Ghatiya Log Quotes in Hindi
घटिया मतलबी लोगों पर सुविचार | Ghatiya Log Quotes in Hindi
घटिया लोगो की सबसे बड़ी पहचान यह है
की उन्हें आप जितनी ज्यादा इज्ज़त दोगे वो
आपको उतनी ही ज्यादा तकलीफ देंगे
दिल कहता है तुझे तेरे कर्मों पे छोड़ दूं
पर मन कहता है तु मेरा गुनहगार है
फिर ये काम मैं ख़ुदा पे छोड़ दूं
मेरा दोस्त मुझसे दगा कमा गया
मुझसे दोस्ती कर पीठ पीछे कर वार गया
जैसा लोग उसके बारे में कहते थे
वो अपनी वैसी घटिया पहचान दिखा गया
कभी किसी को गालियां मत देना बेज़्जती
उसकी नहीं चीजो़ की होगी। जो गिरा था
वो गिरा सही घटिया होना उसकी फितरत होगी।
दुनिया इतनी घटिया है की अगर इंसान गिर जाता हैं
तो उसे उठाने कोई नहीं आता पर
अगर कोई मजबूर हो जाए तो
उसका फायदा उठाने वाले लाखों है।
Ghatiya Log Quotes in Hindi
घटियापन अपना वो दिखाने लगा था
इश्क़ के नाम पर मेरे जिस्म को चाहने लगा था
जो करता था सच्चे प्यार की बातें
अपना असली चेहरा वो दिखाने लगा था
एक शख्स को अपना दोस्त बनाया था
अपने भाई से ज्यादा उसको बताया था
लेकिन उस दोस्त ने मेरी दोस्ती का मान नहीं रखा
मेरे ही साथ रहकर उसने मेरी पीठ पर खंजर चलाया था
Read Also: परवाह पर कोट्स
Ghatiya Log Quotes in Hindi
घटिया आदमी कब तक पहचान छुपायेगा
मरना तुझे भी है तू भी ऊपर जायेगा
मतलब के लिए कितनो को सताएगा
घटिया इंसान कब तक तू खुद को बचाएगा।
अगर कोई आपकी उँगली पकड़ के चला हो
और वो आपका ही हाथ पकड़ कर गिरा दे
तो समझ लेना कि वो इंसान इतना गिर चुका है
की वो अब कभी उठ नहीं सकता
कुछ घटिया लोगो ने प्यार को बदनाम कर रखा है
पवित्रता के बंधनो को तोड़ उसे नीलम कर रखा है
खुद के मतलब के लिए उसे सरेआम कर रखा है
एक बार के लिए दुश्मन को दोस्त समझना
इस घटिया दोस्त से अच्छा होगा
क्यूंकि इतनी जख्म तो उसकी दुश्मनी नहीं मिलते
जितने जख्म तेरी दोस्ती ने मुझे दिए है
आराम की नींद सो जाते है कई लोग
दूसरों को झूठे ख़्वाब दिखा कर,
बीच मझदार में ही छोड़ जाते है
कुछ लोग अपनी औकात दिखा कर।
चुनाव नजदीक आते ही
सबको मंदिर याद आ गई
एक मजहबी जुमला ही
हमारी दोस्ती खा गई
मेरा घर हरा तो भगवा तुम्हारा दिखता है
मेरे मुल्क की फिजाओं में एक ज़हर सी छा गई
Read Also: माँ पर सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार
Ghatiya Log Quotes in Hindi
खाना देने वाले का भी धर्म देखता है
वानर से मनुष बना भ्रमित नादान इन्सान
इन्सान ही इंसानियत की कब्र देखता है
ऐ मगरूर भटके हुये इन्सान रुपी शौतां
देख ले तू कब तक खुदा का सब्र देखता है
घटिया तेरा सोच उससे घटिया तेरा औक़ात है ।
हैवानियत है तुझमें ना ही इंसानियत वाली बात है।
जिस्म से खेलना और मासूमों को
नोच के खाना, क्या यही तेरा हयात का फरहात है ।
Read Also
- जिम्मेदारी पर प्रेरणादायी विचार
- परिवार पर अनमोल सुविचार
- अल्बर्ट आइंस्टीन के प्रेरणादायक विचार
- सकारात्मक मोटिवेशनल सुविचार