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घरेलू उद्योग पर निबंध

Gharelu Udyog Essay In Hindi: घरेलु उद्योग घर से ही काफी कम लागत में शुरू किए जा सकते है और इस तरह के उद्योग से जो उत्पादन होता है उससे हमारे देश को काफी अधिक मुनाफा होता है। आज हम इस आर्टिकल में आपके साथ घरेलु उद्योग पर निबंध शेयर करने जा रहे है। यह निबंध परीक्षा में सभी कक्षाओं के लिए मददगार साबित होगा।

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Image : Gharelu Udyog Essay In Hindi

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घरेलू उद्योग पर निबंध | Gharelu Udyog Essay In Hindi

घरेलू उद्योग पर निबंध (250 शब्द)

घरेलू उद्योग के एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें हम घर बैठकर विभिन्न प्रकार के चीजों का उत्पाद करते है और उसे बाजार में ले जाकर बेचते है। इस तरह की प्रक्रिया में काफी कम लागत लगता है। मगर देश को इस तरह के उपयोग से काफी अधिक मुनाफा होता है। 

इस तरह के उद्योग के लिए आप बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों को नहीं देखेंगे बल्कि इन्हें शुरू करने के लिए घर के कुछ लोग या मोहल्ले के कुछ लड़के मिलकर एक छोटे से स्थान पर शुरू करते है और धीरे-धीरे इस व्यापार को बड़ा बनाने का प्रयास करते है। इस तरह के व्यापार की शुरुआत घर से होती है इस वजह से इसे कुटीर उद्योग या घरेलू उद्योग के नाम से जानते हैं। 

आज बेरोजगारी काफी बड़े पैमाने पर फैल चुकी है और डिजिटल दुनिया की आने की वजह से लोग रोबोट और मशीन की तरफ इतनी तेजी से आकर्षित हो रहे है कि लोगों की नौकरी खोने का खतरा भी बढ़ रहा है। ऐसी परिस्थिति में कुटीर उद्योग काफी अच्छा व्यापार हो सकता है, जिसे आप काफी कम लागत में अपने घर से शुरू कर सकते हैं। 

आपको बता दें कि देशों को घरेलू उद्योग से काफी अच्छा मुनाफा होता है। इस वजह से सरकार इस तरह के उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता फैला रही है लोगों को भी यह बात समझनी चाहिए कि सरकार के भरोसे ज्यादा दिन तक आप रोजगार की आस में नहीं बैठ सकते। इस वजह से आपको कोई ऐसा काम करना चाहिए जिससे देश को और आपको मुनाफा हो और इस परिस्थिति में घरेलू उद्योग काफी अच्छा उपाय हो सकता है। 

घरेलू उद्योग पर निबंध (500 शब्द)

बहुत सारे रिसर्च ओं में यह पाया गया है कि भारतीय जीडीपी में घरेलू उद्योग काफी अहम भूमिका निभाता है। हमारे देश को होने वाली कमाई में सबसे अधिक साथ विभिन्न प्रकार के छोटे या घरेलू उद्योग देते है। मगर लोग इसके महत्व को अच्छे से नहीं पहचानते। हमारे देश में बेरोजगारी का आलम कुछ इस कदर बढ़ रहा है कि हर कोई नौकरी के लिए परेशान है मगर सरकार हर किसी को रोजगार देने में असमर्थ है।

सरकार सभी गरीब लोगों के लिए नई-नई योजनाएं बना रही है और इस परिस्थिति में हर किसी की मदद करने की कोशिश कर रही है। मगर हम गरीबी या बेरोजगारी से तब तक बाहर नहीं आ सकते। जब तक हम स्वयं उत्पाद करने वाले ना बन जाए जब तक हम किसी के अधीन काम करने के बारे में सोचते रहेंगे हम गरीबी और बेरोजगारी से घिरे रहेंगे। 

घरेलू उद्योग कुछ ऐसे उद्योग को कहते है, जहां लोग घर पर ही काफी कम लागत में विभिन्न प्रकार की चीजों को बनाकर बाजार में बेचते है या कोई ऐसी सुविधा देते है जिसे घर पर बैठकर ही काबू किया जा सके।

आपने अपने घर के पास शिल्पकार को देखा होगा या मटका बनाते कुम्हार को देखा होगा, किसी लकड़ी की वस्तुओं को बनाते और आकृति करते किसी बड़ाई को देखा होगा। यह सब एक घरेलू उद्योग के प्रकार है जो हमारे रोजमर्रा के जीवन को आसान बनाने के लिए अपने घर से सुविधाएं लेकर आते है और हमें अच्छी कीमत पर देते हैं। 

डिजिटलाइजेशन और बड़ी-बड़ी कंपनियों के इस बदलाव को हमने 20वीं सदी में जाना है। मगर घरेलू उद्योग कई वर्षों से देश की आमदनी का हिस्सा बना हुआ है और आज भी जितनी कमाई बड़ी-बड़ी कंपनियां करती है। उससे अधिक देश को मुनाफा इन घरेलू उद्योगों से होता है। 

सरकार घरेलू उद्योग के महत्व को समझती है इस वजह से इस क्षेत्र में जागरूकता फैलाने और घरेलू उद्योग चला रहे लोगों के जीवन को और आसान बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के नीतियों को अवगत करवा दी है। हमें भी इस उद्योग के महत्व को समझना चाहिए और इस बात को जानना चाहिए कि अगर हम अपने देश को आगे बढ़ाना चाहते है। तो अधिक से अधिक सामान हमें अपने देश में बनाना चाहिए जिसमें घरेलू उद्योग काफी जोर-शोर से अपना हाथ बटा रहा है। 

अगर हमारे देश में अधिक से अधिक महत्व घरेलू उद्योग को दिया जाए तो हमें बाहर से किसी सामान को निर्यात करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और बहुत सारी चीजों के दम देश में कम हो जाएंगी। इस तरह घरेलू उद्योग ना केवल बेरोजगारी बल्कि देश के गरीबी पर भी पूर्णविराम लगाने का कार्य कर सकता है। हमें घरेलू उद्योग के महत्व को समझना चाहिए और साथ ही इस तरह के उद्योग में अपना हाथ बढ़ाना चाहिए ताकि सरकार को देश चलाने में हमारी ओर से अच्छा सहयोग मिले। 

घरेलू उद्योग पर निबंध (850 शब्द)

प्रस्तावना

घरेलू उद्योग एक ऐसा उद्योग होता है, जहां आप चीजों को अपने घर में बनाते है और बाजार में बेच रहे है। इस तरह के उद्योग में काफी कम लागत लगती है। मगर हमारे देश को काफी अधिक मुनाफा होता है क्योंकि हम अपने रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल करने वाली ज्यादातर चीजों को घरेलू उद्योग से खरीदते हैं। 

बिना घरेलू उद्योग के किसी अर्थव्यवस्था की कल्पना नहीं कर सकते। इस तरह के उद्योग को काफी कम लागत से शुरू किया जा सकता है। इस वजह से भारत में वह लोग भी इस उद्योग में साक्षीदार बन पाते है, जिनके पास पैसों की तंगी है और इस तरह के उद्योग से अगर मुनाफा होता है, तो काफी बड़े पैमाने पर लोग इससे जुड़ते है। 

जिससे एक छोटा सा उद्योग जिसे आपने घर से शुरू किया था वह बड़े पैमाने पर देश की बेरोजगारी और गरीबी हटाने का कार्य करता है। 

घरेलू उद्योग के महत्व क्या है?

अगर आप घरेलू उद्योग को समझते है तो केवल इतना से आप यह समझ सकते है कि इससे काफी कम लागत में शुरू किया जाता है, जिस वजह से इसे उस तरह के लोग भी शुरू करते है। इसके अलावा भी कुटीर उद्योग का भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी अधिक महत्व है –

  • कुटीर उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार प्रणाली में 25% से अधिक हिस्सा लेता है। 
  • देश को होने वाली कमाई अर्थात Gdpमें भी इसका काफी अधिक योगदान होता है साथ ही उद्योग से प्राप्त होने वाली सभी वस्तुओं में प्रत्येक पांचवां हिस्सा कुटीर उद्योग से प्राप्त होता है। 
  • आज करीब 35% से 40% लोगों को कुटीर उद्योग या घरेलू उद्योग में रोजगार दिया गया है। 

हम यह कह सकते है की देस में रोजगार और उत्पाद में सबसे अधिक योगदान देने वाला क्षेत्र कुटीर उद्योग है। 

कैसे शुरू कर सकते है घरेलू उद्योग?

अगर आप इस बात को समझ रहे है कि घरेलू उद्योग से हम काफी अच्छी कमाई कर सकते है और देश को भी इससे काफी अधिक मुनाफा होता है। तो हम आपको यह बताने जा रहे है कि इस तरह के उद्योग को काफी कम लागत में और बड़ी आसानी से अपने घर में शुरू किया जा सकता है। 

सबसे पहले इस बात को समझ ले कि घरेलू उद्योग को शुरू करने के लिए काफी कम पैसे की आवश्यकता होती है और पंजीकरण की प्रक्रिया भी काफी आसान कर दी गई है क्योंकि सरकार ने विभिन्न नीतियों के जरिए घरेलू उद्योग चला रहे लोगों को योगदान देने का कदम उठाया है। 

आपको अपने इलाके का एक सर्वेक्षण करना है ताकि आप इस बात का अंदाजा लगा सके कि वहां के लोगों को कौन सी ऐसी चीज की आवश्यकता है, जिसे आप घर में बना सकते है और उसके बाद उस वस्तु को अपने घर में काफी छोटे पैमाने पर बनाकर बाजार में जा कर बेचे।  आपको पहली बार ऐसा करने में या पता चल जाएगा कि इस व्यापार की कितनी मांग है और उसके बाद अपनी सुविधा अनुसार आप धीरे-धीरे इस व्यापार को बड़े पैमाने पर शुरू कर सकते हैं। 

घरेलू उद्योग का भविष्य

कई लोगों के मन में यह विचार आता है कि जिस रफ्तार से हम डिजिटल युग की तरफ बढ़ रहे है।ऐसा हो सकता है कि घरेलू उद्योग एक अच्छा व्यापारिक सुझाव ना हो। अगर आपके मन में भी इस प्रकार के विचार आते है तो आपको बता दें कि आप गलत सोच रहे है। इस व्यापार की मांग कभी कम नहीं होने वाली है। 

जैसा कि हमने आपको बताया कि घरेलू उद्योग में हम उस तरह की वस्तुओं का उत्पाद करते हैं, जिसकी हमें रोजमर्रा के जीवन में जरूरत पड़ती है जिसमें लकड़ी के बने कुछ छोटे-मोटे पुर्जे और कुछ घरेलू खाद्य सामग्री शामिल है। चाहे हम कितनी भी आधुनिकता को अपना लें हम घरेलू उत्पाद में बनने वाली चीजों के इस्तेमाल में कमी नहीं ला सकते क्योंकि यह हमारे जीवन के लिए काफी आवश्यक भूमिका निभाती है। 

इस वजह से हम यह कह सकते है कि घरेलू उद्योग का भविष्य काफी सुनहरा है और इस तरह के व्यापार की मांग सदैव ऐसे ही रहने वाली है या फिर जिस रफ्तार से लोगों की जनसंख्या बढ़ेगी उस तरह से इसमें पार की मांग भी बढ़ेगी। मगर हम आपको सुझाव देंगे कि अपने इलाके का पूर्ण सर्वेक्षण करने के बाद ही किसी खास प्रकार के घरेलू उद्योग का व्यापार आप शुरू करें जिससे आपके व्यापार में खतरे की संभावना कम हो सके। 

अंततः हम इस बात को समझते हैं कि घरेलू उद्योग एक अच्छा व्यापारिक सुझाव हो सकता है, जिससे ना केवल बेरोजगारी बल्कि देश के गरीबी को भी कम किया जा सकता है। इस तरह के व्यापार को शुरू करके आप अपने घर के आस-पास के बेरोजगार लोगों को काम दे सकते हैं जिसे एक सर्वोच्च योगदान माना जाएगा। 

निष्कर्ष

घरेलू उद्योगों के माध्यम से कई लोगो को दैनिक रोजगार के अवसर प्रदान होते है, साथ साथ देश की आर्थिक स्थिति में भी उनका योगदान रहता है। हमारा फ़र्ज़ है की हमें भी घरेलू उधोग को बढ़ावा देना चाहिए।

अंतिम शब्द

हमने यहां पर घरेलू उद्योग पर निबंध ( Gharelu Udyog Essay In Hindi) शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Ripal
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