके यहाँ से याचक या शरणागत निराश न लौटे.
महाभारत, शरणागत की रक्षा करना
बहुत ही पुनीत कर्म है,
ऐसा करने से पापी के भी
पाप का प्रायश्चित हो जाता है।
Mahabharat Quotes in Hindi
अहंकार मानव का और मानव समाज का
इतना बङा शत्रु है, जो सम्पुर्ण मानव जाति के
कष्ट का कारण और अन्ततः विनाश का द्वार बनता है।
मनुष्य जीवन की सफलता इसी में है
कि वह उपकारी के उपकार को कभी न भूले।
उसके उपकार से बढ़कर
उस उपकारी व्यक्ति का उपकार कर दे।
अपने पूर्वजों का सम्मान करना चाहिए.
उनके बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए.
उनके दिए उपदेशों का आचरण करना चाहिए.
जो मनुष्य अपने माता-पिता
की सेवा पुरे सद्भाव से करते है,
उनकी ख्याति इस लोक मे ही
नही बल्कि परलोक मे भी होती है।
बड़े से बड़ा शूरवीर भी अगर अधर्म और
अन्याय का साथ देता है तो धर्म के
आगे उसे अन्ततः झुकना ही पड़ता है।
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Mahabharat Quotes in Hindi
जैसे सूखी लकड़ी के साथ मिली
होने पर गीली लकड़ी भी जल जाती है,
उसी प्रकार दुष्ट- दुराचारियों के
साथ सम्पर्क में रहने पर सज्जन भी दुःख भोगते है।
जैसे तेल समाप्त हो जाने पर
दीपक बुझ जाता है,
उसी प्रकार कर्म के क्षीण हो जाने पर
भाग्य भी नष्ट हो जाता है।
दो प्रकार के व्यक्ति संसार में स्वर्ग के भी ऊपर स्थिति होते हैं-
एक तो जो शक्तिशाली होकर क्षमा करता है
और दूसरा जो दरिद्र होकर भी कुछ दान करता रहता है.
जिस राजा की प्रजा हमेशा कर के भार से पीड़ित रहे,
प्रतिदिन दुखी रहे और जिसे तरह-तरह के
अनर्थ झेलने पड़ते हैं,
उस राजा की हमेशा पराजय होती है.
उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है,
ना कभी था ना कभी होगा
जो वास्तविक है, वो हमेशा था और उसे
कभी नष्ट नहीं किया जा सकता।
यदि पानी पीते – पीते उसकी बूंद मुंह से निकलकर
भोजन में गिर पड़े तो वह खाने योग्य नहीं रहता।
पीने से बचा हुआ पानी पुन: पीने के योग्य नहीं होता।
विषयों के भोगों से विषय वासना की शांति नहीं होती,
हवन से बढती हुई अग्नि के समान यह
काम वासना नित्य बढती ही जाती है.
जिस राजा की प्रजा हमेशा, कर के भार से पीड़ित रहे,
प्रतिदिन दुखी रहे और जिसे तरह -तरह के अनर्थ झेलने पड़ते हैं,
उस राजा की हमेशा पराजय होती है।
विधि के विधान के आगे कोई नही टिक सकता ।
एक पुरुर्षाथी को भी वक्त के साथ
मिट कर इतिहास बन जाना पड़ता है।
Mahabharat Quotes in Hindi
दूसरों से घृणा करने वाले, दूसरों से ईर्ष्या करने वाले,
असंतोषी, क्रोध, सभी बातों में शंका करने वाले
और दूसरे के धन से जीविका निर्वाह
करने वाले ये छहों सदा दुखी रहते हैं.
अगर परमेश्वर से कुछ माँगना है तो सिर्फ
उनके प्रति निश्चल भक्ति माँगो।
जिसके आ जाने मात्र से ही संसार
का समस्त वैभव तुम्हारे पास रहेगा।
संसार में ऐसा कोई नहीं हुआ है
जो मनुष्य की आशाओं का पेट भर सके।
पुरुष की आशा समुद्र के
समान है, वह कभी भरती ही नहीं।
मैं सभी प्राणियों को सामान रूप से देखता हूँ
ना कोई मुझे कम प्रिय है ना अधिक.
लेकिन जो मेरी प्रेमपूर्वक आराधना
करते हैं वो मेरे भीतर रहते हैं
और मैं उनके जीवन में आता हूँ।
वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है,
“मैं ” और “मेरा ” की
लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है
उसे ही शांती प्राप्त होती है।
तुम उसके लिए शोक करते हो जो शोक करने के योग्य नहीं हैं,
और फिर भी ज्ञान की बाते करते हो.
बुद्धिमान व्यक्ति ना जीवित और ना ही मृत
व्यक्ति के लिए शोक करते हैं।
जो वेद और शास्त्र के ग्रंथों को
याद रखने में तत्पर है
किन्तु उनके यथार्थ तत्व को नहीं समझता,
उसका वह याद रखना व्यर्थ है।
मधुर शब्दों में कही हुई बात अनेक प्रकार से
कल्याण करती है,
किंतु यही यदि कटु शब्दों में कही जाए तो महान
अनर्थ का कारण बन जाती है।
प्राप्त हुए धन का उपयोग करने में
दो भूलें हुआ करती हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए।
अपात्र को धन देना
और सुपात्र को धन न देना।
विजय की इच्छा रखने वाले शूरवीर
अपने बल और पराक्रम से वैसा विजय प्राप्त नही करते
जैसा कि सत्य, सज्जनता,
धर्म तथा उत्साह से प्राप्त करते हैं।
विद्या, शूरवीरता, दक्षता, बल और धैर्य,
ये पांच मनुष्य के स्वाभाविक मित्र हैं।
बुद्धिमान लोग हमेशा इनके साथ रहते हैं।
दुखों में जिसका मन उदास नहीं होता,
सुखों में जिसकी
आसक्ति नहीं होती तथा जो राग, भय व क्रोध
से रहित होता है, वही स्थितिप्रज्ञ है।
जैसे बिना नाविक की नाव जहाँ
कहीं भी जल में बह जाती है
और बिना सारथी का रथ चाहे
जहाँ भटक जाता है
उसी प्रकार सेनापति बिना
सेना जहाँ चाहे भाग सकती है।
ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की
अपेक्षा कर रहे
अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को
अस्थिर नहीं करना चाहिए।
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Mahabharat Quotes in Hindi
जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है
जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना.
इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।
स्वर्ग प्राप्त करने और वहां कई वर्षों तक
वास करने के पश्चात
एक असफल योगी का पुन : एक पवित्र और
समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है।
जहां लुटेरो के चंगुल मे फंस जाने पर
झूठी शपथ खाने से छुटकारा मिलता हो,
वहां झूठ बोलना ही ठीक है।
ऐसे मे उसे ही सत्य समझना चाहिए।
जो विपत्ति पड़ने पर कभी दुखी नहीं होता,
बल्कि सावधानी के साथ
उद्यम का आश्रय लेता है
तथा समय आने पर दुख भी सह लेता है,
उसके शत्रु पराजित ही हैं।
जो मनुष्य नाश होने वाले सब प्राणियों में
सम भाव से रहने वाले
अविनाशी परमेश्वर को देखता है,
वही सत्य को देखता है।
राजधर्म एक नौका के समान है, यह नौका
धर्म रूपी समुद्र में स्थित है।
सतगुण ही नौका का संचालन करने वाला बल है,
धर्मशास्त्र ही उसे बांधने वाली रस्सी है।
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