Health and Hygiene Essay in Hindi: अपने आसपास स्वच्छता होनी जरूरी है। स्वच्छता चाहे देश की हो या अपने घर की, इसे बनाये बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। अन्यथा वह आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं।
यहां पर स्वच्छता और स्वास्थ्य पर निबंध शेयर कर रहे हैं, जो बहुत ही सरल शब्दों में लिखा गया है। साथ ही स्वच्छता और स्वास्थ्य के लाभ और महत्व के बारे में भी जानेंगे।
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स्वच्छता और स्वास्थ्य पर निबंध हिंदी में
स्वच्छता हमारे जीवन से जुड़ी हुई एक अच्छी आदत है। जिसे हर किसी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए, क्योंकि स्वच्छता से मनुष्य के जीवन को मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत से लाभ होते हैं।
अच्छा स्वास्थ्य किसी के भी जीवन को बेहतर बना सकता है। क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य का मूल मंत्र स्वच्छता है। स्वच्छता का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। यदि साफ सफाई नहीं होगी तो हमारा स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रह पाएगा। स्वस्थ हम तभी रह सकते हैं, जब हम अपने आसपास की गंदगी को दूर कर बीमारियों से बचकर अच्छा जीवन जी सकते हैं।
सभी लोगों को स्वच्छता को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझनी चाहिए। और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने से कभी भी हिचकिचाना नहीं चाहिए। क्योंकि स्वच्छता एक स्वस्थ जीवन की कुंजी है।
इसीलिए भारत सरकार द्वारा आज के समय में गांधीजी के आदर्शों पर कायम होकर स्वच्छता अभियान निकाला गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को साफ सफाई और स्वच्छता के महत्व को समझाना है।
स्वच्छता एक बहुत ही अच्छा आदत है और एक पुण्य का भी काम है, जिसे जीवन का स्तर बढ़ाने के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी के रूप में हर एक व्यक्ति को इसका अनुसरण करना चाहिए। हमेशा से हम सुनते आए हैं कि हमारे जीवन में स्वच्छता और पवित्रता होना अत्यंत आवश्यक होता है, क्योंकि जहां साफ सफाई होती है, वहीं पर ईश्वर निवास करते हैं।
इसीलिए आज के समय में लोगों को साफ सफाई को एक जिम्मेदारी के रूप में अपनाना चाहिए और अपने घर को और आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखना चाहिए। इस आदत को लोगों को खुद भी अपनाना चाहिए और अपने बच्चों को भी अपनाने की प्रेरणा देनी चाहिए ताकि हमारा आने वाला जनरेशन एक स्वच्छ और शुद्ध वातावरण में जी सके।
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प्रस्तावना
swasthya aur swachhata एक दूसरे से परस्पर संबंधित है। उनका आपस में गहरा संबंध है। हमारे आसपास स्वच्छता होगी तभी हम स्वस्थ रह पाएंगे क्योंकि गंदगी हमेशा बीमारियों उत्पन्न करती है। स्वास्थ्य जीवन का सबसे बड़ा धन है और उसके लिए हमेशा सफाई रखना जरूरी है।
सरकार ने भी इसके लिए सफाई कार्यक्रम चलाए है क्योंकि स्वच्छता और स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। स्वच्छता हमें अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करती है। हमें ऐसे ही कूड़ा-करकट इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए।
ना ही इधर-उधर पानी एकत्रित होने देना चाहिए क्योंकि इससे मच्छर इकट्ठे होते हैं। हमें प्रदूषण भी नहीं फैलाना चाहिए क्योंकि इससे हमारे स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
हमें अपने आसपास में शुद्धता बनाए रखनी चाहिए। स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य की चाबी है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है, इसलिए मनुष्य को अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए।
माना जाता है कि स्वास्थ्य एक अमूल्य धन है, जो एक बार खो जाए तो फिर वापस नहीं आता है। इसलिए हमें आसपास साफ-सफाई स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। स्वच्छता है तो स्वास्थ्य है।
हमें नियमित रूप से अपने शरीर, घर, आसपास के मोहल्ले की सफाई करनी चाहिए। अपने आसपास जितनी ज्यादा सफाई रहती है, हमारा शरीर उतना ही ज्यादा तंदुरुस्त रहेगा। हमारे स्वास्थ्य व स्वच्छता के लिए है स्वच्छ भारत अभियान भी चलाया गया है।
स्वच्छता पर गौतम बुद्ध के विचार
गौतम बुद्ध ने अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए, किसी के परिवार सच्ची खुशी लाने के लिए, सभी को शांति दिलाने के लिए, किसी को पहले अपने अनुशासन तथा अपने मन को नियंत्रित करना चाहिए।
यदि कोई व्यक्ति अपने दिमाग को नियंत्रित कर सकता हैं तो वह ज्ञान के मार्ग का पता लगा सकता है और सभी ज्ञान और गुण उसके पास स्वाभाविक रूप से आ जाएंगे। बुद्ध ने कहा है स्वास्थय सबसे बड़ा उपहार है, संतुष्टि सबसे बड़ी संपत्ति है, वफादारी सबसे अच्छा रिश्ता है।
इसका मतलब है यदि हमारा दिमाग स्वस्थ है तो हमारा सभी के साथ साथ स्वस्थ रहेगा। इसका मतलब है हमारा दिमाग शांत रहेगा तो हम किसी भी व्यक्ति की उपस्थिति में शांतिपूर्ण व्यवहार करेंगे।
स्वास्थ्य पर महात्मा गांधी के विचार
महात्मा गांधी का कहना है स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है। यह सोने चांदी का टुकड़ा नहीं है। अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए अच्छी आदतों की जरूरत होती है। बीमारी तथा संक्रमण स्वच्छता के कारण कम हो रही है।
स्वच्छता और स्वास्थ्य में अंतर
स्वास्थ्य को शारीरिक तथा मानसिक रूप से तंदुरुस्ती के रूप में परिभाषित किया जाता है। जिसके अंतर्गत कोई विकार नहीं होना अर्थात जो किसी भी विकार से मुक्त हैं।
स्वच्छता स्वास्थ्य को सुधारने के लिए उन दिनों की गतिविधियों को संदर्भित करती है। स्वच्छता अच्छी तथा सुखद दैनिकर्चया में हमारी सहायता करती है।
स्वच्छता का पहला स्त्रोत
जल स्वच्छता का प्रमुख तथा प्रथम स्त्रोत है। स्वच्छ जल अच्छे स्वच्छता और स्वास्थ्य का का प्रमुख स्रोत है। अशुद्ध पानी पीकर बीमारी होती है।
गांव में अक्सर लोग तालाबों और नदियों में स्नान करते है। मवेशियों को भी स्नान कराते हैं, कपड़े धोते हैं और फिर यदि इस पानी का उपयोग यदि हम पीने के लिए करें तो इससे घातक बीमारीयां उत्पन्न हो सकती हैं।
क्योंकि बहुत सारे सूक्ष्म जीव मिल जाते हैं। इस पानी को उबाला जाना चाहिए इसके पश्चात उसमें कीटाणु नहीं रहते और यह पानी पीने योग्य बन सकता है।
स्वच्छता का दूसरा स्त्रोत
स्वच्छता का दूसरा संतुलित और पौष्टिक भोजन है। भोजन हमारे स्वास्थ्य का प्रमुख आधार है। बिना भोजन जीवन संभव नहीं है। भोजन हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है। भोजन हमारे शरीर को शक्ति देता है। दुध सबसे पौष्टिक भोजन है, जो हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
बासी भोजन तथा ज्यादा भोजन करने की वजह से भी हमारा शरीर बीमार हो जाता है। जब भी कोई बीमारी या महामारी चलती है तो उस समय हमें भोजन के बारे में भी ध्यान रखने के लिए कहा जाता है। पौष्टिक आहार खाने के लिए कहा जाता है।
स्वच्छता हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरूरी है। इसलिए हमें आसपास हमेशा स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। साफ सफाई बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि स्वच्छता नहीं होने की वजह से कई प्रकार की बीमारियां फैलती है, जो सीधा हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है।
भारत सरकार द्वारा भी स्वच्छता अभियान चलाकर देश को साफ बनाया जा रहा है ताकि देश में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर कम से कम प्रभाव पड़े।
उपसंहार
दैनिक दिनचर्या और प्रतिस्पर्धी दुनिया में जीवन की लड़ाई लड़ने के लिए हमारे स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। यदि कोई व्यक्ति संपूर्ण रूप से स्वस्थ है तो वह दुनिया का सबसे धनी व्यक्ति है।
एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग निवास करता है और हमारे विकास तथा सुखी दिनचर्या के लिए हमारा स्वास्थ्य बहुत ज्यादा जरूरी है।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता का होना बहुत ज्यादा जरूरी है। हमारे आस-पास जितनी ज्यादा स्वच्छता रहेगी, हम इतने ज्यादा स्वस्थ रहेंगे। स्वच्छता और स्वास्थ्य परस्पर एक दूसरे से संबंधित है।
निष्कर्ष
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