Khata Shayari in Hindi
Images:-Khata Shayari in Hindi
खता शायरी | Khata Shayari in Hindi
आँख भर कर देख लेना कुछ खता ऐसी न थी, क्या खबर क्यूँ उनको मुझ पर इतना गुस्सा ना गया.
अंदाज-ऐ-मोहब्बत तुम्हारी एक अदा है, दूर हो हमसे तुम्हारी खता है, दिल में बसी है एक प्यारी सी तस्वीर तुम्हारी, जिसके नीचे ‘आई मिस यू’ लिखा है।
इतनी मोहब्बत न करो कि बिखर जाऊँ मैं, थोड़ा रूठा भी करो कि सुधर जाऊँ मैं, अगर हो जाये मुझ से खता तो हो जाना खफा, पर इतना भी नहीं कि मर जाऊँ मैं।
किया इश्क़ ने मेरा हाल कुछ ऐसा, ना अपनी खबर ना ही दिल का पता है, कसूरवार थी मेरी ये दौर-ए-जवानी, मैं समझता रहा सनम की खता है।
दिल के पास आपका घर बना लिया, ख्वाबों में आपको बसा लिया, मत पूछो कितना चाहते हैं आपको, आपकी हर खता को अपना मुक्कद्दर बना लिया.
Read Also: दीदार पर शायरी
तवारीखों में कुछ ऐसे भी मंजर हमने देखे हैं, के लम्हों ने खता की थी और सदियों ने सजा पायी.
हर भूल तेरी माफ़ की हर खता को तेरी भुला दिया, गम है कि, मेरे प्यार का तूने बेवफा बनके सिला दिया।
तू छोड़ रहा है तो खता इसमें मेरी क्या, हर शख्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता।
Khata Shayari in Hindi
कुछ तो बात है तेरी फितरत में ऐ सनम वरना तुझ को याद करने की खता हम बार-बार न करते
जब कभी मैं ने ये पूछा कि ख़ता किस की है, बे-धड़क बोल उठे तेरे सिवा किस की है.
खता उनकी भी नही यारो वो भी क्या करते, बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते.
थी खता उनकी मगर, आ ही गए जब वो सामने, झुक गई मेरी ही आँखे, रस्म-ए-उल्फत तो देखिये.
तारीखों में कुछ ऐसे भी मंजर देखे हमने कि लम्हों ने खता की थी और सदियों ने सजा पायी
तुम तो मुझे रुलाकर दूर चले गये, मै किससे पूछूँ मेरी खता क्या है।
खता उसकी भी नही यारो वो भी क्या करती, हजारो चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करती.
वो हमारी एक खता पर, हमसे कुछ इस कदर रूठ कर चल दिए, जैसे सदियों से उन्हें, किसी बहाने की तलास थी।
मुझ पर करो सितम तो तरस मत खाना क्योंकि खता मेरी है मोहब्बत मैंने की है
हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी, लकीरों को मिटाना चाहा कि सी को पाने की खातिर.
Read Also: ख्याल शायरी
तू छोड़ रहा है , तो ख़ता इसमें मेरी क्या, हर शख्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता.
मिली सज़ा जो मुझे वो किसी खता पे नहीं फराज़, मुझपे जुर्म साबित हुआ जो वफा का था.
जब कभी मैंने ये पूछा कि खता किस की है, बे-धड़क बोल उठे तेरे सिवा किस की है.
तुम को चाहा तो खता क्या है बता दो मुझको, दूसरा कोई तो अपना सा दिखा दो मुझको.
कर दो माफ़ अगर हुई खता कुछ हमसे, अलग तुमसे होकर अब रहा नहीं जाता हमसे.
सजा ये है कि नींदे छीन ली दोनों की आँखों से, खता ये है कि हम दोनों ने मिलकर ख्वाब देखा था.
हमसे कोई खता हो जाये तो माफ़ करना, हम याद न कर पायें तो माफ़ करना, दिल से तो हम आपको कभी भुलाते नहीं, पर यह दिल ही रुक जाये तो माफ़ करना।
रोक लो गर ग़लत चले कोई, बख़्श दो गर ख़ता करे कोई.
*****
अपने उसूल कभी यूँ भी तोड़ने पड़े, खता उसकी थी हाथ मुझे जोड़ने पड़े.
तू छोड़ रहा है, तो ख़ता इसमें तेरी क्या हर शख्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता
हुस्न वालों ने क्या कभी की खता कुछ भी, ये तो हम हैं सर इल्ज़ाम लिए फिरते हैं.
Khata Shayari in Hindi
हम बेक़सूर लोग भी बड़े दिलचस्प होते हैं शर्मिंदा हो जाते हैं खता के बग़ैर भी
खता इतनी की उनको पाने की कोशिश की अगर छीनने की कोशिश करते तो आज वो हमारे होते
अभी तुम दिल पे बस लिख लो, ज़रा ये दासताँ मेरी, मिले फुरसत तो पढ़ कर देखना, मेरी खता क्या थी?
जाने क्या खता है मेरी ए खुदा, की हर मोड़ पर आजमा लेता है तू, चाहत रखता हूँ जिस चीज़ की, उसे किसी और का बना देता है तू.
इतनी वफादारी ना कर किसी से यूँ मदहोश होकर दुनिया वाले एक ख़ता के बदले सारी वफाँए भुला देते हैं
गुनाह किये होते तो मांफ भी हो जाते, ख़ता तो ये हुई कि उनसे इश्क़ हो गया.
गुनाह इश्क़ अगर है तो ग़म नहीं वो आदमी ही क्या जो एक भी खता न करे
खता हो गयी तो फिर सजा सुना दो दिल में इतना दर्द है वजह बता दो देर हो गयी है याद करने में जरुर लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो
तुम्हारी नज़र क्यों खफा हो गई ख़ता बख़्श दो गर ख़ता हो गई हमारा इरादा तो कुछ भी ना था तुम्हारी ख़ता खुद सज़ा हो गई
इस तरह मिले वो मुझे बरसों के बाद जैसे हकीकत मिली हो ख्यालों के बाद मैं पूछता रहा उनसे खताएं अपनी वो बहुत रोये मेरे सवालों के बाद
Read Also