Janam Kundli Kaise Dekhe: हिंदू धर्म में जन्म कुंडली का बहुत महत्व होता है। जन्मकुंडली के जरिए व्यक्ति अपने भाग्य के बारे में जान सकता है। भविष्य में जो होने वाला है और भूतकाल में जो उसके साथ हो चुका है इन सभी चीजो की जानकारी जन्मकुंडली के द्वारा जानी जा सकती है। जन्मकुंडली किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय ज्योतिषी के द्वारा बनाई जाती है।
दरअसल हर एक बच्चे के जन्म से पहले ही उसका भाग्य निर्धारित हो जाता है और जन्म के पश्चात उसका भाग्य जन्म कुंडली के रूप में जन्म पत्रिका में जुड़ जाता है। जन्म कुंडली का आगे बहुत सी चीजों में काम आता है। हिंदू धर्म के विवाह के समय भी लड़का और लड़की की कुंडली का मेल कराया जाता है।
भले ही लोग कुंडली बनवाकर रखते हैं लेकिन खुद की जन्मकुंडली को देखना आसान नहीं होता। इसीलिए लोग ज्योतिषी के पास जाते हैं, जो जन्म कुंडली को देख कर व्यक्ति के भविष्य के बारे में बताते हैं। हालांकि बहुत से लोग जन्मकुंडली पर भरोसा नहीं करते हैं लेकिन यह काफी हद तक सच है।
हालांकि जो भाग्य में लिखा है, उसे बदल तो नहीं सकते। परंतु भविष्य में होने वाली घटनाओं का अंदाजा लग जाए तो व्यक्ति पहले से ही सतर्क हो सकता है। यदि आप भी अपनी जन्म कुंडली देखकर अपने भविष्य के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। क्योंकि इस लेख में हम जन्म कुंडली कैसे देखे बताने वाले हैं। इस लेख को पढ़ने के बाद आप बिना किसी ज्योतिषी के पास जाएं घर पर ही अपनी जन्म कुंडली को देख पाएंगे।
जन्म कुंडली कैसे देखें? कुंडली देखने का तरीका | Janam Kundli Kaise Dekhe
जन्म कुंडली के लाभ
जन्म कुंडली में ग्रहों के दोष से जीवन में होने वाले प्रभाव को जाना जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति के जन्म कुंडली के किसी भी ग्रह में दोष है तो वह उस ग्रह के बुरे प्रभाव से बचने के लिए पूजा पाठ करवा सकता है।
किसी भी व्यक्ति के जीवन में अचानक कोई समस्या आती है तो वह उसका सामना करने के लिए हिम्मत जुटा नहीं पाता। परंतु यदि उसे इस बात का अंदाजा लग जाए कि भविष्य में उसके साथ कुछ बुरा होने वाला है तो उसका सामना करने के लिए पहले से ही अपने आप को तैयार कर पाता है। जन्मकुंडली के माध्यम से व्यक्ति अपने भविष्य में आने वाली समस्याओं का सामना करने के लिए पहले से तैयार हो सकता है।
बहुत से लोग बहुत कड़ी मेहनत करते हैं फिर भी वे सफलता नहीं पा पाते, जिसका कारण उनके किसी ग्रह में दोष होना होता है। उसे इस दोष के बारे में पता चल जाए तो इसका निवारण कर सकता है ताकि वह अपनी मेहनत का अच्छा फल पा सके। वरना वह जिंदगी भर मेहनत करते रह जाएगा लेकिन उसे सफलता कभी नहीं मिल पाएगी।
हिंदू धर्म में शादी का बहुत महत्व होता है। विवाह के समय जन्मकुंडली का मिलाव करके लड़का और लड़की के गुणों के बारे में और उनके ग्रहों के बारे में जान सकते हैं। ताकि यदि कोई किसी भी ग्रह में कोई भी प्रकार का दोष है तो उसका निवारण किया जा सके। वरना विवाहित जीवन में कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बहुत से लोग जन्म कुंडली पर इस लिए भरोसा नहीं करते। क्योंकि उन्हें लगता है कि जो भाग्य में लिखा है, वह तो होना ही है, उसे कोई रोक नहीं सकता। हां यह बात सही है कि जो भाग्य में लिखा है, उसे बदला तो नहीं जा सकता। परंतु यदि पता चल जाए कि किस ग्रह के दोष के कारण जीवन में बहुत बड़ी विपत्ति आने वाली है तो उसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
जन्म कुंडली क्या होती है?
जन्म कुंडली एक ऐसी पत्री है, जिसे किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय पर ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति को देखते हुए बनाई जाती है। किसी के भी कुंडली में 12 खाने बने होते हैं, जिसमें राशियां और ग्रह बैठे होते हैं। इन खानों को भाव या घर कहते हैं। हर एक भाव में एक राशि होती है। प्रत्येक खाना संपूर्ण जीवन की व्याख्या करते हैं।
कुंडली के पहले भाव को लग्न भाव कहा जाता है। पहला खाना व्यक्ति के स्वभाव, चरित्र, उसके रंग रूप के बारे में बताता हैं। वहीँ दूसरा खाना उसकी प्रारंभिक शिक्षा, धन इत्यादि संबंधित चीजों की व्याख्या करता है। तीसरा खाना व्यक्ति के साहस पराक्रम जैसे गुणों को बताता है। चौथा भाव से व्यक्ति के माता-पिता, उसकी संपत्ति जैसी चीजों से संबंधित भविष्य को जान सकते हैं। चौथे भाव को सुख भाव कहते हैं।
पांचवा भाव संतान, प्रेम, शिक्षा इत्यादि को व्यक्त करता है। छठे भाव से रोग, जीवन में कठिनाइयां, शत्रु इत्यादि के बारे में पता चलता है। सातवें भाव से व्यक्ति के जीवनसाथी के बारे में पता चलता है। साथ ही उसके वैवाहिक जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में पता चलता है। सातवे भाव को विवाह भाव भी कहा जाता है।
आंठवा खाना जीवन के संघर्ष और कठिनाइयों के बारे में बताता है। नौवा भाव व्यक्ति के जीवन में लंबी दूरी की यात्रा, उसके गुरु, उसके धर्म को बताता है। दसवें भाव से पता चलता है कि व्यक्ति जीवन में क्या करने वाला है। दसवें भाव को कर्म भाव कहते हैं। वहीँ 11वां और 12वां भाग क्रमशः जीवन में होने वाली आमदनी, लाभ और हानी को बताते हैं।
जन्मपत्रिका में ग्रह
कुंडली के 12 खाने में ग्रह बैठे होते हैं। जन्म कुंडली में किसी एक खाने में 1 या उससे अधिक ग्रह भी बैठे हो सकते हैं। सभी ग्रहों का आपस में संबंध होता है यह मित्रता, शत्रुता और समभाव को दर्शाते हैं। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु ग्रह है। इन ग्रहों में सूर्य, मंगल, शनि और राहु, केतु क्रूर ग्रह की तरह जाने जाते हैं। वहीँ चंद्र, बृहस्पति और शुक्र को सौम्य ग्रह कहा जाता है।
इन ग्रहों की दृष्टि के द्वारा ही कुंडली को देखा जाता है। जिस भाव में ग्रह होते हैं, उसके सातवें भाव को देखा जाता है। ग्रहों की दृष्टि शुभ या अशुभ दोनों प्रकार की होती है। जरूरी नहीं कि हर ग्रह सांतवे दृष्टि को रखते हो कुछ ग्रह चौथे, आठवें भाव में भी दृष्टि रखते हैं। इन ग्रहों का राशियों के साथ भी संबंध होता है, जिनमें से कुछ उच्च राशि होते हैं तो कोई निम्न राशि वाले होते हैं।
राशियों की संख्या 12 होती है और प्रत्येक राशियों का अपना चरित्र होता है। पहले भाव में बैठी राशी लग्न राशि कहलाती है, वहीँ जिस राशि में चंद्रमा बैठा होता है, उसे चंद्र राशि और जिसमें सूर्य बैठा होता है, उसे सूर्य राशि कहते हैं। मेष, वृष, मिथुन, तुला, वृश्चिक, धनु, कर्क, सिंह, कन्या, मकर, कुंभ, मीन जन्म कुंडली की राशियां होती हैं।
राशियों की पहचान
कोई भी व्यक्ति कौन से राशि से उसका पता करने के लिए उसके जन्म कुंडली के निर्माण के समय जो उसका नाम रखा जाता है, उस नाम के शुरू के अक्षर को देखा जाता है और उस शुरु के अक्षर के आधार पर ही राशियों की पहचान की जाती है।
अलग-अलग अक्षर अलग-अलग राशियों को दर्शाता है। एक राशि कई अक्षरों से मिलकर बना होता है। जैसे कि
- मिथुन राशि (क, की, कु, घ, ड, छ, के, को, ह)
- कर्क राशि (हि, हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
- मेष राशि (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
- वृष राशि (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
- तुला राशि (रा, री, रु, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
- कुम्भ राशि (गु, गे, गो, सा, सी, सु, से, सो, दा)
- मीन राशि (दी, दू, थ, झ, दे, दो, चा, चि)
- धनु राशि (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फ, ढ, भे)
- सिंह राशि (मा, मी, मू, में, मो, टा, टी, टू, टे)
- कन्या राशि (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
- मकर राशि (भो, ज, जा, जी, जे, जो, खा, खी, खु, खे, खो, गा, गी, ज्ञ)
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घर बैठे ऑनलाइन जन्म कुंडली कैसे देखें?
आज का समय इंटरनेट का है। आज हर चीज आपको ऑनलाइन मिल जाती है। जहां अधिकतर काम आप ऑनलाइन कर सकते हैं, वहीँ ऑनलाइन अपनी जन्म कुंडली को देख भी सकते है। बहुत से लोग अपने जन्म कुंडली को देखना चाहते हैं परंतु उनके पास ज्यादा समय नहीं होता इसके अतिरिक्त ज्योतिषी को दान भी बहुत करने पड़ते हैं।
ऐसे में जब घर बैठे ऑनलाइन जन्म कुंडली देखने की सुविधा है तो फिर किसी ज्योतिषी के पास जाने की क्या जरूरत है। बहुत से लोगों को ऑनलाइन जन्म कुंडली देखने का तरीका झूठ लगता है, उन्हें लगता है कि शायद ऑनलाइन बनाई जाने वाली जन्मकुंडली फेक होती होगी।
लेकिन बता दें कि यह बिल्कुल गलत है। आप ऑनलाइन जो देखते हैं, वह ज्योतिषी के द्वारा ही बनाया गया होता है। ऑनलाइन आप अपनी जन्म कुंडली देखने के साथ ही आप जन्म कुंडली बनवा भी सकते हैं। आपके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ही ज्योतिषी आपके जन्म कुंडली को बनाता है।
इसीलिए आप ऑनलाइन जन्म कुंडली पर भरोसा कर सकते हैं। तो आइए अब जानते हैं कि किस तरीके से आप ऑनलाइन अपनी जन्म कुंडली को देख सकते हैं।
- सबसे पहले अपने क्रोम ब्राउज़र में freekundli.com वेबसाइट सर्च करें और इसे खोलें।
- इस वेबसाइट को खोलने के बाद तुरंत आपके स्क्रीन पर एक फॉर्म फुल कर आ जाता है, जहां पर आपको अपना नाम, जन्म तिथि, जन्म समय जैसी जानकारी पूछी जाएगी।
- अपने बारे में सभी जानकारी सही-सही भरने के बाद आप सबमिट बटन पर क्लिक करें।
- जानकारी सम्मिट होते ही आपकी जन्मकुंडली खुलकर आ जाएगी, जिसे आप डाउनलोड कर सकते हैं और उसका प्रिंट आउट भी निकाल सकते।
मोबाइल से जन्म कुंडली कैसे देखें?
अपने मोबाइल से जन्म कुंडली देखने के लिए आप एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इसके लिए सबसे पहले तो आप अपने प्ले स्टोर पर जाएं, जहां पर आपको जन्म कुंडली दिखाने वाली कई सारी ऐप मिल जाएगी। आपको वहां पर बस एस्ट्रोलॉजर ऐप सर्च करके उसे डाउनलोड करना है।
- ऐप डाउनलोड होते हैं, उसे ओपन करें जहां पर आपको लॉग इन करना होगा।
- उसके बाद आपके सामने होम पेज खोलकर आ जाएगा।
- होम पेज पर कई सारे विकल्प दिखाई देंगे, जिनमें से आपको जन्मकुंडली वाली विकल्प पर क्लिक करना है।
- इसके बाद आपके सामने एक फॉर्म फुल कर आएगा, जहां पर आपको पूछी गई सारी जानकारी भरनी है। उसके बाद उसके नीचे आपको कुंडली दिखाइए विकल्प दिखाई देता है, इस पर क्लिक करना है।
- इसके बाद आपके स्क्रीन के सामने आपके जन्म कुंडली खुलकर आ जाएगी, जिसे आप डाउनलोड करके अपने फोन में रख सकते हैं।
FAQ
जन्म कुंडली में कुल 9 प्रकार के ग्रह होते हैं, जो इस प्रकार हैं: सूर्य ग्रह,चन्द्र ग्रह मंगल ग्रह, बुध ग्रह, बृहस्पति ग्रह, शुक्र ग्रह, शनि ग्रह, राहू ग्रह, केतु ग्रह।
कुंडली में कुल 12 प्रकार के भाव होते हैं जो व्यक्ति के जीवन के अलग-अलग स्थितियों को दर्शाता है।
नहीं ऑनलाइन जन्मकुंडली देखने का कोई पैसा नहीं लगता यह बिल्कुल मुफ्त होता है।
निष्कर्ष
जन्मकुंडली को हर कोई बच्चे के जन्म के समय बनाकर उसे अच्छे से रखता है। क्योंकि जन्म कुंडली के जरिए भविष्य में होने वाली कई प्रकार के विपत्तियों के निवारण के लिए उपाय ढूंढ सकते हैं। जब किसी भी प्रकार के समस्याओं से आप उलझे होते हैं और किसी ज्योतिषी के पास जाते हैं तो वह आपके जन्म कुंडली को देख कर ही आपके जीवन की बाधाओं का पता लगाते हैं और उसी के अनुसार उसके निवारण का उपाय बताते हैं।
यदि आप भी अपने जन्म कुंडली को जानने के लिए उत्सुक है तो इस लेख के जरिया बहुत आसानी से अपनी जन्म कुंडली को देख सकते हैं। हमें उम्मीद है कि आज का यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अन्य लोगों में जरूर शेयर करें। यदि लेख से संबंधित कोई भी प्रसन्न हो तो आप कमेंट में लिख कर पूछ सकते हैं।
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