नमस्कार दोस्तों, हमने यहां पर सच्ची दोस्ती पर कहानी (Heart Touching Story in Hindi) की शेयर की हैं। इन friendship story in hindi में आपको जीवन में एक दोस्त की क्या कीमत होती है, बहुत अच्छे से पता चल पायेगा।
दोस्ती दिल का रिश्ता होता हैं, जो हमें कभी अकेला महसूस नहीं होने देता है और ये रिश्ता हमें एक अलग दुनिया में जीने की प्रेरणा देता है। दोस्ती दो या दो से अधिक लोगों के बीच में होने वाला ऐसा रिश्ता हैं, जो हमेशा ही दिल से निभाया जाता है।
हमें एक हँसते जीवन के लिए दोस्ती बहुत ही जरूर हैं। हम यहां पर आपको दोस्ती की कीमत एक व्यक्ति के जीवन में क्या होती है best friend story in hindi के माध्यम से बतायेंगे।
यहां पर हमने अलग-अलग heart touching friendship story in hindi शेयर की हैं। जो बहुत ही छोटी है, पर इनके पीछे सच्ची दोस्ती का महत्व छुपा है। आपको इसे पुरा जरूर पढ़ना चाहिए।
सच्ची दोस्ती पर बेहतरीन कहानियां – Heart Touching Story in Hindi
साथ के वो दिन (Sath ke Wo Din)
इतना बड़ा शहर और इस शहर के एक कोने में कॉलेज, इसी कॉलेज के रूम नं. 12 में वो सब। एक याद सी बन गये थे, जिनका वापस इस तरह से साथ दिखना शायद ही हो पाएं।
शुरूआत में सभी नये-नये और मासूम ही दिख रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे समय बितता सभी अपना असली रूप सामने लाने में पीछे नहीं हटे। इन्हीं नये और मासूमों में कुछ का मेरे से मिलन हुआ और “हमारा वो सफ़र” की शुरूआत हुई।
इसी सफर के चलते हमें कई और भी मिले। धीरे-धीरे सभी में अपनेपन का अहसास होने लगा। समय बिताता गया और वो दिन भी। पर उस समय ये कहां मालूम था कि ये सभी नए चेहरे इतने करीब आकर इस तरह बिछड़ जाएंगे कि वापस मिलना भी संभव न हो पायेगा।
सभी कॉलेज की दिनचर्या से Free होकर तनाव दूर करने के लिए कॉलेज की कैंटीन में मिलते और हम में से किसी एक का चयन केन्टीन के बिल देने के लिए होता।
सभी का यूं मिलना और उसी जगह पर Birthday Celebrate करना और किसी Event की Planning करना। इन सभी से हमारे बीच में एक नई डोर सी बन गई, जो सभी को एक साथ रहने के लिए मजबूर कर देती।
सुबह-सुबह एक साथ बैग लिए लैब के लिए निकलते और वहां से Classess के लिए कॉलेज टीचर सहपाठी ये सब एक नया परिवार सा बनता गया। कई बार तो सुबह की शुरुआत ही घनघोर सम्मान (बेइज्जती) के साथ होती, जब प्रेक्टिकल लैब में प्रवेश करते।
लैब में सभी के जेबो में बर्फ के टुकड़े डालना खैर जब एक दो साथी और इस सम्मान मे शरीक होते तो दिल को शुकून मिलता।
फिर वहीं लैब के बाद कॉलेज कैंटीन और चाय की टपरी पर मिलाना मानो हमारे Life का एक अहम हिस्सा बन गये थे। इस तरह धीरे-धीरे रोमांच से भरा कोलेज जीवन समाप्ति की तरफ आ रहा था।
इसी बीच कॉलेज में Fresher party, Farewell party और वो Radio Advertisement हमें मिलने और साथ समय बिताने के लिए एक अच्छा मौका दे जाते। इस जोश भरे समय मे कब अपनापन चरम पर पहुंचा? इसका एहसास तक नही हुआ।
अब समय फेयरवेल पार्टी देने की बजाय लेने में बदल गया। सभी ने इस जश्न की तैयारियां बहुत पहले से ही शुरू कर दी। इस कॉलेज के अंतिम जश्न में सभी का अच्छा प्रदर्शन रहा। अन्ततोगतवा सबको नम भरी आंखो से एक-दूसरे को Good Baye बोलने का समय आया।
उस समय सभी के खुश होने के साथ ही आंखें नम भी थी।
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दो मित्रों की सच्ची मित्रता (Best Friendship Story in Hindi)
एक अस्पताल के कमरे में दो जाने भर्ती थे। जिसमें एक नाम सुरेश और दूसरे का नाम किशन था। अस्पताल के उस कमरे में जिसमें ये दोनों भर्ती थे, उसमें सिर्फ एक ही खिड़की थी। जो किशन कि बिस्तर के पास थी। लेकिन किशन को सिर्फ 2 घंटे के लिए ही बाहर देखने दिया जाता था।
सुरेश को कोई गंभीर बीमारी होने के कारण उसको अपने बिस्तर से हटने की अनुमति नहीं थी। फिर कुछ दिनों में किशन और सुरेश की दोस्ती होती गई। धीरे-धीरे दोनों की Friendship इतनी गहरी हो गई कि वो दोनों अपने घर परिवार की बातें भी साथ करने लगे और अपने दिल की भी बातें एक दूसरे को बताने लगे।
जब भी किसी को कोई दुःख होता तो वह दूसरे के साथ शेयर जरूर करता था। इससे उनका दर्द कम हो जाता और ख़ुश हो जाते थे। किशन हमेशा उस खिड़की के पास बैठा-बैठा सुरेश को बाहर का नजारा बोल कर बताता था और सुरेश खुश हो जाता।
किशन हमेशा उसे बताता था कि आज बगीचे में लोग इतने घूम रहे हैं, मन्दिर में आज कोई आयोजन हो रहा है, पास के स्कूल में क्या हो रहा है और बाहर का मौसम कैसा हैं? इन सभी के बारे में किशन सुरेश को बताता था।
सुरेश अपने जीने की उम्मीद खोता जा रहा था। सुरेश ये सब सुन कर बहुत ही खुश हो जाता और अपनी बीमारी को वो धीरे-धीरे भूलने लगा। जब भी किशन उसे बाहर के नज़ारे के बारे में बताता तो वह हमेशा इतना खुश होता कि उसे लगता ही नहीं था कि वह सब सुन रहा है। उसे लगता कि वो ये सब नजारा देख रहा है।
किशन हमेशा ही सुरेश को सकारात्मक बातें ही बताता था। जिससे कि सुरेश पर अच्छा प्रभाव पड़े। नकारात्मक बातें नहीं बताता था, उससे सुरेश मायूस हो जाता था।
दोनों दोस्तों के बीच दोस्ती इतनी हो गई थी कि वो अपनी सभी बातें एक दूसरे को बताने लग गए थे। ये सिलसिला काफी दिनों तक चलता ही रहा। किशन सुरेश को बाहरी रंगीन दुनिया का नजारा बताता और सुरेश बहुत खुश होता।
एक दिन अचानक किशन की मौत हो जाती है। इसकी खबर जब सुरेश को पड़ती है तो वह बहुत दुःखी होता है और उसे याद करने लगा। जब नर्स किशन को वहां से हटा रही थी तो सुरेश ने उस नर्स से उस खिड़की वाले बिस्तर के लिए अनुरोध करता है। तो नर्स ने कहा कि तुम्हे ये बिस्तर क्यों चाहिए।
तो सुरेश ने कहा कि मैं यहां से बाहर का नजारा देखना चाहता हूं, जो मुझे किशन बताता था। लेकिन जब सुरेश उस खिड़की से देखता है तो वहां कुछ दिखाई ही नहीं देता था। क्योंकि वहां पर एक दीवार खड़ी की हुई थी।
वहां कोई मंदिर का आयोजन, पार्क में खेलते बच्चे और पास में कोई स्कूल था ही नहीं, जो कुछ किशन सुरेश को बताता था, वो कुछ वहां पर था ही नहीं।
किशन वो सब सुरेश को इसलिए बताता था क्योंकि सुरेश वो सब सुनकर अपनी बीमारी को भूल रहा था। वो सिर्फ सुरेश की हिम्मत बढ़ता था और उसकी मरने वाली उम्मीद को कम करता था। जिससे तुम जिन्दगी जीने का महत्व सिख सको।
कहानी से सीख
इस Heart Touching Story से हमें ये सीख लेनी चाहिए कि हमेशा ऐसा काम करना चाहिए, जिससे दूसरों को ख़ुशी मिले और जीने की नई उम्मीद जगे। कभी भी ऐसा अवसर नहीं छोड़ना चाहिए, जिससे दूसरों का भला हो।
सच्चा मित्र (Story on True Friendship in Hindi)
मैं आपको Just Friend और True Friend के बारे में Emotional Short Story in Hindi के माध्यम से बताने जा रहा हूं।
मैं होस्टल में मेरे दो और दोस्तों के साथ रहता था। हम एक कमरे में तीन जने रहते थे। एक दिन मैं बहुत बीमार हो गया और उस दिन मुझे कुछ भी अच्छा महसूस नहीं हो रहा था।
तो मैंने उस दिन अपनी क्लास में जाना cancel कर दिया और ये सोचा कि आज के दिन आराम करूंगा तो ठीक हो जाऊंगा। ये सोच के मैं उस दिन कमरे में ही आराम करने लगा।
फिर थोड़े समय बाद मेरा एक दोस्त आया। जो मेरे साथ मेरे रूम में रहता था। उसने मेरे से पूछा कि क्लास में क्यों नहीं गये? तो मैंने बता दिया कि बीमार हूं। तो उसने कहा कि आज के दिन आराम कर लो, ठीक हो जाओगे। इतना कहने के बाद वो अपनी क्लास के लिए निकल गया।
फिर उसके बाद दूसरा मेरा दोस्त आया और उसने पूछा कि क्या हुआ? तो मैंने कहा थोडा बुखार है, बस आराम कर रहा हूं, ठीक हो जायेगा। तो उसने मेरे माथे पर हाथ रखा और देखा कि मुझे तेज बुखार है। तो वह उसी समय दवाई की दुकान गया और मेरे लिए दवाई लेकर आया।
उसने मुझे खाना खिलाकर दवाई दी और आराम करने को कहा। मेरा बुखार दो दिन में ठीक हुआ तो मैंने उसका धन्यवाद दिया। तो उसने मेरे को कहा ”Anything For You” और एक सच्चे दोस्त को अपनी दोस्ती में ये ही करना चाहिए।
सच्चे दोस्त वो होते हैं, जो हमारे मुश्किल काम में हमारे काम आये। आप इसका हमेशा ध्यान रखे कि कौन अपना सच्चा दोस्त है और कौन आपसे सिर्फ दोस्ती ही रखना चाहता।
इसका पता तो आपको तब लगेगा जब आप किसी मुश्किल काम में फंस गये हो और आपको अपने दोस्त की जरूरत पड़ती हैं तभी जो सच्चे दोस्त होते हैं वो आगे आते।
यदि आपको सच्चा दोस्त मिले तो हमेशा उसके साथ रहे और आप भी उसके भी मुश्किल काम में काम आये। क्योंकि सच्चे दोस्त किस्मत वालों को ही मिलते हैं। इसलिए सच्चे दोस्तों की हमेशा कद्र करनी चाहिए।
बचपन की दोस्ती (True Friendship Story in Hindi)
रमेश और सुरेश बचपन से साथ में ही बड़े हुए। इन्होंने अपने सभी काम साथ में रहकर किये। साथ में ही स्कूल गये, एक क्लास में पढ़े, एक साथ ही कॉलेज जाते। इतना करते हुए उनकी पढाई पूरी हो गई और उनकी नौकरी करने का समय आ गया।
फिर दोनों ने आर्मी में जाने का निर्णय लिया और आर्मी के लिए आवेदन किया। दोनों का आर्मी में नम्बर लग गया और उनको ज्वाइन करने के लिए कहा गया। उन्होंने ज्वाइन किया तब भी उनको एक ही ग्रुप मिला और दोनों ने आर्मी की नौकरी करना शुरू हो गये।
एक बार वहां पर युद्ध का माहौल बन गया और युद्ध होना शुरू हो गया। रात का समय था चारों दिशाओं से गोलियों की बारिश हो रही थी। इस युद्ध में रमेश और सुरेश भी शामिल थे।
तभी काली रात में एक तरफ से जोर-जोर से आवाज आने लगी। रमेश कहां हो, मेरी मदद करो, मैं मुश्किल में हूं, मुझे मदद की जरूरत है? रमेश ने तुरंत ही सुरेश की आवाज को पहचान लिया और उसने रमेश की मदद करने की सोची। उसने अपने कैप्टन से सुरेश की मदद करने जाने के लिए इजाजत मांगी।
कैप्टन ने तुरंत मना कर दिया कि तुम वहां नहीं जाओगे। हमारी सेना के पहले ही काफी सैनिक मारे जा चुके हैं और मैं और सैनिकों को कम होने नहीं दूंगा। इतना सुनने के बाद रमेश शांत बैठ गया। फिर वहीं सुरेश की आवाजे सुनाई देती और रमेश अपने कैप्टन से इजाजत मांगता और इजाजत नहीं दी जाती।
फिर अंत में रमेश ने कैप्टन से कहा कि सुरेश मेरा बचपन का दोस्त है और हम दोनों साथ में खेले है और साथ में ही बड़े हुए है। आज उसको मेरी जरूरत है और मैं यहां पर शांति से बैठा हूं। मुझे जाने दो। मुझे उसके पास जाना है और उसे बचाना है।
कैप्टन ने इतना सुनने के बाद रमेश को सुरेश के पास जाने की इजाजत दे दी। फिर रमेश उन गोलियों की बारिश में अपनी जान की चिंता किये बिना ही सुरेश के पास पहुंच गया और फिर वहां से सुरेश को घसीट कर सुरक्षित स्थान पर ले आया।
वहां पर सभी सैनिक और कैप्टन मौजूद थे। जब वहां पर रमेश सुरेश को लेकर पहुंचा तो सुरेश की जान निकल चुकी थी। (Heart Touching Story)
फिर कैप्टन ने रमेश को जोर से चिल्लाते हुए कहा मैंने मना किया था ना कि वो मर चुका है। वहां पर जाकर अपनी जान जोखिम में मत डालो। तभी रमेश ने कहा जब मैं सुरेश के पास पहुंच तो वो जिन्दा था और मेरा ही इंतजार कर रहा था।
सुरेश ने मुझे ये भी कहा कि मुझे पूरा भरोसा और विश्वास था कि तुम जरूर मुझे बचाने आओगे और तुम आ गये।
इस Heart Touching Story को पढ़कर आपको ये तो महसूस हो ही गया होगा कि रिश्ते कितनी मुश्किल से बनते है और एक बार बन जाए तो उसे किसी भी हालत में निभाना चाहिए चाहे उसके लिए अपनी जान ही क्यों नहीं देनी पड़े।
पैसे से सबकुछ नहीं खरीद सकते (Emotional Motivational Story in Hindi)
एक बार की बात है। दो दोस्त थे। जिनमें एक का नाम था अनिल और दूसरे का नाम सुनील। दोनों ही बचपन से ही आपस में बहुत प्यार करते थे। उनका पूरा बचपन साथ में खेलते-खेलते बीता। दोनों की बचपन की बहुत यादें साथ में थी।
अनिल एक गरीब परिवार से था, जिसके कारण उसके घर में हमेशा पैसों की कमी रहती थी। इसलिए अनिल को पैसों का महत्व पता था। सुनील के पिता के पास बहुत पैसा था।
दोनों बड़े हो गये और दोनों ने पैसे कमाने के लिए अपना-अपना काम शुरू कर दिया। कहते हैं ना कि बचपन का समय बहुत ही अच्छा होता है और हर कोई इस समय को वापस लेना चाहता। इस समय को वापस से जीना चाहता है।
लेकिन जब बड़े हो जाते है तो ये सब संभव नहीं हो पाता। सभी अपने अपने काम इतना व्यस्त हो जाते हैं कि किसी को मिलने का भी समय तक नहीं मिल पाता।
एक बार जब अनिल की तबियत बिगड़ गई और उसने काम पर जाना बंद कर दिया। अनिल ने घर पर ही आराम करने का सोचा और घर पर ही आराम करने लगा। तभी सुनील को इस बात का पता लगा कि अनिल की तबियत सहीं नहीं है।
तो वह अनिल से मिलने के लिए सुनील के पास पहुंचा और उसे कुछ रूपये दिए और कहा कि इन पैसों से अपनी दवाई ले लेना। इतना कहकर वो वापस निकल गया। सुनील ने अनिल से उसके स्वास्थ्य का भी नहीं पूछा। इस बात का अनिल को बहुत दुःख हुआ।
कुछ दिनों बाद अनिल की तबियत सुधर गई और अनिल वापस अपने काम पर जाना शुरू हो गया। सब कुछ पहले जैसा हो गया। अनिल ने पैसा कमाकर सुनील को वापस लौटा दिये। लेकिन अनिल को बहुत दुःख था। धीरे-धीरे समय निकलता गया और वो अपने काम में लगे रहे।
एक दिन जब सुनील की तबियत में कुछ गड़बड़ हुई तो इसका पता अनिल को लगा। तो अनिल तुरंत अपने सभी काम छोड़कर सुनील के पास पहुंचा और उसकी तबियत पूछी। अनिल पूरा दिन सुनील के साथ रहा। उसे समय पर दवाई दी और उसका सही से ध्यान रखा।
धीरे-धीरे सुनील के स्वास्थ्य में सुधार होने लगा। जब सुनील पूरी तरह से ठीक हो गया। फिर सुनील से मिलने के लिए अनिल पहुंचा तो सुनील शर्मिंदा था। क्योंकि जब अनिल बीमार था तो सुनील पैसे देकर वहां से निकल गया था और उसके स्वास्थ्य का भी नहीं पूछा था। लेकिन जब सुनील की तबियत बिगड़ी तो अनिल ने सुनील का पूरा ध्यान रखा।
सुनील ने अनिल से कहा कि तुमने तो पैसे वापस दे दिए। पर मैं ये तुम्हारा अहसान कैसे वापस चुकाऊंगा। उस दिन सुनील को भी ये पता चल गया कि हर जगह पर पैसा ही सब कुछ नहीं होता। पैसों से हर किसी को नहीं खरीदा जा सकता।
इतना सुनने के बाद अनिल ने सुनील को गले लगा दिया और कहा कि मैं यही चाहता था कि तुम्हें इस बात का अहसास हो कि हर जगह पर पैसा सबकुछ नहीं होता। ये अहसास आज तुम्हें हो गया।
मैं आज बहुत ही खुश हूं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह दोस्ती पर कहानी (Friendship Stories in Hindi) पसंद आई होगी, इन्हें आगे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। आपको यह best friend story in hindi कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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MR. RAHUL SINGH TANWAR.
you are amazing writting these stories. I honestly say that these stories are very nice and i like your third one story that is not only based for army also,contains very emotional moments, directly i want to say that you re doing great KEEP IT UP, MR. RAHUL SINGH TANWAR
THANK YOU !
You are writing nice stories, keep it up, mr rahul singh tanwar.keep it up and inspire up for bright future and keep writing this type of stories, and I think if you write story,poem ,,I think there was a chance to get nobel price for writing in inspire, and helping, heart touching stories. My self supratim, have a bright future, and keep shining with stories.
Awesome stories Mr. rahul ji, You are doing welldone work, your’s way of seo is good. best wishes for your’s future.