Home > Essay > खो खो खेल पर निबंध

खो खो खेल पर निबंध

Kho Kho Essay in Hindi: नमस्कार दोस्तों। आज के इस निबंध में हम आप सभी लोगों को शिक्षा एवं खेल दोनों ही तरह से बहुत ही आवश्यक खेल खो खो पर निबंध लेकर आए हैं। आप में से बहुत से लोग ऐसे भी होंगे, जिन्होंने खो खो खेल खेला भी होगा।

यदि आप खो खो खेल पर निबंध जानना चाहते हैं तो हमारे इस निबंध को अंत तक जरूर पढ़ें, आपको इस निबंध में खो खो खेल पर विस्तृत जानकारी प्राप्त हो जाएगी।

Kho-Kho-Essay-in-Hindi
Image : Kho Kho Essay in Hindi

Read Also: हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

खो खो खेल पर निबंध | Kho Kho Essay in Hindi

खो खो खेल पर निबंध (250 शब्द)

दोस्तों जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं भारत में अनेक खेल खेले जाते हैं, जिसमें प्रिय रूप से खेला जाने वाला खेल खो खो है। खो-खो मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में छोटे बच्चे खेला करते हैं और यह खेल एक मैदानी इलाके में खेला जाता है। वैसे तो खो खो खेल में 12 लोगों का चयन किया जाता है, परंतु ग्रामीण इलाकों में छोटे-छोटे बच्चे 20 से 25 लोगों के साथ भी खो खो बड़ी ही आसानी से खेल लेते हैं।

खो खो का यह खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है और प्रत्येक टीम में 9 खिलाड़ी होते हैं और इसके साथ साथ तीन खिलाड़ी अतिरिक्त होते हैं, जो टीम का संचालन करते हैं। यह खेल गुजरात के जाने-माने शहर बड़ौदा से शुरू हुआ था और वर्तमान समय में यह गुजरात के साथ-साथ हरियाणा राजस्थान में मुख्य रूप से खेला जाने वाला खेल बन चुका है।

इस खेल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तो नहीं बल्कि खो-खो से जुड़े खेलों को राष्ट्रीय प्रश्नों के तहत जोड़कर उन्हें भी पूछा जाता है।इस खेल में पुरुष और महिलाएं समान रूप से हिस्सा ले सकते हैं। यह खेल भागदौड़ वाला खेल है, जिससे इसे फैलने वाला व्यक्ति पूरी तरह से तंदुरुस्त बना रह सकता है।

गुजरात की मानें तो यहां के लोगों ने इस खेल को लोगों को तंदुरुस्त रखने के लिए शुरू किया था। यह खेल पूरी तरह से एक एक्सरसाइज की तरह होता है। जिस प्रकार आप सभी लोग डेली वकआउट और जिम करते हैं, उसी तरह यदि खो खो खेल को प्रतिदिन खेलते हैं, तो आपका बेली फैट बहुत ही जल्द कम हो सकता है।

यदि हम बात करें खो खो खेल के मैदान की तो खो खो खेल का मैदान लगभग 111 फुट लंबा और 51 फुट चौड़ा होना चाहिए। यह खेल पूरे जगह में खेला जाता है क्योंकि दौड़ने के लिए आवश्यक जगह होना चाहिए। दोस्तों खेलने वाली टीम दौड़ती है और उसके अपॉजिट की दूसरी टीम इस खेल में बैठी हुई होती है।

इस खेल में दौड़ने वाले व्यक्ति को धावक और बैठने वाले व्यक्ति को चेंजर का नाम दिया जाता है। इस खेल में धावक और चेंजर का नाम टॉस करके रखा जाता है। खो खो खेल की वह टीम जो दौड़ती है, वह बैठे हुए खिलाड़ियों के बीच में चक्कर लगाते रहते हैं और प्रतिरोधक उनके उन्हें रोकने का पूरा प्रयास करते हैं।

इस खेल को खेलते समय बैठे हुए खिलाड़ी अपने खिलाड़ियों की पीठ छू कर उन्हें खो कहते हैं और फिर वह खिलाड़ी बैठ जाता है और उसने जिसे खो किया होता है, वह खिलाड़ी दौड़ने लगता है। दोस्तों इस खेल में खो कहने का मतलब भी दौड़ने को ही कहना होता है, जो भी टीम कम समय में सभी खिलाड़ियों को आउट कर देती है वह जीत जाती है।

आपको बता दें तो खो खो टीम के धावक खिलाड़ी सिर्फ एक ही दिशा में दौड़ सकते हैं परंतु चेंजर खिलाड़ी किसी भी दिशा में दौड़ सकते हैं। यदि आप सभी लोग खो खो खेल में जीत करना चाहते हैं तो आप सभी लोगों को कम से कम समय में खो देनी होती है अर्थात बहुत ही छोटी सी खो देनी होती है, ताकि धावक खिलाड़ी आपको आउट न कर सकें।

खो खो खेल पर निबंध (850 शब्द)

प्रस्तावना

खो खो खेल भारत के ग्रामीण इलाकों में खेला जाने वाला सबसे लोकप्रिय खेल माना जाता है और गांव के वह सभी लोग इस खेल को खेलना पसंद करते हैं, जो खुद को फिट रखना चाहते हैं। इस खेल को खेलना एक एक्सरसाइज की तरह ही होता है अर्थात इस खेल में आप सभी लोगों को दौड़ना भी होता है, बैठना भी होता है और तुरंत उठना भी होता है।

इसी के साथ-साथ आपको इस खेल में हमेशा तैयार रहने की आवश्यकता होती है ताकि आपको जैसे ही खो किया जाए, आप तुरंत वहां से उठकर चलने लगे और दौड़ कर अपने दूसरे साथी को दौड़ने के लिए कहे अर्थात खो करें।

यदि आप सभी लोग खो खो खेल में जीत करना चाहते हैं, तो आप सभी लोगों को कम से कम समय में खो देनी होती है अर्थात बहुत ही छोटी सी खो देनी होती है, ताकि धावक खिलाड़ी आपको आउट न कर सकें। खो खो का यह खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है और प्रत्येक टीम में 9 खिलाड़ी होते हैं और इसके साथ साथ तीन खिलाड़ी अतिरिक्त होते हैं, जो टीम का संचालन करते हैं।

खो खो खेल की उत्पति

यह खेल गुजरात के जाने-माने एतराज शहर बड़ौदा से शुरू हुआ था और वर्तमान समय में यह गुजरात के साथ-साथ हरियाणा राजस्थान में मुख्य रूप से खेला जाने वाला खेल बन चुका है। यदि हम बात करें खो खो खेल के मैदान की तो खो खो खेल का मैदान लगभग 111 फुट लंबा और 51 फुट चौड़ा होना चाहिए, यह खेल पूरे जगह में खेला जाता है,क्योंकि दौड़ने के लिए आवश्यक जगह होना चाहिए।

खो खो खेल में खिलाड़ी की संख्या

दोस्तों जब गुजरात के बड़ौदा जिले से इस खेल की शुरुआत की गई थी। इस खेल में पूरी तरह से 12 खिलाड़ी होते है, जिसमें से 9 खिलाड़ी में खिलाड़ी होते है और तीन खिलाड़ी अतिरिक्त होते है, जो टीम का संचालन करते है हालांकि सभी खिलाड़ियों की अपनी अपनी एक अहम भूमिका होती है परंतु इस खेल में प्रमुख रूप से माने जाने वाले खिलाड़ियों की संख्या होती है।

खो खो खेल खेलने के लिए उपयुक्त मैदान

खो खो टीम खेलने के लिए हमें एक अच्छे जगह की आवश्यकता होगी क्योंकि दौड़ते समय हमें एक मैदानी जगह चाहिए और यदि कंकड़ी लिया फिर पथरीली जगह होगी, तो हमें चोट लगने की भी संभावना हो सकती है और इतना ही नहीं इसके साथ-साथ खो खो खेल के लिए हमें मैदान की चौड़ाई भी खेल के अनुसार रखनी ही चाहिए, ताकि रनिंग करते समय हमें किसी भी परेशानी का सामना करना ना पड़े।

दोस्तों खो-खो के इस खेल में मुख्य रूप से 51 फुट चौड़ा और 111 फीट लंबा मैदान होना चाहिए और इतना ही नहीं इसके साथ-साथ मैदान के दोनों छोरों से लगभग 10 फुट जगह छोड़कर 4 – 4 फीट के दो लंबे-लंबे खंबे गाड़े जाते हैं।

इन दोनों खंभों के बीच में छोड़ा गया यह जगह खिलाड़ियों को दौड़ने के लिए होता है। यह जगह इतना ज्यादा इसलिए होता है ताकि खिलाड़ी आराम से दौड़ सके।

खो खो खेल खेलने के लाभ

दोस्तों जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं यदि हम किसी भी खेल को शारीरिक रूप से खेलते हैं, तो उसमें हमारे शरीर की ही भलाई होती है और खो खो खेल इन सभी खेलों में सर्वोपरि आता है क्योंकि इस खेल को खेलने से हमारा डेली एक्सरसाइज भी हो जाता है और हम पूरी तरह से फिट रहते हैं।

  • खो खो खेल खेलने से हम सभी लोग सदैव फिट रहते हैं और किसी भी कार्य को बड़ी ही तंदुरुस्ती एवं जोश के साथ कर सकते हैं।
  • खो खो खेल खेलने से हमारे शरीर में रोगों के प्रति लड़ने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है।
  • खो खो खेल खेलने से हम सभी लोग कभी भी चिड़चिड़ापन के शिकार नहीं होते।
  • यह खेल हम सभी लोगों को एकाग्र चित्त करता है।
  • इस खेल को खेलने से हमारे शरीर से आलस्य कोसों दूर चला जाता है और हमारा मन भी काफी शांत हो जाता है।
  • खो खो खेल नियमित रूप से खेलने से हमारा शरीर हमेशा हमेशा के लिए फिट रहता है और इसके साथ-साथ में मोटापे जैसी भयंकर बीमारी हम से कोसों दूर रहती हैं।
  • खो खो खेल खेलने से हमारे शरीर का पूर्ण रूप से विकास होता है।
  • खो खो खेल खेलने से हमारे पैरों की मांसपेशियां बहुत ही मजबूत हो जाती हैं और इसके साथ-साथ हमारे हाथ की मांसपेशियां भी कुछ हद तक मजबूत हो ही जाती हैं।
  • खो खो खेल खेलने से हम सभी लोग इतने ज्यादा मेहनत कर देते हैं, कि हमारे पाचन शक्ति भी काफी बढ़ जाती है।
  • पाचन शक्ति मजबूत हो जाने के कारण हमें एक अच्छी भूख लगती है और हम अपने शरीर पर भी अच्छा ध्यान दे पाते हैं।

निष्कर्ष

खो खो हमारे शरीर के लिए और दिमाग के लिए एक महत्वपूर्ण खेल है लेकिन आज बहुत कम लोग है, जो यह खेल खेलना पसंद करते है। इसके बावजूद भी खो खो खेल अब अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर खेला जाता है जो हमारे देश के लिए एक गौरव की बात है। हमें इस देश के नागरिक होने के कारण ऐसे ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देना चाहिए यह हमारी जिम्मेदारी है।

अंतिम शब्द

हम आप सभी लोगों से उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण लेख खो खो खेल पर निबंध (Kho Kho Essay in Hindi) अवश्य ही पसंद आया होगा। यदि हमारा यह लेख आप सभी लोगों को वास्तव में पसंद आया हो और आपको इस लेख से जानकारियां प्राप्त हुई हो तो इसे शेयर करना बिल्कुल भी ना भूले।

यदि आपके मन में इस निबंध को लेकर किसी भी प्रकार का कोई सवाल या फिर सुझाव है, तो कमेंट बॉक्स में आप हमें जरूर बताएं।

यह भी पढ़े :

Ripal
Ripal

Leave a Comment