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गुड़ बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें?

Jaggery Manufacturing Business in Hindi: हमारे देश भारत में गुड़ का उपयोग बहुत ज्यादा हो रहा है। दूसरी तरफ उत्पादन भी गुड़ का बहुत अधिक है। देशभर में लाखों लोग गर्म गुड खाने का भी शौक रखते हैं। गुड का बिजनेस शुरू करना बहुत ही आसान है और कम लागत के साथ व्यक्ति इस बिजनेस को शुरू कर सकता है।

गुड़ के बिजनेस को शुरू करने के पश्चात आप अच्छी कमाई कमा सकते हैं क्योंकि गुड़ की खपत देशभर में बहुत अधिक है। गुड़ बनाने के लिए हमें गन्ने की जरूरत बहुत ज्यादा मात्रा में पड़ती है। क्योंकि पूरा व्यवसाय ही इसी पर निर्भर करता है कि हमारे पास कच्चा माल कितनी मात्रा में उपलब्ध है और इस कार्य में कच्चा माल सिर्फ गन्ना ही है। गन्ने के रस से ही गुड बहुत आसानी से बनाया जा सकता है। आज इस पोस्ट में हम गुड के व्यापार के बारे में जानकारी लेंगे।

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Image : Jaggery Manufacturing Business in Hindi

गुड़ बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? (Jaggery Manufacturing Business in Hindi)

गुड़ बनाने की बनाने के बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको कई प्रकार के विशेष उपकरण की आवश्यकता होती है जैसे चरखा, गन्ने रस को गर्म करने के लिए भटिया इत्यादि। इन सबका का इंतजाम आपको इस बिजनेस को शुरू करने से पहले करना होगा। साथ ही साथ आपको इंजन या मोटर की भी जरूरत पड़ती हैं।

इसके अलावा विद्युत लाइट की भी आवश्यकता पड़ती है। साथ ही साथ विद्युत लाइट जाने पर आपको जनरेटर की सुविधा भी रखनी होगी। ताकि आप की मशीनें बिना बिजली के भी काम कर सके। गन्ने का रस निकालने के पश्चात बड़ी बड़ी टंकीयों में आपको इससे संग्रहित कर के रखना होगा।

इस बिजनेस को शुरू करने से पहले आपको मार्केट रिसर्च करके सभी प्रकार के उपकरण और काम आने योग्य जगह का चयन करना है, उसी के पश्चात इस बिजनेस को आगे शुरू करना है।

गुड़ के प्रकार

यदि हम गुड के प्रकार की बात करें तो गुड अलग-अलग विधियो के माध्यम से अलग-अलग प्रकार से बनाया जाता है। गुड़ के बिजनेस के निर्माण के चरण अलग अलग है और उसी के आधार पर गुड को अलग-अलग भागों में बांटा गया है, जिस की जानकारी नीचे निम्नलिखित रुप से दी गई है:

कच्चे माल के आधार पर

  • गन्ने का गुड़
  • खजूर का गुड़
  • ताड़ का गुड़
  • जैविक गुड़ आदि

रंग के आधार पर

  • गीला या पतला या तरल गुड़
  • काला गुड़
  • सफ़ेद गुड़
  • रवेदार गुड़ आदि

सभी प्रकार के गुण की अलग-अलग खासियत होती है और उन्हें खासियत की वजह से बाजार में इन सभी गुण को अलग-अलग नाम से पहचाना जाता है और खरीदने वाला अपने जरूरत के हिसाब से अलग-अलग प्रकार का गुण खरीदना है।

गुड़ बनाने का बिजनेस के लिए मार्केट रिसर्च

हर बिजनेस को शुरू करने से पहले आपको मार्केट रिसर्च निश्चित रूप से करना अनिवार्य है। मार्केट रिसर्च करते समय कई बातों को ध्यान में रखना होता है। जैसे कि सही जगह का चयन, सही उपकरण का चयन इत्यादि। जब आप गुड बनाने की विधि को लेकर मार्केट रिसर्च कर रहे हैं तो आपको ज्यादा डिमांड वाले एरिया का भी चयन करना होगा।

हालांकि हर इलाके में गुड बनाने का बिजनेस उपलब्ध है। लेकिन आपको शहर से थोड़ा नजदीक अपने स्थान का चयन करना होगा। ताकि कच्चे पदार्थों को आसानी से शहर से लाया जा सके और बने हुए गुड को पुनः शहर में आसानी से बचा जा सके। शहर के नजदीक इलाकों में इस विद्युत को शुरू करने से आपको ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा बच जाएगा।

गुड़ बनाने की विधि से संबंधित और भी आपको कई प्रकार के मार्केट रिसर्च करने अनिवार्य है। साथ ही साथ यदि आप अपनी ब्रांड बनाना चाहते हैं तो आपको और भी कई तरह से मार्केट रिसर्च की प्रक्रिया में भाग लेना होगा।

गुड़ बनाने का बिजनेस के लिए कच्चा माल

गुड बनाने के बिजनेस के बारे में यदि हम कच्चे माल और लागत की बात करें तो आपको सबसे पहले जमीन का चयन करना होगा, जहां पर आप गन्ना होगा सके और साथ ही साथ दो से तीन ट्रैक्टर की भी आपको जरूरत पड़ेगी। जिसके माध्यम से गन्ना उगाने से लेकर गन्ना काटने तक की प्रक्रिया में आपको मदद मिलेगी।

इसके दूसरी तरफ यदि आप गन्ना उगाने की बजाय बाजार से गन्ना खरीदना चाहते हैं तो आप इस ऑप्शन का भी चयन करके गन्ने को डायरेक्ट खरीद कर आगे की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चला सकते हैं।

गुड बनाने की प्रक्रिया एक मौसम आधारित प्रक्रिया है। जिस का संचालन सर्दी के समय में किया जाता है। गर्मियों में गुड़ बनाने की प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं चल सकती। क्योंकि गर्मी होने की वजह से गुड की क्वालिटी खराब हो जाती है। सर्दियों में गुड़ बनाया जाता है, जिसे साल भर तक चलाया जाता है और अगले साल सर्दियों में गुड़ बनाने की प्रक्रिया को चलाया जाता है।

गुड़ बनाने का बिजनेस के लिए मशीन व उपकरण

वैसे तो गुड़ बनाने के लिए कई प्रकार की मशीन मिलती है, जिनकी कीमत करीब 10,000 से लेकर 1 लाख रुपये तक होती है। परंतु कई गावों में देखा जाता है कि बेल की सहायता से भी गन्ने का रस निकाला जाता है। जिसमें न ही ईंधन की जरूरत होती है और न ही बिजली की लेकिन इसमें हम ज्यादा मात्रा में गुड इकट्टा नहीं कर सकते हैं।

गुड़ बनाने या अन्य प्रक्रिया में इस्तेमाल में आने वाली इन मशीनों को आप सीधा इनके डीलर्स से खरीद सकते हैं। जिनकी जानकारी आपको इंडियामार्ट या जस्ट डायल आदि जैसे वेबसाइट्स पर मिल सकती हैं। इन एजेंसियों को सम्पर्क करके आप इन्हें सिर्फ कुछ कमीशन का भुगतान करके सीधा इन मशीनों के क्रेता से मिल सकते हैं।

गुड़ बनाने की विधि

सबसे पहले हम मशीन की सहायता से गन्ने का रस निकाल कर बड़ी टंकी मे इकठ्ठा करेंगे। उसके बाद हम सारे रस को बड़े पतेले मे डालेंगे। फिर उसले बाद हमें भट्टी को गर्म करने के बाद उसी गर्म भट्टी में उस रस को डालेंगे। उस समय हमें ये ध्यान में रखना होता है कि आग को बराबर लगाते रहेंगे ताकि रस जल्दी से गर्म होने कि वजह से गाड़ा पड़ जाये।

फिर हम उस गरम रस को एक दुसरे पतेले मे डालेंगे और उसे तब तक एक लड़की कि मदद से हिलाएंगे जब तक पूरी तरह गुड बन कर तैयार ना हो जाएँ और फिर उसे बाहर निकाल कर थोड़ा ठंडा करेगे। उससे और किसी बड़े पात्र मे डाल कर रख देंगे। अब हमारा गुड बन कर तैयार हो जाएगा।

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गुड़ बनाने का बिजनेस के लिए स्थान का प्रबंध

जैसा कि हम जानते है कि कोई भी व्यापार करने के लिए अच्छी जगह का होना जरूरी है, जो मार्किट से ज्यादा दूर ना हो और हो सके तो मार्किट में ही हमारे पास कोई बड़ा स्थान हो।

ताकि गन्ने को भारी मात्रा में लाकर रखें के लिए भी हमारे पास जगह बची रहे और गुड़ का व्यवसाय भी वहीँ पर कर सके तथा रस निकलने की मशीन और बड़े-बड़े बर्तन भी रखने होते है। इसलिए गुड़ के व्यापारी के पास अच्छा व सही स्थान होना बेहद जरूरी है।

गुड़ बनाने का बिजनेस के लिए लाइसेंस व पंजीकरण

आप लोग देख ही सकते हो कि मार्किट में सभी ब्रांड के समान मिलते है। जैसे कि सिर्फ एक गरम मसाला भी पांच अलग-अलग ब्रांड में मिल जाता है पर इसके लिए सरकार से परमिशन लेनी होती है और हमारी कंपनी हमें रजिस्टर करवानी होती है, जिससे हमें हमारी कंपनी का ब्रांड मिलता है।

इसी तरह गुड़ के लिए भी अपने ब्रांड के नाम से मार्किट में बेचने के लिए सबसे पहले खाद्य विभाग में लाइसेंस के लिए अप्लाई करना पड़ता है और कुछ दिनों में विभागीय प्रक्रिया पूरी होने पर आपका लाइसेंस जारी हो जाता है। उसके बाद आपके खुद के घर पर बनायें हुए गुड़ को भी अपने ही ब्रांड के नाम से बेच सकते है।

गुड़ बनाने का बिजनेस के लिए स्टाफ

गुड़ निर्माण के व्यवसाय में मुख्य रूप से गुड़ को सही ढंग से बनाने के लिए हमें एक दक्ष कर्मचारी की आवश्यकता पड़ती है तथा बाकि कार्य पूँजी कम होने पर हम स्वयं तथा परिवार के सदस्यों की मदद से कर सकते हैं।

परन्तु अगर आप परिवार की मदद न लेकर के आप कर्मचारी नियुक्त करने का सामर्थ्य रखते हैं तो आप अपनी आवश्यकता अनुसार 3-7 कर्मचारी नियुक्त करके ही यह यह सम्पन्न कर सकते हैं। इसमें गुड़ का निर्माण कार्य, पैकेजिंग कार्य, डिस्ट्रीब्यूशन, मार्केटिंग, एडमिनिस्ट्रेशन, विविध प्रबंधन आदि सभी कार्य शामिल हैं।

गुड़ बनाने का बिजनेस के लिए पैकेजिंग

आप लोगों ने देखा होगा कि मार्किट में खुला गुड़ भी मिलता है। परंतु वो जो चीज़ किसी ब्रांड के साथ पैकिंग की हुई मिलती हो, लोग उस चीज़ को ज्यादा खरीदते हैं। क्योंकि हर व्यक्ति चाहता है कि उसे हर चीज़ साफ़ और अच्छी क्वालिटी कि मिले। इसलिए गुड़ को अच्छी पैकिंग करना जरूरी है लोग उसे अधिक मात्रा में खरीदें।

गुड़ बनाने का बिजनेस के लिए कुल लागत व निवेश

हम आपको बता दे कि कोई भी व्यापार शरू करने के लिए लागत लगती है। कुछ लोग इस लागत की भरपाई कर लेते है परंतु कुछ लोग इस लागत की भरपाई नहीं कर पाते तो उनके सपने अधूरे रह जाते है कि मैं कोई व्यापार शरू करूँ परंतु मेरे पास किसी भी प्रकार कि जमा पूंजी नहीं है तो हम आपको बता दे कि कोई भी व्यापार शरू करने के लिए बैंको ने ऋण की सुविधा उपलब्ध करा दी है।

उद्योग विभाग के द्वारा भी ऋण उपलब्ध कराया जाता है ताकि कोई भी व्यक्ति अपने व्यापार को आसानी से शरू कर सके या उसे आगे बढ़ा सके। आम व्यक्ति को इसके कुछ नियम की पालना करते हुए कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं। उसके बाद क्या व्यापार शरू करना है उसकी जानकारी और कितना ऋण लेना है वह सब रिकॉर्ड जमा करवाना होता है।

फिर बैंक के कुछ कर्मचारी वो स्थान देखने आएंगे तथा देखेंगे कि आप व्यापार शरू करने के लिए सही व्यक्ति है या नहीं और उस स्थान को देखते हुए आपके व्यापार में लगने वाली लागत की कीमत पर आपको ऋण देते है।

बस इसी तरह की कुछ छोटी कारवाही के बाद आपको ऋण मिल जाता है। फिर आप आसानी से अपने व्यापार को शरू कर सकते है। तो आप गुड़ के व्यापार के लिए भी इसी प्रक्रिया का इस्तमाल कर सकते हैं, अगर आपको भी ऋण कि जरुरत हो तो।

गुड़ बनाने का बिजनेस में मुनाफ़ा

गुड से हम अगर अच्छा व्यापार करना चाहते है तो इसकी वजह हमारी आमदनी होती है क्योकिं कोई भी व्यक्ति व्यापार में तभी पैसा लगाता है जब वो उससे कुछ कमाई करना चाहता हो। आमदनी करने के अलग-अलग तरीके हैं जैसे आज कल तो व्यापार के लिए हम शहर में जाकर अलग-अलग बड़ी दुकान पर जाकर उसको बेच कर व्यापार कर सकते है ओर बड़े शहर में तो ओर भी अच्छी कमाई होती है।

जैसा आप जानते है कि आज कल गुड़ से हम शक्कर भी बना सकते है। आज कल गुड़ हर जगह आता है जैसे कि घर के खाने में मीठा बनाने के लिए काम में लिया जाता है और मिठाई कि दुकानों पर तो गुड़ वाली मिठाईयां लोग ज्यादा खरीदना पसंद करते हैं।

आप अपने इस व्यवसाय की आमदनी से गावों में किसानों के लिए जो खुद मेहनत करके खेती से कमाई करते है, उनसे वाजिब दाम में गन्ने खरीद कर जिससे उनको भी अच्छा पैसा मिल सकता है और आपको शहर के मुकाबले में कम कीमत पर सामान मिल सकता है।

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गुड़ बनाने का बिजनेस के लिए मार्केटिंग

आम तौर पर आप लोग देखते होंगे कि बाजार में जो व्यापारी लोग अपना सामान बेचने आते है, वो लोग बात करने में माहिर होते है। वो लोग बातों ही बातों में लोगो का दिल जीत लेते है और आसानी से अपना सामान बेचने में कामयाब भी हो जाते है। कुछ लोग ऐसे भी होते है, जिनका व्यवहार कुछ ठीक नहीं रहता, जिनका बोलने का तरीका ही कुछ तेज मिजाज का होता है।

ऐसे में उन लोगों से ज्यादा ग्राहक सामान लेना पसंद नहीं करते, इसलिए कोई भी अपने व्यापार की मार्केटिंग करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपका व्यवहार खुश मिजाज रहना जरूरी है ताकि आपके व्यवसाय में बढ़ोतरी हो और ज्यादा से जायदा लोग आपसे जुड़े रहें।

गुड़ बनाने का बिजनेस में रिस्क

सामान्यतः गुड़ के व्यवसाय में कोई विशेष रिस्क का सामना नहीं करना पड़ता है क्योंकि गुड़ कि कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती या यूं कहें कि गुड़ ख़राब नहीं होता। गुड़ जितना पुराना होता है, उतना ही पोष्टिक होता है। परन्तु फिर भी यदि किसी कारण गुड़ खाने योग्य नहीं भी रहता है तो भी यह बहुत काम आता है, कृषि के क्षेत्र में ऐसे गुड़ का बहुत महत्व होता है। जानवरों के भोजन में प्रयुक्त करने में, जैविक खाद बनाने में, गोबर गैस निर्माण में।

परन्तु फिर भी प्रत्येक व्यवसाय की तरह गुड़ के व्यवसाय को करते समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि कम से कम नुक्सान का वहन करना पड़े। जैसे: तैयार गुड़ को पानी से या नमी से बचाएं, निर्माण कार्य किसी दक्ष कर्मचारी से ही करवाएं, गुड़ व्यवसाय व निर्माण कार्य शुरू करने से पहले अच्छी तरह रीसर्च कर लें आदि।

उपरोक्त के आलावा कई जगहों पर आपने देखा होगा कि कोई भी खाने पीने कि चीज़ बनाते वक्त ये ध्यान नहीं रखा जाता है कि वो साफ सफाई से बन रहा है या नहीं और आज के समय में साफ-सफाई का ध्यान बुल्कुल नहीं रखा जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। इसलिए व्यापार के साथ-साथ इस बात का ध्यान रखना भी आवश्यक है कि आप अपने व्यापार स्थल पर साफ़ सफाई रखें।

FAQ

कम से कम इन्वेस्टमेंट में गुड़ बनाने का व्यापार कैसे करें?

आप शुरुआत में अपना छोटा व्यवसाय शरू करें, जिसके लिए आपको सस्ते दाम पर गन्ने मिल जायेंगे। आप उनका रस अपने घर पर ही निकाल कर किसी छोटी भट्टी कि सहायता से भी गुड़ बना सकते हैं, जिसमे आपका खर्चा कम से कम होगा।

क्या गन्ने कि खेती करने के लिए भी हमे लाइसेंस कि जरुरत पड़ेगी?

नहीं, आपको गन्ने कि खेती के लिए किसी भी प्रकार के लाइसेंस कि जरुरत नहीं होती है।

गन्ने के रस के साथ और क्या मिलाया जाता है, जिससे गुड अच्छा बने?

अगर अच्छा गुड़ चाहते हैं तो आपको उसमे कुछ भी मिलाने कि जरुरत नहीं है, क्योकि मिलावटी चीज़े स्वस्थ के लिए हानिकारक होती हैं।

क्या हम घर पर गुड़ बना कर बड़ी कंपनी को हमारा गुड बेंच सकते हैं?

जी जरुर बेंच सकते है। लेकिन कंपनी वाले आपके गुड़ अच्छी जाँच करके उसकी क्वालिटी के अनुसार ही आपको पैसे देगी।

अगर हम अपने के व्यवसाय को भी पंजीकृत नहीं करते तो क्या बाज़ार में हम अपना गुड नही बेंच सकते?

जी, आप बिना पंजीकरण भी गुड़ का व्यापार कर सकते है लेकिन आपको हमेशा खुला गुड़ ही बेचना पड़ेगा और उसकी कीमत पेकिंग वाले गुड़ से कम होगी।

निष्कर्ष

तो इस प्रकार हमने देखा कि गुड़ का व्यापार सदैव एक मुनाफे का ही व्यवसाय है। क्योंकि इसमें मशीन कम से कम तथा विशेष दक्षता वाले अधिक स्टाफ कि ज़रुरत भी नहीं पड़ती तथा गुड़ की हर किस्म तथा हर अवस्था का चाहे वो खाने योग्य भी ना रहे, का बाज़ार में एक अलग ही मूल्य व उपयोगिता है। अतः गुड़ का व्यवसाय एक आदर्श व्यवसाय की तरह कम लगत पर अधिक व सतत मुनाफा देने वाला एक व्यवसाय है।

हमने यहाँ पर गुड़ बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? (Jaggery Manufacturing Business in Hindi) के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उम्मीद करते हैं आपको यह लेख अवश्य पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें।

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Rahul Singh Tanwar
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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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