CAB Ka Full Form: अंग्रेजी में कई ऐसे वर्ड है, जिनकी स्पेशल फुल फॉर्म होती है। हाल ही में भारत में CAB बिल को लेकर काफी चर्चा रही है और आज का हमारा आर्टिकल जिसमें हम CAB Full Form In Hindi की बात करने वाले हैं। CAB का फुल फॉर्म क्या होता है? इसके बारे में जानकारी इस आर्टिकल में आपको देखने को मिलेगी।

CAB का फुल फॉर्म (CAB ka Full Form in Hindi)
भारत में जो नागरिकता बिल पास हुआ है, उसका नाम CAB है। भारत में पास हुए इस बिल को लेकर काफी चर्चा बनी रही है। अब हम CAB के फुल फॉर्म की बात करें तो इस CAB की फुल फॉर्म नीचे दी गई है।
CAB full form
- C – Citizenship
- A – Amendment
- B – Bill
CAB ka full form – Citizenship Amendment Bill
हिंदी में CAB की फुल फॉर्म की बात की जाए तो हिंदी फुल फॉर्म कुछ इस प्रकार से हैं।
CAB Full Form In Hindi- नागरिकता संशोधन विधेयक
CAB क्या है?
भारत सरकार द्वारा यह बिल लागू किया गया है। इस बिल में सिर्फ मुस्लिम धर्म को छोड़कर सभी धर्म के अल्पसंख्यक व्यक्तियों को भारत में नागरिकता प्रदान करवाई जाएगी। यह बिल जो नागरिकता अधिनियम 1955 को संशोधित करने के बाद पारित किया गया है।
इस नागरिकता संशोधन विधेयक के जरिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और इसाई अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी और उन लोगों के लिए भारत में आने का रास्ता खुल सकता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह बिल भारत के 3 पड़ोसी मुस्लिम देश में रहने वाले अल्पसंख्यक भारतीय को भारत की नागरिकता देकर उन्हें भारत में रहने का न्योता दे रहा है।
नागरिकता संशोधन नियम 1955 के तहत देखा जाए तो इस नियम के अनुसार लोगों को नागरिकता पाने के लिए आवेदन करने की जरूरत है और 12 महीनों से भारत में रह रहे लोगों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी। लेकिन उसके लिए एक जरूरी बात यह कि गई है कि उस व्यक्ति की पुरानी हिस्ट्री में 14 साल में से 11 साल भारत में निकाले हुए होने चाहिए।
दूसरी तरफ जो यह 11 साल का कानून था, उसे अब घटाकर 6 साल कर दिया है। मतलब यह है कि 14 में से 6 साल यदि कोई नागरिक भारत में रह चुका है और वर्तमान समय में अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश में रह रहा है तो उस व्यक्ति को भारत की नागरिकता मिल सकते हैं।
CAB से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
यह बिल जो मुख्य रूप से बांग्लादेश पाकिस्तान और अफगानिस्तान समेत कई अन्य देश जहां से भारत आने वाले गैर मुस्लिम यानी एक हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करवाने के लिए लागू किया गया है।
अब यदि नागरिकता संशोधन बिल की बात की जाए तो यह बिल 11 दिसंबर 2019 को पारित किया गया। इस बिल को राज्यसभा में 21 वोटों की अधिकता के साथ पारित किया गया। यह बिल जिस पर राज्यसभा में लगभग 6 घंटे तक लगातार बहस हुई।
उसके पश्चात अमित शाह ने इस नागरिकता बिल से संबंधित संपूर्ण सवालों के जवाब पेश किए और उसी के पश्चात इस बिल को लंबी बहस के बाद पारित किया गया। इस बिल की मुख्य खास बात यह रही कि इस बिल में भारत में बिताने वाली अवधि 11 वर्ष को संशोधित करके 6 वर्ष कर दिया। ताकि अब जो व्यक्ति 6 वर्ष भारत में बिता चुका है, उस व्यक्ति को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
निष्कर्ष
आज का हमारा आर्टिकल जिसमें हमने आपको CAB बिल के बारे में संपूर्ण जानकारी पहुंचाई है। उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। यदि इससे संबंधित सवाल है तो वह हमें कमेंट के माध्यम से जरूर पूछें।
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