आईएस भारत का एक ऑफिसर लेवल का सरकारी पद हैं, जिसके लिए साल भर बच्चे मेहनत करते हैं। भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक आईएएस की परीक्षा मानी जाती हैं, जिसमें लाखों बच्चों में से केवल सैकड़ों बच्चों का ही चयन हो पाता है।
लगभग भारत में हर एक बच्चे का सपना होता है कि वह भी आईएस बने। आखिर आईएएस का फुल फॉर्म क्या होता है (IAS Full Form in Hindi) और आईएस के क्या कार्य होते हैं, आईएएस कैसे बन सकते हैं?
यदि इन तमाम तरह के प्रश्न आपके मन में भी है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। क्योंकि इस लेख में हमने से आईएएस से संबंधित सारी जानकारी दी है।
आईएएस का फुल फॉर्म क्या है? (IAS Full Form in Hindi)
आईएस का फुल फॉर्म Indian Administrative Service होता है। वहीं हिंदी में आईएस का फुल फॉर्म भारतीय प्रशासनिक सेवा होता है।
आईपीएस ऑफिसर क्या होता है?
आईएस भारत में सबसे ऊंची और जिम्मेदारी पदों में से एक है। सिविल सर्विस के अंदर आईएस का पोस्ट सबसे ऊंचा होता है। इसीलिए आईएस पद के लिए सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले बच्चों में काफी ज्यादा हौड़ रहती हैं।
एक आईएएस अधिकारी जिले में प्रशासनिक लेवल का कार्य करते हैं, उन्हें जिला का कलेक्टर भी कहा जाता है। जिसे अंग्रेजी में हम डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कहते हैं, जिसका शार्ट टर्म्स DM होता है।
एक आईएएस अधिकारी के अंतर्गत पूरा जिला होता है और जिले में जितने भी तरह के सरकारी कार्य होते हैं, उनका पूरा नियंत्रण एक आईएएस अधिकारी ही करता है।
एक आईएएस अधिकारी में इतनी शक्ति होती है कि उन्हें कोई भी सस्पेंड नहीं कर सकता सिवाय राष्ट्रपति के। क्योंकि राष्ट्रपति ही इन्हें नियुक्त करते हैं।
आईएएस अधिकारी के कार्य
आईएएस अधिकारी का पद बहुत ही जिम्मेदारी वाला पद होता है। यह पद जितना सम्मानीय है, उतना ही उन्हें कार्य भी करने पड़ते हैं।
- आईएएस अधिकारी भारतीय संघ के कार्यकारी विभाग में सबसे महत्वपूर्ण पदों में से एक है, जो जिला प्रशासन से लेकर राज्य सचिवालय या केंद्र सचिवालय में भी कार्य करते हैं।
- एक आईएएस अधिकारी सरकार के दैनिक मामलों को संभालने का कार्य करते हैं। वह सरकार के द्वारा लागू किए गए योजनाओं को जिलों में सुव्यवस्थित ढंग से लागू करते हैं।
- एक आईएएस अधिकारी जिले में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक कर्तव्यों को बनाए रखते हैं।
- सार्वजनिक निधियों को संभालने व राजस्व वगैरे की निगरानी की जिम्मेदारी भी एक आईएएस अधिकारी पर होती हैं।
- जिले में नागरिकों के बीच नीति निर्माण और कार्यान्वयन में एक प्रमुख भूमिका आईएएस अधिकारी निभाते हैं।
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आईएएस बनने के लिए पात्रता
आईएएस बनने के लिए आयोजित सिविल सर्विस परीक्षा के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को निर्धारित किया गया है:
- उम्मीदवार का भारत का नागरिक होना चाहिए।
- उम्मीदवार का भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन पास होना चाहिए।
- आईएएस बनने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 32 वर्ष होनी चाहिए।
आईएएस अधिकारी कैसे बने?
भारत में एक आईएएस अधिकारी बनने के लिए सिविल सर्विस की परीक्षा देनी पड़ती है। सिविल सर्विस की परीक्षा भारत के यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के द्वारा हर साल आयोजित की जाती हैं।
हर साल लगभग फरवरी के महीने में यूपीएससी सिविल सर्विस की वैकेंसी निकलती है। हालांकि यूपीएससी सिविल सर्विस में एक आईएस के अतिरिक्त आईपीएस, आईएएस, आईएएस जैसे भी कई महत्वपूर्ण पदों की वैकेंसी के लिए परीक्षा ली जाती है।
रैंक के अनुसार उम्मीदवार को उन्हें पद दिए जाते हैं। सिविल सर्विस परीक्षा में सबसे उच्चतम रैंक एक आईएएस का ही होता। आईएएस बनने के लिए सिविल सर्विस परीक्षा में 3 चरणों से गुजरना पड़ता है।
पहले चरण में उम्मीदवारों का कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम होता है। इसमें पास होने वाले उम्मीदवार को मुख्य परीक्षा से गुजरने पड़ती है, जो लिखित होता है और अंत में उम्मीदवारों का लगभग 1 घंटे का इंटरव्यू भी होता है।
इस तरह तीनों ही चरणों से गुजरने के बाद अंत में फाइनल मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है और मेरिट लिस्ट में जिस भी उम्मीदवार का नाम होता है, उन्हें नियुक्त किया जाता है। उसके बाद उन्हें शिमला में स्थित LBSNAA में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है।
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आईएएस परीक्षा के प्रयासों की लिमिट
आईएएस परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे उम्मीदवार निर्धारित बार ही परीक्षा दे सकते हैं। उम्मीदवारों के प्रयासों की संख्या अलग-अलग कैटेगरी के उम्मीदवारों के अनुसार अलग-अलग है।
एक जनरल कैटेगरी वाले उम्मीदवार 6 बार आईएएस की परीक्षा दे सकता है। वहीं ओबीसी कैटेगरी में आने वाले उम्मीदवार 9 बार परीक्षा दे सकते हैं और एससी, एसटी वाले उम्मीदवार के लिए कोई भी लिमिट नहीं है।
आईएएस अधिकारी का वेतन
आईएएस अधिकारी का वेतन काफी ज्यादा होता है। शुरुआत में वे एक एसडीएम के रूप में नियुक्त होते हैं। बाद में उनका प्रमोशन होने के बाद अपर जिला अधिकारी बनते हैं और फिर डीएम बनते हैं।
इस तरह प्रमोशन होते हुए अंत में उन्हें भारत के कैबिनेट सचिव के रूप में भी काम करने का मौका मिलता है। इस तरह जैसे उनका रैंक बढ़ते जाता है, इनके वेतन में भी इंक्रीमेंट होता है।
भारत में एक आईएएस अधिकारियों को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के आधार पर वेतन दिया जाता है। इनका वेतन न्यूनतम 56000 से शुरू होता है और अधिकतम 225000 मिलती है।
हालांकि वेतन के अतिरिक्त इन्हें महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता, आवास किराया भत्ता, गाड़ी और अन्य कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं।
FAQ
आईएएस और आईपीएस दोनों ही भारत सरकार के अंतर्गत ऊंचे और सम्मानीय पद हैं। IAS का full form Indian administrative service होता है। वहीं IPS का full form Indian police service होता है। दोनों की ही परीक्षा यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन लेती है।
इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस का जॉब पाने के लिए UPSC CSE की परीक्षा देनी पड़ती है।
आईएएस की परीक्षा के लिए ग्रेजुएशन होना जरूरी है। लेकिन जो उम्मीदवार ग्रेजुएशन के अंतिम साल में है, वह भी इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
एक आईएएस अधिकारी बनने के लिए बीए, बीकॉम, बी.टेक किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन पास कर सकते हैं।
आईएएस की परीक्षा के लिए अलग-अलग कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग आयु सीमा निर्धारित की गई है। जनरल केटेगरी वाले उम्मीदवारों के लिए अधिकतम 32 वर्ष वहीं ओबीसी कैटिगरी वाले उम्मीदवारों के लिए 35 वर्ष और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वाले उम्मीदवारों के लिए अधिकतम 37 वर्ष निर्धारित की गई है।
निष्कर्ष
इस तरह उपरोक्त लेख में आपने भारत में केंद्र सरकार के अंतर्गत एक सम्मानिय पद आईएएस का फुल फॉर्म (IAS Full Form in Hindi) और आईएस से संबंधित अन्य जानकारी प्राप्त की।
हमें उम्मीद है कि इस लेख के जरिए आपको आईएएस से संबंधित सभी प्रश्नों का जवाब मिल गया होगा। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें।
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